< ١ يوحنَّا 2 >
يَا أَوْلَادِي، أَكْتُبُ إِلَيْكُمْ هَذَا لِكَيْ لَا تُخْطِئُوا. وَإِنْ أَخْطَأَ أَحَدٌ فَلَنَا شَفِيعٌ عِنْدَ ٱلْآبِ، يَسُوعُ ٱلْمَسِيحُ ٱلْبَارُّ. | ١ 1 |
हे मोरो बच्चां, मय या बाते तुम्ख येकोलायी सिखाऊं हय कि तुम पाप मत करो; अऊर यदि कोयी पाप करेंन, त बाप को जवर हमरो एक सहायक हय, यानेकि सच्चो यीशु मसीह;
وَهُوَ كَفَّارَةٌ لِخَطَايَانَا. لَيْسَ لِخَطَايَانَا فَقَطْ، بَلْ لِخَطَايَا كُلِّ ٱلْعَالَمِ أَيْضًا. | ٢ 2 |
अऊर उच हमरो पापों को पश्चाताप करय हय अऊर केवल हमरोच नहीं बल्की पूरो जगत को पापों को भी माफ करय हय।
وَبِهَذَا نَعْرِفُ أَنَّنَا قَدْ عَرَفْنَاهُ: إِنْ حَفِظْنَا وَصَايَاهُ. | ٣ 3 |
यदि हम ओकी आज्ञावों ख मानबो, त येको सी हम जान लेबो कि हम ओख जान गयो हंय।
مَنْ قَالَ: «قَدْ عَرَفْتُهُ» وَهُوَ لَا يَحْفَظُ وَصَايَاهُ، فَهُوَ كَاذِبٌ وَلَيْسَ ٱلْحَقُّ فِيهِ. | ٤ 4 |
जो कोयी यो कह्य हय, “मय ओख जान गयो हय,” अऊर ओकी आज्ञावों ख नहीं मानु, ऊ झूठो हय अऊर ओको म सच नहाय;
وَأَمَّا مَنْ حَفِظَ كَلِمَتَهُ، فَحَقًّا فِي هَذَا قَدْ تَكَمَّلَتْ مَحَبَّةُ ٱللهِ. بِهَذَا نَعْرِفُ أَنَّنَا فِيهِ: | ٥ 5 |
पर जो कोयी यीशु को वचन पर चलेंन, ओको म सचमुच परमेश्वर को प्रेम सिद्ध भयो हय। येको सी हम जानजे हंय कि हम परमेश्वर की संगति म एक हंय:
مَنْ قَالَ: إِنَّهُ ثَابِتٌ فِيهِ يَنْبَغِي أَنَّهُ كَمَا سَلَكَ ذَاكَ هَكَذَا يَسْلُكُ هُوَ أَيْضًا. | ٦ 6 |
जो कोयी यो कह्य हय कि मय ओको म बन्यो रहू हय, ओख होना कि खुद भी वसोच चलेंन जसो यीशु मसीह चल्यो होतो।
أَيُّهَا ٱلْإِخْوَةُ، لَسْتُ أَكْتُبُ إِلَيْكُمْ وَصِيَّةً جَدِيدَةً، بَلْ وَصِيَّةً قَدِيمَةً كَانَتْ عِنْدَكُمْ مِنَ ٱلْبَدْءِ. ٱلْوَصِيَّةُ ٱلْقَدِيمَةُ هِيَ ٱلْكَلِمَةُ ٱلَّتِي سَمِعْتُمُوهَا مِنَ ٱلْبَدْءِ. | ٧ 7 |
हे प्रिय संगियों, मय तुम्ख कोयी नयी आज्ञा नहीं लिखूं, पर वाच पुरानी आज्ञा जो सुरूवात सी तुम्ख मिली हय; या पुरानी आज्ञा ऊ वचन आय जेक तुम न सुन्यो हय।
أَيْضًا وَصِيَّةً جَدِيدَةً أَكْتُبُ إِلَيْكُمْ، مَا هُوَ حَقٌّ فِيهِ وَفِيكُمْ: أَنَّ ٱلظُّلْمَةَ قَدْ مَضَتْ، وَٱلنُّورَ ٱلْحَقِيقِيَّ ٱلْآنَ يُضِيءُ. | ٨ 8 |
फिर भी मय तुम्ख नयी आज्ञा लिखू हय, अऊर यो मसीह म अऊर तुम म सच्ची ठहरय हय; कहालीकि अन्धारो मिटत जावय हय अऊर सच की ज्योति अब चमकन लगी हय।
مَنْ قَالَ: إِنَّهُ فِي ٱلنُّورِ وَهُوَ يُبْغِضُ أَخَاهُ، فَهُوَ إِلَى ٱلْآنَ فِي ٱلظُّلْمَةِ. | ٩ 9 |
जो कोयी यो कह्य हय कि मय ज्योति म हय अऊर अपनो भाऊ सी दुस्मनी रखय हय, ऊ अब तक अन्धारो मच हय।
مَنْ يُحِبُّ أَخَاهُ يَثْبُتُ فِي ٱلنُّورِ وَلَيْسَ فِيهِ عَثْرَةٌ. | ١٠ 10 |
जो कोयी अपनो भाऊ सी प्रेम रखय हय ऊ ज्योति म रह्य हय, अऊर कोयी को ठोकर को वजह नहीं बनय।
وَأَمَّا مَنْ يُبْغِضُ أَخَاهُ فَهُوَ فِي ٱلظُّلْمَةِ، وَفِي ٱلظُّلْمَةِ يَسْلُكُ، وَلَا يَعْلَمُ أَيْنَ يَمْضِي، لِأَنَّ ٱلظُّلْمَةَ أَعْمَتْ عَيْنَيْهِ. | ١١ 11 |
पर जो अपनो भाऊ सी दुस्मनी रखय हय ऊ अन्धारो म हय अऊर अन्धारो म चलय हय, अऊर नहीं जानय कि कित जावय हय, कहालीकि अन्धारो न ओकी आंखी अन्धी कर दियो हंय।
أَكْتُبُ إِلَيْكُمْ أَيُّهَا ٱلْأَوْلَادُ، لِأَنَّهُ قَدْ غُفِرَتْ لَكُمُ ٱلْخَطَايَا مِنْ أَجْلِ ٱسْمِهِ. | ١٢ 12 |
हे बच्चां, मय तुम्ख येकोलायी लिखू हय कि ओको नाम सी तुम्हरो पाप माफ भयो हंय।
أَكْتُبُ إِلَيْكُمْ أَيُّهَا ٱلْآبَاءُ، لِأَنَّكُمْ قَدْ عَرَفْتُمُ ٱلَّذِي مِنَ ٱلْبَدْءِ. أَكْتُبُ إِلَيْكُمْ أَيُّهَا ٱلْأَحْدَاثُ، لِأَنَّكُمْ قَدْ غَلَبْتُمُ ٱلشِّرِّيرَ. أَكْتُبُ إِلَيْكُمْ أَيُّهَا ٱلْأَوْلَادُ، لِأَنَّكُمْ قَدْ عَرَفْتُمُ ٱلْآبَ. | ١٣ 13 |
हे सब बाप, मय तुम्ख येकोलायी लिखू हय कि जो पहिले सी हय तुम ओख जानय हय। हे जवानों, मय तुम्ख येकोलायी लिखू हय कि तुम न ऊ दुष्ट पर जय पायी हय।
كَتَبْتُ إِلَيْكُمْ أَيُّهَا ٱلْآبَاءُ، لِأَنَّكُمْ قَدْ عَرَفْتُمُ ٱلَّذِي مِنَ ٱلْبَدْءِ. كَتَبْتُ إِلَيْكُمْ أَيُّهَا ٱلْأَحْدَاثُ، لِأَنَّكُمْ أَقْوِيَاءُ، وَكَلِمَةُ ٱللهِ ثَابِتَةٌ فِيكُمْ، وَقَدْ غَلَبْتُمُ ٱلشِّرِّيرَ. | ١٤ 14 |
हे लड़को, मय न तुम्ख येकोलायी लिख्यो हय कि तुम बाप ख जान गयो हय। हे सब बाप, मय न तुम्ख येकोलायी लिख्यो हय कि जो पहिले सी हय तुम ओख जान गयो हय। हे जवानों, मय न तुम्ख येकोलायी लिख्यो हय की तुम बलवान हो, अऊर परमेश्वर को वचन तुम म बन्यो रह्य हय, अऊर तुम न ऊ दुष्ट पर जय पायी हय।
لَا تُحِبُّوا ٱلْعَالَمَ وَلَا ٱلْأَشْيَاءَ ٱلَّتِي فِي ٱلْعَالَمِ. إِنْ أَحَبَّ أَحَدٌ ٱلْعَالَمَ فَلَيْسَتْ فِيهِ مَحَبَّةُ ٱلْآبِ. | ١٥ 15 |
तुम नहीं त जगत सी अऊर नहीं जगत म की चिजों सी प्रेम रखो। यदि कोयी जगत सी प्रेम रखय हय, त ओको म बाप को प्रेम नहाय।
لِأَنَّ كُلَّ مَا فِي ٱلْعَالَمِ: شَهْوَةَ ٱلْجَسَدِ، وَشَهْوَةَ ٱلْعُيُونِ، وَتَعَظُّمَ ٱلْمَعِيشَةِ، لَيْسَ مِنَ ٱلْآبِ بَلْ مِنَ ٱلْعَالَمِ. | ١٦ 16 |
कहालीकि जो कुछ जगत म हय, मतलब शरीर की अभिलाषा अऊर आंखी की अभिलाषा अऊर जीविका को घमण्ड, ऊ बाप को तरफ सी नहीं पर जगत कोच तरफ सी हय।
وَٱلْعَالَمُ يَمْضِي وَشَهْوَتُهُ، وَأَمَّا ٱلَّذِي يَصْنَعُ مَشِيئَةَ ٱللهِ فَيَثْبُتُ إِلَى ٱلْأَبَدِ. (aiōn ) | ١٧ 17 |
जगत अऊर ओकी अभिलासाये दोयी मिटत जावय हंय, पर जो परमेश्वर की इच्छा पर चलय हय ऊ हमेशा जीन्दो रहेंन। (aiōn )
أَيُّهَا ٱلْأَوْلَادُ، هِيَ ٱلسَّاعَةُ ٱلْأَخِيرَةُ. وَكَمَا سَمِعْتُمْ أَنَّ ضِدَّ ٱلْمَسِيحِ يَأْتِي، قَدْ صَارَ ٱلْآنَ أَضْدَادٌ لِلْمَسِيحِ كَثِيرُونَ. مِنْ هُنَا نَعْلَمُ أَنَّهَا ٱلسَّاعَةُ ٱلْأَخِيرَةُ. | ١٨ 18 |
हे लड़को, यो आखरी समय आय; अऊर जसो तुम न सुन्यो हय कि मसीह को विरोधी आवन वालो हय, ओको अनुसार अब भी बहुत सो मसीह-विरोधी उठ खड़ो भयो हंय; येको सी हम जानजे हय कि यो आखरी समय आय।
مِنَّا خَرَجُوا، لَكِنَّهُمْ لَمْ يَكُونُوا مِنَّا، لِأَنَّهُمْ لَوْ كَانُوا مِنَّا لَبَقَوْا مَعَنَا. لَكِنْ لِيُظْهَرُوا أَنَّهُمْ لَيْسُوا جَمِيعُهُمْ مِنَّا. | ١٩ 19 |
हि निकल्यो त हमच म सी, पर हम म सी नहीं होतो; कहालीकि यदि हि हम म सी होतो, त हमरो संग रहतो; पर निकल येकोलायी गयो कि यो प्रगट हो कि हि सब हम म सी नहाय।
وَأَمَّا أَنْتُمْ فَلَكُمْ مَسْحَةٌ مِنَ ٱلْقُدُّوسِ وَتَعْلَمُونَ كُلَّ شَيْءٍ. | ٢٠ 20 |
पर तुम्हरो त ऊ पवित्र आत्मा सी अभिषेक भयो हय, अऊर तुम सब कुछ जानय हय।
لَمْ أَكْتُبْ إِلَيْكُمْ لِأَنَّكُمْ لَسْتُمْ تَعْلَمُونَ ٱلْحَقَّ، بَلْ لِأَنَّكُمْ تَعْلَمُونَهُ، وَأَنَّ كُلَّ كَذِبٍ لَيْسَ مِنَ ٱلْحَقِّ. | ٢١ 21 |
मय न तुम्ख येकोलायी नहीं लिख्यो कि तुम सच ख नहीं जानय, पर येकोलायी कि ओख जानय हय, अऊर येकोलायी कि कोयी झूठ, सच को तरफ सी नहाय।
مَنْ هُوَ ٱلْكَذَّابُ، إِلَّا ٱلَّذِي يُنْكِرُ أَنَّ يَسُوعَ هُوَ ٱلْمَسِيحُ؟ هَذَا هُوَ ضِدُّ ٱلْمَسِيحِ، ٱلَّذِي يُنْكِرُ ٱلْآبَ وَٱلِٱبْنَ. | ٢٢ 22 |
झूठो कौन आय? केवल ऊ जो कह्य हय यीशु मसीहा नहीं; अऊर मसीह को विरोधी उच आय, जो बाप को अऊर बेटा को इन्कार करय हय।
كُلُّ مَنْ يُنْكِرُ ٱلِٱبْنَ لَيْسَ لَهُ ٱلْآبُ أَيْضًا، وَمَنْ يَعْتَرِفُ بِٱلِٱبْنِ فَلَهُ ٱلْآبُ أَيْضًا. | ٢٣ 23 |
जो कोयी बेटा को इन्कार करय हय ओको जवर बाप भी नहाय: जो बेटा ख मान लेवय हय, ओको जवर बाप भी हय।
أَمَّا أَنْتُمْ فَمَا سَمِعْتُمُوهُ مِنَ ٱلْبَدْءِ فَلْيَثْبُتْ إِذًا فِيكُمْ. إِنْ ثَبَتَ فِيكُمْ مَا سَمِعْتُمُوهُ مِنَ ٱلْبَدْءِ، فَأَنْتُمْ أَيْضًا تَثْبُتُونَ فِي ٱلِٱبْنِ وَفِي ٱلْآبِ. | ٢٤ 24 |
जो सन्देश तुम न सुरूवात सी सुन्यो हय, उच तुम म बन्यो रहे; जो तुम न सुरूवात सी सुन्यो हय, यदि ऊ तुम म बन्यो रहेंन त तुम भी बेटा म अऊर बाप म बन्यो रहो।
وَهَذَا هُوَ ٱلْوَعْدُ ٱلَّذِي وَعَدَنَا هُوَ بِهِ: ٱلْحَيَاةُ ٱلْأَبَدِيَّةُ. (aiōnios ) | ٢٥ 25 |
अऊर जेकी ओन हम सी प्रतिज्ञा करी ऊ अनन्त जीवन आय। (aiōnios )
كَتَبْتُ إِلَيْكُمْ هَذَا عَنِ ٱلَّذِينَ يُضِلُّونَكُمْ. | ٢٦ 26 |
मय न या बाते तुम्ख लोगों को बारे म लिखी हंय, जो तुम्ख भरमावय हंय;
وَأَمَّا أَنْتُمْ فَٱلْمَسْحَةُ ٱلَّتِي أَخَذْتُمُوهَا مِنْهُ ثَابِتَةٌ فِيكُمْ، وَلَا حَاجَةَ بِكُمْ إِلَى أَنْ يُعَلِّمَكُمْ أَحَدٌ، بَلْ كَمَا تُعَلِّمُكُمْ هَذِهِ ٱلْمَسْحَةُ عَيْنُهَا عَنْ كُلِّ شَيْءٍ، وَهِيَ حَقٌّ وَلَيْسَتْ كَذِبًا. كَمَا عَلَّمَتْكُمْ تَثْبُتُونَ فِيهِ. | ٢٧ 27 |
पर तुम्हरो ऊ अभिषेक जो पवित्र आत्मा को तरफ सी करयो गयो, तुम म बन्यो रह्य हय; अऊर तुम्ख येकी जरूरत नहाय कि कोयी तुम्ख सिखाये, बल्की जसो ऊ अभिषेक जो ओको तरफ सी करयो गयो तुम्ख सब बाते सिखावय हय, अऊर यो सच्चो हय अऊर झूठो नहाय; अऊर जसो ओन तुम्ख सिखायो हय वसोच तुम ओको म बन्यो रह्य हय।
وَٱلْآنَ أَيُّهَا ٱلْأَوْلَادُ، ٱثْبُتُوا فِيهِ، حَتَّى إِذَا أُظْهِرَ يَكُونُ لَنَا ثِقَةٌ، وَلَا نَخْجَلُ مِنْهُ فِي مَجِيئِهِ. | ٢٨ 28 |
अब हे बच्चां, ओको म बन्यो रहो कि जब ऊ प्रगट हो त हम्ख हिम्मत हो, अऊर हम ओको आनो पर ओको सामने लज्जित नहीं हो।
إِنْ عَلِمْتُمْ أَنَّهُ بَارٌّ هُوَ، فَٱعْلَمُوا أَنَّ كُلَّ مَنْ يَصْنَعُ ٱلْبِرَّ مَوْلُودٌ مِنْهُ. | ٢٩ 29 |
यदि तुम जानय हय, कि ऊ सच्चो हय, त यो भी जानय हय कि जो कोयी सही काम करय हय ऊ परमेश्वर सी जनम्यो हय।