< ମୋଶାଙ୍କ ଲିଖିତ ଦ୍ୱିତୀୟ ପୁସ୍ତକ 34 >

1 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ସଦାପ୍ରଭୁ ମୋଶାଙ୍କୁ କହିଲେ, “ତୁମ୍ଭେ ପୂର୍ବ ପରି ଦୁଇ ପ୍ରସ୍ତର ପଟା ଖୋଳ। ତୁମ୍ଭେ ଯେଉଁ ପ୍ରସ୍ତର ପଟା ଭାଙ୍ଗିଅଛ, ତହିଁ ଉପରେ ଯାହା ଯାହା ଲେଖାଥିଲା, ସେହି ସବୁ କଥା ଆମ୍ଭେ ଏହି ଦୁଇ ପ୍ରସ୍ତରରେ ଲେଖିବା।
मग परमेश्वर मोशेला म्हणाला, “पहिल्या दोन पाट्यांप्रमाणे आणखी दोन दगडी पाट्या घडून तयार कर म्हणजे फोडून टाकलेल्या पहिल्या पाट्यांवर जी वचने होती ती मी त्याच्यावर लिहीन.
2 ଆଉ ତୁମ୍ଭେ ପ୍ରାତଃକାଳରେ ପ୍ରସ୍ତୁତ ହୁଅ ଓ ପ୍ରାତଃକାଳରେ ସୀନୟ ପର୍ବତ ଆରୋହଣ କରି ସେଠାରେ ପର୍ବତ ଶୃଙ୍ଗରେ ଆମ୍ଭ ନିକଟରେ ଉପସ୍ଥିତ ହୁଅ।
पहाटेस तयार हो व सीनाय पर्वतावर चढून ये आणि तेथे पर्वताच्या शिखरावर माझ्यासमोर हजर राहा.
3 ମାତ୍ର ତୁମ୍ଭ ସଙ୍ଗେ ଆଉ କେହି ଉପରକୁ ଆସିବେ ନାହିଁ, ପୁଣି, ଏହି ସମୁଦାୟ ପର୍ବତରେ କେହି ଦେଖା ନ ଯିବେ ଓ ଗୋମେଷାଦି ପଲ ମଧ୍ୟ ଏହି ପର୍ବତ ସମ୍ମୁଖରେ ଚରିବେ ନାହିଁ।”
तुझ्याबरोबर कोणी चढून वर येऊ नये पर्वतावरील कोणत्याच ठिकाणी कोणी मनुष्य दिसू नये; तसेच शेरडेमेंढरे कळप व गुरेढोरे ह्यांना त्या पर्वताच्या पायथ्याशी चरू देऊ नकोस.”
4 ତହୁଁ ମୋଶା ପ୍ରଥମ ପ୍ରସ୍ତର ପରି ଦୁଇ ପ୍ରସ୍ତର ପଟା ଖୋଳିଲେ; ପୁଣି, ସେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଆଜ୍ଞାନୁସାରେ ପ୍ରଭାତରେ ଉଠି ସୀନୟ ପର୍ବତ ଉପରକୁ ଗଲେ ଓ ସେହି ଦୁଇ ପ୍ରସ୍ତର ପଟା ହସ୍ତରେ ନେଲେ।
तेव्हा मोशेने पहिल्या पाट्यांसारख्याच आणखी दोन दगडी पाट्या घडून तयार केल्या; सकाळीच उठून त्या हाती घेऊन परमेश्वराच्या आज्ञेप्रमाणे सीनाय पर्वतावर चढून गेला;
5 ତେବେ ସଦାପ୍ରଭୁ ମେଘରେ ଅବରୋହଣ କରି ସେ ସ୍ଥାନରେ ତାଙ୍କ ସହିତ ଠିଆ ହୋଇ “ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ” ନାମ ଘୋଷଣା କଲେ।
तेव्हा मोशे पर्वतावर आल्यावर परमेश्वर एका ढगातून त्याच्याकडे खाली उतरला व तेथे त्याच्यापाशी उभा राहिला; आणि त्याने परमेश्वर या नावाची घोषणा केली.
6 ଆଉ ସଦାପ୍ରଭୁ ତାଙ୍କ ସମ୍ମୁଖ ଦେଇ ଗମନ କରି ଏହା ଘୋଷଣା କଲେ, “ସଦାପ୍ରଭୁ, ସଦାପ୍ରଭୁ ପରମେଶ୍ୱର ସ୍ନେହଶୀଳ ଓ କୃପାମୟ, କ୍ରୋଧରେ ଧୀର, ଦୟା ଓ ସତ୍ୟତାରେ ପରିପୂର୍ଣ୍ଣ;
परमेश्वर त्याच्यापुढून अशी घोषणा करीत गेला: “परमेश्वर, परमेश्वर, दयाळू, कृपाळू देव, मंदक्रोध, दयेचा व सत्याचा सागर,
7 ସହସ୍ର ସହସ୍ର ପୁରୁଷ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଦୟାରକ୍ଷାକାରୀ, ଅପରାଧ ଓ ଆଜ୍ଞାଲଙ୍ଘନ ଓ ପାପ କ୍ଷମାକାରୀ, ତଥାପି ନିତାନ୍ତ ତହିଁର ଦଣ୍ଡଦାତା, ତୃତୀୟ ଓ ଚତୁର୍ଥ ପୁରୁଷ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ପୁତ୍ରପୌତ୍ରାଦି ଉପରେ ପିତୃଗଣର ଅପରାଧର ପ୍ରତିଫଳଦାତା।”
हजारो जणांवर दया करणारा, अन्याय, अपराध व पाप यांची क्षमा करणारा, पण अपराधी जनांची मुळीच गय न करणारा, असा तो वडिलांच्या दुष्टाईबद्दल पुत्रपौत्रांचा तिसऱ्या व चौथ्या पिढीपर्यंतही समाचार घेतो.”
8 ତହୁଁ ମୋଶା ଶୀଘ୍ର ଭୂମିରେ ନତ ମସ୍ତକ ହୋଇ ପ୍ରଣାମ କରି କହିଲେ,
मग मोशेने ताबडतोब भूमीपर्यंत वाकून परमेश्वरास नमन केले.
9 “ପ୍ରଭୋ, ମୁଁ ଯଦି ତୁମ୍ଭ ଦୃଷ୍ଟିରେ ଅନୁଗ୍ରହ ପାଇଅଛି, ତେବେ ବିନୟ କରୁଅଛି, ପ୍ରଭୁ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟବର୍ତ୍ତୀ ହୋଇ ଗମନ କରନ୍ତୁ; କାରଣ ଏମାନେ ଶକ୍ତଗ୍ରୀବ ଲୋକ, ଆଉ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ଅପରାଧ ଓ ପାପ ମୋଚନ କରି ଆପଣା ଅଧିକାରାର୍ଥେ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ଗ୍ରହଣ କରନ୍ତୁ।”
मग तो म्हणाला, “हे प्रभू, तुझी कृपादृष्टी जर माझ्यावर झाली असेल तर तू आमच्याबरोबर चालावे. हे लोक ताठ मानेचे आहेत हे मला माहीत आहे; तरी आमचा अन्याय व पाप यांची तू आम्हांला क्षमा कर आणि आपले वतन म्हणून आमचा स्वीकार कर.”
10 ତେବେ ସେ କହିଲେ, “ଦେଖ, ମୁଁ ଗୋଟିଏ ନିୟମ କରିବି; ସମସ୍ତ ପୃଥିବୀରେ ଅବା କୌଣସି ଗୋଷ୍ଠୀ ମଧ୍ୟରେ ଯାହା କେବେ କରାଯାଇ ନାହିଁ, ଏପରି ଆଶ୍ଚର୍ଯ୍ୟକର୍ମ ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭର ସମସ୍ତ ଲୋକଙ୍କ ସାକ୍ଷାତରେ କରିବା; ତହିଁରେ ଯେଉଁସବୁ ଲୋକଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ତୁମ୍ଭେ ଅଛ, ସେମାନେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କର ସେହି କର୍ମ ଦେଖିବେ, କାରଣ ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭ ନିକଟରେ ଯାହା କରିବା, ତାହା ଭୟଙ୍କର ଅଟେ।
१०मग परमेश्वर म्हणाला, “पाहा, मी तुझ्या सर्व लोकांबरोबर हा करार करीत आहे; आतापर्यंत पृथ्वीवरील कोणत्याही राष्ट्रासाठी यापूर्वी कधीही केलेले नाहीत ते चमत्कार मी करीन; ज्या लोकांमध्ये तू राहशील ते सर्व लोक परमेश्वराची कृती पाहतील, कारण जे मी तुझ्याबरोबर करणार आहे ते भयानक आहे.
11 ଆଜି ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭକୁ ଯାହା ଆଜ୍ଞା କରୁ, ତହିଁରେ ମନୋଯୋଗ କର; ଦେଖ, ଆମ୍ଭେ ଇମୋରୀୟ, କିଣାନୀୟ, ହିତ୍ତୀୟ, ପରିଷୀୟ, ହିବ୍ବୀୟ ଓ ଯିବୂଷୀୟ ଲୋକମାନଙ୍କୁ ତୁମ୍ଭ ଆଗରୁ ତଡ଼ିଦେବା।
११मी आज तुला ज्या आज्ञा देतो त्या तू पाळ म्हणजे मग मी अमोरी, कनानी, हित्ती, परिज्जी, हिव्वी व यबूसी या लोकांस तुझ्यासमोरुन घालवून देतो.
12 ତୁମ୍ଭେ ଆପଣା ବିଷୟରେ ସାବଧାନ ହୁଅ, ଯେଉଁ ଦେଶକୁ ତୁମ୍ଭେ ଯାଉଅଛ, ସେହି ଦେଶର ନିବାସୀମାନଙ୍କ ସହିତ ନିୟମ କର ନାହିଁ; କାଳେ ତାହା ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ଗୋଟିଏ ଫାନ୍ଦ ସ୍ୱରୂପ ହେବ।
१२सावध राहा, नाही तर तू ज्या देशात जात आहेस त्यामध्ये राहणाऱ्या लोकांबरोबर कोणत्याही प्रकारे करारमदार करशील आणि तो तुला पाश होईल.
13 ମାତ୍ର ତୁମ୍ଭେମାନେ ସେମାନଙ୍କ ବେଦିସବୁ ଭଗ୍ନ କରିବ ଓ ସେମାନଙ୍କ ସ୍ତମ୍ଭସବୁ ଭାଙ୍ଗି ପକାଇବ ଓ ଆଶେରାର ମୂର୍ତ୍ତି କାଟି ପକାଇବ।
१३परंतु त्यांच्या वेद्या पाडून टाक; त्यांचे स्तंभ तोडून टाक; त्यांच्या अशेरा मूर्ती फोडून टाक.
14 ଯେହେତୁ ତୁମ୍ଭେ ଅନ୍ୟ କୌଣସି ଦେବତାକୁ ପ୍ରଣାମ କରିବ ନାହିଁ, କାରଣ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ନାମ (ସ୍ୱଗୌରବ ରକ୍ଷଣରେ) ଉଦ୍‍ଯୋଗୀ, ସେ (ସ୍ୱଗୌରବ ରକ୍ଷଣରେ) ଉଦ୍‍ଯୋଗୀ ପରମେଶ୍ୱର ଅଟନ୍ତି।
१४तू तर कोणत्याही दुसऱ्या देवाला नमन करू नये; कारण ज्याचे नाव ईर्ष्यावान असे आहे; तो परमेश्वर ईर्ष्यावान देव आहे.
15 କେଜାଣି ଅବା ତୁମ୍ଭେ ସେହି ଦେଶ ନିବାସୀ ଲୋକମାନଙ୍କ ସହିତ ନିୟମ କରିବ; କଲେ ଯେଉଁ ସମୟରେ ସେମାନେ ନିଜେ ଦେବଗଣର ଅନୁଗାମୀ ହୋଇ ବ୍ୟଭିଚାର କରନ୍ତି ଓ ନିଜ ଦେବଗଣ ନିକଟରେ ବଳିଦାନ କରନ୍ତି, ସେସମୟରେ କେହି ତୁମ୍ଭକୁ ଡାକିଲେ, ତୁମ୍ଭେ ତାହାର ବଳିଦ୍ରବ୍ୟ ଖାଇବ;
१५तू सावध राहा. या देशातील रहिवाशाबरोबर कोणत्याही प्रकारचे करारमदार करू नको; ते व्यभिचारी मतीने आपल्या देवामागे लागून त्यांना बलिदान करतील. त्यातल्या कोणी तुला बोलावले असता तुम्ही त्यांच्या बलिदानातले काही खाल.
16 କିଅବା ତୁମ୍ଭେ ଆପଣା ପୁତ୍ରମାନଙ୍କ ନିମନ୍ତେ ସେମାନଙ୍କ କନ୍ୟାଗଣକୁ ଗ୍ରହଣ କଲେ, ସେମାନଙ୍କ କନ୍ୟାଗଣ ନିଜ ଦେବଗଣର ଅନୁଗାମିନୀ ହୋଇ ତୁମ୍ଭ ପୁତ୍ରଗଣକୁ ଆପଣାମାନଙ୍କ ଦେବଗଣର ଅନୁଗାମୀ କରି ବ୍ୟଭିଚାର କରାଇବେ।
१६त्यांच्या कन्यांची तुम्ही आपल्या पुत्रांसाठी पत्नी म्हणून निवड कराल; त्यांच्या कन्या व्यभिचारी मतीने आपल्या देवाच्यामागे जातील आणि त्या तुमच्या पुत्रांना व्यभिचारी बुध्दीने त्यांच्या नादी लावतील.
17 ତୁମ୍ଭେ ଆପଣା ନିମନ୍ତେ ଛାଞ୍ଚରେ ଢଳା କୌଣସି ଦେବତା କର ନାହିଁ।
१७तू आपल्यासाठी ओतीव देव करू नको.
18 ତୁମ୍ଭେ ତାଡ଼ିଶୂନ୍ୟ ରୁଟିର ଉତ୍ସବ ପାଳନ କରିବ, ପୁଣି, ଆବୀବ୍‍ ମାସର ଯେଉଁ ସମୟରେ ଯେରୂପ କରିବାକୁ ତୁମ୍ଭକୁ ଆଜ୍ଞା ଦେଇଅଛୁ, ସେହିରୂପେ ତୁମ୍ଭେ ସାତ ଦିନ ତାଡ଼ିଶୂନ୍ୟ ରୁଟି ଖାଇବ; କାରଣ ସେହି ଆବୀବ୍‍ ମାସରେ ତୁମ୍ଭେ ମିସର ଦେଶରୁ ବାହାର ହୋଇ ଆସିଥିଲ।
१८बेखमीर भाकरीचा सण पाळ, मी दिलेल्या आज्ञेप्रमाणे नेमलेल्या वेळी अबीब महिन्यातील सात दिवसपर्यंत तू बेखमीर भाकर खावी, कारण अबीब महिन्यात मिसर देशातून तू बाहेर निघालास.
19 ଆଉ ସମସ୍ତ ପ୍ରଥମଜାତ ଗର୍ଭଫଳ ଓ ଗୋମେଷାଦି ପଲ ମଧ୍ୟରୁ ପ୍ରଥମଜାତ ପୁଂପଶୁ ସକଳ ଆମ୍ଭର।
१९प्रत्येक प्रथम जन्मलेला माझा आहे; तसेच तुझ्या गुरांढोरापैकी गायीचे व मेंढराचे प्रथम जन्मलेले नरवत्स माझे आहेत.
20 ମାତ୍ର ପ୍ରଥମଜାତ ଗର୍ଦ୍ଦଭ ପରିବର୍ତ୍ତରେ ତୁମ୍ଭେ ମେଷଶାବକ ଦେଇ ତାକୁ ମୁକ୍ତ କରିବ; ଯଦି ମୁକ୍ତ ନ କରିବ, ତେବେ ତାʼର ବେକ ଭାଙ୍ଗିବ। ତୁମ୍ଭର ପ୍ରଥମଜାତ ପୁତ୍ର ସକଳକୁ ତୁମ୍ଭେ ମୁକ୍ତ କରିବ। ଆଉ, କେହି ଶୂନ୍ୟ ହସ୍ତରେ ଆମ୍ଭ ସମ୍ମୁଖରେ ଉପସ୍ଥିତ ହେବ ନାହିଁ।
२०गाढवीचे पहिले शिंगरु खंडणी दाखल एक कोकरू देऊन सोडवून घ्यावे, पण त्यास तसे सोडवले नाही तर त्याची मान मोडावी. तुझ्या मुलांपैकी प्रत्येक ज्येष्ठ पुत्राला मोबदला देऊन सोडवून घ्यावा. कोणी रिकाम्या हाताने माझ्यासमोर येऊ नये.
21 ତୁମ୍ଭେ ଛଅ ଦିନ କର୍ମ କରିବ, ମାତ୍ର ସପ୍ତମ ଦିନରେ ବିଶ୍ରାମ କରିବ; କୃଷି ଓ ଶସ୍ୟଚ୍ଛେଦନ ସମୟରେ ମଧ୍ୟ ବିଶ୍ରାମ କରିବ।
२१सहा दिवस तू आपले कामकाज कर, परंतु सातव्या दिवशी विसावा घे; नांगरणीच्या व कापणीच्या हंगामातही सातव्या दिवशी तू विसावा घे.
22 ତୁମ୍ଭେ ସପ୍ତାହର ଉତ୍ସବ, ଅର୍ଥାତ୍‍, କଟା ଗହମର ପ୍ରଥମ ଫଳର ଉତ୍ସବ ଓ ବର୍ଷର ଶେଷ ଭାଗରେ ଫଳ ସଂଗ୍ରହର ଉତ୍ସବ କରିବ।
२२तू सप्ताहाचा, म्हणजे गव्हाच्या कापणीच्या प्रथम पिकाचा सण पाळावा.
23 ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କର ସମସ୍ତ ପୁରୁଷ ବର୍ଷ ମଧ୍ୟରେ ତିନି ଥର ଇସ୍ରାଏଲର ପ୍ରଭୁ ସଦାପ୍ରଭୁ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ଛାମୁରେ ଉପସ୍ଥିତ ହେବେ।
२३तुमच्या सर्व पुरुषांनी वर्षातून तीनदा इस्राएलाचा देव प्रभू परमेश्वर ह्यासमोर हजर रहावे.
24 କାରଣ ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭ ସମ୍ମୁଖରୁ ଅନ୍ୟ ଦେଶୀୟ ଲୋକମାନଙ୍କୁ ଦୂର କରିବା ଓ ତୁମ୍ଭର ସୀମା ବିସ୍ତାର କରିବା, ପୁଣି, ତୁମ୍ଭେ ବର୍ଷ ମଧ୍ୟରେ ତିନି ଥର ସଦାପ୍ରଭୁ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ଛାମୁରେ ଉପସ୍ଥିତ ହେବା ନିମନ୍ତେ ଗମନ କଲେ, ତୁମ୍ଭ ଭୂମି ପ୍ରତି କେହି ଲୋଭ କରିବ ନାହିଁ।
२४मी तर परराष्ट्रांना तुझ्यापुढून घालवून देईन; मी तुझ्या देशाच्या सीमा वाढवीन; आणि वर्षातून तीनदा तू आपला देव परमेश्वर ह्याच्यामोर हजर राहायला जाशील त्या वेळी तुझ्या देशाचा कोणीही लोभ धरणार नाही.
25 ତୁମ୍ଭେ ଆମ୍ଭ ବଳିର ରକ୍ତ ତାଡ଼ିଯୁକ୍ତ ଦ୍ରବ୍ୟ ସହିତ ଉତ୍ସର୍ଗ କରିବ ନାହିଁ ଓ ନିସ୍ତାରପର୍ବୀୟ ଉତ୍ସବର ବଳିଦ୍ରବ୍ୟ ପ୍ରାତଃକାଳ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ରଖିବ ନାହିଁ।
२५माझ्या यज्ञबलीचे रक्त खमिराच्या भाकरीबरोबर अर्पू नये; आणि वल्हांडण सणाच्या यज्ञपशूचे काहीही सकाळपर्यंत राहू देऊ नये.
26 ତୁମ୍ଭେ ଆପଣା ଭୂମିର ପ୍ରଥମଜାତ ଫଳର ଅଗ୍ରିମାଂଶ ଆପଣା ସଦାପ୍ରଭୁ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ଗୃହକୁ ଆଣିବ। ପୁଣି, ତୁମ୍ଭେ ଛାଗର ଶାବକକୁ ତାହାର ମାତାର ଦୁଗ୍ଧରେ ପାକ କରିବ ନାହିଁ।”
२६हंगामाच्या वेळी तुझ्या जमिनीच्या उत्पन्नातील प्रथम पिकाचा सर्वोत्तम भाग आपला देव परमेश्वर, ह्याच्या मंदिरात आणावा. करडू त्याच्या आईच्या दुधात शिजवू नये.”
27 ଆଉ ସଦାପ୍ରଭୁ ମୋଶାଙ୍କୁ କହିଲେ, “ତୁମ୍ଭେ ଏହିସବୁ ବାକ୍ୟ ଲେଖ, କାରଣ ଆମ୍ଭେ ଏହି ବାକ୍ୟାନୁସାରେ ତୁମ୍ଭ ସହିତ ଓ ଇସ୍ରାଏଲ ସହିତ ନିୟମ ସ୍ଥିର କରିଅଛୁ।”
२७मग परमेश्वर मोशेला म्हणाला, “ही वचने लिहून ठेव, कारण याच वचनांप्रमाणे मी तुझ्याशी व इस्राएल लोकांशी करार केला आहे.”
28 ସେହି ସମୟରେ ମୋଶା ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ସହିତ ସେହି ସ୍ଥାନରେ ଚାଳିଶ ଦିବାରାତ୍ର ଅବସ୍ଥାନ କଲେ; ସେ ଅନ୍ନ ଭୋଜନ କି ଜଳ ପାନ କଲେ ନାହିଁ। ସେ ସେହି ଦୁଇ ପ୍ରସ୍ତରରେ ନିୟମ-ବାକ୍ୟ, ଅର୍ଥାତ୍‍, ଦଶ ଆଜ୍ଞା ଲେଖିଲେ।
२८मोशे तेथे परमेश्वराजवळ चाळीस दिवस व चाळीस रात्री राहिला; त्या दिवसात त्याने अन्न खाल्ले नाही, आणि तो पाणीही प्याला नाही; आणि त्या पाट्यांवर परमेश्वराने कराराची वचने म्हणजे दहा आज्ञा लिहून ठेवल्या.
29 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ମୋଶା ସୀନୟ ପର୍ବତରୁ ଓହ୍ଲାଇବା ସମୟରେ ସାକ୍ଷ୍ୟରୂପ ଦୁଇ ଖଣ୍ଡ ପ୍ରସ୍ତର ହସ୍ତରେ ଘେନି ପର୍ବତରୁ ଓହ୍ଲାଇଲେ, ମାତ୍ର ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ସହିତ ଆଳାପ କରିବା ସକାଶୁ ଆପଣା ମୁଖର ଚର୍ମ ଯେ ଉଜ୍ଜ୍ୱଳ ହୋଇଥିଲା, ତାହା ମୋଶା ଜାଣି ନ ଥିଲେ।
२९मग मोशे, साक्षपटाच्या त्या दोन पाट्या घेऊन सीनाय पर्वतावरून खाली उतरला; परमेश्वराशी बोलल्यामुळे त्याच्या चेहऱ्यातून तेजाचे किरण निघत आहेत ह्याचे त्यास भान नव्हते.
30 ପୁଣି, ଯେତେବେଳେ ହାରୋଣ ଓ ଇସ୍ରାଏଲ-ସନ୍ତାନଗଣ ମୋଶାଙ୍କୁ ଦେଖିଲେ, ସେତେବେଳେ ତାଙ୍କର ମୁଖର ଚର୍ମ ଉଜ୍ଜ୍ୱଳ ଥିଲା; ଏଣୁ ସେମାନେ ତାଙ୍କ ନିକଟକୁ ଯିବା ପାଇଁ ଭୀତ ହେଲେ।
३०अहरोन व सर्व इस्राएल लोक यांनी मोशेच्या चेहऱ्यावरील तेजस्वी किरणे पाहिली तेव्हा ते त्याच्याजवळ जायला घाबरले;
31 ମାତ୍ର ମୋଶା ସେମାନଙ୍କୁ ଡାକନ୍ତେ, ହାରୋଣ ଓ ମଣ୍ଡଳୀର ଅଧ୍ୟକ୍ଷଗଣ ତାଙ୍କ ନିକଟକୁ ଫେରିଗଲେ; ତହିଁରେ ମୋଶା ସେମାନଙ୍କ ସହିତ ଆଳାପ କଲେ।
३१परंतु मोशेने अहरोन व मंडळीचे प्रमुख ह्याना बोलावले, तेव्हा अहरोन व मंडळीचे प्रमुख त्याच्याकडे परत आले, तो त्यांच्याशी बोलू लागला.
32 ତହିଁ ଉତ୍ତାରେ ଇସ୍ରାଏଲ-ସନ୍ତାନଗଣ ତାଙ୍କ ନିକଟକୁ ଗଲେ; ତହିଁରେ ସଦାପ୍ରଭୁ ସୀନୟ ପର୍ବତରେ ତାଙ୍କୁ ଯେଉଁ ଯେଉଁ କଥା କହିଥିଲେ, ତାହାସବୁ ସେ ଆଜ୍ଞା ରୂପେ ସେମାନଙ୍କୁ ଜଣାଇଲେ।
३२त्यानंतर सर्व इस्राएल लोक जवळ आले आणि जे काही परमेश्वराने त्यास सीनाय पर्वतावर सांगितले होते ते सगळे त्याने त्यांना आज्ञा देऊन सांगितले.
33 ଆଉ, ମୋଶା ସେମାନଙ୍କ ସହିତ କଥୋପକଥନ ସମାପନ କଲା ଉତ୍ତାରେ ଆପଣା ମୁଖରେ ଘୁମୁଟା ଦେଲେ।
३३लोकांशी आपले बोलणे संपविल्यावर मोशेने आपला चेहरा आच्छादनाने झाकला.
34 ମାତ୍ର ମୋଶା ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ସହିତ କଥା କହିବା ପାଇଁ ଭିତରେ ତାହାଙ୍କ ସାକ୍ଷାତକୁ ଯାଇ ବାହାରକୁ ନ ଆସିବା ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ସେହି ଘୁମୁଟା କାଢ଼ି ରଖିଲେ; ଆଉ ଯେଉଁ ଆଜ୍ଞା ପାଇଲେ, ବାହାରେ ଆସି ଇସ୍ରାଏଲ-ସନ୍ତାନଗଣକୁ ତାହା କହିଲେ।
३४जेव्हा कधीही मोशे परमेश्वराबरोबर बोलावयास त्याच्यासमोर आत जाई, तेव्हा तो बाहेर येईपर्यंत आपल्या चेहऱ्यावरील आच्छादन काढीत असे; मग तो इस्राएल लोकांकडे बाहेर येऊन परमेश्वर जी काही आज्ञा देई ती तो त्यांना सांगत असे.
35 ତହିଁରେ ମୋଶାଙ୍କର ମୁଖର ଚର୍ମ ଉଜ୍ଜ୍ୱଳ ଅଟେ, ଏହା ଇସ୍ରାଏଲ-ସନ୍ତାନଗଣ ତାଙ୍କର ମୁଖ ପ୍ରତି ଅନାଇ ଦେଖିଲେ; ମୋଶା ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ସହିତ କଥା କହିବାକୁ ଯେପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଭିତରକୁ ନ ଗଲେ; ସେପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଆପଣା ମୁଖରେ ଘୁମୁଟା ଦେଲେ।
३५मोशेचा तेजाने तळपणारा चेहरा इस्राएल लोक पाहत तेव्हा तो पुन्हा आपला चेहरा झाकून घेई; आणि तो परमेश्वराकडे बोलावयास आत जाईपर्यंत तो आपला चेहरा झाकून ठेवत असे.

< ମୋଶାଙ୍କ ଲିଖିତ ଦ୍ୱିତୀୟ ପୁସ୍ତକ 34 >