< مزامیر 41 >

برای سالار مغنیان. مزمور داود خوشابحال کسی‌که برای فقیر تفکرمی کند. خداوند او را در روز بلاخلاصی خواهد داد. ۱ 1
ପ୍ରଧାନ ବାଦ୍ୟକର ନିମନ୍ତେ ଦାଉଦଙ୍କର ଗୀତ। ଯେଉଁ ଜନ ଦୀନହୀନଙ୍କୁ ତତ୍ତ୍ୱାବଧାନ କରେ, ସେ ଧନ୍ୟ; ସଦାପ୍ରଭୁ ଦୁର୍ଦ୍ଦଶା ଦିନରେ ତାହାକୁ ଉଦ୍ଧାର କରିବେ।
خداوند او را محافظت خواهد کرد و زنده خواهد داشت. او در زمین مبارک خواهد بود و او را به آرزوی دشمنانش تسلیم نخواهی کرد. ۲ 2
ସଦାପ୍ରଭୁ ତାହାକୁ ରକ୍ଷା କରି ଜୀବିତ ରଖିବେ ଓ ସେ ପୃଥିବୀରେ ଆଶୀର୍ବାଦ ପ୍ରାପ୍ତ ହେବ; ପୁଣି, ସଦାପ୍ରଭୁ ତାହାକୁ ତାହାର ଶତ୍ରୁଗଣର ଇଚ୍ଛାରେ ସମର୍ପଣ କରିବେ ନାହିଁ।
خداوند او را بر بستربیماری تایید خواهد نمود. تمامی خوابگاه او رادر بیماریش خواهی گسترانید. ۳ 3
ସେ ବ୍ୟାଧିଶଯ୍ୟାଗତ ହେଲେ, ସଦାପ୍ରଭୁ ତାହାକୁ ଧରି ରଖିବେ; ତୁମ୍ଭେ ପୀଡ଼ା ସମୟରେ ତାହାର ସମସ୍ତ ଶଯ୍ୟା ପରିବର୍ତ୍ତନ କର।
من گفتم: «ای خداوند بر من رحم نما. جان مرا شفا بده زیرا به توگناه ورزیده‌ام.» ۴ 4
ମୁଁ କହିଲି, “ହେ ସଦାପ୍ରଭୋ, ମୋʼ ପ୍ରତି ଦୟା କର; ମୋʼ ପ୍ରାଣକୁ ସୁସ୍ଥ କର; କାରଣ ମୁଁ ତୁମ୍ଭ ବିରୁଦ୍ଧରେ ପାପ କରିଅଛି।”
دشمنانم درباره من به بدی سخن می‌گویند که کی بمیرد و نام او گم شود. ۵ 5
ମୋହର ଶତ୍ରୁଗଣ ମୋʼ ବିରୁଦ୍ଧରେ ହିଂସାର କଥା କହି ବୁଲନ୍ତି, “ସେ କେବେ ମରିବ ଓ ତାହାର ନାମ ଲୁପ୍ତ ହେବ?”
واگر برای دیدن من بیاید، سخن باطل می‌گوید ودلش در خود شرارت را جمع می‌کند. چون بیرون رود آن را شایع می‌کند. ۶ 6
ପୁଣି ସେ ଯଦି ମୋତେ ଦେଖିବାକୁ ଆସେ, ସେ କହେ; ତାହାର ହୃଦୟ ଆପଣା ପାଇଁ ଅଧର୍ମ ସଞ୍ଚୟ କରେ; ସେ ବାହାରେ ଯାଇ ତାହା କହି ବୁଲେ।
و جمیع خصمانم با یکدیگر بر من نمامی می‌کنند و درباره من بدی می‌اندیشند، ۷ 7
ମୋହର ଘୃଣାକାରୀ ସମସ୍ତେ ଏକତ୍ର ମୋʼ ବିରୁଦ୍ଧରେ ଫୁସ୍‍ ଫୁସ୍‍ କରନ୍ତି; ସେମାନେ ମୋʼ ବିପକ୍ଷରେ ଅନିଷ୍ଟ କଳ୍ପନା କରନ୍ତି।
که «حادثه‌ای مهلک بر او ریخته شده است. و حال که خوابیده است دیگر نخواهدبرخاست.» ۸ 8
ସେମାନେ କହନ୍ତି, କୌଣସି ମନ୍ଦ ବ୍ୟାଧି ତାହାଠାରେ ଲାଗି ରହିଅଛି; ଏବେ ସେ ପଡ଼ିଅଛି, ଆଉ ଉଠିବ ନାହିଁ।
و آن دوست خالص من که بر اواعتماد می‌داشتم که نان مرا نیز می‌خورد، پاشنه خود را بر من بلند کرد. ۹ 9
ହଁ, ମୋହର ନିଜ ସୁହୃଦ, ଯାହାକୁ ମୁଁ ବିଶ୍ୱାସ କଲି, ଯେ ମୋହର ରୁଟି ଖାଇଲା, ସେ ଆମ୍ଭ ବିରୁଦ୍ଧରେ ଆପଣା ଗୋଇଠି ଉଠାଇଅଛି।
و اما تو‌ای خداوند بر من رحم فرموده، مرابرپا بدار تا مجازات بدیشان رسانم. ۱۰ 10
ମାତ୍ର ହେ ସଦାପ୍ରଭୋ, ତୁମ୍ଭେ ମୋʼ ପ୍ରତି ଦୟା କରି ମୋତେ ଉଠାଅ, ତହିଁରେ ମୁଁ ସେମାନଙ୍କୁ ପ୍ରତିଫଳ ଦେବି।
از این می‌دانم که در من رغبت داری زیرا که دشمنم برمن فخر نمی نماید. ۱۱ 11
ମୋହର ଶତ୍ରୁ ମୋʼ ଉପରେ ଜୟଧ୍ୱନି କରୁ ନାହିଁ, ଏଥିସକାଶୁ ମୁଁ ଜାଣେ ଯେ, ତୁମ୍ଭେ ମୋʼ ଠାରେ ସନ୍ତୁଷ୍ଟ ଅଛ।
و مرا به‌سبب کمالم مستحکم نموده‌ای و مرا به حضور خویش دائم قائم خواهی نمود. ۱۲ 12
ତୁମ୍ଭେ ମୋʼ ସରଳତାରେ ମୋତେ ଧରି ରଖୁଅଛ।
یهوه خدای اسرائیل متبارک باد. از ازل تا به ابد. آمین و آمین. ۱۳ 13
ସଦାପ୍ରଭୁ ଇସ୍ରାଏଲର ପରମେଶ୍ୱର ଅନାଦିକାଳରୁ ଅନନ୍ତକାଳ ଧନ୍ୟ ହେଉନ୍ତୁ। ଆମେନ୍‍, ଆମେନ୍‍।

< مزامیر 41 >