< مزامیر 49 >

برای سالار مغنیان. مزمور بنی قورح ای تمامی قوم‌ها این را بشنوید! ای جمیع سکنه ربع مسکون این را گوش گیرید! ۱ 1
प्रधान बजानेवाले के लिये कोरहवंशियों का भजन हे देश-देश के सब लोगों यह सुनो! हे संसार के सब निवासियों, कान लगाओ!
‌ای عوام و خواص! ای دولتمندان وفقیران جمیع! ۲ 2
क्या ऊँच, क्या नीच क्या धनी, क्या दरिद्र, कान लगाओ!
زبانم به حکمت سخن می‌راند وتفکر دل من فطانت است. ۳ 3
मेरे मुँह से बुद्धि की बातें निकलेंगी; और मेरे हृदय की बातें समझ की होंगी।
گوش خود را به مثلی فرا می‌گیرم. معمای خویش را بر بربط می‌گشایم. ۴ 4
मैं नीतिवचन की ओर अपना कान लगाऊँगा, मैं वीणा बजाते हुए अपनी गुप्त बात प्रकाशित करूँगा।
چرا در روزهای بلا ترسان باشم، چون گناه پاشنه هایم مرا احاطه می‌کند؛ ۵ 5
विपत्ति के दिनों में मैं क्यों डरूँ जब अधर्म मुझे आ घेरे?
آنانی که بر دولت خود اعتماد دارند و بر کثرت توانگری خویش فخر می‌نمایند. ۶ 6
जो अपनी सम्पत्ति पर भरोसा रखते, और अपने धन की बहुतायत पर फूलते हैं,
هیچ‌کس هرگز برای برادر خودفدیه نخواهد داد و کفاره او را به خدا نخواهد بخشید. ۷ 7
उनमें से कोई अपने भाई को किसी भाँति छुड़ा नहीं सकता है; और न परमेश्वर को उसके बदले प्रायश्चित में कुछ दे सकता है
زیرا فدیه جان ایشان گران بهاست و ابد بدان نمی توان رسید ۸ 8
क्योंकि उनके प्राण की छुड़ौती भारी है वह अन्त तक कभी न चुका सकेंगे
تا زنده بماند تا ابدالاباد وفساد را نبیند. ۹ 9
कोई ऐसा नहीं जो सदैव जीवित रहे, और कब्र को न देखे।
زیرا می‌بیند که حکیمان می‌میرند. و جاهلان و ابلهان با هم هلاک می‌گردند و دولت خود را برای دیگران ترک می‌کنند. ۱۰ 10
१०क्योंकि देखने में आता है कि बुद्धिमान भी मरते हैं, और मूर्ख और पशु सरीखे मनुष्य भी दोनों नाश होते हैं, और अपनी सम्पत्ति दूसरों के लिये छोड़ जाते हैं।
فکر دل ایشان این است که خانه های ایشان دائمی باشد و مسکنهای ایشان دوربه دور؛ و نامهای خود را بر زمینهای خود می‌نهند. ۱۱ 11
११वे मन ही मन यह सोचते हैं, कि उनका घर सदा स्थिर रहेगा, और उनके निवास पीढ़ी से पीढ़ी तक बने रहेंगे; इसलिए वे अपनी-अपनी भूमि का नाम अपने-अपने नाम पर रखते हैं।
لیکن انسان در حرمت باقی نمی ماند، بلکه مثل بهایم است که هلاک می‌شود. ۱۲ 12
१२परन्तु मनुष्य प्रतिष्ठा पाकर भी स्थिर नहीं रहता, वह पशुओं के समान होता है, जो मर मिटते हैं।
این طریقه ایشان، جهالت ایشان است و اعقاب ایشان سخن ایشان را می‌پسندند، سلاه. ۱۳ 13
१३उनकी यह चाल उनकी मूर्खता है, तो भी उनके बाद लोग उनकी बातों से प्रसन्न होते हैं। (सेला)
مثل گوسفندان درهاویه رانده می‌شوند و موت ایشان را شبانی می‌کند و صبحگاهان راستان بر ایشان حکومت خواهند کرد و جمال ایشان در هاویه پوسیده خواهد شد تا مسکنی برای آن نباشد. (Sheol h7585) ۱۴ 14
१४वे अधोलोक की मानो भेड़ों का झुण्ड ठहराए गए हैं; मृत्यु उनका गड़रिया ठहरेगा; और भोर को सीधे लोग उन पर प्रभुता करेंगे; और उनका सुन्दर रूप अधोलोक का कौर हो जाएगा और उनका कोई आधार न रहेगा। (Sheol h7585)
لیکن خدا جان مرا از دست هاویه نجات خواهد دادزیرا که مرا خواهد گرفت، سلاه. (Sheol h7585) ۱۵ 15
१५परन्तु परमेश्वर मेरे प्राण को अधोलोक के वश से छुड़ा लेगा, वह मुझे ग्रहण करके अपनाएगा। (Sheol h7585)
پس ترسان مباش، چون کسی دولتمندگردد و جلال خانه او افزوده شود! ۱۶ 16
१६जब कोई धनी हो जाए और उसके घर का वैभव बढ़ जाए, तब तू भय न खाना।
زیرا چون بمیرد چیزی از آن نخواهد برد و جلالش در عقب او فرو نخواهد رفت. ۱۷ 17
१७क्योंकि वह मरकर कुछ भी साथ न ले जाएगा; न उसका वैभव उसके साथ कब्र में जाएगा।
زیرا در حیات خود، خویشتن را مبارک می‌خواند. و چون بر خوداحسان می‌کنی، مردم ترا می‌ستایند. ۱۸ 18
१८चाहे वह जीते जी अपने आपको धन्य कहता रहे। जब तू अपनी भलाई करता है, तब वे लोग तेरी प्रशंसा करते हैं
لیکن به طبقه پدران خود خواهد پیوست که نور را تا به ابدنخواهند دید. ۱۹ 19
१९तो भी वह अपने पुरखाओं के समाज में मिलाया जाएगा, जो कभी उजियाला न देखेंगे।
انسانی که در حرمت است وفهم ندارد، مثل بهایم است که هلاک می‌شود. ۲۰ 20
२०मनुष्य चाहे प्रतिष्ठित भी हों परन्तु यदि वे समझ नहीं रखते तो वे पशुओं के समान हैं, जो मर मिटते हैं।

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