< ପ୍ରଥମ ରାଜାବଳୀ 8 >

1 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ଶଲୋମନ ଦାଉଦ-ନଗର ସିୟୋନରୁ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ନିୟମ-ସିନ୍ଦୁକ ଆଣିବା ପାଇଁ ଇସ୍ରାଏଲର ପ୍ରାଚୀନବର୍ଗଙ୍କୁ ଓ ବଂଶସମୂହର ପ୍ରଧାନବର୍ଗଙ୍କୁ, ଅର୍ଥାତ୍‍, ଇସ୍ରାଏଲ-ସନ୍ତାନଗଣଙ୍କର ପିତୃଗୃହାଧିପତି ସମସ୍ତଙ୍କୁ ଯିରୂଶାଲମରେ ଶଲୋମନ ରାଜାଙ୍କ ନିକଟରେ ଏକତ୍ର କଲେ।
इस्राएलमधील सगळी वडिलधारी मंडळी, सर्व घराण्यांचे प्रमुख आणि वंशातील मुख्य यांना राजा शलमोनाने आपल्याबरोबर यरूशलेम येथे यायला सांगितले. दावीद नगरातून म्हणजे सियोनेतून वरती परमेश्वराच्या कराराचा कोश मंदिरात आणण्यासाठी त्यांना त्याने बोलावले.
2 ତହିଁରେ ଏଥାନୀମ ନାମକ ସପ୍ତମ ମାସରେ ପର୍ବ ସମୟରେ ସମସ୍ତ ଇସ୍ରାଏଲ ଲୋକ ଶଲୋମନ ରାଜାଙ୍କ ନିକଟରେ ଏକତ୍ର ହେଲେ।
तेव्हा इस्राएलाची सर्व मंडळी शलमोन राजासमोर एकत्र आली. तेव्हा एथानीम हा वर्षाचा सातवा सनाचा माहिना चालू होता.
3 ପୁଣି, ଇସ୍ରାଏଲର ପ୍ରାଚୀନ ସମସ୍ତେ ଉପସ୍ଥିତ ହୁଅନ୍ତେ, ଯାଜକମାନେ ସିନ୍ଦୁକ ଉଠାଇଲେ।
इस्राएलची सर्व वडिलधारी मंडळी एकत्र जमली. मग याजकांनी परमेश्वराचा पवित्र कराराचा कोश उचलला.
4 ଆଉ ସେମାନେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ସିନ୍ଦୁକ ଓ ସମାଗମ-ତମ୍ବୁ ଓ ତମ୍ବୁରେ ଥିବା ସମସ୍ତ ପବିତ୍ର ପାତ୍ର ଆଣିଲେ; ଯାଜକ ଓ ଲେବୀୟମାନେ ଏହିସବୁ ଆଣିଲେ।
त्याबरोबरच दर्शनमंडप, परमेश्वराचा कोश, तेथील सर्व पवित्र पात्रे लेवींनी व याजकांनी वरती वाहून नेली.
5 ତହୁଁ ରାଜା ଶଲୋମନ ଓ ତାଙ୍କ ସହିତ ତାଙ୍କ ନିକଟରେ ଏକତ୍ରିତ ସମଗ୍ର ଇସ୍ରାଏଲ-ମଣ୍ଡଳୀ ସିନ୍ଦୁକ ସମ୍ମୁଖରେ ମେଷ ଓ ଗୋରୁ ବଳିଦାନ କଲେ, ତାହା ବାହୁଲ୍ୟ ହେତୁ ଅସଂଖ୍ୟ ଓ ଅପରିମେୟ ଥିଲା।
राजा शलमोन व इस्राएलचे सर्व लोक कराराच्या कोशासमोर आले. तेथे त्यांनी अनेक बली अर्पण केले. तेथे त्यांनी इतकी गुरे मेंढरे अर्पिली की त्यांची मोजदाद करता येणे शक्य नव्हते.
6 ଏଉତ୍ତାରେ ଯାଜକମାନେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ନିୟମ-ସିନ୍ଦୁକ ତାହାର ସ୍ୱ ସ୍ଥାନକୁ, ଅର୍ଥାତ୍‍, ଗୃହର ମହାପବିତ୍ର ସ୍ଥାନ ମହାପବିତ୍ର ସ୍ଥାନସ୍ଥ କିରୂବମାନଙ୍କ ପକ୍ଷ ତଳକୁ ଆଣିଲେ।
मग याजकांनी परमेश्वराचा तो कराराचा कोश आतल्या दालनात ठेवला. मंदिरातील परमपवित्र गाभाऱ्याच्या आत करुबांच्या पंखाखाली तो ठेवला.
7 କାରଣ, କିରୂବମାନେ ସିନ୍ଦୁକର ସ୍ଥାନ ଉପରେ ଆପଣାମାନଙ୍କ ପକ୍ଷ ବିସ୍ତାର କରିଥିଲେ, ପୁଣି, କିରୂବମାନେ ସିନ୍ଦୁକ ଓ ତହିଁ ସାଙ୍ଗୀ ଉପର ଆଚ୍ଛାଦନ କରିଥିଲେ।
करुबांचे पंख पवित्र कराराच्या कोशावर पसरलेले होते. कोश आणि त्याचे दांडे पंखांनी झाकलेले होते.
8 ଆଉ ସେହି ସାଙ୍ଗୀ ଏତେ ଦୀର୍ଘ ଥିଲା ଯେ, ତହିଁର ଅଗ୍ରଭାଗ ମହାପବିତ୍ର ସ୍ଥାନ ସମ୍ମୁଖସ୍ଥ ପବିତ୍ର ସ୍ଥାନରୁ ଦେଖାଗଲା; ମାତ୍ର ବାହାରେ ଦେଖାଗଲା ନାହିଁ। ଆଜି ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ତାହା ସେଠାରେ ଅଛି।
हे दांडे इतके लांब होते की परमपवित्र गाभाऱ्यापुढच्या भागात उभे राहणाऱ्यालाही त्यांची टोके दिसत. बाहेरुन पाहणाऱ्याला मात्र ती दिसत नसत. हे दांडे अजूनही तेथे आहेत.
9 ଇସ୍ରାଏଲ-ସନ୍ତାନଗଣ ମିସର ଦେଶରୁ ବାହାରି ଆସିବା ବେଳେ ଓ ସଦାପ୍ରଭୁ ସେମାନଙ୍କ ସହିତ ନିୟମ କଲା ବେଳେ ହୋରେବ ନିକଟରେ ମୋଶା ଯେଉଁ ଦୁଇ ପ୍ରସ୍ତର ଫଳକ ସିନ୍ଦୁକ ମଧ୍ୟରେ ରଖିଥିଲେ, ତାହା ଛଡ଼ା ଆଉ କିଛି ତହିଁରେ ନ ଥିଲା।
कराराच्या कोशाच्या आत दोन पाट्या होत्या. होरेब येथे मोशेने हे पेटीच्या आता ठेवले होते. इस्राएली लोक मिसर देशातून बाहेर पडल्यावर होरेब या ठिकाणी परमेश्वराने त्यांच्याबरोबर करार केला होता.
10 ଆଉ, ଯାଜକମାନେ ପବିତ୍ର ସ୍ଥାନ ମଧ୍ୟରୁ ବାହାରି ଆସିଲା ଉତ୍ତାରେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଗୃହ ମେଘରେ ପରିପୂର୍ଣ୍ଣ ହେଲା;
१०परमपवित्र गाभाऱ्यात पवित्र कराराचा कोश ठेवल्यावर याजक तेथून बाहेर पडले, त्याबरोबर परमेश्वराचे मंदिर मेघाने व्यापले.
11 ତହିଁରେ ସେହି ମେଘ ସକାଶୁ ଯାଜକମାନେ ପରିଚର୍ଯ୍ୟା କରିବାକୁ ଠିଆ ହୋଇ ପାରିଲେ ନାହିଁ; କାରଣ, ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଗୃହ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ପ୍ରତାପରେ ପରିପୂର୍ଣ୍ଣ ହେଲା।
११परमेश्वराच्या तेजाने मंदिर भरुन गेले, व मेघामुळे याजकांना उभे राहता येईना.
12 ତହୁଁ ଶଲୋମନ କହିଲେ, “ସଦାପ୍ରଭୁ ନିବିଡ଼ ମେଘରେ ବାସ କରିବେ ବୋଲି କହିଅଛନ୍ତି।
१२तेव्हा शलमोन म्हणाला, “परमेश्वर म्हणाला आहे की, मी निबीड अंधारात वस्ती करीन.
13 ମୁଁ ନିଶ୍ଚୟ ତୁମ୍ଭ ପାଇଁ ଏକ ବସତି-ଗୃହ, ତୁମ୍ଭର ଅନନ୍ତକାଳ ବାସ ନିମନ୍ତେ ଏକ ସ୍ଥାନ ନିର୍ମାଣ କରିଅଛି।”
१३परंतु तुला युगानुयूग राहण्यासाठी, हे मंदिर मी तुझ्यासाठी बांधले आहे.”
14 ତହୁଁ ରାଜା ମୁଖ ଫେରାଇ ଇସ୍ରାଏଲର ସମଗ୍ର ସମାଜକୁ ଆଶୀର୍ବାଦ କଲେ; ପୁଣି, ଇସ୍ରାଏଲର ସମଗ୍ର ସମାଜ ଠିଆ ହେଲେ।
१४इस्राएल लोकांकडे वळून राजाने त्यांना आशीर्वाद दिला, तेव्हा ती सर्व मंडळी उठून उभी राहीली.
15 ଆଉ ସେ କହିଲେ, “ସଦାପ୍ରଭୁ ଇସ୍ରାଏଲର ପରମେଶ୍ୱର ଧନ୍ୟ, ଯେ ଆପଣା ମୁଖରେ ଆମ୍ଭ ପିତା ଦାଉଦଙ୍କୁ ଏହି କଥା କହିଥିଲେ ଓ ଆପଣା ହସ୍ତରେ ତାହା ସଫଳ କରିଅଛନ୍ତି, ଯଥା,
१५तो म्हणाला, “इस्राएलाचा परमेश्वर देव धन्य असो! माझे वडिल दावीद यांना म्हटल्याप्रमाणे त्याने स्वत: च्या हाताने ते पूर्ण केले परमेश्वर माझ्या वडिलांना म्हणाला,
16 ‘ଆମ୍ଭେ ଆପଣା ଇସ୍ରାଏଲ ଲୋକଙ୍କୁ ମିସରରୁ ବାହାର କରି ଆଣିବା ଦିନାବଧି ଆମ୍ଭ ନାମ ସ୍ଥାପନାର୍ଥେ ଗୃହ ନିର୍ମାଣ କରିବା ପାଇଁ ଇସ୍ରାଏଲର ସମୁଦାୟ ବଂଶ ମଧ୍ୟରୁ କୌଣସି ନଗର ମନୋନୀତ କରି ନାହୁଁ; ମାତ୍ର ଆମ୍ଭେ ଆପଣା ଲୋକ ଇସ୍ରାଏଲର ଅଧ୍ୟକ୍ଷ ହେବା ପାଇଁ ଦାଉଦଙ୍କୁ ମନୋନୀତ କଲୁ।’
१६माझ्या इस्राएली प्रजेला मी मिसरमधून बाहेर आणले. पण या वंशातील कुठलेही नगर मी अजून माझे नाव राखण्यासाठी माझे मंदिर उभारण्यासाठी निवडले नाही. तसेच इस्राएल लोकांचा नेता म्हणून अजून कोणाची निवड केली नाही. पण आता माझा जेथे सन्मान होईल असे यरूशलेम हे नगर मी निवडले आहे, आणि इस्राएल लोकांचा अधिपती म्हणून मी दाविदाची निवड केली आहे.”
17 ସଦାପ୍ରଭୁ ଇସ୍ରାଏଲର ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ନାମ ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟରେ ଗୋଟିଏ ଗୃହ ନିର୍ମାଣ କରିବାକୁ ମୋହର ପିତା ଦାଉଦଙ୍କର ସଂକଳ୍ପ ଥିଲା।
१७इस्राएलाच्या परमेश्वर देवाच्या सन्मानार्थ मंदिर बांधावे असे, माझे वडिल दावीद यांच्या फार मनात होते.
18 ମାତ୍ର, ସଦାପ୍ରଭୁ ମୋʼ ପିତା ଦାଉଦଙ୍କୁ କହିଲେ, ‘ଆମ୍ଭ ନାମ ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟରେ ଏକ ଗୃହ ନିର୍ମାଣ କରିବାକୁ ତୁମ୍ଭର ସଂକଳ୍ପ ଅଛି, ତୁମ୍ଭର ଏହି ସଂକଳ୍ପ କରିବା ଉତ୍ତମ;
१८पण परमेश्वर माझे वडिल दावीद यांना म्हणाला, “माझ्या नामासाठी मंदिर उभारण्याची तुझ्या मनातील इच्छा मी जाणून आहे, अशी इच्छा तू बाळगलीस ते चांगले आहे.
19 ତଥାପି ତୁମ୍ଭେ ସେହି ଗୃହ ନିର୍ମାଣ କରିବ ନାହିଁ; ମାତ୍ର, ତୁମ୍ଭ ଔରସଜାତ ତୁମ୍ଭ ପୁତ୍ର ଆମ୍ଭ ନାମ ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟରେ ଗୃହ ନିର୍ମାଣ କରିବ।’
१९पण तुझ्या हस्ते हे मंदिराचे काम होणार नाही, तर तुझ्या पोटी जो पुत्र होईल तो माझ्या नामासाठी हे मंदिर बांधील.
20 ସଦାପ୍ରଭୁ ଆପଣାର ଉକ୍ତ ଏହି କଥା ସଫଳ କରିଅଛନ୍ତି; କାରଣ, ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ପ୍ରତିଜ୍ଞାନୁସାରେ ମୁଁ ଆପଣା ପିତା ଦାଉଦଙ୍କର ପଦରେ ଉତ୍ପନ୍ନ ଓ ଇସ୍ରାଏଲର ସିଂହାସନରେ ଉପବିଷ୍ଟ ହୋଇ ଇସ୍ରାଏଲର ପରମେଶ୍ୱର ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ନାମ ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟରେ ସେହି ଗୃହ ନିର୍ମାଣ କଲି।
२०परमेश्वर जे वचन बोलला ते त्याने खरे करून दाखवले आहे. आता माझे वडिल दावीद याच्या गादीवर मी आलो आहे. इस्राएलाच्या परमेश्वर देवासाठी हे मंदिरही मी बांधले आहे.
21 ପୁଣି, ସଦାପ୍ରଭୁ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ପୂର୍ବପୁରୁଷମାନଙ୍କୁ ମିସର ଦେଶରୁ ବାହାର କରି ଆଣିବା ସମୟରେ ସେମାନଙ୍କ ସହିତ ଯେଉଁ ନିୟମ କରିଥିଲେ, ତାହାଙ୍କ ସେହି ନିୟମର ଆଧାର-ସିନ୍ଦୁକ ନିମନ୍ତେ ମୁଁ ତହିଁ ମଧ୍ୟରେ ଏକ ସ୍ଥାନ ନିରୂପଣ କରିଅଛି।”
२१त्यामध्ये पवित्र कराराच्या कोशासाठी एक जागा करवून घेतली आहे. त्या कोशामध्ये परमेश्वराने आपल्या पूर्वजांना मिसरमधून बाहेर आणले, तेव्हा केलेला तो करार यामध्ये आहे.”
22 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ଶଲୋମନ ଇସ୍ରାଏଲର ସମଗ୍ର ସମାଜ ସାକ୍ଷାତରେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଯଜ୍ଞବେଦି ସମ୍ମୁଖରେ ଠିଆ ହେଲେ ଓ ସ୍ୱର୍ଗ ଆଡ଼େ ଆପଣା ହସ୍ତ ବିସ୍ତାର କରି କହିଲେ;
२२शलमोन परमेश्वराच्या वेदीपुढे उभा राहिला व इस्राएलाच्या सर्व मंडळीसमोर दोन्ही हात आकाशाच्या दिशेने पसरले,
23 “ହେ ସଦାପ୍ରଭୋ, ଇସ୍ରାଏଲର ପରମେଶ୍ୱର, ଉପରିସ୍ଥ ସ୍ୱର୍ଗରେ କିଅବା ନୀଚସ୍ଥ ପୃଥିବୀରେ ତୁମ୍ଭ ତୁଲ୍ୟ ପରମେଶ୍ୱର କେହି ନାହିଁ; ତୁମ୍ଭର ଯେଉଁ ଦାସମାନେ ସର୍ବାନ୍ତଃକରଣ ସହିତ ତୁମ୍ଭ ସମ୍ମୁଖରେ ଗମନାଗମନ କରନ୍ତି, ତୁମ୍ଭେ ସେମାନଙ୍କ ପ୍ରତି ନିୟମ ଓ ଦୟା ପାଳନ କରିଥାଅ;
२३तो म्हणाला, हे इस्राएलाच्या परमेश्वर देवा, तुजसमान दुसरा कोणी आकाशात किंवा पृथ्वीतलावर नाही. तू हा करार केलास, कारण तुझे आमच्यावर प्रेम आहे. तू आपला करार पाळतोस, जे सेवक तू दाखवलेल्या मार्गाने जातात त्यांच्याविषयी तू दयाळू आणि एकनिष्ठ असतोस.
24 ତୁମ୍ଭେ ଆପଣା ଦାସ ମୋʼ ପିତା ଦାଉଦଙ୍କୁ ଯାହା ପ୍ରତିଜ୍ଞା କରିଥିଲ, ତାହା ପାଳନ କରିଅଛ; ହଁ, ତୁମ୍ଭେ ଆପଣା ମୁଖରେ କହିଥିଲ, ପୁଣି, ଆଜି ଆପଣା ହସ୍ତରେ ତାହା ସଫଳ କରିଅଛ।
२४माझे वडिल दावीद या आपल्या सेवकाला तू वचन दिलेस, आणि ते खरे करून दाखवलेस. आपल्या मुखाने तू वचन दिलेस आणि तुझ्याच हाताने ते पूर्ण केले आहे; अशी आज वस्तुस्थिती आहे.
25 ତୁମ୍ଭେ ମୋʼ ପିତା ଆପଣା ଦାସ ଦାଉଦଙ୍କୁ କହିଥିଲ, ‘ତୁମ୍ଭେ ଆମ୍ଭ ସମ୍ମୁଖରେ ଯେପରି ଗମନାଗମନ କରିଅଛ, ସେହିପରି ତୁମ୍ଭର ସନ୍ତାନମାନେ ଯେବେ ଆମ୍ଭ ସମ୍ମୁଖରେ ଗମନାଗମନ କରିବାକୁ ଆପଣା ଆପଣା ପଥରେ କେବଳ ସାବଧାନ ହେବେ, ତେବେ ଇସ୍ରାଏଲର ସିଂହାସନରେ ଉପବିଷ୍ଟ ହେବା ପାଇଁ ଆମ୍ଭ ଦୃଷ୍ଟିରେ ତୁମ୍ଭ ବଂଶରେ ଲୋକର ଅଭାବ ନୋହିବ; ଏହେତୁ ହେ ସଦାପ୍ରଭୋ, ଇସ୍ରାଏଲର ପରମେଶ୍ୱର, ତୁମ୍ଭେ ଆପଣାର ଏହି ପ୍ରତିଜ୍ଞା ଏବେ ସଫଳ କର।’
२५माझ्या वडिलांना दिलेली इतर वचनेही हे इस्राएलाच्या देवा, परमेश्वरा, तू खरी करून दाखव तू म्हणाला होतास, दावीद, तुझ्याप्रमाणेच तुझ्या मुलांनीही माझा मार्ग अनुसरला, तर तुमच्या घराण्यातील पुरूषांची परंपरा कधीही खुंटावयाची नाही, एकजण नेहमी इस्राएलाच्या राजासनावर राहील.
26 ଏହେତୁ ହେ ଇସ୍ରାଏଲର ପରମେଶ୍ୱର, ମୁଁ ବିନୟ କରୁଅଛି, ତୁମ୍ଭ ଦାସ ମୋʼ ପିତା ଦାଉଦଙ୍କ ପ୍ରତି ଯେଉଁ ବାକ୍ୟ କହିଅଛ, ତାହା ଦୃଢ଼ ହେଉ।
२६परमेश्वरा, इस्राएलाच्या देवा, हा माझे वडिल दाविदाला दिलेला शब्दही खरा ठरु दे अशी माझी प्रार्थना आहे.
27 ମାତ୍ର, ପରମେଶ୍ୱର କʼଣ ପୃଥିବୀରେ ନିତାନ୍ତ ବାସ କରିବେ? ଦେଖ, ସ୍ୱର୍ଗ ଓ ସ୍ୱର୍ଗର (ଉପରିସ୍ଥ) ସ୍ୱର୍ଗ ତୁମ୍ଭକୁ ଧାରଣ କରି ନ ପାରେ; ତେବେ ମୋʼ ନିର୍ମିତ ଏହି ଗୃହ କʼଣ ପାରିବ?
२७पण परमेश्वरा, तू खरोखरच पृथ्वीवर राहशील का? हे विस्तीर्ण आकाश आणि स्वर्ग यातही तू मावत नाहीस. तेव्हा हे मी बांधलेले मंदिरही तुझ्यासाठी कसे पुरेल!
28 ତଥାପି, ହେ ସଦାପ୍ରଭୋ, ମୋʼ ପରମେଶ୍ୱର, ତୁମ୍ଭ ଦାସ ଆଜି ତୁମ୍ଭ ନିକଟରେ ଯେଉଁ କାକୂକ୍ତି ଓ ପ୍ରାର୍ଥନା ନିବେଦନ କରୁଅଛି, ତାହା ଶୁଣିବା ପାଇଁ ତୁମ୍ଭେ ଆପଣା ଦାସର ପ୍ରାର୍ଥନା ଓ ବିନତିରେ ମନୋଯୋଗ କର;
२८पण कृपाकरून माझी प्रार्थना व कळकळीची विनंती ऐक. मी तुझा सेवक आणि तू माझा परमेश्वर देव आहेस. आजची ही माझी प्रार्थना ऐक.
29 ପୁଣି, ଯେଉଁ ସ୍ଥାନ ବିଷୟରେ ତୁମ୍ଭେ କହିଅଛ, ‘ଏହିଠାରେ ଆମ୍ଭ ନାମ ରହିବ,’ ସେହି ସ୍ଥାନ, ଅର୍ଥାତ୍‍, ଏହି ଗୃହ ପ୍ରତି ତୁମ୍ଭର ଚକ୍ଷୁ ଦିବାରାତ୍ର ମୁକ୍ତ ଥାଉ; ଏହି ସ୍ଥାନ ଅଭିମୁଖରେ ତୁମ୍ଭ ଦାସ ଯାହା ପ୍ରାର୍ଥନା କରିବ, ତାହା ଶୁଣ।
२९माझ्या नावाचा निवास याठिकाणी होईल, असे ज्या ठिकाणाविषयी तू म्हटले त्या या ठिकाणाकडे रात्रंदिवस या मंदिराकडे तुझी दृष्टी असू दे, जी प्रार्थना तुझा सेवक या स्थळाकडे तोंड करून करीत आहे ती ऐक.
30 ପୁଣି, ଏହି ସ୍ଥାନ ଅଭିମୁଖରେ ତୁମ୍ଭ ଦାସ ଓ ତୁମ୍ଭ ଲୋକ ଇସ୍ରାଏଲ ପ୍ରାର୍ଥନା କଲେ, ତୁମ୍ଭେ ସେମାନଙ୍କ ବିନତିରେ ମନୋଯୋଗ କର; ହଁ, ତୁମ୍ଭେ ଆପଣା ନିବାସ ସ୍ଥାନ ସ୍ୱର୍ଗରେ ଥାଇ ତାହା ଶୁଣ ଓ ଶୁଣି କ୍ଷମା କର।
३०परमेश्वरा, इस्राएलाचे सर्व लोक आणि मी इथे येऊन तुझी प्रार्थना करू तेव्हा त्या प्रार्थना ऐक. तुझे वास्तव्य स्वर्गात आहे हे आम्हास माहित आहे. तेथे त्या तुझ्या कानावर पडो आणि तू आम्हास क्षमा कर.
31 କେହି ଆପଣା ପ୍ରତିବାସୀ ବିରୁଦ୍ଧରେ ପାପ କଲେ ଯେବେ ତାହାକୁ ଶପଥ କରାଇବା ପାଇଁ କୌଣସି ଶପଥ; ନିରୂପିତ ହୁଏ ଓ ସେ ଆସି ଏହି ଗୃହସ୍ଥିତ ତୁମ୍ଭ ଯଜ୍ଞବେଦି ସମ୍ମୁଖରେ ଶପଥ କରେ,
३१जर एखादया व्यक्तीने आपल्या शेजाऱ्याविरूद्ध काही अपराध केल्यास त्यास शपथ घ्यावयास लावल्यास व या तुझ्या वेदीसमोर घेतली.
32 ତେବେ, ତୁମ୍ଭେ ସ୍ୱର୍ଗରେ ଥାଇ ତାହା ଶୁଣି ନିଷ୍ପତ୍ତି କର ଓ ଆପଣା ଦାସମାନଙ୍କର ବିଚାର କରି ଦୋଷୀର କର୍ମର ଫଳ ତାହାର ନିଜ ମସ୍ତକରେ ବର୍ତ୍ତାଇବା ପାଇଁ ତାହାକୁ ଦୋଷୀ କର; ପୁଣି, ଧାର୍ମିକକୁ ତାହାର ଧାର୍ମିକତା ପ୍ରମାଣେ ଫଳ ଦେବା ପାଇଁ ଧାର୍ମିକ କର।
३२तेव्हा ती तू स्वर्गातून ऐकून निवाडा कर. जर तो अपराधी असेल तर त्यास त्याप्रमाणे शिक्षा कर. आपल्या सेवकाचा न्याय करून दुष्टास दुष्ट ठरव व त्याची कृत्ये त्याच्या माथी येवो आणि धार्मिकास निर्दोष ठरवून त्याच्या निर्दोषतेप्रमाणे त्यास बक्षिस देऊन त्याचे समर्थन कर.
33 ତୁମ୍ଭ ଲୋକ ଇସ୍ରାଏଲ ତୁମ୍ଭ ବିରୁଦ୍ଧରେ ପାପ କରିବା ସକାଶୁ ଶତ୍ରୁ ସମ୍ମୁଖରେ ପରାସ୍ତ ହେଲେ ଯେବେ ସେମାନେ ତୁମ୍ଭ ପ୍ରତି ପୁନର୍ବାର ଫେରି ତୁମ୍ଭ ନାମ ସ୍ୱୀକାର କରନ୍ତି ଓ ଏହି ଗୃହରେ ତୁମ୍ଭ ନିକଟରେ ପ୍ରାର୍ଥନା ଓ ବିନତି କରନ୍ତି,
३३जेव्हा इस्राएल लोकांचा तुझ्याविरूद्धच्या पापामुळे शत्रूंच्या हातून पराभव होईल व ते त्यांच्या पापापासून मागे फिरतील, तुझ्या नावाने पश्चाताप करतील, प्रार्थना विनंती करून या मंदिरात क्षमा मागतील;
34 ତେବେ, ତୁମ୍ଭେ ସ୍ୱର୍ଗରେ ଥାଇ ତାହା ଶୁଣ ଓ ଆପଣା ଲୋକ ଇସ୍ରାଏଲର ପାପ କ୍ଷମା କର ଓ ସେମାନଙ୍କ ପୂର୍ବପୁରୁଷମାନଙ୍କୁ ଯେଉଁ ଦେଶ ଦେଇଅଛ, ସେଠାକୁ ପୁନର୍ବାର ସେମାନଙ୍କୁ ଆଣ।
३४तेव्हा स्वर्गातून तू त्यांचे ऐक, तुझे लोक इस्राएल यांच्या पापाची क्षमा कर आणि जो देश तू त्यांच्या पूर्वजांना देऊ केला त्यामध्ये त्यांना तू परत आण.
35 ସେମାନେ ତୁମ୍ଭ ବିରୁଦ୍ଧରେ ପାପ କରିବା ସକାଶୁ ଯେବେ ଆକାଶ ରୁଦ୍ଧ ହୋଇ ବୃଷ୍ଟି ନ ହୁଏ, ତେବେ, ତୁମ୍ଭେ ସେମାନଙ୍କୁ କ୍ଳେଶ ଦେବା ବେଳେ ଯେବେ ସେମାନେ ଏହି ସ୍ଥାନ ଅଭିମୁଖରେ ପ୍ରାର୍ଥନା କରନ୍ତି ଓ ତୁମ୍ଭ ନାମ ସ୍ୱୀକାର କରି ଆପଣା ଆପଣା ପାପରୁ ଫେରନ୍ତି,
३५त्यांनी तुझ्याविरूद्ध पाप केल्यामुळे आकाशकपाटे बंद झाली व पाऊस पडला नाही. तेव्हा ते जर या ठिकाणाकडे तोंड करून तुझी प्रार्थना करतील व तुझे नाव कबूल करतील व तू दीन केल्यामुळे तुझ्याकडे वळतील,
36 ତେବେ, ତୁମ୍ଭେ ସ୍ୱର୍ଗରେ ଥାଇ ତାହା ଶୁଣ ଓ ସେମାନଙ୍କ ଗନ୍ତବ୍ୟ ସତ୍‍ପଥ ବିଷୟରେ ଶିକ୍ଷା ଦେଇ ଆପଣା ଦାସମାନଙ୍କର ଓ ଆପଣା ଲୋକ ଇସ୍ରାଏଲର ପାପ କ୍ଷମା କର; ପୁଣି, ତୁମ୍ଭ ଲୋକମାନଙ୍କର ଅଧିକାରାର୍ଥେ ଦତ୍ତ ତୁମ୍ଭ ଦେଶ ଉପରେ ବୃଷ୍ଟି କର।
३६तेव्हा स्वर्गातून इस्राएली लोक व तुझे सेवक त्यांची विनवणी ऐकून त्यांच्या पापांची क्षमा कर. त्यांना योग्य मार्गाने चालायला शिकव, आणि परमेश्वरा, तू त्यांना वतन म्हणून दिलेल्या भूमीवर पाऊस पडू दे.
37 ଯେବେ ଦେଶରେ ଦୁର୍ଭିକ୍ଷ ହୁଏ, ଯେବେ ମହାମାରୀ ହୁଏ, ଯେବେ ଶସ୍ୟର କ୍ଷୟ କି ମ୍ଳାନି, ପଙ୍ଗପାଳ ବା କୀଟ ହୁଏ; ଯେବେ ସେମାନଙ୍କ ଶତ୍ରୁ ସେମାନଙ୍କ ଦେଶସ୍ଥ ନଗରସମୂହରେ ସେମାନଙ୍କୁ ଅବରୋଧ କରେ; କୌଣସି ମାରୀ ହୁଏ; କୌଣସି ରୋଗ ଘଟେ;
३७कधी जमीन ओसाड होऊन त्यावर कोणतेही पीक येणार नाही, किंवा एखादा साथीचा रोग पसरेल. कधी टोळधाड, भेरड, घुली येऊन सगळे पीक फस्त करतील. कधी शत्रूच्या हल्ल्याला काही ठिकाणचे लोक बळी पडतील, किंवा एखाद्या दुखण्याने लोक हैराण होतील.
38 ତେବେ, ଆପଣା ଆପଣା ମନଃପୀଡ଼ା ଜାଣି କୌଣସି ଲୋକ କିଅବା ତୁମ୍ଭର ସମଗ୍ର ଇସ୍ରାଏଲ ଲୋକ ଏହି ଗୃହ ଆଡ଼େ ହସ୍ତ ବିସ୍ତାର କରି କୌଣସି ପ୍ରାର୍ଥନା କି ବିନତି କଲେ;
३८असे कधी झाल्यास, एकाने जरी आपल्या पापाची कबुली दिली किंवा सर्व इस्राएली लोकांनी आपल्या जीवाला होणारा त्रास ओळखून मंदिराकडे हात पसरुन क्षमा याचना करतील.
39 ତୁମ୍ଭେ ଆପଣା ନିବାସ ସ୍ଥାନ ସ୍ୱର୍ଗରେ ଥାଇ ଶ୍ରବଣ କରି କ୍ଷମା କର ଓ ସିଦ୍ଧ କର, ଆଉ ପ୍ରତ୍ୟେକ ମନୁଷ୍ୟର ଅନ୍ତଃକରଣ ଜାଣି ତାହାର ସକଳ ଗତି ଅନୁସାରେ ପ୍ରତିଫଳ ଦିଅ; କାରଣ ତୁମ୍ଭେ, କେବଳ ତୁମ୍ଭେ ହିଁ ସମୁଦାୟ ମନୁଷ୍ୟ-ସନ୍ତାନର ଅନ୍ତଃକରଣ ଜାଣୁଅଛ;
३९तर त्यांची प्रार्थना स्वर्गातून ऐकून त्यांना क्षमा कर आणि कृती कर. लोकांच्या मनात काय आहे हे फक्त तूच जाणतोस. तेव्हा प्रत्येकाचा योग्य न्यायनिवाडा कर.
40 ତାହାହେଲେ, ତୁମ୍ଭେ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ପୂର୍ବପୁରୁଷମାନଙ୍କୁ ଯେଉଁ ଦେଶ ଦେଇଅଛ, ତହିଁରେ ସେମାନଙ୍କ ବସତିର ସମସ୍ତ ଦିନ ସେମାନେ ତୁମ୍ଭଙ୍କୁ ଭୟ କରିବେ।
४०आमच्या पूर्वजांना तू जी भूमी दिलीस तिथे लोकांनी त्यांचे वास्तव्य तिथे असेपर्यंत तुझा आदर ठेवून व भय धरुन रहावे म्हणून एवढे कर.
41 ଆହୁରି ଯେ ତୁମ୍ଭର ଇସ୍ରାଏଲ ଲୋକଙ୍କର ମଧ୍ୟବର୍ତ୍ତୀ ନୁହେଁ, ଏପରି କୌଣସି ବିଦେଶୀ ଯେବେ ତୁମ୍ଭ ନାମ ସକାଶୁ ଦୂର ଦେଶରୁ ଆସେ;
४१इस्राएली लोकांशिवाय तुझ्या नावासाठी परदेशाहून कोणी आला,
42 କାରଣ, ବିଦେଶୀମାନେ ତୁମ୍ଭର ମହାନାମ ଓ ତୁମ୍ଭର ବଳବାନ ହସ୍ତ ଓ ତୁମ୍ଭର ବିସ୍ତୀର୍ଣ୍ଣ ବାହୁର କଥା ଅବଶ୍ୟ ଶୁଣିବେ; ଏପରି ଲୋକ ଆସି ଯେବେ ଏହି ଗୃହ ଆଡ଼େ ପ୍ରାର୍ଥନା କରେ,
४२कारण तुझे महान नाव बलशाली हात व पुढे केलेला बाहू ही सर्व त्यांच्या ऐकण्यात येणारच, व त्यांनी या मंदिराकडे येऊन प्रार्थना केली,
43 ତେବେ, ତୁମ୍ଭେ ଆପଣା ନିବାସ ସ୍ଥାନ ସ୍ୱର୍ଗରେ ଥାଇ ଶୁଣ ଓ ସେ ବିଦେଶୀ ତୁମ୍ଭ ନିକଟରେ ଯାହା ଯାହା ପ୍ରାର୍ଥନା କରେ, ତଦନୁସାରେ ତାହା ପ୍ରତି କର; ତହିଁରେ ତୁମ୍ଭ ଇସ୍ରାଏଲ ଲୋକ ତୁଲ୍ୟ ତୁମ୍ଭକୁ ଭୟ କରିବା ପାଇଁ ପୃଥିବୀସ୍ଥ ସମସ୍ତ ଗୋଷ୍ଠୀ ତୁମ୍ଭ ନାମ ଜ୍ଞାତ ହେବେ ଓ ଆମ୍ଭ ନିର୍ମିତ ଏହି ଗୃହ ତୁମ୍ଭ ନାମରେ ଖ୍ୟାତ ବୋଲି ଜାଣିବେ।
४३तर तू स्वर्गातून त्यांचीही प्रार्थना ऐक. त्यांच्या मनासारखे कर. म्हणजे इस्राएली लोकांप्रमाणेच या लोकांसही तुझ्याबद्दल भय आणि आदर वाटेल. तुझ्या सन्मानार्थ हे मंदिर मी बांधले आहे हे मग सर्व लोकांस कळेल.
44 ତୁମ୍ଭେ ଆପଣା ଲୋକମାନଙ୍କୁ ଯେକୌଣସି ଆଡ଼େ ପଠାଇଲେ ଯେବେ ସେମାନେ ଆପଣା ଶତ୍ରୁ ସଙ୍ଗେ ଯୁଦ୍ଧ କରିବାକୁ ବାହାରେ ଯାଇ ତୁମ୍ଭର ମନୋନୀତ ଏହି ନଗର ଆଡ଼େ ଓ ତୁମ୍ଭ ନାମ ନିମନ୍ତେ ମୋ ନିର୍ମିତ ଏହି ଗୃହ ଆଡ଼େ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ନିକଟରେ ପ୍ରାର୍ଥନା କରିବେ,
४४परमेश्वरा, कधी तू आपल्या लोकांस शत्रूवर चढाई करायचा आदेश देशील. तेव्हा तुझे लोक तू निवडलेल्या या नगराकडे आणि तुझ्या सन्मानार्थ मी बांधलेल्या मंदिराकडे वळतील. आणि ते तुझ्याकडे प्रार्थना करतील.
45 ତେବେ, ତୁମ୍ଭେ ସ୍ୱର୍ଗରେ ଥାଇ ସେମାନଙ୍କ ପ୍ରାର୍ଥନା ଓ ବିନତି ଶୁଣି ସେମାନଙ୍କ ବିଚାର ନିଷ୍ପତ୍ତି କର।
४५तेव्हा तू आपल्या स्वर्गातून त्यांची प्रार्थना विंनती ऐक आणि त्यांना मदत कर.
46 ଯେବେ ସେମାନେ ତୁମ୍ଭ ବିରୁଦ୍ଧରେ ପାପ କରନ୍ତି, କାରଣ ଯେ ପାପ ନ କରେ, ଏପରି କୌଣସି ମନୁଷ୍ୟ ନାହିଁ, ଆଉ ତୁମ୍ଭେ ସେମାନଙ୍କ ପ୍ରତି କ୍ରୁଦ୍ଧ ହୋଇ ସେମାନଙ୍କୁ ଶତ୍ରୁ ହସ୍ତରେ ସମର୍ପଣ କଲେ ଯେବେ ଶତ୍ରୁଗଣ ସେମାନଙ୍କୁ ବନ୍ଦୀ କରି ଦୂରସ୍ଥ ଅବା ନିକଟସ୍ଥ ଶତ୍ରୁ ଦେଶକୁ ନେଇଯାʼନ୍ତି;
४६जर लोकांच्या हातून तुझ्याविरूद्ध काही पाप घडले, (कारण पाप करत नाही असा कोणीच नाही) अशावेळी त्यांच्यावर संतापून तू त्यांचा शत्रूकडून पराभव करवशील. शत्रू मग त्यांना कैदी करून दूरदेशी नेतील.
47 ତେବେ ସେମାନେ ଯେଉଁ ଦେଶକୁ ବନ୍ଦୀ ରୂପେ ନୀତ ହୁଅନ୍ତି, ସେହି ସ୍ଥାନରେ ଯେବେ ସେମାନେ ମନେ ମନେ ବିବେଚନା କରି ଅନୁତାପ କରନ୍ତି ଓ ଯେଉଁମାନେ ସେମାନଙ୍କୁ ବନ୍ଦୀ କରି ନେଇଗଲେ, ସେମାନଙ୍କ ଦେଶରେ ତୁମ୍ଭ ନିକଟରେ ବିନତି କରି କହନ୍ତି, ‘ଆମ୍ଭେମାନେ ପାପ କଲୁ ଓ ବିପଥଗାମୀ ହେଲୁ ଓ ଦୁଷ୍ଟପଣ କଲୁ;’
४७तर बंदी करून नेलेल्या देशात गेल्यावर मग हे लोक झाल्या गोष्टी विचारात घेतील. त्यांना आपल्या पापांचा पश्चाताप करतील तुझ्याकडून दयेची अपेक्षा करतील आणि ते प्रार्थना करतील, आम्ही चुकलो, आमच्या हातून दुष्टाई घडली अशी ते कबुली देतील.
48 ଆଉ, ଯେଉଁ ଶତ୍ରୁମାନେ ସେମାନଙ୍କୁ ବନ୍ଦୀ କରି ନେଇଗଲେ, ସେମାନଙ୍କ ଦେଶରେ ଥାଇ ଯେବେ ସେମାନେ ସମସ୍ତ ଅନ୍ତଃକରଣ ଓ ସମସ୍ତ ପ୍ରାଣ ସହିତ ତୁମ୍ଭ ପ୍ରତି ଫେରନ୍ତି, ପୁଣି, ତୁମ୍ଭେ ସେମାନଙ୍କ ପୂର୍ବପୁରୁଷଗଣକୁ ଯେଉଁ ଦେଶ ଦେଇଅଛ, ଆପଣାମାନଙ୍କର ସେହି ଦେଶ ଆଡ଼େ ଓ ତୁମ୍ଭ ମନୋନୀତ ନଗର ଆଡ଼େ ଓ ତୁମ୍ଭ ନାମ ନିମନ୍ତେ ମୋʼ ନିର୍ମିତ ଗୃହ ଆଡ଼େ ମୁଖ କରି ତୁମ୍ଭ ନିକଟରେ ପ୍ରାର୍ଥନା କରନ୍ତି,
४८बंदी करून नेलेल्या शत्रुंच्या देशात असताना ते जर अंत: करणपूर्वक तुझ्याकडे वळले आणि तू त्यांच्या पूर्वजांना दिलेल्या भूमीच्या दिशेने, तू निवडलेल्या या नगराच्या दिशेने आणि तुझ्या सन्मानार्थ मी बांधलेल्या या मंदिराच्या दिशेने त्यांनी प्रार्थना केली तर
49 ତେବେ ତୁମ୍ଭେ ଆପଣା ନିବାସ ସ୍ଥାନ ସ୍ୱର୍ଗରେ ଥାଇ ସେମାନଙ୍କ ପ୍ରାର୍ଥନା ଓ ବିନତି ଶୁଣ ଓ ସେମାନଙ୍କ ବିଚାର ନିଷ୍ପତ୍ତି କର;
४९तू ती आपल्या स्वर्गातील ठिकाणाहून त्यांची प्रार्थना व विनंती ऐक व त्यांस न्याय दे.
50 ପୁଣି, ତୁମ୍ଭ ବିରୁଦ୍ଧରେ ପାପକାରୀ ଆପଣା ଲୋକମାନଙ୍କୁ ଓ ତୁମ୍ଭ ବିରୁଦ୍ଧରେ କୃତ ସେମାନଙ୍କର ସମସ୍ତ ଅଧର୍ମ କ୍ଷମା କର; ପୁଣି, ଯେଉଁମାନେ ସେମାନଙ୍କୁ ବନ୍ଦୀ କରି ନେଇଗଲେ, ସେମାନେ ଯେପରି ଦୟା କରିବେ, ଏଥିପାଇଁ ସେମାନଙ୍କ ଦୃଷ୍ଟିରେ ସେମାନଙ୍କୁ ଦୟାପାତ୍ର କର।
५०त्यांच्या सर्व पापांची क्षमा कर. तुझ्याविरुध्द पाप केल्याबद्दल त्यांना क्षमा कर. त्यांच्या शत्रूसमोर त्यांच्या वर दया दाखव, म्हणजे ते त्यांच्यावर दया करतील,
51 କାରଣ, ସେମାନେ ତୁମ୍ଭର ଲୋକ ଓ ତୁମ୍ଭର ଅଧିକାର, ତୁମ୍ଭେ ସେମାନଙ୍କୁ ମିସରରୁ, ଲୌହ-ଅଗ୍ନିକୁଣ୍ଡ ମଧ୍ୟରୁ ଆଣିଅଛ;
५१ते तुझे लोक आहेत हे आठव तू त्यांना मिसरमधून बाहेर आणलेस जसे काही लोखंड वितळविण्याचा तापलेल्या भट्टीतून बाहेर काढले हेच तुझे वतन होत.
52 ତୁମ୍ଭ ଦାସର ବିନତି ପ୍ରତି ଓ ତୁମ୍ଭ ଲୋକ ଇସ୍ରାଏଲର ବିନତି ପ୍ରତି ତୁମ୍ଭର ଚକ୍ଷୁ ପ୍ରସନ୍ନ ଥାଉ ଓ ସେମାନେ ଯେକୌଣସି ସମୟରେ ତୁମ୍ଭକୁ ଡାକି ପ୍ରାର୍ଥନା କରନ୍ତି, ସେସମୟରେ ତାହା ଶୁଣ।
५२“तर तुझे डोळे तुझ्या सेवकाच्या विनंतीकडे व तुझ्या या इस्राएल लोकांची प्रार्थना कृपाकरून ऐक, ते तुझा धावा करतील त्यांच्या हाकेला प्रतिसाद दे.
53 କାରଣ, ହେ ପ୍ରଭୋ ସଦାପ୍ରଭୋ, ତୁମ୍ଭେ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ପୂର୍ବପୁରୁଷମାନଙ୍କୁ ମିସରରୁ ବାହାର କରି ଆଣିବା ସମୟରେ ଆପଣା ଦାସ ମୋଶାଙ୍କ ହସ୍ତରେ ଯେପରି କହିଥିଲ, ତଦନୁସାରେ ତୁମ୍ଭେ ସେମାନଙ୍କୁ ଆପଣା ଅଧିକାର ଦେବା ପାଇଁ ପୃଥିବୀସ୍ଥ ସମସ୍ତ ଗୋଷ୍ଠୀ ମଧ୍ୟରୁ ପୃଥକ କରିଅଛ।”
५३प्रभू परमेश्वरा, पृथ्वीतलावरील सर्व मनुष्यांमधून निवड करून तू यांना वेगळे केले आहेस. तू तुझे अभिवचन दिले आहेस. त्यानुसार हे लोक तुझे वतन व्हावे म्हणून मिसरमधून तू आमच्या पूर्वजांना बाहेर नेलेस तेव्हा आपला सेवक मोशे याच्याकडून हे कार्य करवून घेतलेस.”
54 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ଶଲୋମନ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ନିକଟରେ ଏହିସବୁ ପ୍ରାର୍ଥନା ଓ ବିନତି-ନିବେଦନ କରିବାର ସମାପ୍ତ କରନ୍ତେ, ସେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଯଜ୍ଞବେଦି ସମ୍ମୁଖରେ ଜାନୁପାତରୁ ଓ ସ୍ୱର୍ଗ ଆଡ଼େ ହସ୍ତ-ବିସ୍ତାରକରଣରୁ ଉଠିଲେ।
५४शलमोनाने आकाशाकडे हात पसरून व परमेश्वराच्या वेदीसमोर गुडघे टेकून ही सर्व प्रार्थना व विनवणी परमेश्वरास करण्याचे संपवल्यावर तो तेथून उठला.
55 ପୁଣି, ସେ ଠିଆ ହୋଇ ଉଚ୍ଚସ୍ୱରରେ ଇସ୍ରାଏଲର ସମଗ୍ର ସମାଜକୁ ଆଶୀର୍ବାଦ କରି କହିଲେ,
५५मग त्याने इस्राएल लोकांस उभे राहून उंच आवाजात आशीर्वाद दिला, तो म्हणाला.
56 “ଯେଉଁ ସଦାପ୍ରଭୁ ଆପଣାର ସକଳ ପ୍ରତିଜ୍ଞାନୁସାରେ ନିଜ ଲୋକ ଇସ୍ରାଏଲକୁ ବିଶ୍ରାମ ଦେଇଅଛନ୍ତି, ସେ ଧନ୍ୟ ହେଉନ୍ତୁ; ସେ ଆପଣା ଦାସ ମୋଶାଙ୍କ ହସ୍ତରେ ଯେ ଯେ ପ୍ରତିଜ୍ଞା କରିଥିଲେ, ସେହି ସକଳ ଉତ୍ତମ ପ୍ରତିଜ୍ଞାର ଏକ କଥା ହିଁ ବିଫଳ ହୋଇ ନାହିଁ।
५६“परमेश्वराचे स्तवन करा. इस्राएल लोकांस विसावा देण्याचे त्याने कबूल केले होते. त्याप्रमाणे त्यांने केले आहे. आपला सेवक मोशे याच्यामार्फत वचने दिली होती. त्यापैकी एकही शब्द वाया गेला नाही.
57 ସଦାପ୍ରଭୁ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ପରମେଶ୍ୱର ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ପିତୃଲୋକଙ୍କ ସଙ୍ଗେ ଯେପରି ଥିଲେ, ସେହିପରି ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ସଙ୍ଗେ ସଙ୍ଗେ ଥାଉନ୍ତୁ; ସେ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ତ୍ୟାଗ ନ କରନ୍ତୁ, କିଅବା ଆମ୍ଭମାନଙ୍କଠାରୁ ଦୂରବର୍ତ୍ତୀ ନ ହେଉନ୍ତୁ।
५७आपल्या पूर्वजांना आपला देव परमेश्वर याने जशी साथ दिली तशीच तो पुढे आपल्यालाही देवो. त्याने आम्हास कधी सोडू नये व कधी त्यागू नये.
58 ତାହାଙ୍କର ସମସ୍ତ ପଥରେ ଚାଲିବା ପାଇଁ ଓ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ପୂର୍ବପୁରୁଷମାନଙ୍କୁ ଦତ୍ତ ତାହାଙ୍କ ସମସ୍ତ ଆଜ୍ଞା, ବିଧି ଓ ଶାସନ ପାଳନ କରିବା ପାଇଁ ସେ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ଅନ୍ତଃକରଣକୁ ଆପଣା ପ୍ରତି ଆକର୍ଷଣ କରନ୍ତୁ।
५८आम्ही त्यास अनुसरावे. त्याच्या मार्गाने जावे. म्हणजेच आपल्या पूर्वंजांना त्याने दिलेल्या आज्ञा, सर्व नियम, निर्णय यांचे आम्ही पालन करावे.
59 ଆଉ, ମୁଁ ଏହି ଯେସବୁ କଥାରେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ସମ୍ମୁଖରେ ନିବେଦନ କଲି, ତାହା ଦିବାରାତ୍ର ସଦାପ୍ରଭୁ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ଗୋଚରରେ ଥାଉ, ପୁଣି, ପ୍ରତିଦିନର ପ୍ରୟୋଜନାନୁସାରେ ସେ ଆପଣା ଦାସର ବିଚାର ଓ ଆପଣା ଲୋକ ଇସ୍ରାଏଲର ବିଚାର ନିଷ୍ପତ୍ତି କରନ୍ତୁ;
५९आजची माझी प्रार्थना आणि माझे मागणे परमेश्वर सतत लक्षात ठेवो. हा राजा त्याचा सेवक आहे. त्याच्यासाठी आणि इस्राएल लोकांसाठी त्याने एवढे करावे. एकदिवसही त्यामध्ये खंड पडू देऊ नये.
60 ତହିଁରେ ସଦାପ୍ରଭୁ ଯେ ପରମେଶ୍ୱର, ତାହାଙ୍କ ଛଡ଼ା ଅନ୍ୟ ନାହିଁ, ଏହା ପୃଥିବୀସ୍ଥ ସମୁଦାୟ ଗୋଷ୍ଠୀ ଜ୍ଞାତ ହେବେ।
६०परमेश्वराने एवढे केले तर हा एकच खरा देव आहे हे जगभरच्या लोकांस कळेल त्याच्याशिवाय दुसरा देव नाही.
61 ଏହେତୁ ଆଜିର ନ୍ୟାୟ ସଦାପ୍ରଭୁ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ବିଧିରୂପ ପଥରେ ଚାଲିବା ପାଇଁ ଓ ତାହାଙ୍କ ଆଜ୍ଞା ପାଳନ କରିବା ପାଇଁ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ଅନ୍ତଃକରଣ ତାହାଙ୍କଠାରେ ସିଦ୍ଧ ଥାଉ।”
६१तुम्ही सर्वांनीही आपल्या परमेश्वर देवाशी एकनिष्ठ आणि प्रामाणिक असले पाहिजे. त्याच्या सर्व आज्ञा आणि नियम यांचे पालन केले पाहिजे. आत्ताप्रमाणेच पुढेही हे सर्व चालू ठेवले पाहिजे.”
62 ଏଉତ୍ତାରେ ରାଜା ଓ ତାଙ୍କ ସଙ୍ଗେ ସମଗ୍ର ଇସ୍ରାଏଲ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ସମ୍ମୁଖରେ ବଳି ଉତ୍ସର୍ଗ କଲେ।
६२मग राजासहीत सर्व इस्राएल लोकांनी परमेश्वरासमोर यज्ञबली अर्पण केले.
63 ପୁଣି, ଶଲୋମନ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟରେ ବାଇଶ ହଜାର ଗୋରୁ ଓ ଏକ ଲକ୍ଷ କୋଡ଼ିଏ ହଜାର ମେଷ ମଙ୍ଗଳାର୍ଥକ ବଳି ନିମନ୍ତେ ଉତ୍ସର୍ଗ କଲେ। ଏହିରୂପେ ରାଜା ଓ ଇସ୍ରାଏଲର ସମସ୍ତ ସନ୍ତାନ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଗୃହ ପ୍ରତିଷ୍ଠା କଲେ।
६३शलमोनाने बावीस हजार गुरे आणि एक लाख वीस हजार मेंढरे बली अर्पिली. ही शांत्यर्पणासाठी होती. अशाप्रकारे राजा आणि इस्राएल लोकांनी मंदिर परमेश्वरास अर्पण केले.
64 ସେହି ଦିନ ରାଜା ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଗୃହ ସମ୍ମୁଖସ୍ଥ ପ୍ରାଙ୍ଗଣର ମଧ୍ୟଦେଶ ପବିତ୍ର କଲେ; କାରଣ, ସେଠାରେ ସେ ହୋମବଳି, ଭକ୍ଷ୍ୟ ନୈବେଦ୍ୟ ଓ ମଙ୍ଗଳାର୍ଥକ ବଳିର ମେଦ ଉତ୍ସର୍ଗ କଲେ; ଯେହେତୁ ହୋମବଳି, ଭକ୍ଷ୍ୟ ନୈବେଦ୍ୟ ଓ ମଙ୍ଗଳାର୍ଥକ ବଳିର ମେଦ ଧରିବା ପାଇଁ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ସମ୍ମୁଖସ୍ଥ ପିତ୍ତଳମୟ ଯଜ୍ଞବେଦି ସାନ ଥିଲା।
६४मंदिरा समोरचे अंगणही राजा शलमोनाने त्यादिवशी अर्पण केले. त्याने तेथे होमबली, धान्य आणि आधी शांत्यर्पणासाठी अर्पण केलेल्या जनावरांची चरबी हे सर्व तेथे अर्पण केले. परमेश्वरापुढील पितळेची वेदी त्या मानाने लहान असल्यामुळे त्याने हे अंगणात केले.
65 ସେସମୟରେ ଶଲୋମନ ଓ ତାଙ୍କ ସଙ୍ଗେ ହମାତ୍‍ର ପ୍ରବେଶ ସ୍ଥାନଠାରୁ ମିସରର ନଦୀ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ସମଗ୍ର ଇସ୍ରାଏଲର ମହାସମାଜ ସାତ ଦିନ ଆଉ ସାତ ଦିନ, ଏପରି ଚଉଦ ଦିନ ସଦାପ୍ରଭୁ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ସମ୍ମୁଖରେ ଉତ୍ସବ କଲେ।
६५शलमोनाने आणि त्याच्याबरोबर सर्वांनी त्यादिवशी मंदिरात उत्सव साजरा केला. हमाथ खिंडीपासून मिसरच्या सीमेपर्यंतच्या भागातील सर्व इस्राएल लोक तेथे हजर होते. हा समुदाय प्रचंड होता. सात दिवस त्यांनी परमेश्वराच्या सान्निध्यात खाण्यापिण्यात आणि मजेत घालवले. आणखी सात दिवस त्यांनी आपला मुक्काम लांबवला. अशाप्रकारे हा सोहळा चौदा दिवस चालला.
66 ଅଷ୍ଟମ ଦିନରେ ସେ ଲୋକମାନଙ୍କୁ ବିଦାୟ କରନ୍ତେ, ସେମାନେ ରାଜାଙ୍କୁ ଧନ୍ୟବାଦ କଲେ, ପୁଣି, ସଦାପ୍ରଭୁ ଆପଣା ଦାସ ଦାଉଦଙ୍କ ପ୍ରତି ଓ ଆପଣା ଲୋକ ଇସ୍ରାଏଲ ପ୍ରତି ଯେସବୁ ମଙ୍ଗଳ ଦେଖାଇଥିଲେ, ତହିଁ ସକାଶୁ ଆନନ୍ଦିତ ଓ ହୃଷ୍ଟଚିତ୍ତ ହୋଇ ଆପଣା ଆପଣା ତମ୍ବୁକୁ ଗଲେ।
६६नंतर शलमोनाने सर्वांना घरोघरी परतायला सांगितले. राजाला धन्यवाद देऊन, त्याचा निरोप घेऊन सर्वजण परतले. परमेश्वराचा सेवक दावीद आणि इस्राएलचे सर्व लोक यांचे परमेश्वराने कल्याण केले म्हणून ते आनंदात होते.

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