< اول پادشاهان 12 >

و رحبعام به شکیم رفت زیرا که تمامی اسرائیل به شکیم آمدند تا او را پادشاه بسازند. ۱ 1
रिहोबोयाम शेकेम नगर गया, क्योंकि उसके राजाभिषेक के उद्देश्य से सारा इस्राएल वहां इकट्ठा हुआ था.
و واقع شد که چون یربعام بن نباط شنید(و او هنوز در مصر بود که از حضور سلیمان پادشاه به آنجا فرار کرده، و یربعام در مصر ساکن می‌بود. ۲ 2
जब नेबाथ के पुत्र यरोबोअम ने यह सुना, जो इस समय मिस्र देश में ही रह रहा था—वह राजा शलोमोन से भागकर यहीं ठहरा हुआ था—
و ایشان فرستاده، او را خواندند)، آنگاه یربعام و تمامی جماعت اسرائیل آمدند و به رحبعام عرض کرده، گفتند: ۳ 3
लोगों ने संदेश भेजकर उसे बुलवा लिया. तब यरोबोअम और सारी इस्राएली सभा अपनी बात रखने रिहोबोयाम के पास गई. उन्होंने रिहोबोयाम से कहा,
«پدر تو یوغ ما راسخت ساخت اما تو الان بندگی سخت و یوغ سنگینی را که پدرت بر ما نهاد سبک ساز، و تو راخدمت خواهیم نمود.» ۴ 4
“आपके पिता ने हमारा जूआ बहुत ही भारी कर दिया था; अब तो आपके पिता द्वारा कराई गई मेहनत और इस भारी जूए को हल्का कर दीजिए. हम आपकी सेवा हमेशा करते रहेंगे.”
به ایشان گفت: «تا سه روز دیگر بروید و بعد از آن نزد من برگردید.» پس قوم رفتند. ۵ 5
रिहोबोयाम ने उन्हें उत्तर दिया, “अभी आप जाइए और तीन दिन के बाद आइए, तब मैं आपको इसका उत्तर दूंगा.” तब वे सब लौट गए.
و رحبعام پادشاه با مشایخی که در حین حیات پدرش، سلیمان به حضورش می‌ایستادندمشورت کرده، گفت: «که شما چه صلاح می‌بینیدتا به این قوم جواب دهم؟» ۶ 6
इसी समय राजा रिहोबोयाम ने उन पुरनियों से सलाह ली, जो उसके पिता शलोमोन के जीवन भर उसके सेवक रहे थे. उसने पूछा, “मेरे लिए आपकी क्या राय है? मैं इन लोगों को क्या उत्तर दूं?”
ایشان او را عرض کرده، گفتند: «اگر امروز این قوم را بنده شوی وایشان را خدمت نموده، جواب دهی و سخنان نیکو به ایشان گویی همانا همیشه اوقات بنده توخواهند بود.» ۷ 7
उन्होंने उसे उत्तर दिया, “यदि आप आज इन लोगों के सामने सेवक की तरह बनकर उन्हें उत्तर देते हुए उनसे मीठी बातें करें, तो वे आजीवन आपके सेवक बने रहेंगे.”
اما مشورت مشایخ را که به اودادند ترک کرد، و با جوانانی که با او تربیت یافته بودند و به حضورش می‌ایستادند، مشورت کرد. ۸ 8
मगर रिहोबोयाम ने पुरनियों की इस सलाह को छोड़ दिया और जाकर उन युवाओं से सलाह ली, जो उसी के साथ बड़े हुए थे और जो उसके सेवक थे.
و به ایشان گفت: «شما چه صلاح می‌بینید که به این قوم جواب دهیم؟ که به من عرض کرده، گفته‌اند یوغی را که پدرت بر ما نهاده است، سبک ساز.» ۹ 9
उसने उनसे पूछा “इन लोगों के लिए तुम्हारी राय क्या है, जिन्होंने मुझसे विनती की, ‘आपके पिता द्वारा हम पर रखा गया जूआ हल्का कर दीजिए’?”
و جوانانی که با او تربیت یافته بودند او راخطاب کرده، گفتند که به این قوم که به تو عرض کرده، گفته‌اند که پدرت یوغ ما را سنگین ساخته است و تو آن را برای ما سبک ساز، به ایشان چنین بگو: انگشت کوچک من از کمر پدرم کلفت تراست. ۱۰ 10
उसके साथ साथ पले बढ़े युवाओं ने उसे उत्तर दिया, “जिन लोगों ने आपसे यह विनती की है, ‘आपके पिता द्वारा हम पर रखे गए भारी जूए को हल्का कर दीजिए,’ उन्हें यह उत्तर दीजिए, ‘मेरे हाथ की छोटी उंगली ही मेरे पिता की कमर से मोटी है!
و حال پدرم یوغ سنگین بر شما نهاده است اما من یوغ شما را زیاده خواهم گردانید. پدرم شما را به تازیانه‌ها تنبیه می‌نمود اما من شمارا به عقربها تنبیه خواهم نمود.» ۱۱ 11
यदि मेरे पिता ने तुम पर भारी जूआ लादा था, तो मैं उसे और भी अधिक भारी बना दूंगा. मेरे पिता ने तो तुम्हें नियंत्रण में रखने के लिए कोड़े इस्तेमाल किए थे, मगर मैं इसके लिए बिच्छू का इस्तेमाल करूंगा.’”
و در روز سوم، یربعام و تمامی قوم به نزدرحبعام باز آمدند، به نحوی که پادشاه فرموده و گفته بود که در روز سوم نزد من باز آیید. ۱۲ 12
जब यरोबोअम और सारी भीड़ तीन दिन बाद रिहोबोयाम के सामने आया, जैसा राजा द्वारा बताया गया था, “मेरे पास तीन दिन के बाद आना.”
وپادشاه، قوم را به سختی جواب داد، و مشورت مشایخ را که به وی داده بودند، ترک کرد. ۱۳ 13
राजा ने पुरनियों की सलाह को छोड़कर लोगों को कठोर उत्तर दिया,
وموافق مشورت جوانان ایشان را خطاب کرده، گفت: «پدرم یوغ شما را سنگین ساخت، اما من یوغ شما را زیاده خواهم گردانید. پدرم شما را به تازیانه تنبیه می‌نمود اما من شما را به عقربها تنبیه خواهم کرد.» ۱۴ 14
जो उन्हें युवाओं के द्वारा दी गई सलाह के अनुसार था. उसने कहा, “मेरे पिता ने तुम्हारा जूआ भारी किया था, तो मैं इसे और ज्यादा भारी कर दूंगा. मेरे पिता ने अगर तुम पर कोड़े चलाए थे, तो अब मैं तुम पर बिच्छू ड़ंक के समान कोड़े बरसाऊंगा.”
و پادشاه، قوم را اجابت نکردزیرا که این امر از جانب خداوند شده بود تاکلامی را که خداوند به واسطه اخیای شیلونی به یربعام بن نباط گفته بود، ثابت گرداند. ۱۵ 15
राजा ने लोगों की एक न सुनी क्योंकि यह सारी बातें याहवेह द्वारा तय की जा चुकी थी, कि वह अपनी कही हुई बात पूरी करे, जो उन्होंने नेबाथ के पुत्र यरोबोअम से शीलो के भविष्यद्वक्ता अहीयाह द्वारा की थी.
و چون تمامی اسرائیل دیدند که پادشاه، ایشان را اجابت نکرد آنگاه قوم، پادشاه را جواب داده، گفتند: «ما را در داود چه حصه است؟ و درپسر یسا چه نصیب؟ ای اسرائیل به خیمه های خود بروید! و اینک‌ای داود به خانه خود متوجه باش!» ۱۶ 16
जब सारे इस्राएल के सामने यह बात आ गई कि राजा ने उनकी विनती की ओर ध्यान ही नहीं दिया है, उन्होंने राजा से यह कह दिया: “क्या भाग है दावीद में हमारा? क्या मीरास है यिशै पुत्र में हमारी? लौट जाओ अपने-अपने तंबुओं में, इस्राएल! दावीद, तुम अपने ही वंश को संभालते रहो!” तब इस्राएली अपने-अपने तंबुओं को लौट गए.
اما رحبعام بر بنی‌اسرائیل که در شهرهای یهودا ساکن بودند، سلطنت می‌نمود. ۱۷ 17
मगर यहूदिया प्रदेशवासी इस्राएलियों पर रिहोबोयाम का शासन हो गया.
ورحبعام پادشاه ادورام را که سردار باج گیران بود، فرستاد و تمامی اسرائیل، او را سنگسار کردند که مرد و رحبعام پادشاه تعجیل نموده، بر ارابه خودسوار شد و به اورشلیم فرار کرد. ۱۸ 18
राजा रिहोबोयाम ने अदोरम को, जो बेगार श्रमिकों का मुखिया था, इस्राएलियों के पास भेजा. सारे इस्राएलियों ने उसका पथराव किया कि उसकी हत्या हो गई. यह देख राजा रिहोबोयाम ने बिना देर किए रथ जुतवाया और वह येरूशलेम को भाग गया.
پس اسرائیل تا به امروز بر خاندان داود عاصی شدند. ۱۹ 19
इस प्रकार इस्राएल राज्य आज तक दावीद के वंश के विरुद्ध विद्रोह की स्थिति में है.
و چون تمامی اسرائیل شنیدند که یربعام مراجعت کرده است، ایشان فرستاده، او را نزدجماعت طلبیدند و او را بر تمام اسرائیل پادشاه ساختند، و غیر از سبط یهودا فقط، کسی خاندان داود را پیروی نکرد. ۲۰ 20
जब सारे इस्राएल देश में यह मालूम चल गया कि यरोबोअम लौट आया है, उन्होंने उसे सभा में आमंत्रित किया और उसका सारे इस्राएल के राजा के रूप में राजाभिषेक कर दिया. सिर्फ यहूदाह गोत्र दावीद वंश के साथ रहा.
و چون رحبعام به اورشلیم رسید، تمامی خاندان یهودا و سبط بنیامین، یعنی صد و هشتادهزار نفر برگزیده جنگ آزموده را جمع کرد تا باخاندان اسرائیل مقاتله نموده، سلطنت را به رحبعام بن سلیمان برگرداند. ۲۱ 21
जब रिहोबोयाम येरूशलेम लौटा, उसने सारे यहूदाह और बिन्यामिन गोत्र को इकट्ठा किया. ये एक लाख अस्सी हज़ार योद्धा थे, जिन्हें परखकर अलग किया गया था, कि ये इस्राएल वंश से युद्ध करें और शलोमोन के पुत्र रिहोबोयाम के राज्य को दोबारा उसे लौटा दें.
اما کلام خدا برشمعیا، مرد خدا نازل شده، گفت: ۲۲ 22
मगर परमेश्वर के एक जन शेमायाह को परमेश्वर का आदेश इन शब्दों में मिला,
«به رحبعام بن سلیمان، پادشاه یهودا و به تمامی خاندان یهوداو بنیامین و به بقیه قوم خطاب کرده، بگو: ۲۳ 23
“शलोमोन के पुत्र यहूदिया के राजा रिहोबोयाम से और यहूदाह और बिन्यामिन के सभी गोत्रों से और बाकी सभी लोगों से जाकर यह कहो:
خداوند چنین می‌گوید: مروید و با برادران خود بنی‌اسرائیل جنگ منمایید، هر کس به خانه خود برگردد زیرا که این امر از جانب من شده است.» و ایشان کلام خداوند را شنیدند وبرگشته، موافق فرمان خداوند رفتار نمودند. ۲۴ 24
‘यह याहवेह का आदेश है, अपने इन संबंधियों से, जो इस्राएल के वंशज हैं, युद्ध न करना. तुममें से हर एक अपने-अपने घर लौट जाए, क्योंकि यह स्थिति मेरे द्वारा उत्पन्‍न की गई है.’” तब उन्होंने याहवेह के आदेश का पालन किया. याहवेह के आदेश के अनुसार वे सब अपने-अपने घर लौट गए.
و یربعام شکیم را در کوهستان افرایم بناکرده، در آن ساکن شد و از آنجا بیرون رفته، فنوئیل را بنا نمود. ۲۵ 25
यरोबोअम ने एफ्राईम के पहाड़ी इलाके में शेकेम नामक नगर को बसाया और वहीं रहने लगा. कुछ समय बाद उसे छोड़ उसने पनीएल नामक स्थान को मजबूत किया.
و یربعام در دل خود فکرکرد که حال سلطنت به خاندان داود خواهدبرگشت. ۲۶ 26
यरोबोअम ने विचार किया, “अब तो राज्य दावीद वंश के पास लौट जाएगा.
اگر این قوم به جهت گذرانیدن قربانی‌ها به خانه خداوند به اورشلیم بروند همانادل این قوم به آقای خویش، رحبعام، پادشاه یهودا خواهد برگشت و مرا به قتل رسانیده، نزدرحبعام، پادشاه یهودا خواهند برگشت. ۲۷ 27
यदि मेरे प्रजाजन बलि चढ़ाने के उद्देश्य से येरूशलेम में याहवेह के भवन को ही जाते रहेंगे, तो यह तय ही है कि उनका हृदय उनके स्वामी की ओर ही लगता जाएगा; यहूदिया के राजा रिहोबोयाम की ओर, और ये लोग मेरी हत्या कर देंगे और यहूदिया के राजा रिहोबोयाम की ओर फिर जाएंगे.”
پس پادشاه مشورت نموده، دو گوساله طلا ساخت وبه ایشان گفت: «برای شما رفتن تا به اورشلیم زحمت است، هان‌ای اسرائیل خدایان تو که تو رااز زمین مصر برآوردند!» ۲۸ 28
सलाह-मशविरा करने के बाद, राजा ने सोने के दो बछड़े ढाले, और लोगों के सामने घोषणा की, “बहुत हो चुका तुम्हारा येरूशलेम जाना. इस्राएल, यह देखो, तुम्हारे देवता ये हैं, ये ही हैं जो तुम्हें मिस्र देश से बाहर निकाल लाए हैं.”
و یکی را در بیت ئیل گذاشت و دیگری را در دان قرار داد. ۲۹ 29
इसके बाद उसने एक को तो बेथेल में और दूसरे को दान प्रदेश में प्रतिष्ठित किया.
و این امرباعث گناه شد و قوم پیش آن یک تا دان می‌رفتند. ۳۰ 30
यह पाप साबित हुआ, क्योंकि लोग उसकी उपासना करने दूर के दान प्रदेश तक जाने लगे.
و خانه‌ها در مکانهای بلند ساخت و از تمامی قوم که از بنی لاوی نبودند، کاهنان تعیین نمود. ۳۱ 31
उसने पूजा स्थलों पर मंदिर बनवा दिए, और सारी प्रजा में से ऐसे व्यक्तियों को पुरोहित चुन दिया, जो लेवी के वंशज न थे.
و یربعام عیدی در ماه هشتم در روز پانزدهم ماه مثل عیدی که در یهوداست برپا کرد و نزد آن مذبح می‌رفت و در بیت ئیل به همان طور عمل نموده، برای گوساله هایی که ساخته بود، قربانی می‌گذرانید. و کاهنان مکانهای بلند را که ساخته بود، در بیت ئیل قرار داد. ۳۲ 32
तब यरोबोअम ने आठवें महीने के पन्द्रहवें दिन एक पर्व घोषित कर दिया. यह वैसा ही पर्व था, जो यहूदिया में मनाया जाता था. उसने बेथेल में वेदी पर उन बछड़ों के लिए, जो स्वयं उसने गढ़ी थी, बलियां चढ़ाईं. उसने बेथेल में उन पूजा की जगहों पर पुरोहित चुन लिए, जिन पूजा घरों को खुद उसी ने बनवाया था.
و در روز پانزدهم ماه هشتم، یعنی در ماهی که از دل خود ابداع نموده بود، نزد مذبح که در بیت ئیل ساخته بود می‌رفت، و برای بنی‌اسرائیل عید برپا نموده، نزد مذبح برآمده، بخور می‌سوزانید. ۳۳ 33
वह बेथेल में अपनी ही बनाई हुई वेदी पर आठवें महीने के पन्द्रहवें दिन गया, और यह महीना और दिन खुद उसने अपनी ही बुद्धि से निश्चित किया था. इस प्रकार उसने इस्राएली प्रजा के लिए यह उत्सव ठहराया था, फिर वह धूप जलाने वेदी पर गया.

< اول پادشاهان 12 >