< لاویان 25 >

و خداوند موسی را در کوه سینا خطاب کرده، گفت: ۱ 1
और ख़ुदावन्द ने कोह-ए-सीना पर मूसा से कहा कि;
«بنی‌اسرائیل را خطاب کرده، به ایشان بگو: چون شما به زمینی که من به شما می‌دهم، داخل شوید، آنگاه زمین، سبت خداوند را نگاه بدارد. ۲ 2
“बनी — इस्राईल से कहा कि, जब तुम उस मुल्क में जो मैं तुम को देता हूँ दाख़िल हो जाओ, तो उसकी ज़मीन भी ख़ुदावन्द के लिए सबत को माने।
شش سال مزرعه خود رابکار، و شش سال تاکستان خود را پازش بکن، ومحصولش را جمع کن. ۳ 3
तू अपने खेत को छ: बरस बोना, और अपने अंगूरिस्तान को छ: बरस छाँटना और उसका फल जमा' करना।
و در سال هفتم سبت آرامی برای زمین باشد، یعنی سبت برای خداوند. مزرعه خود را مکار و تاکستان خود راپازش منما. ۴ 4
लेकिन सातवें साल ज़मीन के लिए ख़ास आराम का सबत हो। यह सबत ख़ुदावन्द के लिए हो। इसमें तू न अपने खेत को बोना और न अपने अंगूरिस्तान को छाँटना।
آنچه از مزرعه تو خودرو باشد، درو مکن، و انگورهای مو پازش ناکرده خود رامچین، سال آرامی برای زمین باشد. ۵ 5
और न अपनी खु़दरो फ़सल को काटना और न अपनी बे — छटी ताकों के अंगूरों को तोड़ना; यह ज़मीन के लिए ख़ास आराम का साल हो।
و سبت زمین، خوراک بجهت شما خواهد بود، برای تو وغلامت و کنیزت و مزدورت و غریبی که نزد توماوا گزیند. ۶ 6
और ज़मीन का यह सबत तेरे, और तेरे ग़ुलामों और तेरी लौंडी और मज़दूरों और उन परदेसियों के लिए जो तेरे साथ रहते हैं, तुम्हारी ख़ुराक का ज़रिया' होगा;
و برای بهایمت و برای جانورانی که در زمین تو باشند، همه محصولش خوراک خواهد بود. ۷ 7
और उसकी सारी पैदावार तेरे चौपायों और तेरे मुल्क के और जानवरों के लिए ख़ूराक़ ठहरेगी।
«و برای خود هفت سبت سالها بشمار، یعنی هفت در هفت سال و مدت هفت سبت سالها برای تو چهل و نه سال خواهد بود. ۸ 8
“और तू बरसों के सात सबतों को, या’नी सात गुना सात साल गिन लेना, और तेरे हिसाब से बरसों के सात सबतों की मुद्दत कुल उन्चास साल होंगे।
و در روز دهم ازماه هفتم در روز کفاره، کرنای بلندآواز را بگردان؛ در تمامی زمین خود کرنا را بگردان. ۹ 9
तब तू सातवें महीने की दसवीं तारीख़ की बड़ा नरसिंगा ज़ोर से फुँकवाना, तुम कफ़्फ़ारे के रोज़ अपने सारे मुल्क में यह नरसिंगा फुँकवाना।
سال پنجاهم را تقدیس نمایید، و در زمین برای جمیع ساکنانش آزادی را اعلان کنید. این برای شمایوبیل خواهد بود، و هر کس از شما به ملک خودبرگردد، و هر کس از شما به قبیله خود برگردد. ۱۰ 10
और तुम पचासवें बरस को पाक जानना और तमाम मुल्क में सब बाशिन्दों के लिए आज़ादी का 'ऐलान कराना, यह तुम्हारे लिए यूबली हो। इसमें तुम में से हर एक अपनी मिल्कियत का मालिक हो, और हर शख़्स अपने ख़ान्दान में फिर शामिल हो जाए।
این سال پنجاهم برای شما یوبیل خواهد بود. زراعت مکنید و حاصل خودروی آن را مچینید، و انگورهای مو پازش ناکرده آن را مچینید. ۱۱ 11
वह पचासवाँ बरस तुम्हारे लिए यूबली हो, तुम उसमें कुछ न बोना और न उसे जो अपने आप पैदा हो जाए काटना और न बे — छटी ताकों का अंगूर जमा' करना।
چونکه یوبیل است، برای شما مقدس خواهدبود؛ محصول آن را در مزرعه بخورید. ۱۲ 12
क्यूँकि वह साल — ए — यूबली होगा; इसलिए वह तुम्हारे लिए पाक ठहरे, तुम उसकी पैदावार की खेत से लेकर खाना।
در این سال یوبیل هر کس از شما به ملک خود برگردد. ۱۳ 13
“उस साल — ए — यूबली में तुम में से हर एक अपनी मिल्कियत का फिर मालिक हो जाए।
و اگر چیزی به همسایه خود بفروشی یا چیزی از دست همسایه ات بخری یکدیگر را مغبون مسازید. ۱۴ 14
और अगर तू अपने पड़ोसी के हाथ कुछ बेचे या अपने पड़ोसी से कुछ ख़रीदे, तो तुम एक दूसरे पर अन्धेर न करना।
برحسب شماره سالهای بعد ازیوبیل، از همسایه خود بخر و برحسب سالهای محصولش به تو بفروشد. ۱۵ 15
यूबली के बाद जितने बरस गुज़रें हो उनके शुमार के मुताबिक़ तू अपने पड़ोसी से उसे ख़रीदना, और वह उसे फ़सल के बरसों के शुमार के मुताबिक़ तेरे हाथ बेचे।
برحسب زیادتی سالها قیمت آن را زیاده کن، و برحسب کمی سالها قیمتش را کم نما، زیرا که شماره حاصلها رابه تو خواهد فروخت. ۱۶ 16
जितने ज़्यादा बरस हों उतना ही दाम ज़्यादा करना और जितने कम बरस हों उतनी ही उस की क़ीमत घटाना; क्यूँकि बरसों के शुमार के मुताबिक़ वह उनकी फ़स्ल तेरे हाथ बेचता है।
و یکدیگر را مغبون مسازید، و از خدای خود بترس. من یهوه خدای شما هستم. ۱۷ 17
और तुम एक दूसरे पर अन्धेर न करना, बल्कि अपने ख़ुदा से डरते रहना; क्यूँकि मैं ख़ुदावन्द तुम्हारा ख़ुदा हूँ।
پس فرایض مرا بجا آورید واحکام مرا نگاه داشته، آنها را به عمل آورید، تا درزمین به امنیت ساکن شوید. ۱۸ 18
इसलिए तुम मेरी शरी'अत पर 'अमल करना और मेरे हुक्मों को मानना और उन पर चलना, तो तुम उस मुल्क में अम्न के साथ बसे रहोगे।
و زمین بار خود راخواهد داد و به سیری خواهید خورد، و به امنیت در آن ساکن خواهید بود. ۱۹ 19
और ज़मीन फलेगी और तुम पेट भर कर खाओगे, और वहाँ अम्न के साथ रहा करोगे।
و اگر گویید در سال هفتم چه بخوریم، زیرا اینک نمی کاریم و حاصل خود را جمع نمی کنیم، ۲۰ 20
और अगर तुम को ख़याल हो कि हम सातवें बरस क्या खाएँगे? क्यूँकि देखो, हम को न तो बोना है और न अपनी पैदावार की जमा' करना है।
پس در سال ششم برکت خود را بر شما خواهم فرمود، و محصول سه سال خواهد داد. ۲۱ 21
तो मैं छटे ही बरस ऐसी बरकत तुम पर नाज़िल करूँगा कि तीनों साल के लिए काफ़ी ग़ल्ला पैदा हो जाएगा।
و در سال هشتم بکارید واز محصول کهنه تا سال نهم بخورید. تا حاصل آن برسد، کهنه را بخورید. ۲۲ 22
और आठवें बरस फिर जीतना बोना और पिछला ग़ल्ला खाते रहना, बल्कि जब तक नौवें साल के बोए हुए की फ़सल न काट लो उस वक़्त तक वही पिछला ग़ल्ला खाते रहोगे।
و زمین به فروش ابدی نرود زیرا زمین از آن من است، و شما نزد من غریب و مهمان هستید. ۲۳ 23
“और ज़मीन हमेशा के लिए बेची न जाए क्यूँकि ज़मीन मेरी है, और तुम मेरे मुसाफ़िर और मेहमान हो।
و در تمامی زمین ملک خود برای زمین فکاک بدهید. ۲۴ 24
बल्कि तुम अपनी मिल्कियत के मुल्क में हर जगह ज़मीन को छुड़ा लेने देना।
اگر برادر تو فقیرشده، بعضی از ملک خود را بفروشد، آنگاه ولی او که خویش نزدیک او باشد بیاید، و آنچه را که برادرت می‌فروشد، انفکاک نماید. ۲۵ 25
“और अगर तुम्हारा भाई ग़रीब हो जाए और अपनी मिल्कियत का कुछ हिस्सा बेच डाले, तो जो उस का सबसे क़रीबी रिश्तेदार है वह आकर उस को जिसे उसके भाई ने बेच डाला है छुड़ा ले।
و اگر کسی ولی ندارد و برخوردار شده، قدر فکاک آن را پیدانماید. ۲۶ 26
और अगर उस आदमी का कोई न हो जो उसे छुड़ाए, और वह ख़ुद मालदार हो जाए और उसके छुड़ाने के लिए उसके पास काफ़ी हो।
آنگاه سالهای فروش آن را بشمارد وآنچه را که زیاده است به آنکس که فروخته بود، رد نماید، و او به ملک خود برگردد. ۲۷ 27
तो वह फ़रोख़्त के बाद के बरसों को गिन कर बाक़ी दाम उसकी जिसके हाथ ज़मीन बेची है फेर दे; तब वह फिर अपनी मिल्कियत का मालिक हो जाए।
و اگرنتواند برای خود پس بگیرد، آنگاه آنچه فروخته است به‌دست خریدار آن تا سال یوبیل بماند، ودر یوبیل رها خواهد شد، و او به ملک خودخواهد برگشت. ۲۸ 28
लेकिन अगर उसमें इतना मक़दूर न हो कि अपनी ज़मीन वापस करा ले, तो जो कुछ सन बेच डाला है वह साल — ए — यूबली तक ख़रीदार के हाथ में रहे; और साल — ए — यूबली में छुट जाए, तब यह आदमी अपनी मिल्कियत का फिर मालिक हो जाए।
«و اگر کسی خانه سکونتی در شهرحصاردار بفروشد، تا یک سال تمام بعد ازفروختن آن حق انفکاک آن را خواهد داشت، مدت انفکاک آن یک سال خواهد بود. ۲۹ 29
और अगर कोई शख़्स रहने के ऐसे मकान को बेचे जो किसी फ़सीलदार शहर में हो, तो वह उसके बिक जाने के बाद साल भर के अन्दर — अन्दर उसे छुड़ा सकेगा; या'नी पूरे एक साल तक वह उसे छुड़ाने का हक़दार रहेगा।
و اگر در مدت یک سال تمام آن را انفکاک ننماید، پس آن خانه‌ای که در شهر حصاردار است، برای خریدارآن نسلا بعد نسل برقرار باشد، در یوبیل رهانشود. ۳۰ 30
और अगर वह पूरे एक साल की मी'आद के अन्दर छुड़ाया न जाए, तो उस फ़सीलदार शहर के मकान पर ख़रीदार का नसल — दर — नसल हमेशा का क़ब्ज़ा हो जाए और वह साल — ए — यूबली में भी न छूटे।
لیکن خانه های دهات که حصار گردخود ندارد، با مزرعه های آن زمین شمرده شود. برای آنها حق انفکاک هست و در یوبیل رهاخواهد شد. ۳۱ 31
लेकिन जिन देहात के गिर्द कोई फ़सील नहीं उनके मकानों का हिसाब मुल्क के खेतों की तरह होगा, वह छुड़ाए भी जा सकेंगे और साल — ए — यूबली में वह छूट भी जाएँगे।
و اما شهرهای لاویان، خانه های شهرهای ملک ایشان، حق انفکاک آنها همیشه برای لاویان است. ۳۲ 32
तो भी लावियों के जो शहर हैं, लावी अपनी मिल्कियत के शहरों के मकानों को चाहे किसी वक़्त छुड़ा लें।
و اگر کسی از لاویان بخرد، پس آنچه فروخته شده است از خانه یا از شهرملک او در یوبیل رها خواهد شد، زیرا خانه های شهرهای لاویان در میان بنی‌اسرائیل، ملک ایشان است. ۳۳ 33
और अगर कोई दूसरा लावी उनको छुड़ा ले, तो वह मकान जो बेचा गया और उसकी मिल्कियत का शहर दोनों साल ए — यूबली में छूट जाएँ; क्यूँकि जो मकान लावियों के शहरों में हैं वही बनी — इस्राईल के बीच लावियों की मिल्कियत हैं।
و مزرعه های حوالی شهرهای ایشان فروخته نشود، زیرا که این برای ایشان ملک ابدی است. ۳۴ 34
लेकिन उनके शहरों की 'इलाक़े के खेत नहीं बिक सकते, क्यूँकि वह उनकी हमेशा की मिल्कियत हैं।
«و اگر برادرت فقیر شده، نزد تو تهی‌دست باشد، او را مثل غریب و مهمان دستگیری نما تا باتو زندگی نماید. ۳۵ 35
और अगर तेरा कोई भाई ग़रीब हो जाए और वह तेरे सामने तंगदस्त हो, तो तू उसे संभालना। वह परदेसी और मुसाफ़िर की तरह तेरे साथ रहे।
از او ربا و سود مگیر و ازخدای خود بترس، تا برادرت با تو زندگی نماید. ۳۶ 36
तू उससे सूद या नफ़ा' मत लेना बल्कि अपने ख़ुदा का ख़ौफ़ रखना, ताकि तेरा भाई तेरे साथ ज़िन्दगी बसर कर सके।
نقد خود را به او به ربا مده و خوراک خود را به او به سود مده. ۳۷ 37
तू अपना रुपया उसे सूद पर मत देना और अपना खाना भी उसे नफ़े' के ख़याल से न देना।
من یهوه خدای شما هستم که شما را از زمین مصر بیرون آوردم تا زمین کنعان رابه شما دهم و خدای شما باشم. ۳۸ 38
मैं ख़ुदावन्द तुम्हारा ख़ुदा हूँ, जो तुम को इसी लिए मुल्क — ए — मिस्र से निकाल कर लाया कि मुल्क — ए — कना'न तुम को दूँ और तुम्हारा ख़ुदा ठहरूँ।
و اگر برادرت نزد تو فقیر شده، خود را به تو بفروشد، بر او مثل غلام خدمت مگذار. ۳۹ 39
'और अगर तेरा कोई भाई तेरे सामने ऐसा ग़रीब हो जाए कि अपने को तेरे हाथ बेच डाले, तो तू उससे गु़लाम की तरह ख़िदमत न लेना।
مثل مزدور و مهمان نزدتو باشد و تا سال یوبیل نزد تو خدمت نماید. ۴۰ 40
बल्कि वह मज़दूर और मुसाफ़िर की तरह तेरे साथ रहे और साल — ए — यूबली तक तेरी ख़िदमत करे।
آنگاه از نزد تو بیرون رود، خود او و پسرانش همراه وی، و به خاندان خود برگردد و به ملک پدران خود رجعت نماید. ۴۱ 41
उसके बाद वह बाल — बच्चों के साथ तेरे पास से चला जाए, और अपने घराने के पास और अपने बाप दादा की मिल्कियत की जगह को लौट जाए।
زیرا که ایشان بندگان منند که ایشان را از زمین مصر بیرون آوردم؛ مثل غلامان فروخته نشوند. ۴۲ 42
इसलिए कि वह मेरे ख़ादिम हैं जिनको मैं मुल्क — ए — मिस्र से निकाल कर लाया हूँ, वह ग़ुलामों की तरह बेचे न जाएँ।
بر او به سختی حکم رانی منما و از خدای خود بترس. ۴۳ 43
तू उन पर सख़्ती से हुक्मरानी न करना, बल्कि अपने ख़ुदा से डरते रहना।
و اما غلامانت و کنیزانت که برای توخواهندبود، از امتهایی که به اطراف تو می‌باشنداز ایشان غلامان و کنیزان بخرید. ۴۴ 44
और तेरे जो ग़ुलाम और तेरी जो लौंडियाँ हों, वह उन क़ौमों में से हों जो तुम्हारे चारों तरफ़ रहती हैं; उन ही में से तुम गु़लाम और लौंडियाँ ख़रीदा करना।
و هم ازپسران مهمانانی که نزد شما ماوا گزینند، و ازقبیله های ایشان که نزد شما باشند، که ایشان را درزمین شما تولید نمودند، بخرید و مملوک شماخواهندبود. ۴۵ 45
इनके सिवा उन परदेसियों के लड़के बालों में से भी जो तुम में क़याम करते हैं और उनके घरानों में से जो तुम्हारे मुल्क में पैदा हुए और तुम्हारे साथ हैं तुम ख़रीदा करना और वह तुम्हारी ही मिल्कियत होंगे।
و ایشان را بعد از خود برای پسران خود واگذارید، تا ملک موروثی باشند وایشان را تا به ابد مملوک سازید. و اما برادران شمااز بنی‌اسرائیل هیچکس بر برادر خود به سختی حکمرانی نکند. ۴۶ 46
और तुम उनको मीरास के तौर पर अपनी औलाद के नाम कर देना कि वह उनकी मौरूसी मिल्कियत हों। इनमें से तुम हमेशा अपने लिए ग़ुलाम लिया करना; लेकिन बनी — इस्राईल जो तुम्हारे भाई हैं, उनमें से किसी पर तुम सख़्ती से हुक्मरानी न करना।
«و اگر غریب یا مهمانی نزد شما برخوردارگردد، و برادرت نزد او فقیر شده، به آن غریب یامهمان تو یا به نسل خاندان آن غریب، خود رابفروشد، ۴۷ 47
“और अगर कोई परदेसी या मुसाफ़िर जो तेरे साथ हो, दौलतमन्द हो जाए और तेरा भाई उसके सामने ग़रीब हो कर अपने आप को उस परदेसी या मुसाफ़िर या परदेसी के ख़ान्दान के किसी आदमी के हाथ बेच डाले,
بعد از فروخته شدنش برای وی حق انفکاک می‌باشد. یکی از برادرانش او را انفکاک نماید. ۴۸ 48
तो बिक जाने के बाद वह छुड़ाया जा सकता है, उसके भाइयों में से कोई उसे छुड़ा सकता है,
یا عمویش یا پسر عمویش او را انفکاک نماید، یا یکی از خویشان او از خاندانش او راانفکاک نماید، یا خود او اگر برخوردار گردد، خویشتن را انفکاک نماید. ۴۹ 49
या उसका चचा या ताऊ, या उसके चचा या ताऊ का बेटा, या उसके ख़ान्दान का कोई और आदमी जो उसका क़रीबी रिश्तेदार हो वह उस को छुड़ा सकता है; या अगर वह मालदार हो जाए, तो वह अपना फ़िदिया दे कर छूट सकता है।
و با آن کسی‌که او راخرید از سالی که خود را فروخت تا سال یوبیل حساب کند، و نقد فروش او برحسب شماره سالها باشد، موافق روزهای مزدور نزد او باشد. ۵۰ 50
वह अपने ख़रीदार के साथ अपने को फ़रोख़्त कर देने के साल से लेकर साल — ए — यूबली तक हिसाब करे और उसके बिकने की क़ीमत बरसों की ता'दाद के मुताबिक़ हो; या'नी उसका हिसाब मज़दूर के दिनों की तरह उसके साथ होगा।
اگر سالهای بسیار باقی باشد، برحسب آنها نقدانفکاک خود را از نقد فروش خود، پس بدهد. ۵۱ 51
अगर यूबली के अभी बहुत से बरस बाक़ी हों, तो जितने रुपयों में वह ख़रीदा गया था उनमें से अपने छूटने की क़ीमत उतने ही बरसों के हिसाब के मुताबिक़ फेर दे।
و اگر تا سال یوبیل، سالهای کم باقی باشد باوی حساب بکند، و برحسب سالهایش نقدانفکاک خود را رد نماید. ۵۲ 52
और अगर साल — ए — यूबली के थोड़े से बरस रह गए हों, तो वह उसके साथ हिसाब करे और अपने छूटने की क़ीमत उतने ही बरसों के मुताबिक़ उसे फेर दे;
مثل مزدوری که سال به سال اجیر باشد نزد او بماند، و در نظر تو به سختی بر وی حکمرانی نکند. ۵۳ 53
और वह उस मज़दूर की तरह अपने आक़ा के साथ रहे जिसकी मज़दूरी साल — ब — साल ठहराई जाती हो, और उसका आक़ा उस पर तुम्हारे सामने सख़्ती से हुकूमत न करने पाए।
و اگر به اینهاانفکاک نشود پس در سال یوبیل رهاشود، هم خود او و پسرانش همراه وی. ۵۴ 54
और अगर वह इन तरीक़ों से छुड़ाया न जाए तो साल — ए — यूबली में बाल बच्चों के साथ छूट जाए।
زیرا برای من بنی‌اسرائیل غلام‌اند، ایشان غلام من می‌باشند که ایشان را از زمین مصر بیرون آوردم. من یهوه خدای شما هستم. ۵۵ 55
क्यूँकि बनी — इस्राईल मेरे लिए ख़ादिम हैं, वह मेरे ख़ादिम हैं जिनको मैं मुल्क — ए — मिस्र से निकाल कर लाया हूँ; मैं ख़ुदावन्द तुम्हारा ख़ुदा हूँ।

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