< اول پادشاهان 10 >

و چون ملکه سبا آوازه سلیمان رادرباره اسم خداوند شنید، آمد تا او رابه مسائل امتحان کند. ۱ 1
और जब सबा की मलिका ने ख़ुदावन्द के नाम के ज़रिए' सुलेमान की शोहरत सुनी, तो वह आई ताकि मुशकिल सवालों से उसे आज़माए।
پس با موکب بسیار عظیم و با شترانی که به عطریات و طلای بسیار وسنگهای گرانبها بار شده بود به اورشلیم واردشده، به حضور سلیمان آمد و با وی از هر‌چه دردلش بود، گفتگو کرد. ۲ 2
और वह बहुत बड़ी जिलौ के साथ येरूशलेम में आई; और उसके साथ ऊँट थे, जिन पर मशाल्हे और बहुत सा सोना और क़ीमती जवाहर लदे थे, और जब वह सुलेमान के पास पहुँची तो उसने उन सब बातों के बारे में जो उसके दिल में थीं उससे बात की।
و سلیمان تمامی مسائلش را برایش بیان نمود و چیزی از پادشاه مخفی نماند که برایش بیان نکرد. ۳ 3
सुलेमान ने उसके सब सवालों का जवाब दिया, बादशाह से कोई बात ऐसी छुपी न थी जो उसे न बताई।
و چون ملکه سبا تمامی حکمت سلیمان را دید و خانه‌ای را که بنا کرده بود، ۴ 4
और जब सबा की मलिका ने सुलेमान की सारी हिकमत और उस महल को जो उसने बनाया था,
و طعام سفره او و مجلس بندگانش را و نظام و لباس خادمانش را و ساقیانش وزینه‌ای را که به آن به خانه خداوند برمی آمد، روح در او دیگر نماند. ۵ 5
और उसके दस्तरख़्वान की ने'मतों, और उसके मुलाज़िमों के बैठने के तरीक़े, और उसके ख़ादिमों की हुज़ूरी और उनकी पोशाक, और उसके साक़ियों, और उस सीढ़ी को जिससे वह ख़ुदावन्द के घर को जाता' था देखा, तो उसके होश उड़ गए।
و به پادشاه گفت: «آوازه‌ای که درباره کارها وحکمت تو در ولایت خود شنیدم، راست بود. ۶ 6
उसने बादशाह से कहा कि “वह सच्ची ख़बर थी जो मैंने तेरे कामों और तेरी हिकमत के बारे में अपने मुल्क में सुनी थी।
اما تا نیامدم و به چشمان خود ندیدم، اخبار راباور نکردم، و اینک نصفش به من اعلام نشده بود؛ حکمت و سعادتمندی تو از خبری که شنیده بودم، زیاده است. ۷ 7
तोभी मैंने वह बातों पर यक़ीन न कीं, जब तक ख़ुद आकर अपनी ऑखों से यह देख न लिया, और मुझे तो आधा भी नहीं बताया गया था: क्यूँकि तेरी हिकमत औरतेरी कामयाबी उस शोहरत से जो मैंने सुनी बहुत ज़्यादा है।
خوشابه‌حال مردان تو وخوشابه‌حال این بندگانت که به حضور تو همیشه می‌ایستند و حکمت تو را می‌شنوند. ۸ 8
खु़शनसीब हैं तेरे लोग! और ख़ुशनसीब हैं तेरे यह मुलाज़िम, जो बराबर तेरे सामने खड़े रहते और तेरी हिकमत सुनते हैं।
متبارک بادیهوه، خدای تو، که بر تو رغبت داشته، تو را برکرسی اسرائیل نشانید. ۹ 9
ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा मुबारक हो, जो तुझ से ऐसा ख़ुश हुआ कि तुझे इस्राईल के तख़्त पर बिठाया है; चूँकि ख़ुदावन्द ने इस्राईल से हमेशा मुहब्बत रख्खी है, इसलिए उसने तुझे 'अदल और इन्साफ़ करने को बादशाह बनाया।”
از این سبب که خداوند، اسرائیل را تا به ابد دوست می‌دارد، تو رابر پادشاهی نصب نموده است تا داوری و عدالت را بجا آوری.» ۱۰ 10
और उसने बादशाह को एक सौ बीस क़िन्तार सोना और मसाल्हे का बहुत बड़ा ढेर और क़ीमती जवाहर दिए; और जैसे मसाल्हे सबा की मलिका ने सुलेमान बादशाह को दिए, वैसे फिर कभी ऐसी बहुतायत के साथ न आए।
و به پادشاه صد و بیست وزنه طلا وعطریات از حد زیاده و سنگهای گرانبها داد، ومثل این عطریات که ملکه سبا به سلیمان پادشاه داد، هرگز به آن فراوانی دیگر نیامد. ۱۱ 11
और हीराम का बेड़ा भी जो ओफ़ीर से सोना लाता था, बड़ी कसरत से चन्दन के दरख़्त और क़ीमती जवाहर ओफ़ीर से लाया।
وکشتیهای حیرام نیز که طلا از اوفیر آوردند، چوب صندل از حد زیاده، و سنگهای گرانبها ازاوفیر آوردند. ۱۲ 12
तब बादशाह ने ख़ुदावन्द के घर और शाही महल के लिए चन्दन की लकड़ी के सुतून, और बरबत और गाने वालों के लिए सितार बनाए; चन्दन के ऐसे दरख़्त न कभी आए थे, और न कभी आज के दिन तक दिखाई दिए।
و پادشاه از این چوب صندل، ستونها به جهت خانه خداوند و خانه پادشاه و عودها وبربطها برای مغنیان ساخت، و مثل این چوب صندل تا امروز نیامده و دیده نشده است. ۱۳ 13
और सुलेमान बादशाह ने सबा की मलिका को सब कुछ, जिसकी वह मुश्ताक़ हुई और जो कुछ उसने माँगा दिया; 'अलावा इसके सुलेमान ने उसको अपनी शाहाना सख़ावत से भी इनायत किया। फिर वह अपने मुलाज़िमों के साथ अपनी मुल्क को लौट गई।
و سلیمان پادشاه به ملکه سبا، تمامی اراده او را که خواسته بود داد، سوای آنچه سلیمان ازکرم ملوکانه خویش به وی بخشید. پس او بابندگانش به ولایت خود توجه نموده، رفت. ۱۴ 14
जितना सोना एक साल में सुलेमान के पास आता था, उसका वज़न सोने का छ: सौ छियासठ क़िन्तार था।
و وزن طلایی که در یک سال نزد سلیمان رسید ششصد و شصت و شش وزنه طلا بود. ۱۵ 15
'अलावा इसके ब्योपारियों और सौदागरों की तिजारत और मिली जुली क़ौमों के सब सलातीन, और मुल्क के सूबेदारों की तरफ़ से भी सोना आता था।
سوای آنچه از تاجران و تجارت بازرگانان وجمیع پادشاهان عرب و حاکمان مملکت می‌رسید. ۱۶ 16
और सुलेमान बादशाह ने सोना घड़कर दो सौ ढालें बनाई, छः सौ मिस्क़ाल सोना एक एक ढाल में लगा।
و سلیمان پادشاه دویست سپرطلای چکشی ساخت که برای هر سپر ششصدمثقال طلا به‌کار برده شد، و سیصد سپر کوچک طلای چکشی ساخت که برای هر سپر سه منای طلا به‌کار برده شد، و پادشاه آنها را در خانه جنگل لبنان گذاشت. ۱۷ 17
और उसने घड़े हुए सोने की तीन सौ ढालें बनाई; एक एक ढाल में डेढ़ सेर सोना लगा, और बादशाह ने उनको लुबनानी बन के घर में रख्खा।
و پادشاه تخت بزرگی ازعاج ساخت و آن را به زر خالص پوشانید. ۱۸ 18
इनके 'अलावा बादशाह ने हाथी दाँत का एक बड़ा तख़्त बनाया, और उस पर सबसे चोखा सोना मंढा।
وتخت را شش پله بود و سر تخت از عقبش مدوربود، و به این طرف و آن طرف کرسی‌اش دسته هابود و دو شیر به پهلوی دستها ایستاده بودند. ۱۹ 19
उस तख़्त में छ: सीढ़ियाँ थीं, और तख़्त के ऊपर का हिस्सा पीछे से गोल था, और बैठने की जगह की दोनों तरफ़ टेकें थीं, और टेकों के पास दो शेर खड़े थे:
وآنجا دوازده شیر از این طرف و آن طرف بر آن شش پله ایستاده بودند که در هیچ مملکت مثل این ساخته نشده بود. ۲۰ 20
और उन छ: सीढ़ियों के इधर और उधर बारह शेर खड़े थे। किसी हुकूमत में ऐसा कभी नहीं बना।
و تمامی ظروف نوشیدنی سلیمان پادشاه از طلا و تمامی ظروف خانه جنگل لبنان از زر خالص بود و هیچ‌یکی ازآنها از نقره نبود زیرا که آن در ایام سلیمان هیچ به حساب نمی آمد. ۲۱ 21
और सुलेमान बादशाह के पीने के सब बरतन सोने के थे, और लुबनानी बन के घर के भी सब बरतन ख़ालिस सोने के थे, चाँदी का एक भी न था, क्यूँकि सुलेमान के दिनों में उसकी कुछ क़द्र न थी।
زیرا پادشاه کشتیهای ترشیشی با کشتیهای حیرام به روی دریا داشت. وکشتیهای ترشیشی هر سال یک مرتبه می‌آمدند وطلا و نقره و عاج و میمونها و طاووسهامی آوردند. ۲۲ 22
क्यूँकि बादशाह के पास समुन्दर में हीराम के बेड़े के साथ एक तरसीस बेड़ा भी था। यह तरसीसी बेड़ा तीन साल में एक बार आता था, और सोना और चाँदी और हाथी दाँत, और बन्दर, और मोर लाता था।
پس سلیمان پادشاه در دولت و حکمت ازجمیع پادشاهان جهان بزرگتر شد. ۲۳ 23
इसलिए सुलेमान बादशाह दौलत और हिकमत में ज़मीन के सब बादशाहों पर सबक़त ले गया।
و تمامی اهل جهان، حضور سلیمان را می‌طلبیدند تاحکمتی را که خداوند در دلش نهاده بود، بشنوند. ۲۴ 24
और सारा जहान सुलेमान के दीदार का तालिब था, ताकि उसकी हिकमत को जो ख़ुदा ने उसके दिल में डाली थी सुनें,
و هر یکی از ایشان هدیه خود را از آلات نقره و آلات طلا و رخوت و اسلحه و عطریات واسبان و قاطرها، سال به سال می‌آوردند. ۲۵ 25
और उनमें से हर एक आदमी चाँदी के बर्तन, और सोने के बरतन कपड़े और हथियार और मसाल्हे और घोड़े, और खच्चर हदिये के तौर पर अपने हिस्से के मुवाफ़िक़ लाता था।
و سلیمان ارابه‌ها و سواران جمع کرده، هزار و چهارصد ارابه و دوازده هزار سوار داشت و آنها را در شهرهای ارابه‌ها و نزد پادشاه دراورشلیم گذاشت. ۲۶ 26
और सुलेमान ने रथ और सवार इकट्ठे कर लिए; उसके पास एक हज़ार चार सौ रथ और बारह हज़ार सवार थे, जिनको उसने रथों के शहरों में और बादशाह के साथ येरूशलेम में रखा।
و پادشاه نقره را در اورشلیم مثل سنگها و چوب سرو آزاد را مثل چوب افراغ که در صحراست، فراوان ساخت. ۲۷ 27
और बादशाह ने येरूशलेम में इफ़रात की वजह से चाँदी को तो ऐसा कर दिया जैसे पत्थर, और देवदारों को ऐसा जैसे नशेब के मुल्क के गूलर के दरख़्त होते हैं।
و اسبهای سلیمان از مصر آورده می‌شد، و تاجران پادشاه دسته های آنها را می‌خریدند هر دسته را به قیمت معین. ۲۸ 28
और जो घोड़े सुलेमान के पास थे वह मिस्र से मगाए गए थे, और बादशाह के सौदागर एक एक झुण्ड की क़ीमत लगाकर उनके झुण्ड के झुण्ड लिया करते थे।
و یک ارابه را به قیمت ششصد مثقال نقره از مصر بیرون آوردند، و می‌رسانیدند و یک اسب را به قیمت صد و پنجاه، و همچنین برای جمیع پادشاهان حتیان و پادشاهان ارام به توسطآنها بیرون می‌آوردند. ۲۹ 29
और एक रथ चाँदी की छ: सौ मिस्क़ाल में आता और मिस्र से रवाना होता, और घोड़ा डेढ़ सौ मिस्क़ाल में आता था, और ऐसे ही हित्तियों के सब बादशाहों और अरामी बादशाहों के लिए, वह इनको उन्हीं के ज़रिए' से मंगाते थे।

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