< مزامیر 40 >

برای رهبر سرایندگان. مزمور داوود. با صبر و شکیبایی انتظار خداوند را کشیدم، و او به سوی من توجه نمود و فریادم را شنید. 1
ପ୍ରଧାନ ବାଦ୍ୟକର ନିମନ୍ତେ ଦାଉଦଙ୍କର ଗୀତ। ମୁଁ ଧୈର୍ଯ୍ୟ ଧରି ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କର ଅପେକ୍ଷା କଲି; ପୁଣି, ସେ ମନୋଯୋଗ କରି ମୋହର କାକୂକ୍ତି ଶୁଣିଲେ।
او مرا از چاه هلاکت و از گل و لای بیرون کشید و در بالای صخره گذاشت و جای پایم را محکم ساخت. 2
ମଧ୍ୟ ସେ ମୋତେ ଭୟଙ୍କର ଗର୍ତ୍ତରୁ ଓ ଦହଲା କାଦୁଅରୁ ଉଠାଇ ଆଣିଲେ ଓ ଶୈଳ ଉପରେ ମୋହର ଚରଣ ରଖିଲେ ଓ ମୋହର ପାଦଗତି ଦୃଢ଼ କଲେ।
او به من آموخت تا سرودی تازه بخوانم، سرودی در ستایش خدایمان! بسیاری چون این را ببینند خواهند ترسید و بر خداوند توکل خواهند کرد. 3
ପୁଣି, ସେ ମୋʼ ମୁଖରେ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ପ୍ରଶଂସାର ଏକ ନୂତନ ଗୀତ ଦେଇଅଛନ୍ତି; ଅନେକେ ଏହା ଦେଖିବେ ଓ ଭୟ କରିବେ, ପୁଣି, ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କଠାରେ ବିଶ୍ୱାସ କରିବେ।
چه خوشبختند کسانی که بر خداوند توکل دارند و از اشخاص متکبر و خدایان دروغین پیروی نمی‌کنند. 4
ଯେଉଁ ଜନ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କୁ ଆପଣାର ବିଶ୍ୱାସଭୂମି କରେ, ପୁଣି, ଅହଙ୍କାରୀକୁ ଓ ମିଥ୍ୟା ପ୍ରତି ଭ୍ରାନ୍ତ ଲୋକଙ୍କୁ ଆଦର କରେ ନାହିଁ, ସେ ଧନ୍ୟ।
ای خداوند، خدای ما، تو کارهای شگفت‌انگیز بسیاری برای ما انجام داده‌ای و پیوسته به فکر ما بوده‌ای؛ تو بی‌نظیری! کارهای شگفت‌انگیز تو چنان زیادند که زبانم از بیان آنها قاصر است. 5
ହେ ସଦାପ୍ରଭୋ, ମୋʼ ପରମେଶ୍ୱର, ତୁମ୍ଭର କୃତ ଆଶ୍ଚର୍ଯ୍ୟକର୍ମ ଓ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ପକ୍ଷରେ ତୁମ୍ଭର ସଂକଳ୍ପ ଅନେକ; ତାହାସବୁ ତୁମ୍ଭ ସାକ୍ଷାତରେ ସଜାଯାଇ ନ ପାରେ; ମୁଁ ସେହି ସବୁ ବିଷୟ ବର୍ଣ୍ଣନା କରି କହନ୍ତି, ମାତ୍ର ତାହାସବୁ ଗଣନା କରାଯାଇ ନ ପାରେ।
تو به قربانی و هدیه رغبت نداشتی؛ بلکه گوشهایم را باز کردی؛ قربانی سوختنی و قربانی گناه را نطلبیدی. 6
ବଳିଦାନ ଓ ନୈବେଦ୍ୟରେ ତୁମ୍ଭର ସନ୍ତୋଷ ନାହିଁ; ତୁମ୍ଭେ ମୋହର କର୍ଣ୍ଣ ମୁକ୍ତ କରିଅଛ; ତୁମ୍ଭେ ହୋମବଳି ଓ ପାପାର୍ଥକ ବଳି ଚାହିଁ ନାହଁ।
آنگاه گفتم: «اینک می‌آیم! در کتاب دربارۀ من نوشته شده است: 7
ତେବେ ମୁଁ କହିଲି, “ଦେଖ, ମୁଁ ଉପସ୍ଥିତ; ଶାସ୍ତ୍ରରେ ମୋହର ବିଷୟ ଲିଖିତ ଅଛି।
اشتیاق من، ای خدا، انجام ارادۀ توست، زیرا دستورهای تو در دلم جای دارد.» 8
ହେ ମୋହର ପରମେଶ୍ୱର, ତୁମ୍ଭର ଇଚ୍ଛା ସାଧନ କରିବାକୁ ମୋହର ସନ୍ତୋଷ; ତୁମ୍ଭ ବ୍ୟବସ୍ଥା ମୋʼ ହୃଦୟରେ ଅଛି।”
در اجتماع بزرگ قوم تو، به عدالت نجاتبخش تو بشارت داده‌ام. از سخن گفتن نترسیده‌ام، چنانکه تو، ای خداوند آگاهی. 9
ମୁଁ ମହାସମାଜରେ ଧର୍ମ ପ୍ରଚାର କରିଅଛି; ଦେଖ, ମୁଁ ଆପଣା ଓଷ୍ଠାଧର ରୁଦ୍ଧ କରିବି ନାହିଁ, ହେ ସଦାପ୍ରଭୋ, ତୁମ୍ଭେ ଜାଣୁଅଛ।
عدالت نجاتبخش تو را در دل خود پنهان نکرده‌ام. از امانت و قدرت نجاتبخش تو سخن گفته‌ام. در اجتماع بزرگ قوم تو، پیوسته از محبت و وفاداری تو سخن گفته‌ام. 10
ମୁଁ ତୁମ୍ଭ ଧାର୍ମିକତା ଆପଣା ହୃଦୟରେ ଗୋପନ କରି ନାହିଁ; ମୁଁ ତୁମ୍ଭର ବିଶ୍ୱସ୍ତତା ଓ ତୁମ୍ଭର ପରିତ୍ରାଣ ପ୍ରଚାର କରିଅଛି; ମୁଁ ତୁମ୍ଭର ସ୍ନେହପୂର୍ଣ୍ଣ କରୁଣା ଓ ତୁମ୍ଭର ସତ୍ୟତା ମହାସମାଜଠାରୁ ଗୁପ୍ତ ରଖି ନାହିଁ।
ای خداوند، لطف و رحمت خود را از من دریغ مدار. محبت و وفاداری تو همواره مرا حفظ کند. 11
ହେ ସଦାପ୍ରଭୋ, ତୁମ୍ଭେ ମୋʼ ଠାରୁ ଆପଣା ଦୟା ରୁଦ୍ଧ କର ନାହିଁ; ତୁମ୍ଭର ସ୍ନେହପୂର୍ଣ୍ଣ କରୁଣା ଓ ତୁମ୍ଭର ସତ୍ୟତା ମୋତେ ନିରନ୍ତର ରକ୍ଷା କରୁ।
بلایای بی‌شماری مرا احاطه کرده و گناهان زیادم بر من سنگینی می‌کند به طوری که نمی‌توانم سرم را بلند کنم. در دل خود آرامش ندارم. 12
କାରଣ ଅସଂଖ୍ୟ ବିପଦ ମୋତେ ଘେରିଅଛି, ମୋହର ଅଧର୍ମସବୁ ମୋତେ ଗୋଡ଼ାଇ ଧରିଅଛି, ଏହେତୁ ମୁଁ ଉପରକୁ ଅନାଇ ପାରୁ ନାହିଁ; ତାହାସବୁ ମୋʼ ମସ୍ତକର କେଶରୁ ଅଧିକ ଓ ମୋହର ହୃଦୟ ମୋତେ ପରିତ୍ୟାଗ କରିଅଛି।
ای خداوند، رحم کن و مرا از این وضعیت نجات ده! به کمک من بشتاب! 13
ହେ ସଦାପ୍ରଭୋ, ଅନୁଗ୍ରହ କରି ମୋତେ ଉଦ୍ଧାର କର; ହେ ସଦାପ୍ରଭୋ, ମୋହର ସାହାଯ୍ୟ ପାଇଁ ସତ୍ୱର ହୁଅ।
بگذار خجل و سرافکنده شوند آنانی که قصد جانم را دارند؛ مغلوب و رسوا گردند کسانی که به دشمنی با من برخاسته‌اند؛ 14
ମୋʼ ପ୍ରାଣନାଶର ଅନ୍ୱେଷଣକାରୀ ଲୋକମାନେ ଏକତ୍ର ଲଜ୍ଜିତ ଓ ହତାଶ ହେଉନ୍ତୁ; ମୋʼ କ୍ଷତିରେ ସନ୍ତୁଷ୍ଟ ଲୋକମାନେ ପଛକୁ ଫେରାଯାଇ ଅପମାନିତ ହେଉନ୍ତୁ।
خوار و پریشان شوند آنانی که مرا تحقیر و مسخره می‌کنند. 15
ଯେଉଁମାନେ ମୋତେ “ହଁ ହଁ” ବୋଲି କହନ୍ତି, ସେମାନେ ଆପଣା ଲଜ୍ଜା ସକାଶୁ ବିସ୍ମିତ ହେଉନ୍ତୁ।
اما طالبان تو، ای خداوند، شاد و خوشحال شوند؛ و آنانی که نجات تو را دوست دارند پیوسته بگویند که خداوند بزرگ است! 16
ଯେଉଁମାନେ ତୁମ୍ଭର ଅନ୍ୱେଷଣ କରନ୍ତି, ସେହି ସମସ୍ତେ ତୁମ୍ଭଠାରେ ଉଲ୍ଲସିତ ଓ ଆନନ୍ଦିତ ହେଉନ୍ତୁ; ଯେଉଁମାନେ ତୁମ୍ଭ ପରିତ୍ରାଣକୁ ସ୍ନେହ କରନ୍ତି, ସେମାନେ ନିରନ୍ତର କହନ୍ତୁ, “ସଦାପ୍ରଭୁ ମହିମାନ୍ୱିତ ହେଉନ୍ତୁ।”
من فقیر و درمانده‌ام، اما خداوند برای من فکر می‌کند. ای خدای من، تو مددکار و رهانندهٔ من هستی، پس تأخیر نکن. 17
ମାତ୍ର ମୁଁ ଦରିଦ୍ର ଓ ଦୀନହୀନ; ତଥାପି ପ୍ରଭୁ ମୋʼ ବିଷୟ ଚିନ୍ତା କରନ୍ତି; ତୁମ୍ଭେ ମୋହର ସହାୟ ଓ ଉଦ୍ଧାରକର୍ତ୍ତା ଅଟ; ହେ ମୋହର ପରମେଶ୍ୱର, ବିଳମ୍ବ କର ନାହିଁ।

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