< اول پادشاهان 1 >

چند او را به لباس می‌پوشانیدند، لیکن گرم نمی شد. ۱ 1
राजा दावीद अब बहुत बूढ़े हो चुके थे. उन्हें ओढ़ाया अवश्य जाता, था मगर कपड़े उनके शरीर को गर्म नहीं रख पा रहे थे.
و خادمانش وی را گفتند: «به جهت آقای ما، پادشاه، باکره‌ای جوان بطلبند تا به حضور پادشاه بایستد و او را پرستاری نماید، و در آغوش تو بخوابد تا آقای ما، پادشاه، گرم بشود.» ۲ 2
इसलिये उनके सेवकों ने उन्हें सलाह दी, “महाराज, हमारे स्वामी के लिए एक जवान लड़की की खोज की जाए, वह महाराज की सेवा करे और उनके सामने ही रहे. वही आपकी गोद में सोया करे, कि महाराज, हमारे स्वामी की देह गर्म रह सके.”
پس در تمامی حدود اسرائیل دختری نیکو منظر طلبیدند و ابیشک شونمیه را یافته، او را نزد پادشاه آوردند. ۳ 3
तब उन्होंने पूरे इस्राएल में एक सुंदर लड़की को खोजना शुरू कर दिया. उन्हें शुनाम देश में ऐसी लड़की मिल गई, जिसका नाम था अबीशाग. वे उसे राजा के सामने ले आए.
و آن دختر بسیار نیکو منظر بود و پادشاه را پرستاری نموده، او را خدمت می‌کرد، اما پادشاه او رانشناخت. ۴ 4
यह जवान लड़की बहुत ही सुंदर थी. उसे राजा की सेविका बना दिया गया, वह उनकी सेवा करने में लग गई; मगर राजा ने उसके साथ शारीरिक संबंध नहीं बनाए.
آنگاه ادنیا پسر حجیت، خویشتن را برافراشته، گفت: «من سلطنت خواهم نمود.» و برای خود ارابه‌ها وسواران و پنجاه نفر را که پیش روی وی بدوند، مهیا ساخت. ۵ 5
उसी समय हेग्गीथ के पुत्र अदोनियाह ने अपने आपको ऊंचा उठाते हुए यह घोषणा की: “अगला राजा मैं हूं.” उसने अपने लिए रथ और घुड़सवार भी तैयार कर लिए और अपने आगे-आगे दौड़ने के लिए पचास सैनिक भी.
و پدرش او را در تمامی ایام عمرش نرنجانیده، ونگفته بود چرا چنین و چنان می‌کنی، و او نیز بسیار خوش اندام بود و مادرش او را بعد از ابشالوم زاییده بود. ۶ 6
उसके पिता ने उससे यह प्रश्न करते हुए कभी नहीं रोका: “तुमने ऐसा क्यों किया है?” अदोनियाह एक सुंदर युवक था. उसका जन्म अबशालोम के ठीक बाद ही हुआ था.
و بایوآب بن صرویه و ابیاتار کاهن مشورت کرد و ایشان ادنیا را اعانت نمودند. ۷ 7
अदोनियाह ने जाकर ज़ेरुइयाह के पुत्र योआब और पुरोहित अबीयाथर से मिलकर बातचीत की. उन्होंने अदोनियाह की तरफ होकर उसकी सहायता भी की.
و اما صادوق کاهن و بنایاهو ابن یهویاداع و ناتان نبی و شمعی و ریعی و شجاعانی که از آن داود بودند، با ادنیا نرفتند. ۸ 8
मगर पुरोहित सादोक, यहोयादा का पुत्र बेनाइयाह, भविष्यद्वक्ता नाथान, शिमेई, रेइ और दावीद के वीर योद्धाओं ने अदोनियाह को समर्थन नहीं दिया.
و ادنیا گوسفندان و گاوان و پرواریها نزد سنگ زوحلت که به‌جانب عین روجل است، ذبح نمود، و تمامی برادرانش، پسران پادشاه را با جمیع مردان یهودا که خادمان پادشاه بودند، دعوت نمود. ۹ 9
अदोनियाह ने एन-रोगेल नामक स्थान पर जाकर ज़ोहेलेथ नामक चट्टान के पास भेड़ों, बैलों और हष्ट-पुष्ट पशुओं की बलि चढ़ाई. इस मौके पर उसने अपने सभी भाइयों—राजकुमारों और यहूदिया के राजकीय अधिकारियों को तो आमंत्रित किया था,
اما ناتان نبی و بنایاهو و شجاعان و برادر خود، سلیمان را دعوت نکرد. ۱۰ 10
मगर उसने इस मौके पर न तो भविष्यद्वक्ता नाथान को, न तो बेनाइयाह को न अपने भाई शलोमोन को और न किसी वीर योद्धा को आमंत्रित किया.
و ناتان به بتشبع، مادر سلیمان، عرض کرده، گفت: «آیا نشنیدی که ادنیا، پسر حجیت، سلطنت می‌کند وآقای ما داود نمی داند. ۱۱ 11
नाथान ने शलोमोन की माता बैथशेबा से कहा, “क्या तुमने सुना नहीं कि हेग्गीथ का पुत्र अदोनियाह राजा बन गया है, और दावीद हमारे स्वामी इससे अनजान हैं?”
پس حال بیا تو را مشورت دهم تا جان خود و جان پسرت، سلیمان را برهانی. ۱۲ 12
इसलिये अब मेरी सलाह सुनो, कि तुम अपना और अपने पुत्र शलोमोन का जीवन सुरक्षित रख सको:
بروونزد داود پادشاه داخل شده، وی را بگو که‌ای آقایم پادشاه، آیا تو برای کنیز خود قسم خورده، نگفتی که پسر توسلیمان، بعد از من پادشاه خواهد شد؟ و او بر کرسی من خواهد نشست؟ پس چرا ادنیا پادشاه شده است؟ ۱۳ 13
इसी समय राजा दावीद से जाकर कहो, “महाराज, मेरे स्वामी, क्या आपने अपनी दासी से यह शपथ न ली थी, ‘मेरे बाद तुम्हारा पुत्र शलोमोन ही राजा बनेगा, वही मेरे सिंहासन पर बैठेगा? तो फिर अदोनियाह राजा कैसे बन बैठा?’
اینک وقتی که تو هنوز در آنجا با پادشاه سخن گویی، من نیز بعد از تو خواهم آمد و کلام تو را ثابت خواهم کرد.» ۱۴ 14
जब तुम राजा से बातचीत कर ही रही होगी, मैं वहां तुम्हारे पीछे-पीछे आ जाऊंगा और तुम्हारी बातों में हामी भरूंगा.”
پس بتشبع نزد پادشاه به اطاق درآمد و پادشاه بسیار پیر بود و ابیشک شونمیه، پادشاه را خدمت می‌نمود. ۱۵ 15
तब बैथशेबा राजा के कमरे में गई. राजा बहुत ही बूढ़े हो चुके थे और शूनामी अबीशाग उनकी सेवा में लगी थी.
و بتشبع خم شده، پادشاه را تعظیم نمود و پادشاه گفت: «تو را چه شده است؟» ۱۶ 16
बैथशेबा ने झुककर राजा को नमस्कार किया. राजा ने उससे पूछा, “क्या चाहती हो तुम?”
او وی را گفت: «ای آقایم توبرای کنیز خود به یهوه خدای خویش قسم خوردی که پسر تو، سلیمان بعد از من پادشاه خواهد شد و او بر کرسی من خواهد نشست. ۱۷ 17
बैथशेबा ने उन्हें उत्तर दिया, “मेरे स्वामी, आपने अपनी सेविका से याहवेह, आपके परमेश्वर की शपथ ली थी, ‘तुम्हारा पुत्र शलोमोन ही मेरे बाद राजा होगा, और वह मेरे राज सिंहासन पर बैठेगा.’
و حال اینک ادنیا پادشاه شده است و آقایم پادشاه اطلاع ندارد. ۱۸ 18
अब देखिए, अदोनियाह राजा बन बैठा है, जबकि महाराज, मेरे स्वामी, आपको इसके बारे में पता ही नहीं है.
و گاوان و پرواریها وگوسفندان بسیار ذبح کرده، همه پسران پادشاه و ابیاتار کاهن و یوآب، سردار لشکر را دعوت کرده، اما بنده ات سلیمان را دعوت ننموده است. ۱۹ 19
अदोनियाह ने बड़ी संख्या में बैलों, हष्ट-पुष्ट पशुओं और भेड़ों की बलि चढ़ाई है, और उसने राजा के सभी पुत्रों को पुरोहित अबीयाथर और सेनापति योआब को भी बुलाया है, मगर आपके सेवक शलोमोन को इसके लिए नहीं बुलाया गया है.
و اما‌ای آقایم پادشاه، چشمان تمامی اسرائیل به سوی توست تا ایشان را خبر دهی که بعد از آقایم، پادشاه، کیست که بر کرسی وی خواهد نشست. ۲۰ 20
महाराज, मेरे स्वामी, इस समय सारे इस्राएल की नज़रें आप पर लगी हैं, कि आप यह घोषणा करें कि महाराज, मेरे स्वामी के बाद कौन सिंहासन पर बैठेगा.
والا واقع خواهد شد هنگامی که آقایم پادشاه با پدران خویش بخوابد که من و پسرم سلیمان مقصر خواهیم بود.» ۲۱ 21
नहीं तो यही होगा कि जैसे ही आप मेरे स्वामी हमेशा के लिए अपने पूर्वजों में जा मिलेंगे, मुझे और मेरे पुत्र शलोमोन को अपराधी घोषित कर दिया जाएगा.”
و اینک چون او هنوز با پادشاه سخن می‌گفت، ناتان نبی نیز داخل شد. ۲۲ 22
बैथशेबा राजा से यह बातें कर ही रही थी, कि भविष्यद्वक्ता नाथान वहां आ गए.
و پادشاه را خبر داده، گفتند که «اینک ناتان نبی است.» و او به حضور پادشاه درآمده، رو به زمین خم شده، پادشاه را تعظیم نمود. ۲۳ 23
उन्हें बताया गया, “भविष्यद्वक्ता नाथान आए हैं.” जब भविष्यद्वक्ता नाथान राजा के सामने पहुंचे, उन्होंने राजा को दंडवत किया.
و ناتان گفت: «ای آقایم پادشاه، آیا تو گفته‌ای که ادنیا بعد از من پادشاه خواهد شد و او بر کرسی من خواهد نشست؟ ۲۴ 24
इसके बाद नाथान ने कहा, “महाराज, मेरे स्वामी, क्या यह आपकी घोषणा है ‘मेरे बाद अदोनियाह राज करेगा, वही मेरे सिंहासन पर बैठेगा?’
زیرا که امروز او روانه شده، گاوان و پرواریها و گوسفندان بسیار ذبح نموده، و همه پسران پادشاه و سرداران لشکر و ابیاتارکاهن را دعوت کرده است، و اینک ایشان به حضورش به اکل و شرب مشغولند و می‌گویند ادنیای پادشاه زنده بماند. ۲۵ 25
क्योंकि आज उसने जाकर बैल, हष्ट-पुष्ट पशु और बड़ी मात्रा में भेड़ों की बलि चढ़ाई है. इस मौके पर उसने सभी राजकुमारों, सेनापतियों और पुरोहित अबीयाथर को भी आमंत्रित किया है. ये सभी इस समय उसकी उपस्थिति में यह कहते हुए खुशी मना रहे है. ‘अदोनियाह सदा जीवित रहे!’
لیکن بنده ات مرا و صادوق کاهن و بنایاهو ابن یهویاداع و بنده ات، سلیمان را دعوت نکرده است. ۲۶ 26
मगर अदोनियाह ने मुझे, हां मुझे, आपके सेवक को, पुरोहित सादोक को, यहोयादा के पुत्र बेनाइयाह और आपके सेवक शलोमोन को नहीं बुलाया है.
آیااین کار از جانب آقایم، پادشاه شده و آیا به بنده ات خبر ندادی که بعد از آقایم، پادشاه کیست که بر کرسی وی بنشیند؟» ۲۷ 27
क्या, यह सब महाराज, मेरे स्वामी द्वारा किया गया है, और आपने अपने इन सेवकों को इस बात की सूचना देना सही न समझा, कि महाराज, मेरे स्वामी के बाद उनके सिंहासन पर कौन बैठेगा?”
و داود پادشاه در جواب گفت: «بتشبع رانزد من بخوانید.» پس او به حضور پادشاه درآمد وبه حضور پادشاه ایستاد. ۲۸ 28
जब राजा दावीद ने यह सुना, उन्होंने आदेश दिया, “मेरे सामने बैथशेबा को बुलाया जाए.” बैथशेबा आकर राजा के सामने खड़ी हो गई.
و پادشاه سوگندخورده، گفت: «قسم به حیات خداوند که جان مرا از تمام تنگیها رهانیده است. ۲۹ 29
राजा ने यह शपथ लेते हुए कहा, “जीवित याहवेह की शपथ, जिन्होंने मुझे हर एक मुसीबत में से निकाला है,
چنانکه برای تو، به یهوه خدای اسرائیل، قسم خورده، گفتم که پسر تو، سلیمان بعد از من پادشاه خواهد شد، و اوبه‌جای من بر کرسی من خواهد نشست، به همان طور امروز به عمل خواهم آورد.» ۳۰ 30
मैंने इस्राएल के परमेश्वर, याहवेह के सामने जो शपथ ली थी, ‘तुम्हारा पुत्र शलोमोन मेरे बाद राजा होगा और वही मेरी जगह पर मेरे सिंहासन पर बैठेगा,’ मैं आज ठीक यही पूरा करूंगा.”
و بتشبع روبه زمین خم شده، پادشاه را تعظیم نمود و گفت: «آقایم، داود پادشاه تا به ابد زنده بماند!» ۳۱ 31
यह सुन बैथशेबा ने झुककर राजा को दंडवत करते हुए कहा, “राजा दावीद, मेरे स्वामी, सदा जीवित रहें.”
و داود پادشاه گفت: «صادوق کاهن و ناتان نبی و بنایاهو بن یهویاداع را نزد من بخوانید.» پس ایشان به حضور پادشاه داخل شدند. ۳۲ 32
राजा दावीद ने आदेश दिया, “पुरोहित सादोक, भविष्यद्वक्ता नाथान और यहोयादा के पुत्र बेनाइयाह को मेरे सामने बुलाया जाए.” जब वे राजा के सामने आए,
و پادشاه به ایشان گفت: «بندگان آقای خویش را همراه خود بردارید و پسرم، سلیمان را بر قاطر من سوارنموده، او را به جیحون ببرید. ۳۳ 33
राजा ने उन्हें आदेश दिया, “मेरे पुत्र शलोमोन को मेरे निज खच्चर पर चढ़ाकर उसे अपने स्वामी के सेवकों के साथ लेकर गीहोन चले जाओ.
و صادوق کاهن و ناتان نبی او را در آنجا به پادشاهی اسرائیل مسح نمایند و کرنا را نواخته، بگویید: سلیمان پادشاه زنده بماند! ۳۴ 34
वहां पहुंचकर पुरोहित सादोक और भविष्यद्वक्ता नाथान इस्राएल का राजा होने के लिए शलोमोन को अभिषेक करें. इसके बाद नरसिंग फूंकने के साथ यह घोषणा की जाए. ‘राजा शलोमोन सदा जीवित रहें!’
و شما در عقب وی برایید تااو داخل شده، بر کرسی من بنشیند و او به‌جای من پادشاه خواهد شد، و او را مامور فرمودم که براسرائیل و بر یهودا پیشوا باشد.» ۳۵ 35
आप सभी इसके बाद शलोमोन के पीछे-पीछे आएं. तब वह यहां आकर मेरे राज सिंहासन पर बैठे कि वह मेरे बाद मेरी जगह पर राजा हो जाए; क्योंकि खुद मैंने उसे यहूदिया और इस्राएल पर राजा बनाया है.”
و بنایاهو ابن یهویاداع در جواب پادشاه گفت: «آمین! یهوه، خدای آقایم، پادشاه نیز چنین بگوید. ۳۶ 36
यहोयादा के पुत्र बेनाइयाह ने राजा से कहा, “आमेन! महाराज, मेरे स्वामी के परमेश्वर, याहवेह भी ऐसा ही कहें.
چنانکه خداوند با آقایم، پادشاه بوده است، همچنین باسلیمان نیز باشد، و کرسی وی را از کرسی آقایم داود پادشاه عظیم تر گرداند.» ۳۷ 37
जिस प्रकार याहवेह महाराज, मेरे स्वामी के साथ साथ रहे हैं, उसी प्रकार वह शलोमोन के साथ साथ बने रहें, और उसके सिंहासन को मेरे स्वामी, राजा दावीद के सिंहासन से भी अधिक बढ़ाएं.”
و صادوق کاهن و ناتان نبی و بنایاهو ابن یهویاداع و کریتیان و فلیتیان رفته، سلیمان را برقاطر داود پادشاه سوار کردند و او را به جیحون آوردند. ۳۸ 38
तब पुरोहित सादोक, भविष्यद्वक्ता नाथान, यहोयादा का पुत्र बेनाइयाह और केरेथि और पेलेथी शलोमोन को राजा दावीद के निज खच्चर पर बैठाकर उसे गीहोन ले गए.
و صادوق کاهن، حقه روغن را ازخیمه گرفته، سلیمان را مسح کرد و چون کرنا رانواختند تمامی قوم گفتند: «سلیمان پادشاه زنده بماند.» ۳۹ 39
वहां पुरोहित सादोक ने मिलनवाले तंबू से लाए हुए सींग के तेल से शलोमोन का अभिषेक किया. तब उन्होंने नरसिंगा फूंका और सभी ने एक आवाज में यह नारे लगाए: “राजा शलोमोन सदा जीवित रहें!”
و تمامی قوم در عقب وی برآمدند وقوم نای نواختند و به فرح عظیم شادی نمودند، به حدی که زمین از آواز ایشان منشق می‌شد. ۴۰ 40
तब सारी भीड़ बड़े ही आनंद में बांसुरी बजाते हुए राजा के पीछे-पीछे चलने लगी. इतनी तेज थी उनकी आवाज कि इससे धरती डोल उठी!
و ادنیا و تمامی دعوت‌شدگانی که با اوبودند، چون از خوردن فراغت یافتند، این راشنیدند و چون یوآب آواز کرنا را شنید، گفت: «چیست این صدای اضطراب در شهر؟» ۴۱ 41
यह आवाज अदोनियाह और उसके सभी अतिथियों ने भी सुनी. इस समय वे अपना भोजन खत्म कर ही रहे थे. जैसे ही योआब ने नरसिंगे की आवाज सुनी, वह पूछने लगा, “नगर में इस चिल्लाहट का कारण क्या है?”
وچون او هنوز سخن می‌گفت، اینک یوناتان بن ابیاتار کاهن رسید و ادنیا گفت: «بیا زیرا که تو مردشجاع هستی و خبر نیکو می‌آوری.» ۴۲ 42
वह यह पूछताछ कर ही रहा था, कि पुरोहित अबीयाथर का पुत्र योनातन वहां आ पहुंचा. अदोनियाह ने उससे कहा, “यहां आओ तुम भले व्यक्ति हो, इसलिये भला समाचार ही लाए होगे.”
یوناتان در جواب ادنیا گفت: «به درستی که آقای ما، داودپادشاه، سلیمان را پادشاه ساخته است. ۴۳ 43
योनातन ने उसे उत्तर दिया, “नहीं! हमारे स्वामी, महाराज दावीद ने शलोमोन को राजा बना दिया है.
وپادشاه، صادوق کاهن و ناتان نبی و بنایاهو ابن یهویاداع و کریتیان و فلیتیان را با او فرستاده، او رابر قاطر پادشاه سوار کرده‌اند. ۴۴ 44
राजा दावीद ने उसे पुरोहित सादोक, भविष्यद्वक्ता नाथान, यहोयादा के पुत्र बेनाइयाह और केरेथि और पेलेथी भी उसके साथ भेजे हैं. इसके अलावा उन्होंने शलोमोन को राजा दावीद के निज खच्चर पर भी चढ़ा दिया है.
و صادوق کاهن وناتان نبی، او را در جیحون به پادشاهی مسح کرده‌اند و از آنجا شادی‌کنان برآمدند، چنانکه شهر به آشوب درآمد. و این است صدایی که شنیدید. ۴۵ 45
पुरोहित सादोक और भविष्यद्वक्ता नाथान ने गीहोन में शलोमोन का राजाभिषेक कर दिया है. वे सभी वहां से बड़ी ही खुशी में लौटे हैं. इसलिये नगर में यह आनंद मनाने की आवाज सुनाई दे रही है. यही है वह चिल्लाहट, जो आपने सुनी है.
و سلیمان نیز بر کرسی سلطنت جلوس نموده است. ۴۶ 46
इन सबके अलावा अब शलोमोन राज सिंहासन पर बैठे हैं.
و ایض بندگان پادشاه به جهت تهنیت آقای ما، داود پادشاه آمده، گفتند: خدای تو اسم سلیمان را از اسم تو افضل و کرسی او را از کرسی تو اعظم گرداند. و پادشاه بر بسترخود سجده نمود. ۴۷ 47
वह सब होने के बाद राजा के सेवकों ने जाकर महाराज, हमारे स्वामी को यह कहते हुए बधाईयां दी है ‘परमेश्वर शलोमोन के नाम को आपके नाम से भी अधिक ऊंचा करें, उनके राज सिंहासन को आपके राज सिंहासन से भी अधिक बढ़ाएं.’ यह सुन महाराज ने अपने पलंग पर ही दंडवत किया.
و پادشاه نیز چنین گفت: متبارک باد یهوه، خدای اسرائیل، که امروز کسی را که بر کرسی من بنشیند، به من داده است وچشمان من، این را می‌بیند.» ۴۸ 48
साथ ही राजा ने यह भी कहा, ‘धन्य हैं, याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर, जिन्होंने आज किसी को मेरे सिंहासन पर बैठने के लिए चुना है, और उसे खुद मेरी आंखों ने देख लिया है.’”
آنگاه تمامی مهمانان ادنیا ترسان شده، برخاستند و هرکس به راه خود رفت. ۴۹ 49
यह सुन अदोनियाह के सभी अतिथि बहुत ही डर गए. वे सभी उसी समय उठकर अपने-अपने रास्ते पर निकल गए.
و ادنیا ازسلیمان ترسان شده، برخاست و روانه شده، شاخهای مذبح را گرفت. ۵۰ 50
फिर अदोनियाह मन ही मन शलोमोन से डरने लगा; इसलिये उसने तुरंत जाकर वेदी के सींग पकड़ लिए. शलोमोन को इस बात की ख़बर इस प्रकार दी गई:
و سلیمان را خبرداده، گفتند که «اینک ادنیا از سلیمان پادشاه می ترسد و شاخهای مذبح را گرفته، می‌گوید که سلیمان پادشاه امروز برای من قسم بخورد که بنده خود را به شمشیر نخواهد کشت.» ۵۱ 51
“सुनिए, सुनिए! अदोनियाह महाराज से डरता है, इसलिये उसने जाकर यह कहते हुए वेदी के सींग थाम लिए हैं, ‘आज महाराज शलोमोन यह शपथ लें, कि वह अपने सेवक को तलवार से नहीं मारेंगे.’”
وسلیمان گفت: «اگر مرد صالح باشد، یکی ازمویهایش بر زمین نخواهد افتاد اما اگر بدی در اویافت شود، خواهد مرد.» ۵۲ 52
शलोमोन ने उत्तर दिया, “यदि वह अपने आपको एक अच्छा व्यक्ति साबित करे, उसका ज़रा सा भी नुकसान न होगा; मगर यदि उसमें दुष्टता का अंश भी पाया गया तो उसकी मृत्यु तय है.”
و سلیمان پادشاه فرستاد تا او را از نزد مذبح آوردند و او آمده، سلیمان پادشاه را تعظیم نمود و سلیمان گفت: «به خانه خود برو.» ۵۳ 53
राजा शलोमोन ने आदेश दिया कि उसे वेदी से लाकर उनके सामने पेश किया जाए. वह लाया गया, और उसे राजा शलोमोन के सामने पेश किया गया. वह आया और राजा शलोमोन के सामने दंडवत हो गया. राजा शलोमोन ने उसे आदेश दिया, “आप अपने घर को लौट जाइए.”

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