< کارهای رسولان 7 >

آنگاه رئیس کهنه گفت: «آیا این امور چنین است؟» ۱ 1
तब महायाजक न कह्यो, “का या बाते सच हंय?”
او گفت: «ای برادران و پدران، گوش دهید. خدای ذوالجلال بر پدر ما ابراهیم ظاهر شد وقتی که در جزیره بود قبل از توقفش در حران. ۲ 2
स्तिफनुस न कह्यो, “हे भाऊ, अऊर पितरो सुनो। हमरो बाप अब्राहम हारान म बसनो सी पहिलो जब मेसोपोटामिया म होतो; त महिमामय परमेश्वर न ओख दर्शन दियो,
و بدوگفت: “از وطن خود و خویشانت بیرون شده، به زمینی که تو را نشان دهم برو.” ۳ 3
अऊर ओको सी कह्यो, ‘तय अपनो देश अऊर अपनो कुटुम्ब सी निकल क ऊ देश म जा, जेक मय तोख दिखाऊं।’”
پس از دیارکلدانیان روانه شده، در حران درنگ نمود؛ و بعداز وفات پدرش، او را کوچ داد به سوی این زمین که شما الان در آن ساکن می‌باشید. ۴ 4
तब ऊ कसदियों को देश सी निकल क हारान म जाय बस्यो। ओको बाप को मरन को बाद परमेश्वर न ओख उत सी यो देश म लाय क बसायो जेको म अब तुम बस्यो हय,
و او را در این زمین میراثی، حتی بقدر جای پای خود نداد، لیکن وعده داد که آن را به وی و بعد از او به ذریتش به ملکیت دهد، هنگامی که هنوز اولادی نداشت. ۵ 5
अऊर ओख कुछ मीरास बल्की पाय रखन भर की भी ओको म जागा नहीं दी, पर प्रतिज्ञा खायी कि मय यो देश तोरो अऊर तोरो बाद तोरो वंश को हाथ कर देऊ; यानेकि ऊ समय ओको कोयी बेटा भी नहीं होतो।
و خدا گفت که “ذریت تو در ملک بیگانه، غریب خواهند بود و مدت چهار صد سال ایشان را به بندگی کشیده، معذب خواهندداشت.” ۶ 6
अऊर परमेश्वर न यो कह्यो, तोरी सन्तान को लोग परायो देश म परदेशी होयेंन, अऊर हि उन्ख सेवक बनायेंन अऊर चार सौ साल तक दु: ख देयेंन।
و خدا گفت: “من بر آن طایفه‌ای که ایشان را مملوک سازند داوری خواهم نمود و بعداز آن بیرون آمده، در این مکان مرا عبادت خواهند نمود.” ۷ 7
तब परमेश्वर न कह्यो, जो जात को हि सेवक होयेंन, ओख मय न्याय करू, अऊर येको बाद हि निकल क योच जागा मोरी सेवा करेंन।
و عهد ختنه را به وی داد که بنابراین چون اسحاق را آورد، در روز هشتم او رامختون ساخت و اسحاق یعقوب را و یعقوب دوازده پطریارخ را. ۸ 8
अऊर ओन ओको सी खतना की वाचा बान्धी; अऊर योच दशा म इसहाक ओको सी पैदा भयो अऊर आठवो दिन ओको खतना करयो गयो; अऊर इसहाक सी याकूब अऊर याकूब सी बारा कुलपति पैदा भयो।
«و پطریارخان به یوسف حسد برده، او را به مصر فروختند. اما خدا با وی می‌بود ۹ 9
“कुलपतियों न यूसुफ सी जलन कर क् ओख मिस्र देश जान वालो को हाथ बेच्यो। पर परमेश्वर ओको संग होतो,
و او را ازتمامی زحمت او رستگار نموده، در حضورفرعون، پادشاه مصر توفیق و حکمت عطا فرمودتا او را بر مصر و تمام خاندان خود فرمان فرما قرارداد. ۱۰ 10
अऊर ओख ओको सब कठिनायी सी छुड़ाय क मिस्र को राजा फिरौन की नजर म अनुग्रह अऊर बुद्धि प्रदान करी, अऊर ओन ओख मिस्र पर अऊर अपनो पूरो घर पर शासक नियुक्त करयो।”
پس قحطی و ضیقی شدید بر همه ولایت مصر و کنعان رخ نمود، بحدی که اجداد ما قوتی نیافتند. ۱۱ 11
तब मिस्र अऊर कनान को पूरो देश म अकाल पड़्यो; जेकोसी भारी कठिन परिस्थिति भयी, अऊर हमरो बापदादों ख अनाज नहीं मिलत होतो।
اما چون یعقوب شنید که در مصر غله یافت می‌شود، بار اول اجداد ما را فرستاد. ۱۲ 12
पर याकूब न यो सुन क कि मिस्र म अनाज हय, हमरो बापदादों ख पहिली बार भेज्यो।
ودر کرت دوم یوسف خود را به برادران خودشناسانید و قبیله یوسف به نظر فرعون رسیدند. ۱۳ 13
दूसरी बार यूसुफ न अपनो खुद ख अपनो भाऊ पर प्रगट करयो अऊर यूसुफ की जाती फिरौन ख मालूम भय गयी।
پس یوسف فرستاده، پدر خود یعقوب و سایرعیالش را که هفتاد و پنج نفر بودند، طلبید. ۱۴ 14
तब यूसुफ न अपनो बाप याकूब अऊर अपनो पूरो कुटुम्ब ख, जो पचत्तर आदमी होतो, बुलाय भेज्यो।
پس یعقوب به مصر فرود آمده، او و اجداد ما وفات یافتند. ۱۵ 15
तब याकूब मिस्र म गयो; अऊर उत ऊ अऊर हमरो बापदादा मर गयो।
و ایشان را به شکیم برده، در مقبره‌ای که ابراهیم از بنی حمور، پدر شکیم به مبلغی خریده بود، دفن کردند. ۱۶ 16
उन्को लाश शकेम म पहुंचायो जाय क ऊ कब्र म रख्यो गयो, जेक अब्राहम न चांदी दे क शकेम म हमोर की सन्तान सी मोल लियो होतो।
«و چون هنگام وعده‌ای که خدا با ابراهیم قسم خورده بود نزدیک شد، قوم در مصر نموکرده، کثیر می‌گشتند. ۱۷ 17
“पर जब वा प्रतिज्ञा को पूरो होन को समय जवर आयो जो परमेश्वर न अब्राहम सी करी होती, त मिस्र म हि लोग बढ़ गयो अऊर बहुत भय गयो।”
تا وقتی که پادشاه دیگرکه یوسف را نمی شناخت برخاست. ۱۸ 18
तब मिस्र म दूसरों राजा भयो जो यूसुफ ख नहीं जानत होतो।
او با قوم ما حیله نموده، اجداد ما را ذلیل ساخت تا اولادخود را بیرون انداختند تا زیست نکنند. ۱۹ 19
ओन हमरी जाती सी चालाकी कर क् हमरो बापदादों को संग यो तक बुरो व्यवहार करयो, कि उन्ख अपनो बच्चां ख फेक देनो पड़्यो कि हि जीन्दो नहीं रहे।
در آن وقت موسی تولد یافت وبغایت جمیل بوده، مدت سه ماه در خانه پدر خود پرورش یافت. ۲۰ 20
ऊ समय मूसा पैदा भयो। ऊ परमेश्वर की नजर म बहुतच सुन्दर होतो। ऊ तीन महीना तक अपनो बाप को घर म पाल्यो गयो।
و چون او را بیرون افکندند، دختر فرعون او رابرداشته، برای خود به فرزندی تربیت نمود. ۲۱ 21
जब फेक दियो गयो त फिरौन की बेटी न ओख उठाय लियो, अऊर अपनो बेटा जसो पाल्यो।
وموسی در تمامی حکمت اهل مصر تربیت یافته، در قول و فعل قوی گشت. ۲۲ 22
मूसा ख मिस्रियों की पूरी विद्या पढ़ायो गयो, अऊर ऊ वचन अऊर कर्म दोयी म सामर्थी होतो।
چون چهل سال ازعمر وی سپری گشت، به‌خاطرش رسید که ازبرادران خود، خاندان اسرائیل تفقد نماید. ۲۳ 23
“जब ऊ चालीस साल को भयो, त ओको मन म आयो कि मय अपनो इस्राएली भाऊ सी मुलाखात करू।”
وچون یکی را مظلوم دید او را حمایت نمود وانتقام آن عاجز را کشیده، آن مصری را بکشت. ۲۴ 24
ओन एक आदमी पर अन्याय होतो देख क ओख बचायो, अऊर मिस्री ख मार क सतायो हुयो को बदला लियो।
پس گمان برد که بردرانش خواهند فهمید که خدا به‌دست او ایشان را نجات خواهد داد. امانفهمیدند. ۲۵ 25
ओन सोच्यो कि ओको भाऊ समझेंन कि परमेश्वर ओको हाथों सी उन्को उद्धार करेंन, पर उन्न नहीं समझ्यो।
و در فردای آن روز خود را به دو نفراز ایشان که منازعه می‌نمودند، ظاهر کرد وخواست مابین ایشان مصالحه دهد. پس گفت: “ای مردان، شما برادر می‌باشید. به یکدیگر چرا ظلم می‌کنید؟” ۲۶ 26
दूसरों दिन जब हि आपस म लड़ रह्यो होतो, त ऊ उत आयो; अऊर यो कह्य क उन्ख मेल करन लायी समझायो, हे पुरुषों, तुम त भाऊ-भाऊ आय, एक दूसरों पर कहाली अन्याय करय हय?
آنگاه آنکه بر همسایه خودتعدی می‌نمود، او را رد کرده، گفت: “که تو را بر ماحاکم و داور ساخت؟ ۲۷ 27
पर जो अपनो शेजारी पर अन्याय कर रह्यो होतो, ओन ओख यो कह्य क हटाय दियो, तोख कौन न हम पर शासक अऊर सच्चो ठहरायो हय?
آیا می‌خواهی مرابکشی چنانکه آن مصری را دیروز کشتی؟” ۲۸ 28
का जो रीति सी तय न कल मिस्री ख मार डाल्यो मोख भी मार डालनो चाहवय हय?
پس موسی از این سخن فرار کرده، در زمین مدیان غربت اختیار کرد و در آنجا دو پسر آورد. ۲۹ 29
या बात सुन क मूसा भग्यो अऊर मिद्यान देश म परदेशी होय क रहन लग्यो, अऊर उत ओको दोय बेटा पैदा भयो।
و چون چهل سال گذشت، در بیابان کوه سینا، فرشته خداوند در شعله آتش از بوته به وی ظاهر شد. ۳۰ 30
“जब पूरो चालीस साल बीत गयो, त एक स्वर्गदूत न सीनै पहाड़ी को जंगल म ओख जलती हुयी झाड़ी की लपेट म दर्शन दियो।
موسی چون این را دید از آن رویا درعجب شد و چون نزدیک می‌آمد تا نظر کند، خطاب از خداوند به وی رسید ۳۱ 31
मूसा ख यो दर्शन देख क अचरज भयो, अऊर जब देखन लायी ऊ जवर गयो, त प्रभु को यो आवाज भयो,
که “منم خدای پدرانت، خدای ابراهیم و خدای اسحاق و خدای یعقوب.” آنگاه موسی به لرزه درآمده، جسارت نکرد که نظر کند. ۳۲ 32
‘मय तोरो बापदादों, अब्राहम, इसहाक, अऊर याकूब को परमेश्वर आय,’ तब त मूसा काप गयो, यहां तक कि ओख देखन को हिम्मत नहीं रह्यो।”
خداوند به وی گفت: “نعلین از پایهایت بیرون کن زیرا جایی که در آن ایستاده‌ای، زمین مقدس است. ۳۳ 33
तब प्रभु न ओको सी कह्यो, अपनो पाय सी चप्पल उतार लेवो, कहालीकि जो जागा तय खड़ो हय, ऊ पवित्र जमीन आय।
همانا مشقت قوم خود را که در مصرند دیدم و ناله ایشان راشنیدم و برای رهانیدن ایشان نزول فرمودم. الحال بیا تا تو را به مصر فرستم.” ۳۴ 34
मय न सचमुच अपनो लोगों की जो मिस्र देश म हंय, दुर्दशा ख देख्यो हय; अऊर उन्की आह अऊर उन्को रोवनो सुन्यो हय; येकोलायी उन्ख छुड़ावन लायी उतरयो हय। अब आव, मय तोख मिस्र देश म भेजूं।
همان موسی را که رد کرده، گفتند: “که تو را حاکم و داورساخت؟” خدا حاکم و نجات‌دهنده مقرر فرموده، به‌دست فرشته‌ای که در بوته بر وی ظاهر شد، فرستاد. ۳۵ 35
“जो मूसा ख उन्न यो कह्य क नकारयो होतो, ‘तोख कौन न हम पर शासक अऊर सच्चो ठहरायो हय?’ ओखच परमेश्वर न शासक अऊर छुड़ावन वालो ठहराय क, ऊ स्वर्गदूत को द्वारा जेन ओख झाड़ी म दर्शन दियो होतो, भेज्यो।
او با معجزات و آیاتی که مدت چهل سال در زمین مصر و بحر قلزم و صحرا به ظهورمی آورد، ایشان را بیرون آورد. ۳۶ 36
योच आदमी मिस्र देश अऊर लाल समुन्दर अऊर जंगल म चालीस साल तक अद्भुत काम अऊर चिन्ह चमत्कार दिखाय दिखाय क उन्ख निकाल लायो।
این همان موسی است که به بنی‌اسرائیل گفت: “خدا نبی‌ای را مثل من از میان برادران شما برای شما مبعوث خواهد کرد. سخن او را بشنوید.” ۳۷ 37
यो उच मूसा आय, जेन इस्राएलियों सी कह्यो, ‘परमेश्वर तुम्हरो भाऊ म सी तुम्हरो लायी मोरो जसो एक भविष्यवक्ता उठायेंन।’
همین است آنکه در جماعت در صحرا باآن فرشته‌ای که در کوه سینا بدو سخن می‌گفت وبا پدران ما بود و کلمات زنده را یافت تا به مارساند، ۳۸ 38
यो उच आय, जेन जंगल म मण्डली को बीच ऊ स्वर्गदूत को संग सीनै पहाड़ी पर ओको सी बाते करी अऊर हमरो बापदादों को संग होतो, ओखच जीन्दो वचन मिले कि हम तक पहुंचाये।”
که پدران ما نخواستند او را مطیع شوندبلکه او را رد کرده، دلهای خود را به سوی مصرگردانیدند، ۳۹ 39
“पर हमरो बापदादों न ओकी माननो नहीं चाह्यो, बल्की ओख हटाय क अपनो मन मिस्र को तरफ फिरायो,
و به هارون گفتند: “برای ما خدایان ساز که در‌پیش ما بخرامند زیرا این موسی که ما رااز زمین مصر برآورد، نمی دانیم او را چه شده است.” ۴۰ 40
अऊर हारून सी कह्यो, ‘हमरो लायी असो भगवान बना, जो हमरो आगु-आगु चलेंन, कहालीकि यो मूसा जो हम्ख मिस्र देश सी निकाल लायो, हम नहीं जानजे ओख का भयो?’”
پس در آن ایام گوساله‌ای ساختند وبدان بت قربانی گذرانیده به اعمال دستهای خودشادی کردند. ۴۱ 41
उन दिन म उन्न एक बछड़ा बनाय क ओकी मूर्ति को आगु बलि चढ़ायी, अऊर अपनो हाथों को कामों म मगन होन लग्यो।
از این جهت خدا رو گردانیده، ایشان را واگذاشت تا جنود آسمان را پرستش نمایند، چنانکه در صحف انبیا نوشته شده است که “ای خاندان اسرائیل، آیا مدت چهل سال دربیابان برای من قربانی‌ها و هدایا گذرانیدید؟ ۴۲ 42
येकोलायी परमेश्वर न मुंह मोड़ क उन्ख छोड़ दियो, कि आसमान को तारांगन की पूजा करे, जसो भविष्यवक्तावों की किताब म लिख्यो हय: हे इस्राएल को घरानों! का तुम जंगल म चालीस साल तक पशुबलि अऊर अन्नबलि मोखच चढ़ावतो रह्यो?
وخیمه ملوک و کوکب، خدای خود رمفان رابرداشتید یعنی اصنامی را که ساختید تا آنها راعبادت کنید. پس شما را بدان طرف بابل منتقل سازم.” ۴۳ 43
तुम मोलेक को तम्बू अऊर रिफान भगवान को तारों ख धर क फिरत होतो, बल्की उन मूर्तियों ख जिन्ख तुम न आराधना करन लायी बनायो होतो। येकोलायी मय तुम्ख बेबीलोन को जवर लिजाय क बसाऊं।
و خیمه شهادت با پدران ما در صحرابود چنانکه امر فرموده، به موسی گفت: “آن رامطابق نمونه‌ای که دیده‌ای بساز.” ۴۴ 44
“साक्षी को तम्बू जंगल म हमरो बापदादों को बीच म होतो, जसो ओन ठहरायो जेन मूसा सी कह्यो, जो नमुना तय न देख्यो हय, ओको अनुसार येख बनाव।”
و آن را اجداد ما یافته، همراه یوشع درآوردند به ملک امت هایی که خدا آنها را ازپیش روی پدران ما بیرون افکند تا ایام داود. ۴۵ 45
उच तम्बू ख हमरो बापदादों पूर्वकाल सी पा क यहोशू को संग इत ले आयो; जो समय कि उन्न उन गैरयहूदियों पर अधिकार पायो, जिन्ख परमेश्वर न हमरो बापदादों को आगु सी निकाल दियो, अऊर ऊ तम्बू दाऊद को समय तक रह्यो।
که او در حضور خدا مستفیض گشت و درخواست نمود که خود مسکنی برای خدای یعقوب پیدانماید. ۴۶ 46
ओको पर परमेश्वर न अनुग्रह करयो; येकोलायी ओन बिनती करी कि ऊ याकूब को परमेश्वर लायी रहन की जागा बनाये।
اما سلیمان برای او خانه‌ای بساخت. ۴۷ 47
पर सुलैमान न ओको लायी घर बनायो।
و لیکن حضرت اعلی در خانه های مصنوع دستها ساکن نمی شود چنانکه نبی گفته است ۴۸ 48
“पर परमप्रधान हाथ को बनायो घरो म नहीं रह्य, जसो कि भविष्यवक्ता न कह्यो,”
که “خداوند می‌گوید آسمان کرسی من است وزمین پای انداز من. چه خانه‌ای برای من بنامی کنید و محل آرامیدن من کجاست؟ ۴۹ 49
प्रभु कह्य हय, स्वर्ग मोरो आसन अऊर धरती मोरो पाय को खल्लो की चौकी आय, मोरो लायी तुम कसो तरह को घर बनावो? अऊर मोरो आराम को कौन सो जागा होयेंन?
مگردست من جمیع این چیزها را نیافرید.” ۵۰ 50
का या सब चिजे मोरी हाथ की बनायी नहीं?
‌ای گردنکشان که به دل و گوش نامختونید، شما پیوسته با روح‌القدس مقاومت می‌کنید، چنانکه پدران شما همچنین شما. ۵۱ 51
“हे जिद्दी, अऊर मन अऊर कान को खतनारहित लोगों, तुम हमेशा पवित्र आत्मा को विरोध करय हय। जसो तुम्हरो बापदादों करत होतो, वसोच तुम भी करय हय।
کیست ازانبیا که پدران شما بدو جفا نکردند؟ و آنانی راکشتند که از آمدن آن عادلی که شما بالفعل تسلیم کنندگان و قاتلان او شدید، پیش اخبارنمودند. ۵۲ 52
भविष्यवक्तावों म सी कौन ख तुम्हरो बापदादों न नहीं सतायो? उन्न ऊ सच्चो को आवन को पूर्वकाल सी खबर देन वालो ख मार डाल्यो; अऊर अब तुम भी ओख पकड़न वालो अऊर मार डालन वालो भयो।
شما که به توسط فرشتگان شریعت رایافته، آن را حفظ نکردید!» ۵۳ 53
तुम न स्वर्गदूतों सी ठहरायो हुयो व्यवस्था त पायो, पर ओको पालन नहीं करयो।”
چون این را شنیدند دلریش شده، بر وی دندانهای خود را فشردند. ۵۴ 54
या बाते सुन क हि जल गयो अऊर ओको पर दात कटरन लग्यो।
اما او از روح‌القدس پر بوده، به سوی آسمان نگریست و جلال خدا رادید و عیسی را بدست راست خدا ایستاده وگفت: ۵۵ 55
पर ओन पवित्र आत्मा सी परिपूर्ण होय क स्वर्ग को तरफ देख्यो अऊर परमेश्वर की महिमा ख अऊर यीशु ख परमेश्वर को दायों तरफ खड़ो हुयो देख क कह्यो,
«اینک آسمان را گشاده، و پسر انسان رابه‌دست راست خدا ایستاده می‌بینم.» ۵۶ 56
“देखो, मय स्वर्ग ख खुल्यो हुयो, अऊर आदमी को बेटा ख परमेश्वर को दायों तरफ खड़ो हुयो देखूं हय।”
آنگاه به آواز بلند فریاد برکشیدند و گوشهای خود راگرفته، به یکدل بر او حمله کردند، ۵۷ 57
तब उन्न बड़ो आवाज सी चिल्लाय क कान बन्द कर लियो, अऊर एक संग ओको पर झपट्यो;
و از شهربیرون کشیده، سنگسارش کردند. و شاهدان، جامه های خود را نزد پایهای جوانی که سولس نام داشت گذاردند. ۵۸ 58
अऊर ओख नगर को बाहेर निकाल क ओको पर पथराव करन लग्यो। गवाहों न अपनो कपड़ा शाऊल नाम को एक जवान को पाय को जवर उतार क रख दियो।
و چون استیفان را سنگسارمی کردند، او دعا نموده، گفت: «ای عیسی خداوند، روح مرا بپذیر.» ۵۹ 59
हि स्तिफनुस पर पथराव करतो रह्यो, अऊर ऊ यो कह्य क प्रार्थना करतो रह्यो, “हे प्रभु यीशु, मोरी आत्मा ख स्वीकार कर।”
پس زانو زده، به آوازبلند ندا در‌داد که «خداوندا این گناه را بر اینهامگیر.» این را گفت و خوابید. ۶۰ 60
तब घुटना टेक क ऊचो आवाज सी पुकारयो, “हे प्रभु, यो पाप उन पर मत लगा।” अऊर यो कह्य क ऊ सोय गयो।

< کارهای رسولان 7 >