< مزامیر 55 >

برای سالار مغنیان. قصیده داود بر ذوات اوتار ای خدا به دعای من گوش بگیر! و خودرا از تضرع من پنهان مکن! ۱ 1
संगीत निर्देशक के लिये. तार वाद्यों की संगत के साथ. दावीद की मसकील गीत रचना परमेश्वर, मेरी प्रार्थना पर ध्यान दीजिए, मेरी गिड़गिड़ाहट को न ठुकराईए;
به من گوش فراگیر و مرا مستجاب فرما! زیرا که در تفکر خودمتحیرم و ناله می‌کنم. ۲ 2
मेरी गिड़गिड़ाहट सुनकर, मुझे उत्तर दीजिए. मेरे विचारों ने मुझे व्याकुल कर दिया है.
از آواز دشمن و به‌سبب ظلم شریر، زیرا که ظلم بر من می‌اندازند وبا خشم بر من جفا می‌کنند. ۳ 3
शत्रुओं की ललकार ने मुझे निराश कर छोड़ा है; उन्हीं के द्वारा मुझ पर कष्ट उण्डेले गए हैं और वे क्रोध में मुझे खरीखोटी सुना रहे हैं.
دل من در اندرونم پیچ و تاب می کند، و ترسهای موت بر من افتاده است. ۴ 4
भीतर ही भीतर मेरा हृदय वेदना में भर रहा है; मुझमें मृत्यु का भय समा गया है.
ترس و لرز به من در‌آمده است. وحشتی هولناک مرا در‌گرفته است. ۵ 5
भय और कंपकंपी ने मुझे भयभीत कर लिया है; मैं आतंक से घिर चुका हूं.
و گفتم کاش که مرابالها مثل کبوتر می‌بود تا پرواز کرده، استراحت می‌یافتم. ۶ 6
तब मैं विचार करने लगा, “कैसा होता यदि कबूतर समान मेरे पंख होते! और मैं उड़कर दूर शांति में विश्राम कर पाता.
هرآینه بجای دور می‌پریدم، و درصحرا ماوا می‌گزیدم، سلاه. ۷ 7
हां, मैं उड़कर दूर चला जाता, और निर्जन प्रदेश में निवास बना लेता.
می‌شتافتم بسوی پناهگاهی، از باد تند و از طوفان شدید. ۸ 8
मैं बवंडर और आंधी से दूर, अपने आश्रय-स्थल को लौटने की शीघ्रता करता.”
‌ای خداوند آنها را هلاک کن و زبانهایشان راتفریق نما زیرا که در شهر ظلم و جنگ دیده‌ام. ۹ 9
प्रभु, दुष्टों के मध्य फूट डाल दीजिए, उनकी भाषा में गड़बड़ी कर दीजिए, यह स्पष्ट ही है कि नगर में हिंसा और कलह फूट पड़े हैं.
روز و شب بر حصارهایش گردش می‌کنند وشرارت و مشقت در میانش می‌باشد. ۱۰ 10
दिन-रात वे शहरपनाह पर छिप-छिप कर घूमते रहते हैं; नगर में वैमनस्य और अधर्म का साम्राज्य है.
فسادهادر میان وی است و جور و حیله از کوچه هایش دور نمی شود. ۱۱ 11
वहां विनाशकारी शक्तियां प्रबल हो रही हैं; गलियों में धमकियां और छल समाप्‍त ही नहीं होते.
زیرا دشمن نبود که مرا ملامت می‌کرد والا تحمل می‌کردم؛ و خصم من نبود که بر من سربلندی می‌نمود؛ والا خود را از وی پنهان می‌ساختم. ۱۲ 12
यदि शत्रु मेरी निंदा करता तो यह, मेरे लिए सहनीय है; यदि मेरा विरोधी मेरे विरुद्ध उठ खड़ा हो तो, मैं उससे छिप सकता हूं.
بلکه تو بودی‌ای مرد نظیر من! ای یار خالص و دوست صدیق من! ۱۳ 13
किंतु यहां तो तुम, मेरे साथी, मेरे परम मित्र, मेरे शत्रु हो गए हैं, जो मेरे साथ साथ रहे हैं,
که با یکدیگرمشورت شیرین می‌کردیم و به خانه خدا در انبوه می‌خرامیدیم. ۱۴ 14
तुम्हारे ही साथ मैंने संगति के मेल-मिलाप अवसरों का आनंद लिया था, अन्य आराधकों के साथ हम भी साथ साथ परमेश्वर के भवन को जाते थे.
موت بر ایشان ناگهان آید وزنده بگور فرو روند. زیرا شرارت در مسکن های ایشان و در میان ایشان است. (Sheol h7585) ۱۵ 15
अब उत्तम वही होगा कि अचानक ही मेरे शत्रुओं पर मृत्यु आ पड़े; वे जीवित ही अधोलोक में उतर जाएं, क्योंकि बुराई उनके घर में आ बसी है, उनकी आत्मा में भी. (Sheol h7585)
و اما من نزد خدا فریاد می‌کنم و خداوندمرا نجات خواهد داد. ۱۶ 16
यहां मैं तो परमेश्वर को ही पुकारूंगा, याहवेह ही मेरा उद्धार करेंगे.
شامگاهان و صبح وظهر شکایت و ناله می‌کنم و او آواز مرا خواهدشنید. ۱۷ 17
प्रातः, दोपहर और संध्या मैं पीड़ा में कराहता रहूंगा, और वह मेरी पुकार सुनेंगे.
جانم را از جنگی که بر من شده بود، بسلامتی فدیه داده است. زیرا بسیاری با من مقاومت می‌کردند. ۱۸ 18
उन्होंने मुझे उस युद्ध से बिना किसी हानि के सुरक्षित निकाल लिया, जो मेरे विरुद्ध किया जा रहा था जबकि मेरे अनेक विरोधी थे.
خدا خواهد شنید و ایشان را جواب خواهد داد، او که از ازل نشسته است، سلاه. زیراکه در ایشان تبدیلها نیست و از خدانمی ترسند. ۱۹ 19
सर्वदा के सिंहासन पर विराजमान परमेश्वर, मेरी विनती सुनकर उन्हें ताड़ना करेंगे. वे ऐसे हैं, जिनका हृदय परिवर्तित नहीं होता; उनमें परमेश्वर का कोई भय नहीं.
دست خود را بر صلح اندیشان خویش دراز کرده، و عهد خویش را شکسته است. ۲۰ 20
मेरा साथी ही अपने मित्रों पर प्रहार कर रहा है; उसने अपनी वाचा भंग कर दी है.
سخنان چرب زبانش نرم، لیکن دلش جنگ است. سخنانش چرب تر از روغن لیکن شمشیرهای برهنه است. ۲۱ 21
मक्खन जैसी चिकनी हैं उसकी बातें, फिर भी युद्ध उसके दिल में है; उसके शब्दों में तेल से अधिक कोमलता थी, फिर भी वे नंगी तलवार थे.
نصیب خود را به خداوند بسپار و تو را رزق خواهد داد. او تا به ابدنخواهد گذاشت که مرد عادل جنبش خورد. ۲۲ 22
अपने दायित्वों का बोझ याहवेह को सौंप दो, तुम्हारे बल का स्रोत वही हैं; यह हो ही नहीं सकता कि वह किसी धर्मी पुरुष को पतन के लिए शोकित छोड़ दें.
وتو‌ای خدا ایشان را به چاه هلاکت فرو خواهی آورد. مردمان خون ریز و حیله ساز، روزهای خودرا نیمه نخواهند کرد، لیکن من بر تو توکل خواهم داشت. ۲۳ 23
किंतु परमेश्वर, आपने दुष्टों के लिए विनाश के गड्ढे को निर्धारित किया है; रक्त पिपासु और कपटी मनुष्य अपनी आधी आयु तक भी पहुंच न पाएंगे. किंतु मेरा भरोसा आप पर अटल बना रहेगा.

< مزامیر 55 >