< امثال 9 >
حکمت، خانه خود را بنا کرده، و هفت ستونهای خویش را تراشیده است. | ۱ 1 |
ज्ञान ने एक घर का निर्माण किया है; उसने काटकर अपने लिए सात स्तंभ भी गढ़े हैं.
ذبایح خود را ذبح نموده و شراب خود را ممزوج ساخته و سفره خود را نیز آراسته است. | ۲ 2 |
उसने उत्कृष्ट भोजन तैयार किए हैं तथा उत्तम द्राक्षारस भी परोसा है; उसने अतिथियों के लिए सभी भोज तैयार कर रखा है.
کنیزان خود را فرستاده، ندا کرده است، بر پشتهای بلندشهر. | ۳ 3 |
आमंत्रण के लिए उसने अपनी सहेलियां भेज दी हैं कि वे नगर के सर्वोच्च स्थलों से आमंत्रण की घोषणा करें,
هرکه جاهل باشد به اینجا بیاید، و هرکه ناقص العقل است او را میگوید. | ۴ 4 |
“जो कोई सरल-साधारण है, यहां आ जाए!” जिस किसी में सरल ज्ञान का अभाव है, उसे वह कहता है,
بیایید از غذای من بخورید، و از شرابی که ممزوج ساختهام بنوشید. | ۵ 5 |
“आ जाओ, मेरे भोज में सम्मिलित हो जाओ. उस द्राक्षारस का भी सेवन करो, जो मैंने परोसा है.
جهالت را ترک کرده، زنده بمانید، و به طریق فهم سلوک نمایید. | ۶ 6 |
अपना भोला चालचलन छोड़कर; समझ का मार्ग अपना लो और जीवन में प्रवेश करो.”
هرکه استهزاکننده راتادیب نماید، برای خویشتن رسوایی را تحصیل کند، و هرکه شریر را تنبیه نماید برای او عیب میباشد. | ۷ 7 |
यदि कोई ठट्ठा करनेवाले की भूल सुधारता है, उसे अपशब्द ही सुनने पड़ते हैं; यदि कोई किसी दुष्ट को डांटता है, अपने ही ऊपर अपशब्द ले आता है.
استهزاکننده را تنبیه منما مبادا از تونفرت کند، اما مرد حکیم را تنبیه نما که تو رادوست خواهد داشت. | ۸ 8 |
तब ठट्ठा करनेवाले को मत डांटो, अन्यथा तुम उसकी घृणा के पात्र हो जाओगे; तुम ज्ञानवान को डांटो, तुम उसके प्रेम पात्र ही बनोगे.
مرد حکیم را پند ده که زیاده حکیم خواهد شد. مرد عادل را تعلیم ده که علمش خواهد افزود. | ۹ 9 |
शिक्षा ज्ञानवान को दो. इससे वह और भी अधिक ज्ञानवान हो जाएगा; शिक्षा किसी सज्जन को दो, इससे वह अपने ज्ञान में बढ़ते जाएगा.
ابتدای حکمت ترس خداوند است، و معرفت قدوس فطانت میباشد. | ۱۰ 10 |
याहवेह के प्रति श्रद्धा-भय से ज्ञान का तथा महा पवित्र के सैद्धान्तिक ज्ञान से समझ का उद्भव होता है.
زیرا که به واسطه من روزهای تو کثیر خواهدشد، و سالهای عمر از برایت زیاده خواهدگردید. | ۱۱ 11 |
तुम मेरे द्वारा ही आयुष्मान होगे तथा तुम्हारी आयु के वर्ष बढ़ाए जाएंगे.
اگر حکیم هستی، برای خویشتن حکیم هستی. و اگر استهزا نمایی به تنهایی متحمل آن خواهی بود. | ۱۲ 12 |
यदि तुम बुद्धिमान हो, तो तुम्हारा ज्ञान तुमको प्रतिफल देगा; यदि तुम ज्ञान के ठट्ठा करनेवाले हो तो इसके परिणाम मात्र तुम भोगोगे.
زن احمق یاوهگو است، جاهل است و هیچ نمی داند، | ۱۳ 13 |
श्रीमती मूर्खता उच्च स्वर में बक-बक करती है; वह भोली है, अज्ञानी है.
و نزد در خانه خود مینشیند، درمکانهای بلند شهر بر کرسی، | ۱۴ 14 |
उसके घर के द्वार पर ही अपना आसन लगाया है, जब वह नगर में होती है तब वह अपने लिए सर्वोच्च आसन चुन लेती है,
تا راه روندگان رابخواند، و آنانی را که به راههای خود براستی میروند. | ۱۵ 15 |
वह उनको आह्वान करती है, जो वहां से निकलते हैं, जो अपने मार्ग की ओर अग्रगामी हैं,
هرکه جاهل باشد به اینجا برگردد، وبه ناقص العقل میگوید: | ۱۶ 16 |
“जो कोई सीधा-सादा है, वह यहां आ जाए!” और निबुद्धियों से वह कहती है,
«آبهای دزدیده شده شیرین است، و نان خفیه لذیذ میباشد.» | ۱۷ 17 |
“मीठा लगता है चोरी किया हुआ जल; स्वादिष्ट लगता है वह भोजन, जो छिपा-छिपा कर खाया जाता है!”
و اونمی داند که مردگان در آنجا هستند، ودعوتشدگانش در عمقهای هاویه میباشند. (Sheol ) | ۱۸ 18 |
भला उसे क्या मालूम कि वह मृतकों का स्थान है, कि उसके अतिथि अधोलोक में पहुंचे हैं. (Sheol )