< लूका 1 >

1 चूँकि बहुतों ने इस पर कमर बाँधी है कि जो बातें हमारे दरमियान वाक़े' हुईं उनको सिलसिलावार बयान करें।
প্রথম থেকে যাঁরা নিজের চোখে দেখেছেন এবং বাক্যের (ঈশ্বরের সুসমাচারের) সেবা করে আসছেন, তাঁরা আমাদের যেমন সমর্পণ করেছেন,
2 जैसा कि उन्होंने जो शुरू' से ख़ुद देखने वाले और कलाम के ख़ादिम थे उनको हम तक पहुँचाया।
সেই অনুসারে অনেকেই আমাদের মধ্যে সম্পূর্ণ গ্রহণযোগ্য বিষয়গুলোর বিবরণ রচনার পরিকল্পনা নিয়েছেন।
3 इसलिए ऐ मु'अज़्ज़िज़ थियुफ़िलुस! मैंने भी मुनासिब जाना कि सब बातों का सिलसिला शुरू' से ठीक — ठीक मालूम करके उनको तेरे लिए तरतीब से लिखूँ।
সেজন্য আমি নিজেও প্রথম থেকে সমস্ত বিষয়ে ভালোভাবে অনুসন্ধান করেছি বলে, মাননীয় থিয়ফিল, আপনাকেও সেই ঘটনা গুলোর বিস্তারিত বিবরণ লেখা ভালো মনে করলাম।
4 ताकि जिन बातों की तूने तालीम पाई है उनकी पुख़्तगी तुझे मालूम हो जाए।
যেন, আপনি যেসব সত্য বিষয়ে শিক্ষা পেয়েছেন, সে সকল বিষয়ে নিশ্চিত হতে পারেন।
5 यहूदिया के बादशाह हेरोदेस के ज़माने में अबिय्याह के फ़रीके में से ज़करियाह नाम एक काहिन था और उसकी बीवी हारून की औलाद में से थी और उसका नाम इलीशिबा 'था।
যিহূদিয়ার রাজা হেরোদের দিনের অবিয়ের দলের মধ্যে সখরিয় নামে একজন যাজক ছিলেন; তাঁর স্ত্রী হারোণ বংশের, তাঁর নাম ইলীশাবেৎ।
6 और वो दोनों ख़ुदा के सामने रास्तबाज़ और ख़ुदावन्द के सब अहकाम — ओ — क़वानीन पर बे — 'ऐब चलने वाले थे।
তাঁরা দুই জনেই ঈশ্বরের সামনে ধার্মিক ছিলেন, প্রভুর সমস্ত আদেশ ও চাহিদা মেনে নিখুঁত ভাবে চলতেন।
7 और उनके औलाद न थी क्यूँकि इलीशिबा' बाँझ थी और दोनों उम्र रसीदा थे।
তাঁদের সন্তান ছিল না, কারণ ইলীশাবেৎ বন্ধ্যা ছিলেন এবং দুজনেরই অনেক বয়স হয়েছিল।
8 जब वो ख़ुदा के हुज़ूर अपने फ़रीके की बारी पर इमामत का काम अन्जाम देता था तो ऐसा हुआ,
এক দিন যখন সখরিয়ের নিজের দলের পালা অনুসারে ঈশ্বরের সামনে যাজকীয় কাজ করছিলেন,
9 कि इमामत के दस्तूर के मुवाफ़िक़ उसके नाम की पर्ची निकली कि ख़ुदावन्द के हुज़ूरी में जाकर ख़ुशबू जलाए।
তখন যাজকীয় কাজের নিয়ম অনুসারে গুলিবাঁটের মাধ্যমে তাঁকে প্রভুর সন্মুখে ধূপ জ্বালানোর জন্য মনোনীত করা হল।
10 और लोगों की सारी जमा 'अत ख़ुशबू जलाते वक़्त बाहर दुआ कर रही थी।
১০ঐ ধূপ জ্বালানোর দিনের সমস্ত লোক বাইরে প্রার্থনা করছিল।
11 अचानक ख़ुदा का एक फ़रिश्ता ज़ाहिर हुआ जो ख़ुशबू जलाने की क़ुर्बानगाह के दहनी तरफ़ खड़ा हुआ उसको दिखाई दिया।
১১তখন প্রভুর এক দূত তাঁকে দেখা দিলেন যিনি ধূপবেদির ডানদিকে দাঁড়িয়ে ছিলেন।
12 उसे देख कर ज़करियाह घबराया और बहुत डर गया।
১২তাঁকে দেখে সখরিয় প্রচণ্ড অস্থির হয়ে উঠলেন এবং প্রচণ্ড ভয় পেলেন।
13 लेकिन फ़रिश्ते ने उस से कहा, ज़करियाह, मत डर! ख़ुदा ने तेरी दुआ सुन ली है। तेरी बीवी इलीशिबा के बेटा होगा। उस का नाम युहन्ना रखना।
১৩কিন্তু দূত তাঁকে বললেন, “সখরিয়, ভয় পেও না, কারণ তোমার প্রার্থনা গ্রহণ করা হয়েছে, তোমার স্ত্রী ইলীশাবেৎ তোমার জন্য পুত্র সন্তানের জন্ম দেবেন ও তুমি তার নাম যোহন রাখবে।
14 वह न सिर्फ़ तेरे लिए ख़ुशी और मुसर्रत का बाइस होगा, बल्कि बहुत से लोग उस की पैदाइश पर ख़ुशी मनाएँगे।
১৪আর তুমি আনন্দিত ও খুশি হবে এবং তার জন্মে অনেকে আনন্দিত হবে।
15 क्यूँकि वह ख़ुदा के नज़दीक अज़ीम होगा। ज़रूरी है कि वह मय और शराब से परहेज़ करे। वह पैदा होने से पहले ही रूह — उल — क़ुद्दूस से भरपूर होगा।
১৫কারণ তিনি প্রভুর দৃষ্টিতে মহান হবেন এবং মদ বা মদ জাতীয় কোনও কিছুই পান করবেন না; আর তিনি মায়ের গর্ভ থেকেই পবিত্র আত্মায় পরিপূর্ণ হবেন;
16 और इस्राईली क़ौम में से बहुतों को ख़ुदा उन के ख़ुदा के पास वापस लाएगा।
১৬এবং ইস্রায়েল সন্তানদের অনেককে তাদের ঈশ্বর প্রভুর কাছে ফিরিয়ে আনবেন।
17 वह एलियाह की रूह और क़ुव्वत से ख़ुदावन्द के आगे आगे चलेगा। उस की ख़िदमत से वालिदों के दिल अपने बच्चों की तरफ़ माइल हो जाएँगे और नाफ़रमान लोग रास्तबाज़ों की अक़्लमन्दी की तरफ़ फिरेंगे। यूँ वह इस क़ौम को ख़ुदा के लिए तय्यार करेगा।”
১৭তিনি প্রভুর আগে এলিয়ের আত্মায় ও শক্তিতে চলবেন, যেন পিতাদের হৃদয় সন্তানদের দিকে ফিরিয়ে আনবে ও আজ্ঞাবহ নয় এমন লোকদের ধার্ম্মিকদের বিজ্ঞতায় ফিরিয়ে আনবে। তিনি এসব প্রভুর জন্য লোককে প্রস্তুত করবেন।”
18 ज़करियाह ने फ़रिश्ते से पूछा, “मैं किस तरह जानूँ कि यह बात सच है? मैं ख़ुद बूढ़ा हूँ और मेरी बीवी भी उम्र रसीदा है।”
১৮তখন সখরিয় দূতকে বললেন, “কীভাবে তা জানব? কারণ আমি বৃদ্ধ হয়েছি এবং আমার স্ত্রীরও অনেক বয়স হয়েছে।”
19 फ़रिश्ते ने जवाब दिया, “मैं जिब्राईल हूँ जो ख़ुदावन्द के सामने खड़ा रहता हूँ। मुझे इसी मक़्सद के लिए भेजा गया है कि तुझे यह ख़ुशख़बरी सुनाऊँ।
১৯এর উত্তরে দূত তাঁকে বললেন, “আমি গাব্রিয়েল, ঈশ্বরের সামনে দাঁড়িয়ে থাকি, তোমার সঙ্গে কথা বলতে ও তোমাকে এসমস্ত বিষয়ের সুসমাচার দেওয়ার জন্য আমাকে পাঠানো হয়েছে।
20 लेकिन तूने मेरी बात का यक़ीन नहीं किया इस लिए तू ख़ामोश रहेगा और उस वक़्त तक बोल नहीं सकेगा जब तक तेरे बेटा पैदा न हो। मेरी यह बातें अपने वक़्त पर ही पूरी होंगी।”
২০আর দেখ, এসব যেদিন ঘটবে, সেদিন পর্যন্ত তুমি নীরব থাকবে, কথা বলতে পারবে না। কারণ তুমি আমার কথায় বিশ্বাস করলে না কিন্তু আমার সমস্ত কথাই ঠিক দিনের সম্পূর্ণ হবে।”
21 इस दौरान बाहर के लोग ज़करियाह के इन्तिज़ार में थे। वह हैरान होते जा रहे थे कि उसे वापस आने में क्यूँ इतनी देर हो रही है।
২১এদিকে লোকেরা সখরিয়ের জন্য অপেক্ষা করছিল এবং ঈশ্বরের গৃহের মধ্যে তাঁর দেরি হচ্ছে দেখে তারা অবাক হতে লাগলেন।
22 आख़िरकार वह बाहर आया, लेकिन वह उन से बात न कर सका। तब उन्हों ने जान लिया कि उस ने ख़ुदा के घर में ख़्वाब देखा है। उस ने हाथों से इशारे तो किए, लेकिन ख़ामोश रहा।
২২পরে তিনি বাইরে এসে তাদের কাছে কথা বলতে পারলেন না, তখন তারা বুঝল যে, মন্দিরের মধ্যে তিনি নিশ্চয় কোনও দর্শন পেয়েছেন, আর তিনি তাদের কাছে বিভিন্ন ইশারা করতে থাকলেন এবং বোবা হয়ে রইলেন।
23 ज़करियाह अपने वक़्त तक ख़ुदा के घर में अपनी ख़िदमत अन्जाम देता रहा, फिर अपने घर वापस चला गया।
২৩তাঁর সেবা কাজের দিন শেষ হওয়ার পরে তিনি নিজের বাড়িতে চলে গেলেন।
24 थोड़े दिनों के बाद उस की बीवी इलीशिबा हामिला हो गई और वह पाँच माह तक घर में छुपी रही।
২৪এর পরে তাঁর স্ত্রী ইলীশাবেৎ গর্ভবতী হলেন এবং তিনি পাঁচ মাস পর্যন্ত নিজেকে গোপনে রাখলেন, বললেন,
25 उस ने कहा, “ख़ुदावन्द ने मेरे लिए कितना बड़ा काम किया है, क्यूँकि अब उस ने मेरी फ़िक्र की और लोगों के सामने से मेरी रुस्वाई दूर कर दी।”
২৫“লোকদের মধ্যে থেকে আমার লজ্জা মুছে দেওয়ার জন্য প্রভু এ দিনের আমাকে দয়া করে এমন ব্যবহার করেছেন।”
26 इलीशिबा छः माह से हामिला थी जब ख़ुदा ने जिब्राईल फ़रिश्ते को एक कुँवारी के पास भेजा जो नासरत में रहती थी। नासरत गलील का एक शहर है और कुँवारी का नाम मरियम था।
২৬ইলীশাবেৎ যখন ছয় মাসের গর্ভবতী তখন ঈশ্বর গাব্রিয়েল দূতকে গালীল দেশের নাসরৎ নামে শহরে একটি কুমারীর কাছে পাঠালেন,
27 उस की मंगनी एक मर्द के साथ हो चुकी थी जो दाऊद बादशाह की नस्ल से था और जिस का नाम यूसुफ़ था।
২৭তিনি দায়ূদ বংশের যোষেফ নামে এক ব্যক্তির বাগদত্তা ছিলেন, সেই কুমারীর নাম মরিয়ম।
28 फ़रिश्ते ने उस के पास आ कर कहा, “ऐ ख़ातून जिस पर ख़ुदा का ख़ास फ़ज़ल हुआ है, सलाम! ख़ुदा तेरे साथ है।”
২৮দূত তাঁর কাছে গিয়ে তাঁকে বললেন হে অনুগ্রহের পাত্রী, “তোমার মঙ্গল হোক; প্রভু তোমার সঙ্গে আছেন।”
29 मरियम यह सुन कर घबरा गई और सोचा, यह किस तरह का सलाम है?
২৯কিন্তু তিনি এই কথাতে খুবই দুশ্চিন্তাগ্রস্ত হলেন এবং এই কথায় তাঁর মন তোলপাড় হতে লাগল, এ কেমন শুভেচ্ছা?
30 लेकिन फ़रिश्ते ने अपनी बात जारी रखी और कहा, “ऐ मरियम, मत डर, क्यूँकि तुझ पर ख़ुदा का फ़ज़ल हुआ है।
৩০দূত তাঁকে বললেন, “মরিয়ম, ভয় পেয় না, কারণ তুমি ঈশ্বরের কাছে অনুগ্রহ পেয়েছ।
31 तू हमिला हो कर एक बेटे को पैदा करेगी। तू उस का नाम ईसा (नजात देने वाला) रखना।
৩১আর দেখ, তুমি গর্ভবতী হয়ে একটি পুত্র সন্তানের জন্ম দেবে ও তাঁর নাম যীশু রাখবে।
32 वह बड़ा होगा और ख़ुदावन्द का बेटा कहलाएगा। ख़ुदा हमारा ख़ुदा उसे उस के बाप दाऊद के तख़्त पर बिठाएगा
৩২তিনি মহান হবেন ও তাঁকে মহান সর্বশক্তিমান ঈশ্বরের পুত্র বলা হবে এবং প্রভু ঈশ্বর তাঁর পিতা দায়ূদের সিংহাসন তাঁকে দেবেন;
33 और वह हमेशा तक इस्राईल पर हुकूमत करेगा। उस की सल्तनत कभी ख़त्म न होगी।” (aiōn g165)
৩৩তিনি যাকোবের বংশের উপরে চিরকাল রাজত্ব করবেন ও তাঁর রাজ্যের কখনো শেষ হবে না।” (aiōn g165)
34 मरियम ने फ़रिश्ते से कहा, “यह क्यूँकर हो सकता है? अभी तो मैं कुँवारी हूँ।”
৩৪তখন মরিয়ম দূতকে বললেন, “এ কি করে সম্ভব? কারণ আমি তো কুমারী।”
35 फ़रिश्ते ने जवाब दिया, “रूह — उल — क़ुद्दूस तुझ पर नाज़िल होगा, ख़ुदावन्द की क़ुदरत का साया तुझ पर छा जाएगा। इस लिए यह बच्चा क़ुद्दूस होगा और ख़ुदा का बेटा कहलाएगा।
৩৫উত্তরে দূত তাঁকে বললেন, “পবিত্র আত্মা তোমার উপরে আসবেন এবং মহান সর্বশক্তিমান ঈশ্বরের শক্তি তোমার উপরে ছায়া করবে; এ কারণে যে পবিত্র সন্তান জন্মাবেন, তাঁকে ঈশ্বরের পুত্র বলা হবে।”
36 और देख, तेरी रिश्तेदार इलीशिबा के भी बेटा होगा हालाँकि वह उम्ररसीद है। गरचे उसे बाँझ क़रार दिया गया था, लेकिन वह छः माह से हामिला है।
৩৬আর শোন, “তোমার আত্মীয়া যে ইলীশাবেৎ, তিনিও বৃদ্ধা বয়সে পুত্রসন্তান গর্ভে ধারণ করেছেন; এখন তিনি ছয় মাসের গর্ভবতী।
37 क्यूँकि ख़ुदा के नज़दीक कोई काम नामुमकिन नहीं है।”
৩৭কারণ ঈশ্বরের জন্য কোনও কিছুই অসম্ভব নয়।”
38 मरियम ने जवाब दिया, “मैं ख़ुदा की ख़िदमत के लिए हाज़िर हूँ। मेरे साथ वैसा ही हो जैसा आप ने कहा है।” इस पर फ़रिश्ता चला गया।
৩৮তখন মরিয়ম বললেন, “দেখুন, আমি অবশ্যই প্রভুর দাসী; আপনার কথা মতো সমস্তই আমার প্রতি ঘটুক।” পরে দূত তাঁর কাছ থেকে চলে গেলেন।
39 उन दिनों में मरियम यहूदिया के पहाड़ी इलाक़े के एक शहर के लिए रवाना हुई। उस ने जल्दी जल्दी सफ़र किया।
৩৯তারপর মরিয়ম প্রস্তুত হয়ে পাহাড়ী অঞ্চলে অবস্থিত যিহূদার একটা শহরে গেলেন,
40 वहाँ पहुँच कर वह ज़करियाह के घर में दाख़िल हुई और इलीशिबा को सलाम किया।
৪০এবং সখরিয়ের বাড়িতে গিয়ে ইলীশাবেৎকে শুভেচ্ছা জানালেন।
41 मरियम का यह सलाम सुन कर इलीशिबा का बच्चा उस के पेट में उछल पड़ा और इलीशिबा ख़ुद रूह — उल — क़ुद्दूस से भर गई।
৪১যখন ইলীশাবেৎ মরিয়মের শুভেচ্ছা শুনলেন, তখনই তাঁর গর্ভের শিশুটি নেচে উঠল ও ইলীশাবেৎ পবিত্র আত্মায় পূর্ণ হলেন,
42 उस ने बुलन्द आवाज़ से कहा, “तू तमाम औरतों में मुबारिक़ है और मुबारिक़ है तेरा बच्चा!
৪২এবং তিনি চেঁচিয়ে বলতে লাগলেন, “নারীদের মধ্যে তুমি ধন্যা এবং ধন্য তোমার গর্ভের ফল।
43 मैं कौन हूँ कि मेरे ख़ुदावन्द की माँ मेरे पास आई!
৪৩আর আমার প্রভুর মা আমার কাছে আসবেন, এমন সৌভাগ্য আমার কি করে হল?
44 जैसे ही मैं ने तेरा सलाम सुना बच्चा मेरे पेट में ख़ुशी से उछल पड़ा।
৪৪কারণ দেখ, তোমার কাছ থেকে শুভেচ্ছা শোনার সঙ্গে সঙ্গে আমার গর্ভের শিশুটি আনন্দে নেচে উঠল।
45 तू कितनी मुबारिक़ है, क्यूँकि तू ईमान लाई कि जो कुछ ख़ुदा ने फ़रमाया है वह पूरा होगा।”
৪৫আর ধন্যা যিনি বিশ্বাস করলেন, কারণ প্রভুর কাছ থেকে যা কিছু তাঁর সমন্ধে বলা হয়েছে, সে সমস্তই সফল হবে।”
46 इस पर मरियम ने कहा, “मेरी जान ख़ुदा की बड़ाई करती है
৪৬তখন মরিয়ম বললেন, “আমার প্রাণ প্রভুর মহিমা কীর্তন করছে,
47 और मेरी रूह मेरे मुन्जी ख़ुदावन्द से बहुत ख़ुश है।
৪৭আমার আত্মা আমার ত্রাণকর্ত্তা ঈশ্বরে আনন্দিত হয়েছে।
48 क्यूँकि उस ने अपनी ख़ादिमा की पस्ती पर नज़र की है। हाँ, अब से तमाम नसलें मुझे मुबारिक़ कहेंगी,
৪৮কারণ তিনি আমার মতো তুচ্ছ দাসীকে মনে করেছেন; আর এখন থেকে পুরুষ পরম্পরায় সবাই আমাকে ধন্যা বলবে।
49 क्यूँकि उस क़ादिर ने मेरे लिए बड़े — बड़े काम किए हैं, और उसका नाम पाक है।
৪৯কারণ যিনি সর্বশক্তিমান, তিনি আমার জন্য মহান মহান কাজ করেছেন এবং তাঁর নাম পবিত্র।
50 और ख़ौफ़ रहम उन पर जो उससे डरते हैं, पुश्त — दर — पुश्त रहता है।
৫০আর যারা তাঁকে ভয় করে, তাঁর দয়া তাদের উপরে বংশপরম্পরায় থাকবে।
51 उसने अपने बाज़ू से ज़ोर दिखाया, और जो अपने आपको बड़ा समझते थे उनको तितर बितर किया।
৫১তিনি তাঁর বাহু দিয়ে শক্তিশালী কাজ করেছেন, যারা নিজেদের হৃদয়ে অহঙ্কারী, তাদের ছিন্নভিন্ন করেছেন।
52 उसने इख़्तियार वालों को तख़्त से गिरा दिया, और पस्तहालों को बुलन्द किया।
৫২তিনি শাসনকর্ত্তাদের সিংহাসন থেকে নামিয়ে দিয়েছেন ও নম্র লোকদের উন্নত করেছেন,
53 उसने भूखों को अच्छी चीज़ों से सेर कर दिया, और दौलतमन्दों को ख़ाली हाथ लौटा दिया।
৫৩তিনি ক্ষুধার্তদের উত্তম উত্তম জিনিস দিয়ে পরিপূর্ণ করেছেন এবং ধনীদের খালি হাতে বিদায় করেছেন।
54 उसने अपने ख़ादिम इस्राईल को संभाल लिया, ताकि अपनी उस रहमत को याद फ़रमाए।
৫৪তিনি তাঁর দাস ইস্রায়েলের সাহায্য করেছেন, যেন আমাদের পূর্বপুরুষদের কাছে করা প্রতিজ্ঞা ও নিজের করা প্রতিজ্ঞা অনুযায়ী,
55 जो अब्रहाम और उसकी नस्ल पर हमेशा तक रहेगी, जैसा उसने हमारे बाप — दादा से कहा था।” (aiōn g165)
৫৫অব্রাহাম ও তাঁর বংশের জন্য তাঁর করুণা চিরকাল মনে রাখেন।” (aiōn g165)
56 और मरियम तीन महीने के क़रीब उसके साथ रहकर अपने घर को लौट गई।
৫৬আর মরিয়ম প্রায় তিনমাস ইলীশাবেতের কাছে থাকলেন, পরে নিজের বাড়িতে ফিরে গেলেন।
57 और इलीशिबा' के वज़'ए हम्ल का वक़्त आ पहुँचा और उसके बेटा हुआ।
৫৭এরপর ইলীশাবেতের প্রসবের দিন সম্পূর্ণ হলে তিনি একটি পুত্র সন্তানের জন্ম দিলেন।
58 उसके पड़ोसियों और रिश्तेदारों ने ये सुनकर कि ख़ुदावन्द ने उस पर बड़ी रहमत की, उसके साथ ख़ुशी मनाई।
৫৮তখন, তাঁর প্রতিবেশী ও আত্মীয়স্বজনেরা শুনতে পেল যে, প্রভু তাঁর প্রতি মহা দয়া করেছেন, আর তারাও তাঁর সঙ্গে আনন্দ করল।
59 और आठवें दिन ऐसा हुआ कि वो लड़के का ख़तना करने आए और उसका नाम उसके बाप के नाम पर ज़करियाह रखने लगे।
৫৯এর পরে তারা আট দিনের র দিন শিশুটির ত্বকছেদ করতে এলো, আর তার পিতার নাম অনুসারে তার নাম সখরিয় রাখতে চাইল।
60 मगर उसकी माँ ने कहा, “नहीं बल्कि उसका नाम युहन्ना रखा जाए।”
৬০কিন্তু তাঁর মা উত্তরে বললেন, “না, এর নাম হবে যোহন।”
61 उन्होंने कहा, “तेरे ख़ानदान में किसी का ये नाम नहीं।”
৬১তারা তাঁকে বলল, “আপনার বংশের মধ্যে এ নামে তো কাউকেই ডাকা হয়নি।”
62 और उन्होंने उसके बाप को इशारा किया कि तू उसका नाम क्या रखना चाहता है?
৬২পরে তারা তাঁর পিতাকে ইশারাতে জিজ্ঞাসা করল, “আপনার ইচ্ছা কি? এর কি নাম রাখা হবে?”
63 उसने तख़्ती माँग कर ये लिखा, उसका नाम युहन्ना है, और सब ने ता'ज्जुब किया।
৬৩তিনি একটি রচনার জিনিস চেয়ে নিয়ে তাতে লিখলেন, ওঁর নাম যোহন। তাতে সবাই খুবই আশ্চর্য্য হল।
64 उसी दम उसका मुँह और ज़बान खुल गई और वो बोलने और ख़ुदा की हम्द करने लगा।
৬৪আর তখনই তাঁর মুখ ও তাঁর জিভ খুলে গেল, আর তিনি কথা বললেন ও ঈশ্বরের ধন্যবাদ করতে লাগলেন।
65 और उनके आसपास के सब रहने वालों पर दहशत छा गई और यहूदिया के तमाम पहाड़ी मुल्क में इन सब बातों की चर्चा फैल गई।
৬৫এর ফলে আশেপাশের প্রতিবেশীরা সবাই খুব ভয় পেল ও যিহূদিয়ার পাহাড়ী অঞ্চলের সমস্ত জায়গায় লোকেরা এই সব কথা বলাবলি করতে লাগল।
66 और उनके सब सुनने वालों ने उनको सोच कर दिलों में कहा, “तो ये लड़का कैसा होने वाला है?” क्यूँकि ख़ुदावन्द का हाथ उस पर था।
৬৬আর যত লোক শুনল, তারা নিজেদের মনে মনে চিন্তা করতে লাগল, আর বলল “এই শিশুটি বড় হয়ে তবে কি হবে?” কারণ প্রভুর হাত তাঁর উপরে ছিল।
67 और उस का बाप ज़करियाह रूह — उल — क़ुद्दूस से भर गया और नबुव्वत की राह से कहने लगा कि:
৬৭তখন তাঁর বাবা সখরিয় পবিত্র আত্মায় পূর্ণ হলেন এবং ভাববাণী বললেন, তিনি বললেন,
68 “ख़ुदावन्द इस्राईल के ख़ुदा की हम्द हो क्यूँकि उसने अपनी उम्मत पर तवज्जुह करके उसे छुटकारा दिया।
৬৮“ধন্য প্রভু, ইস্রায়েলের ঈশ্বর কারণ তিনি আমাদের যত্ন নিয়েছেন ও নিজের প্রজাদের জন্য মুক্তি সাধন করেছেন,
69 और अपने ख़ादिम दाऊद के घराने में हमारे लिए नजात का सींग निकाला,
৬৯আর আমাদের জন্য নিজের দাস দায়ূদের বংশে এক শক্তিশালী উদ্ধারকর্তা দিয়েছেন,
70 (जैसा उसने अपने पाक नबियों की ज़बानी कहा था जो कि दुनिया के शुरू' से होते आए है) (aiōn g165)
৭০যেমন তিনি পূর্বকাল থেকেই তাঁর সেই পবিত্র ভাববাদীদের মাধ্যমে বলে আসছেন, (aiōn g165)
71 या'नी हम को हमारे दुश्मनों से और सब बुग़्ज़ रखने वालों के हाथ से नजात बख़्शी।
৭১আমাদের শত্রুদের হাত থেকে ও যারা আমাদের ঘৃণা করে, তাদের সকলের হাত থেকে উদ্ধার করেছেন।
72 ताकि हमारे बाप — दादा पर रहम करे और अपने पाक 'अहद को याद फ़रमाए।
৭২আমাদের পূর্বপুরুষদের উপরে দয়া করার জন্য, তিনি নিজের পবিত্র নিয়ম স্মরণ করার জন্য।
73 या'नी उस क़सम को जो उसने हमारे बाप अब्रहाम से खाई थी,
৭৩এ সেই প্রতিজ্ঞা, যা তিনি আমাদের পূর্বপুরুষ অব্রাহামের কাছে শপথ করেছিলেন,
74 कि वो हमें ये बख़्शिश देगा कि अपने दुश्मनों के हाथ से छूटकर,
৭৪যে, আমরা শত্রুদের হাত থেকে উদ্ধার পেয়ে নির্ভয়ে তাঁকে সেবা করতে পারি,
75 उसके सामने पाकीज़गी और रास्तबाज़ी से उम्र भर बेख़ौफ़ उसकी इबादत करें
৭৫পবিত্রতায় ও ধার্ম্মিকতায় তাঁর সেবা করতে পারব, তাঁর উপস্থিতিতে সারা জীবন করতে পারব।
76 और ऐ लड़के तू ख़ुदा ता'ला का नबी कहलाएगा क्यूँकि तू ख़ुदावन्द की राहें तैयार करने को उसके आगे आगे चलेगा,
৭৬আর, হে আমার সন্তান, তুমি মহান সর্বশক্তিমান ঈশ্বরের ভাববাদী বলে পরিচিত হবে, কারণ তাঁর পথ প্রস্তুত করার জন্য, তুমি প্রভুর আগে আগে চলবে,
77 ताकि उसकी उम्मत को नजात का 'इल्म बख़्शे जो उनको गुनाहों की मु'आफ़ी से हासिल हो।
৭৭তাঁর লোকেদের পাপ ক্ষমার জন্য তাদের পাপ থেকে মুক্তির জ্ঞান দেওয়ার জন্য,
78 ये हमारे ख़ुदा की रहमत से होगा; जिसकी वजह से 'आलम — ए — बाला का सूरज हम पर निकलेगा,
৭৮এ সবই আমাদের ঈশ্বরের সেই দয়া জন্যই হবে এবং এই দয়া অনুযায়ী, মুক্তিদাতা যিনি প্রভাতের সূর্য্যের মত স্বর্গ থেকে এসে আমাদের পরিচর্য্যা করবেন,
79 ताकि उनको जो अन्धेरे और मौत के साए में बैठे हैं रोशनी बख़्शे, और हमारे क़दमों को सलामती की राह पर डाले।”
৭৯যারা অন্ধকারেও মৃত্যুর ছায়ায় বসে আছে, তাদের উপরে আলো দেওয়ার জন্য ও আমাদের শান্তির পথে চালানোর জন্য।”
80 और वो लड़का बढ़ता और रूह में क़ुव्वत पाता गया, और इस्राईल पर ज़ाहिर होने के दिन तक जंगलों में रहा।
৮০পরে শিশুটি বড় হয়ে উঠতে লাগল এবং আত্মায় শক্তিশালী হতে লাগল আর সে ইস্রায়েলের জাতির কাছে প্রকাশিত হওয়ার আগে পর্যন্ত মরুপ্রান্তে জীবন যাপন করছিল।

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