< ١ كورنثوس 13 >

إِنْ كُنْتُ أَتَكَلَّمُ بِأَلْسِنَةِ ٱلنَّاسِ وَٱلْمَلَائِكَةِ وَلَكِنْ لَيْسَ لِي مَحَبَّةٌ، فَقَدْ صِرْتُ نُحَاسًا يَطِنُّ أَوْ صَنْجًا يَرِنُّ. ١ 1
यदि मय आदमियों अऊर स्वर्गदूतों की बोली बोलू अऊर प्रेम नहीं रखू, त मय ठनठन बजन वाली घंटी, अऊर झंझनाती हुयी खंजरी आय।
وَإِنْ كَانَتْ لِي نُبُوَّةٌ، وَأَعْلَمُ جَمِيعَ ٱلْأَسْرَارِ وَكُلَّ عِلْمٍ، وَإِنْ كَانَ لِي كُلُّ ٱلْإِيمَانِ حَتَّى أَنْقُلَ ٱلْجِبَالَ، وَلَكِنْ لَيْسَ لِي مَحَبَّةٌ، فَلَسْتُ شَيْئًا. ٢ 2
अऊर यदि मय परमेश्वर को तरफ सी आवन वालो सन्देश दे सकू, अऊर पूरो भेद अऊर सब तरह को ज्ञान ख समझू, अऊर मोख यहां तक पूरो विश्वास होय कि मय पहाड़ी ख हटाय देऊ, पर प्रेम नहीं रखू, त मय कुछ भी नहाय।
وَإِنْ أَطْعَمْتُ كُلَّ أَمْوَالِي، وَإِنْ سَلَّمْتُ جَسَدِي حَتَّى أَحْتَرِقَ، وَلَكِنْ لَيْسَ لِي مَحَبَّةٌ، فَلَا أَنْتَفِعُ شَيْئًا. ٣ 3
यदि मय अपनी पूरी जायजाद गरीबों ख खिलाय देऊ, यां अपनो शरीर जलावन लायी दे देऊ, अऊर प्रेम नहीं रखू, त मोख कुछ भी लाभ नहाय।
ٱلْمَحَبَّةُ تَتَأَنَّى وَتَرْفُقُ. ٱلْمَحَبَّةُ لَا تَحْسِدُ. ٱلْمَحَبَّةُ لَا تَتَفَاخَرُ، وَلَا تَنْتَفِخُ، ٤ 4
प्रेम धीरजवन्त हय, अऊर दयालु हय; प्रेम जलन नहीं करय; प्रेम अपनी बड़ायी नहीं करय, अऊर अपनो आप म फूलय नहाय,
وَلَا تُقَبِّحُ، وَلَا تَطْلُبُ مَا لِنَفْسِهَا، وَلَا تَحْتَدُّ، وَلَا تَظُنُّ ٱلسُّؤَ، ٥ 5
ऊ अनरीति नहीं चलय, ऊ अपनी भलायी नहीं चाहवय, चिड़य नहीं, दूसरों की बुरी बातों को लेखा नहीं रखय।
وَلَا تَفْرَحُ بِٱلْإِثْمِ بَلْ تَفْرَحُ بِٱلْحَقِّ، ٦ 6
बुरायी सी खुशी नहीं होवय, पर सत्य सी खुशी होवय हय।
وَتَحْتَمِلُ كُلَّ شَيْءٍ، وَتُصَدِّقُ كُلَّ شَيْءٍ، وَتَرْجُو كُلَّ شَيْءٍ، وَتَصْبِرُ عَلَى كُلِّ شَيْءٍ. ٧ 7
ऊ सब बाते सह लेवय हय, सब बातों की विश्वास करय हय, सब बातों की आशा रखय हय, सब बातों म धीरज रखय हय।
اَلْمَحَبَّةُ لَا تَسْقُطُ أَبَدًا. وَأَمَّا ٱلنُّبُوَّاتُ فَسَتُبْطَلُ، وَٱلْأَلْسِنَةُ فَسَتَنْتَهِي، وَٱلْعِلْمُ فَسَيُبْطَلُ. ٨ 8
प्रेम कभी टलय नहाय; परमेश्वर को तरफ सी आवन वालो सन्देश हय त खतम होय जायेंन; अज्ञात भाषा हय त जाती रहेंन, त जाती रहेंन; ज्ञान होय, त मिट जायेंन।
لِأَنَّنَا نَعْلَمُ بَعْضَ ٱلْعِلْمِ وَنَتَنَبَّأُ بَعْضَ ٱلتَّنَبُّؤِ. ٩ 9
कहालीकि हमरो ज्ञान अधूरो हय, अऊर हमरो परमेश्वर को तरफ सी आवन वालो सन्देश अधूरो हय;
وَلَكِنْ مَتَى جَاءَ ٱلْكَامِلُ فَحِينَئِذٍ يُبْطَلُ مَا هُوَ بَعْضٌ. ١٠ 10
पर जब परिपूर्णता करेंन, त अधूरोपन मिट जायेंन।
لَمَّا كُنْتُ طِفْلًا كَطِفْلٍ كُنْتُ أَتَكَلَّمُ، وَكَطِفْلٍ كُنْتُ أَفْطَنُ، وَكَطِفْلٍ كُنْتُ أَفْتَكِرُ. وَلَكِنْ لَمَّا صِرْتُ رَجُلًا أَبْطَلْتُ مَا لِلطِّفْلِ. ١١ 11
जब मय बच्चा होतो, त मय बच्चों को जसो बोलत होतो, बच्चा को जसो मन होतो, बच्चों की जसी समझ होती; पर जब समझदार होय गयो त बचपना की बाते छोड़ दियो।
فَإِنَّنَا نَنْظُرُ ٱلْآنَ فِي مِرْآةٍ، فِي لُغْزٍ، لَكِنْ حِينَئِذٍ وَجْهًا لِوَجْهٍ. ٱلْآنَ أَعْرِفُ بَعْضَ ٱلْمَعْرِفَةِ، لَكِنْ حِينَئِذٍ سَأَعْرِفُ كَمَا عُرِفْتُ. ١٢ 12
अभी हम्ख आरसा म धुंधलो सो दिखायी देवय हय, पर ऊ समय आमने-सामने देखेंन; यो समय मोरो ज्ञान अधूरो हय, पर ऊ समय असी पूरी रीति सी पहिचानू, जसो की परमेश्वर मोख पहिचान्यो हय।
أَمَّا ٱلْآنَ فَيَثْبُتُ: ٱلْإِيمَانُ وَٱلرَّجَاءُ وَٱلْمَحَبَّةُ، هَذِهِ ٱلثَّلَاثَةُ وَلَكِنَّ أَعْظَمَهُنَّ ٱلْمَحَبَّةُ. ١٣ 13
पर अब विश्वास, आशा, प्रेम यो तीन हंय, पर इन म सब सी बड़ो प्रेम हय।

< ١ كورنثوس 13 >