< ପ୍ରଥମ ରାଜାବଳୀ 2 >

1 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ଦାଉଦଙ୍କର ମରଣକାଳ ସନ୍ନିକଟ ହୁଅନ୍ତେ, ସେ ଆପଣା ପୁତ୍ର ଶଲୋମନଙ୍କୁ ଆଜ୍ଞା ଦେଇ କହିଲେ,
दाविदाचा मरणकाळ जवळ येऊन ठेपला होता. तेव्हा त्याने शलमोनाला आज्ञा देऊन सांगितले,
2 “ମୁଁ ସମଗ୍ର ମର୍ତ୍ତ୍ୟର ମାର୍ଗରେ ଯାଉଅଛି; ଏହେତୁ ତୁମ୍ଭେ ବଳବାନ ହୁଅ ଓ ପୁରୁଷତ୍ୱ ପ୍ରକାଶ କର।
“आता मी जगाच्या रीतीप्रमाणे जाणार आहे. तर तू हिमंत धर, खंबीर, जबाबदार पुरुष हो.
3 ତୁମ୍ଭେ ଯାହା ଯାହା କରିବ ଓ ଯେକୌଣସି ସ୍ଥାନକୁ ଯିବ, ସେହି ସବୁରେ ଯେପରି କୁଶଳ ପ୍ରାପ୍ତ ହୁଅ, ଏଥିପାଇଁ ମୋଶାଙ୍କ ବ୍ୟବସ୍ଥା-ଲିଖିତ ବାକ୍ୟାନୁସାରେ ସଦାପ୍ରଭୁ ତୁମ୍ଭ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ବିଧି ଓ ଆଜ୍ଞା ଓ ଶାସନ ଓ ପ୍ରମାଣ-ବାକ୍ୟ ପାଳନ କରି ତାହାଙ୍କ ପଥରେ ଚାଲ ଓ ତାହାଙ୍କର ରକ୍ଷଣୀୟ ରକ୍ଷା କର;
आता परमेश्वर देवाच्या सर्व आज्ञांचे काळजीपूर्वक पालन कर त्याच्या मार्गाने जा, परमेश्वराच्या सर्व आज्ञा, नियम, कराराचे आदेश, व निर्णय काटेकोरपणे मोशेच्या नियमशास्त्रात लिहिल्याप्रमाणे पाळ. त्यामुळे तू जिथे जाशील तिथे, व जे कार्य हातात घेशील त्यामध्ये यशस्वी होशील.
4 ତହିଁରେ ସଦାପ୍ରଭୁ ମୋʼ ବିଷୟରେ ଯାହା କହିଅଛନ୍ତି, ଯଥା, ‘ଯଦି ତୁମ୍ଭ ସନ୍ତାନମାନେ ସମସ୍ତ ଅନ୍ତଃକରଣ ଓ ସମସ୍ତ ପ୍ରାଣ ସହିତ ଆମ୍ଭ ଛାମୁରେ ସତ୍ୟାଚରଣ କରିବାକୁ ଆପଣା ଆପଣା ପଥରେ ସାବଧାନ ହେବେ, ତେବେ ଇସ୍ରାଏଲର ସିଂହାସନରେ ବସିବାକୁ ତୁମ୍ଭ ବଂଶରେ ଲୋକର ଅଭାବ ନୋହିବ, ସେ ଆପଣାର ଏହି ବାକ୍ୟ ସଫଳ କରିବେ।’
तू परमेश्वराचे म्हणणे ऐकल्याने तो ही मला दिलेली वचने पाळील, जर मी सांगितलेल्या मार्गाने मनापासून आणि प्रामाणिकपणाने, तुझे पुत्र चालले, तर इस्राएलाच्या राजासनावरून तुझ्या वंशातला पुरुष खुंटणार नाही.
5 ଆହୁରି ସରୁୟାର ପୁତ୍ର ଯୋୟାବ ମୋʼ ପ୍ରତି ଯାହା କରିଅଛି, ପୁଣି, ଇସ୍ରାଏଲର ଦୁଇ ସେନାପତି, ନେର୍‍ର ପୁତ୍ର ଅବ୍‍ନର ଓ ଯେଥରର ପୁତ୍ର ଅମାସା ପ୍ରତି ଯାହା କରିଅଛି, ତାହା ତୁମ୍ଭେ ଜାଣ; ସେ ସେମାନଙ୍କୁ ବଧ କରି ସନ୍ଧି ସମୟରେ ଯୁଦ୍ଧ ସମୟର ନ୍ୟାୟ ରକ୍ତପାତ କଲା ଓ ସେହି ଯୁଦ୍ଧଯୋଗ୍ୟ ରକ୍ତ ଆପଣା କଟିସ୍ଥିତ ବନ୍ଧନୀରେ ଓ ପାଦସ୍ଥିତ ପାଦୁକାରେ ଲଗାଇଲା।
सरुवेचा पुत्र यवाब याने माझ्याशी काय केले ते लक्षात आहे ना? त्याने इस्राएल सैन्याच्या दोन सेनापतींना, नेराचा पुत्र अबनेर आणि येथेरचा पुत्र अमासा यांना ठार केले आणि मुख्य म्हणजे, शांततेच्या काळात त्याने हा रक्तपात केला आहे व त्याची तलवार खोचायचा कमरबंद आणि त्याच्या पायातले सैनिकी जोडे त्यांच्या रक्ताने रक्ताळलेले आहेत.
6 ଏହେତୁ ତୁମ୍ଭେ ଆପଣା ଜ୍ଞାନାନୁସାରେ ତାହା ପ୍ରତି ବ୍ୟବହାର କର ଓ ତାହାର ପକ୍ୱକେଶ-ମସ୍ତକକୁ ଶାନ୍ତିରେ ପାତାଳକୁ ଯିବା ପାଇଁ ନ ଦିଅ। (Sheol h7585)
तुझ्याजवळ असलेल्या ज्ञानाने यवाबाबरोबर, जसे तुला योग्य वाटेल तसा तू वाग व त्याचे पिकलेले केस शांतीने कबरेत उतरू देऊ नको. (Sheol h7585)
7 ମାତ୍ର, ଗିଲୀୟଦୀୟ ବର୍ସିଲ୍ଲୟର ପୁତ୍ରମାନଙ୍କ ପ୍ରତି ଦୟା ପ୍ରକାଶ କର, ଆଉ, ତୁମ୍ଭ ମେଜରେ ଭୋଜନକାରୀମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ସେମାନଙ୍କୁ ସ୍ଥାନ ଦିଅ; କାରଣ, ମୁଁ ତୁମ୍ଭ ଭ୍ରାତା ଅବଶାଲୋମଠାରୁ ପଳାଇବା ସମୟରେ ସେମାନେ ସେପରି ମୋʼ ନିକଟକୁ ଆସିଥିଲେ।
गिलादाच्या बर्जिल्ल्य याच्या मुलांवर दया असू दे. त्यांच्याशी सख्य ठेव आणि तुझ्या पंगतीला त्यांना बसू दे. तुझा भाऊ अबशालोम याच्यापासून मी पळ काढला तेव्हा त्यांनीच मला मदत केली.
8 ଆଉ ଦେଖ, ତୁମ୍ଭ ନିକଟରେ ବିନ୍ୟାମୀନୀୟ ଗେରାର ପୁତ୍ର ବହୁରୀମ ନିବାସୀ ଶିମୀୟି ଅଛି; ମୁଁ ମହନୟିମକୁ ଯିବା ଦିନ ସେ ମୋତେ ଦାରୁଣ ଅଭିଶାପରେ ଅଭିଶାପ ଦେଇଥିଲା, ମାତ୍ର, ସେ ଯର୍ଦ୍ଦନ ନିକଟରେ ମୋତେ ଭେଟିବାକୁ ଆସିଥିଲା ଓ ମୁଁ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ନାମରେ ଶପଥ କରି ତାହାକୁ କହିଥିଲି, ମୁଁ ତୁମ୍ଭକୁ ଖଡ୍ଗରେ ବଧ କରିବି ନାହିଁ।
गेराचा पुत्र शिमी तुझ्याजवळ आहे हे लक्षात ठेव, तो बहूरीम मधला बन्यामिनी आहे. मी महनाईमासला पळ काढला तेव्हा त्याने माझ्याविषयी फार वाईट शापाचे उद्गगार काढले. पुढे तो मला यार्देन नदीजवळ भेटायला आला. त्यास मी परमेश्वरासमक्ष वचन दिले की, मी तुला तलवारीने ठार करणार नाही.
9 ତୁମ୍ଭେ ତ ଜ୍ଞାନୀ ଲୋକ; ଏଣୁ ତାହାକୁ ନିରପରାଧ ମଣିବ ନାହିଁ; ଆଉ ତୁମ୍ଭର ତାହା ପ୍ରତି ଯାହା କର୍ତ୍ତବ୍ୟ, ତାହା ବୁଝିବ ଓ ତୁମ୍ଭେ ତାହାର ପକ୍ୱକେଶ-ମସ୍ତକ ରକ୍ତ ସହିତ ପାତାଳକୁ ଆଣିବ।” (Sheol h7585)
पण आता त्यास तू निर्दोष समजू नकोस. तू सुज्ञ मनुष्य आहेस, त्यास काय करायचे ते तुला समजते. त्या पिकलेल्या केसाच्या म्हाताऱ्याला रक्ताचे स्नान घालून कबरेत पाठव.” (Sheol h7585)
10 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ଦାଉଦ ଆପଣା ପିତୃଲୋକଙ୍କ ସହିତ ଶୟନ କଲେ ଓ ଦାଉଦ-ନଗରରେ କବର ପାଇଲେ।
१०मग दावीद मरण पावला. त्याच्या पुर्वजांसारखे दावीद नगरात त्याचे दफन झाले.
11 ଦାଉଦ ଇସ୍ରାଏଲ ଉପରେ ଚାଳିଶ ବର୍ଷ ରାଜ୍ୟ କଲେ; ସେ ସାତ ବର୍ଷ ହିବ୍ରୋଣରେ ରାଜ୍ୟ କଲେ ଓ ତେତିଶ ବର୍ଷ ଯିରୂଶାଲମରେ ରାଜ୍ୟ କଲେ।
११हेब्रोनवर सात वर्ष आणि यरूशलेम येथे तेहतीस वर्ष असे एकंदर चाळीस वर्षे दाविदाने इस्राएलावर राज्य केले.
12 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ଶଲୋମନ ଆପଣାର ପିତା ଦାଉଦଙ୍କର ସିଂହାସନରେ ଉପବିଷ୍ଟ ହେଲେ ଓ ତାଙ୍କର ରାଜ୍ୟ ଅତିଶୟ ଦୃଢ଼ ହେଲା।
१२आता शलमोन आपल्या वडिलांच्या दाविदाच्या राजासनावर बसला. व त्याची सत्ता बळकटीने स्थापन झाली.
13 ତହିଁରେ ହଗୀତର ପୁତ୍ର ଅଦୋନୀୟ ଶଲୋମନଙ୍କର ମାତା ବତ୍‍ଶେବା ନିକଟକୁ ଆସନ୍ତେ, ସେ ପଚାରିଲେ, “କୁଶଳରେ ଆସିଲ?” ସେ ଉତ୍ତର କଲା, “କୁଶଳରେ।”
१३यानंतर हग्गीथेचा पुत्र अदोनीया शलमोनाची आई बथशेबा हिच्याकडे गेला. बथशेबाने त्यास विचारले, “तू शांतीने आला आहेस ना?” अदोनीया म्हणाला, हो, “ही शांतता भेट आहे.”
14 ସେ ଆହୁରି କହିଲା, “ମୋହର ତୁମ୍ଭକୁ କିଛି କହିବାର ଅଛି।” ବତ୍‍ଶେବା କହିଲେ, “କୁହ।”
१४“मला तुमच्याशी काही बोलायचे आहे.” बथशेबा म्हणाली, “मग बोल.”
15 ତହୁଁ ସେ କହିଲା, “ତୁମ୍ଭେ ଜାଣ ଯେ, ରାଜ୍ୟ ମୋହର ଥିଲା ଓ ମୁଁ ରାଜ୍ୟ କରିବି ବୋଲି ସମଗ୍ର ଇସ୍ରାଏଲ ମୋʼ ପ୍ରତି ଅନାଇଥିଲେ; ଯାହାହେଉ, ରାଜ୍ୟ ବଦଳି ଯାଇ ମୋʼ ଭାଇଙ୍କର ହୋଇଅଛି; କାରଣ, ତାହା ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଆଡ଼ୁ ତାଙ୍କର ଥିଲା।
१५अदोनीया म्हणाला, “एक काळ असा होता की, हे राज्य माझे होते. तुम्हास हे माहीत आहे. मी राजा आहे अशीच इस्राएलाच्या सर्व लोकांची भावना होती. पण पुढे सगळे बदलले. आता माझा भाऊ गादीवर आहे. परमेश्वरानेच त्याची निवड केली आहे.
16 ଏଣୁ ଏବେ ମୁଁ ତୁମ୍ଭକୁ ଗୋଟିଏ ନିବେଦନ କରୁଅଛି, ମୋତେ ମନା ନ କର।” ବତ୍‍ଶେବା ତାହାକୁ କହିଲେ, “କୁହ।”
१६आता माझे एक मागणे आहे. कृपाकरून नाही म्हणू नकोस” बथशेबाने “तुला काय हवे?” असे विचारले.
17 ତହୁଁ ସେ କହିଲା, “ତୁମ୍ଭେ ଅନୁଗ୍ରହ କରି ଶୁନେମୀୟା ଅବୀଶଗକୁ ମୋʼ ସଙ୍ଗେ ବିବାହ ଦେବା ପାଇଁ ଶଲୋମନ ରାଜାଙ୍କୁ କୁହ, ସେ ତ ତୁମ୍ଭକୁ ନାସ୍ତି କରିବେ ନାହିଁ।”
१७अदोनीया म्हणाला, “राजा शलमोन तुला नाही म्हणणार नाही, तू सांगशील ते काहीही करील तेव्हा शुनेममधल्या त्या अबीशग नावाच्या तरुणीशी मला लग्र करायची संमती हवी आहे.”
18 ଏଥିରେ ବତ୍‍ଶେବା କହିଲେ, “ଭଲ; ମୁଁ ତୁମ୍ଭ ପାଇଁ ରାଜାଙ୍କୁ କହିବି।”
१८बथशेबा म्हणाली, “ठीक आहे, मी राजाशी बोलते.”
19 ଏହେତୁ ବତ୍‍ଶେବା ଅଦୋନୀୟ ନିମନ୍ତେ କହିବା ପାଇଁ ଶଲୋମନ ରାଜାଙ୍କ ନିକଟକୁ ଗଲେ। ତହୁଁ ରାଜା ତାଙ୍କୁ ଭେଟିବା ପାଇଁ ଉଠି ପ୍ରଣାମ କଲେ ଓ ଆପଣା ସିଂହାସନରେ ବସି ରାଜମାତାଙ୍କ ନିମନ୍ତେ ଆସନ ରଖାଇଲେ; ତହିଁରେ ସେ ତାଙ୍କର ଦକ୍ଷିଣ ପାଖରେ ବସିଲେ।
१९मग बथशेबा राजा शलमोनाकडे अदोनीयाच्या वतीने बोलण्यास गेली. तिला पाहिल्यावर तो उठून उभा राहिला. मग तिला वंदन करून तो राजासनावर बसला. सेवकांना सांगून त्याने आईसाठी दुसरे राजासन आणवले. ती त्याच्या उजव्या हाताला बसली.
20 ତେବେ ସେ କହିଲେ, “ତୁମ୍ଭଠାରେ ମୋହର ଏକ କ୍ଷୁଦ୍ର ନିବେଦନ ଅଛି; ମୋତେ ନାସ୍ତି ନ କର।” ତହୁଁ ରାଜା ତାଙ୍କୁ କହିଲେ, “ମୋହର ମାତା, କୁହ; କାରଣ, ମୁଁ ତୁମ୍ଭକୁ ନାସ୍ତି କରିବି ନାହିଁ।”
२०नंतर बथशेबा त्यास म्हणाली, “मला एक छोटीशी विनंती तुझ्याजवळ करायची आहे. कृपाकरून नाही म्हणून नकोस” राजा म्हणाला, “आई, तुला काय हवे ते माग मी नकार देणार नाही.”
21 ଏଥିରେ ସେ କହିଲେ, “ଶୁନେମୀୟା ଅବୀଶଗକୁ ତୁମ୍ଭ ଭାଇ ଅଦୋନୀୟ ସହିତ ବିବାହ ଦିଆଯାଉ।”
२१ती म्हणाली, “तुझा भाऊ अदोनीया याला शुनेमच्या अबीशगेशी लग्न करु दे.”
22 ତହୁଁ ଶଲୋମନ ରାଜା ଉତ୍ତର କରି ଆପଣା ମାତାଙ୍କୁ କହିଲେ, “ତୁମ୍ଭେ ଅଦୋନୀୟ ନିମନ୍ତେ ଶୁନେମୀୟା ଅବୀଶଗକୁ କାହିଁକି ମାଗୁଅଛ? ତାହା ପାଇଁ ରାଜ୍ୟ ମଧ୍ୟ ମାଗ, କାରଣ, ସେ ତ ମୋହର ବଡ଼ ଭାଇ; ହଁ ତାହା ପାଇଁ, ପୁଣି, ଅବୀୟାଥର ଯାଜକ ଓ ସରୁୟାର ପୁତ୍ର ଯୋୟାବ ପାଇଁ ମଧ୍ୟ ମାଗ।”
२२राजा शलमोन आपल्या आईला म्हणाला, “अदोनीयासाठी केवळ शुनेमकरीण अबीशगेची मागणी कशाला करतेस? त्याच्यासाठी राज्यदेखील का मागत नाहीस, तो माझा मोठा भाऊ आहे म्हणून आणि याजक अब्याथार आणि यवाब, सरुवेचा यांच्यासाठी देखील राज्य माग.”
23 ସେତେବେଳେ ଶଲୋମନ ରାଜା ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ନାମରେ ଶପଥ କରି କହିଲେ, “ଯେବେ ଅଦୋନୀୟ ଏହି କଥା ଆପଣା ପ୍ରାଣ ବିରୁଦ୍ଧରେ କହି ନ ଥାଏ, ତେବେ ପରମେଶ୍ୱର ମୋତେ ସେହି ଦଣ୍ଡ, ମଧ୍ୟ ତହିଁରୁ ଅଧିକ ଦେଉନ୍ତୁ।
२३मग परमेश्वराची शपथ घेऊन शलमोन राजा म्हणाला, “अदोनीयाने ही मागणी करून आपल्या जीवावर संकट आणले आहे; तसे न घडले तर परमेश्वर तसेच त्यापेक्षा अधिक माझे करो.
24 ଏହେତୁ ଯେଉଁ ସଦାପ୍ରଭୁ ନିଜ ପ୍ରତିଜ୍ଞାନୁସାରେ ମୋତେ ସୁସ୍ଥିର କରି ମୋʼ ପିତା ଦାଉଦଙ୍କ ସିଂହାସନରେ ମୋତେ ବସାଇ ଅଛନ୍ତି ଓ ଯେ ମୋʼ ଗୃହ ଦୃଢ଼ କରିଅଛନ୍ତି, ତାହାଙ୍କ ଜୀବିତ ଥିବା ପ୍ରମାଣେ ଅଦୋନୀୟ ନିଶ୍ଚୟ ଆଜି ହତ ହେବ।”
२४इस्राएलचा राजा म्हणून परमेश्वराने माझी निवड केली आहे. माझे वडिल दावीद यांच्या गादीवर त्याने मला बसवले आहे. आपण दिलेला शब्द पाळून राज्याची सत्ता परमेश्वराने आमच्या घराण्यात ठेवली आहे. तेव्हा आता त्याची शपथ घेऊन सांगतो की अदोनीयाला आज मृत्युदंड होईल.”
25 ଏଉତ୍ତାରେ ଶଲୋମନ ରାଜା ଯିହୋୟାଦାର ପୁତ୍ର ବନାୟକୁ ପଠାଇଲେ; ତହୁଁ ସେ ତାହାକୁ ଆକ୍ରମଣ କରନ୍ତେ, ସେ ମଲା।
२५राजा शलमोनाने यहोयादाचा पुत्र बनायाला आज्ञा दिली; आणि बनायाने बाहेर जाऊन अदोनीयाला ठार केले.
26 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ରାଜା ଅବୀୟାଥର ଯାଜକଙ୍କୁ କହିଲେ, “ତୁମ୍ଭେ ଅନାଥୋତ୍‍କୁ ଆପଣା କ୍ଷେତ୍ରକୁ ଯାଅ; କାରଣ, ତୁମ୍ଭେ ମୃତ୍ୟୁୁଯୋଗ୍ୟ; ମାତ୍ର, ମୁଁ ତୁମ୍ଭକୁ ବର୍ତ୍ତମାନ ବଧ କରିବି ନାହିଁ, ଯେହେତୁ ତୁମ୍ଭେ ମୋʼ ପିତା ଦାଉଦଙ୍କ ସମ୍ମୁଖରେ ପ୍ରଭୁ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ସିନ୍ଦୁକ ବହିଥିଲ, ଆହୁରି ମୋʼ ପିତାଙ୍କ ସମସ୍ତ ଦୁଃଖଭୋଗରେ ଦୁଃଖଭୋଗ କରିଥିଲ।”
२६मग राजा शलमोन अब्याथार याजकाला म्हणाला, “तुलाही मी मारायला हवे पण अनाथोथ येथल्या आपल्या घरी मी तुला जाऊ देतो. माझ्या वडिल दावीदाबरोबर मार्गक्रमण करतांना परमेश्वराचा पवित्र कराराचा कोश उचलून न्यायला तू मदत केलीस म्हणून तुला मी यावेळी जिवे मारत नाही. शिवाय त्यांच्या कठीण काळातही तू दाविदाला साथ दिली आहेस”
27 ଏନିମନ୍ତେ ସଦାପ୍ରଭୁ ଶୀଲୋରେ ଏଲିର ବଂଶ ବିଷୟରେ ଯାହା କହିଥିଲେ, ତାହାଙ୍କର ସେହି ବାକ୍ୟ ସିଦ୍ଧ କରିବା ପାଇଁ ଶଲୋମନ ଅବୀୟାଥରକୁ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଯାଜକ କର୍ମରୁ ଦୂର କରିଦେଲେ।
२७शिलो येथील याजक एली आणि त्याचे कुटुंब यांच्याविषयी देवाने असेच सांगितले होते परमेश्वर जे बोलला ते पूर्ण व्हावे म्हणून, परमेश्वराच्या याजक पदावरून शलमोनाने अब्याथार याजकाला काढून टाकले.
28 ଏଉତ୍ତାରେ ଯୋୟାବ ନିକଟରେ ସମ୍ବାଦ ଉପସ୍ଥିତ ହେଲା, କାରଣ ଯୋୟାବ ଯଦ୍ୟପି ଅବଶାଲୋମର ଅନୁଗାମୀ ହେବା ପାଇଁ ବିପଥଗାମୀ ହୋଇ ନ ଥିଲା, ତଥାପି ଅଦୋନୀୟର ଅନୁଗାମୀ ହେବା ପାଇଁ ବିପଥଗାମୀ ହେଲା। ସେଥିସକାଶୁ ଯୋୟାବ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ତମ୍ବୁକୁ ପଳାଇ ଯଜ୍ଞବେଦିର ଶୃଙ୍ଗ ଧରିପକାଇଲା।
२८ही बातमी यवाबाच्या कानावर गेल्यावर तो भयभीत झाला. त्याने अबशालोमला न देता अदोनीयाला पठिंबा दिला होता. म्हणून तो त्वरीत परमेश्वराच्या पवित्र मंडपात गेला आणि वेदीची शिंगे घट्ट धरुन बसला.
29 ଏଉତ୍ତାରେ ଦେଖ, “ଯୋୟାବ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ତମ୍ବୁକୁ ପଳାଇ ବେଦି ନିକଟରେ ଅଛି,” ଏହି ସମ୍ବାଦ ଶଲୋମନ ରାଜାଙ୍କୁ ଦିଆଯାଆନ୍ତେ, ସେ ଯିହୋୟାଦାର ପୁତ୍ର ବନାୟକୁ ପଠାଇ କହିଲେ, ଯାଅ, ତାକୁ ଆକ୍ରମଣ କର।
२९“कोणीतरी यवाब हा परमेश्वराच्या मंडपात वेदीपाशी आहे” हे राजा शलमोनाला सांगितले. तेव्हा शलमोनाने यहोयादाचा पुत्र, बनाया यास पाठवले, तो त्यास म्हणाला, “जा, त्याच्यावर हल्ला कर.”
30 ତହିଁରେ ବନାୟ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ତମ୍ବୁକୁ ଯାଇ ତାହାକୁ କହିଲା, “ରାଜା କହିଅଛନ୍ତି, ବାହାରକୁ ଆସ।” ମାତ୍ର ସେ କହିଲା, “ନା, ମୁଁ ଏଠାରେ ମରିବି।” ଏଥିରେ ବନାୟ ପୁଣି, ରାଜାଙ୍କ ନିକଟକୁ ସମ୍ବାଦ ଆଣି କହିଲା, “ଯୋୟାବ ଏପରି କହିଲା ଓ ମୋତେ ଏପରି ଉତ୍ତର ଦେଲା।”
३०बनाया परमेश्वराच्या पवित्र मंडपात जाऊन यवाबाला म्हणाला, “तेथून बाहेर पड ही राजाची आज्ञा आहे.” पण यवाब म्हणाला “मी येथेच मरेन.” तेव्हा बनायाने राजाकडे जाऊन त्यास हे सांगितले यवाब म्हणतो मी वेदीपाशीच मरेन.
31 ତେବେ ରାଜା ତାହାକୁ କହିଲେ, “ସେ ଯେପରି କହିଅଛି, ସେପରି କର, ତାହାକୁ ଆଘାତ କର ଓ ତାହାକୁ କବର ଦିଅ; ତହିଁରେ ଯୋୟାବ ଅକାରଣରେ ଯେଉଁ ରକ୍ତପାତ କରିଅଛି, ତହିଁର ଅପରାଧ ତୁମ୍ଭେ ମୋʼ ଠାରୁ ଓ ମୋʼ ପିତୃଗୃହରୁ ଦୂର କରିବ।
३१तेव्हा राजाने बनायाला हुकुम केला, “तो म्हणतो तसे कर त्यास तिथेच ठार कर, मग त्याचे दफन कर. म्हणजे मग आमच्या घराण्यावरचा यवाबाचा कलंक पुसला जाईल. यवाबाने निरपराधांची हत्या केली तो हा कलंक होय.
32 ପୁଣି, ସଦାପ୍ରଭୁ ତାହାର ରକ୍ତପାତର ଅପରାଧ ତାହାର ନିଜ ମସ୍ତକରେ ବର୍ତ୍ତାଇବେ, କାରଣ, ସେ ମୋʼ ପିତା ଦାଉଦଙ୍କ ଅଜ୍ଞାତସାରରେ ଆପଣାଠାରୁ ଧାର୍ମିକ ଓ ଉତ୍ତମ, ଇସ୍ରାଏଲର ସେନାପତି ନେର୍‍ର ପୁତ୍ର ଅବ୍‍ନର ଓ ଯିହୁଦାର ସେନାପତି ଯେଥରର ପୁତ୍ର ଅମାସା, ଏ ଦୁଇ ଜଣଙ୍କୁ ଆକ୍ରମଣ କରି ଖଡ୍ଗରେ ବଧ କରିଥିଲା।
३२त्याने केलेला रक्तपात परमेश्वर त्याच्याच शिरी उलटवील, माझे वडिल दावीद यास नकळत नेराचा पुत्र अबनेर आणि येथेरचा पुत्र अमासा या आपल्यापेक्षा न्यायी व चांगल्या अशा दोन मनुष्यांना त्याने तलवारीने मारले होते. अबनेर इस्राएल सैन्याचा सेनापती तर अमासा यहूदा सैन्याचा सेनापती होता.
33 ତହୁଁ ସେମାନଙ୍କ ରକ୍ତପାତର ଅପରାଧ ଯୋୟାବର ମସ୍ତକରେ ଓ ସଦାକାଳ ତାହାର ବଂଶର ମସ୍ତକରେ ବର୍ତ୍ତିବ; ମାତ୍ର ଦାଉଦଙ୍କ ପ୍ରତି ଓ ତାଙ୍କ ବଂଶ ପ୍ରତି ଓ ତାଙ୍କ ଗୃହ ପ୍ରତି ଓ ତାଙ୍କ ସିଂହାସନ ପ୍ରତି, ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କଠାରୁ ସଦାକାଳ ଶାନ୍ତି ବର୍ତ୍ତିବ।”
३३त्यांचा रक्तपात यवाबाच्या शिरी त्याच्या संततीच्या शिरी उलटवून सर्वदा राहील. पण दावीद, त्यांचे वंशज, त्याच्या घराण्यातील राजे आणि त्याचे राज्य यांना परमेश्वराच्या कृपेने निरंतर शांतता लाभेल.”
34 ଏଉତ୍ତାରେ ଯିହୋୟାଦାର ପୁତ୍ର ବନାୟ ଯାଇ ତାହାକୁ ଆକ୍ରମଣ କରି ବଧ କଲା ଓ ପ୍ରାନ୍ତରସ୍ଥ ତାହାର ନିଜ ଗୃହରେ ତାହାକୁ କବର ଦିଆଗଲା।
३४तेव्हा यहोयादाचा पुत्र बनाया याने यवाबाला ठार केले व वाळवंटातील त्याच्या घराजवळ त्याचे दफन करण्यात आले.
35 ପୁଣି, ରାଜା ତାହାର ପଦରେ ଯିହୋୟାଦାର ପୁତ୍ର ବନାୟକୁ ସେନାପତି କରି ନିଯୁକ୍ତ କଲେ ଓ ରାଜା ଅବୀୟାଥର ପଦରେ ସାଦୋକଙ୍କୁ ଯାଜକ କରି ନିଯୁକ୍ତ କଲେ।
३५यवाबाच्या जागी राजा शलमोनाने यहोयादाचा पुत्र बनायाची सेनापती म्हणून नेमणूक केली आणि अब्याथाराच्या जागी मुख्य याजक म्हणून सादोकाची केली.
36 ଏଉତ୍ତାରେ ରାଜା ଲୋକ ପଠାଇ ଶିମୀୟିକୁ ଡକାଇ କହିଲେ, “ଯିରୂଶାଲମରେ ଆପଣା ପାଇଁ ଏକ ଗୃହ ନିର୍ମାଣ କରି ସେଠାରେ ବାସ କର, ଆଉ ସେଠାରୁ ଅନ୍ୟ କୌଣସି ସ୍ଥାନକୁ ଯାଅ ନାହିଁ।
३६मग राजाने शिमीला बोलावणे पाठवले. त्यास सांगितले, “इथे यरूशलेमामध्ये स्वत: साठी घर बांधून राहा. हे नगर सोडू नको.
37 କାରଣ, ତୁମ୍ଭେ ଯେଉଁ ଦିନ ବାହାରି କିଦ୍ରୋଣ ନଦୀ ପାର ହେବ; ସେହି ଦିନ ତୁମ୍ଭେ ନିତାନ୍ତ ମରିବ, ଏହା ନିଶ୍ଚୟ ଜାଣ; ତୁମ୍ଭ ରକ୍ତପାତର ଅପରାଧ ତୁମ୍ଭ ନିଜ ମସ୍ତକରେ ବର୍ତ୍ତିବ।”
३७हे नगर सोडून किद्रोन झऱ्यापलीकडे गेलास तर त्या गुन्ह्याबद्दल तुला जीव गमवावा लागेल. व तुझे रक्त तुझ्या माथी असेल.”
38 ତହିଁରେ ଶିମୀୟି ରାଜାଙ୍କୁ କହିଲା, “ଏ ଉତ୍ତମ କଥା; ମୋʼ ପ୍ରଭୁ ମହାରାଜ ଯେପରି କହିଅଛନ୍ତି, ଆପଣଙ୍କ ଦାସ ସେପରି କରିବ।” ଏଣୁ ଶିମୀୟି ଅନେକ ଦିନ ଯିରୂଶାଲମରେ ବାସ କଲା।
३८तेव्हा शिमी राजाला म्हणाला, “ठीक आहे, महाराज मी तुमचा दास तुमच्या सागंण्याप्रमाणे करील,” मग शिमी यरूशलेमेमध्येच पुष्कळ दिवस राहिला.
39 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ତିନି ବର୍ଷ ଶେଷରେ ଶିମୀୟିର ଦାସମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରୁ ଦୁଇ ଜଣ ମାଖାର ପୁତ୍ର ଗାଥୀୟ ରାଜା ଆଖୀଶ୍‍ ନିକଟକୁ ପଳାଇଲେ। ଏଥିରେ ଲୋକେ ଶିମୀୟିକୁ ଜଣାଇ କହିଲେ, “ଦେଖ, ତୁମ୍ଭ ଦାସମାନେ ଗାଥ୍‍ ନଗରରେ ଅଛନ୍ତି।”
३९पण तीन वर्षांनंतर शिमीचे दोन नोकर पळून गेले. “गथचा राजा आणि माकाचा, पुत्र आखीश याच्याकडे ते गेले, आपले चाकर गथ येथे असल्याचे शिमीला कोणीतरी कळवले.”
40 ତହୁଁ ଶିମୀୟି ଉଠି ଗର୍ଦ୍ଦଭ ସଜାଇ ଆପଣା ଦାସମାନଙ୍କୁ ଅନ୍ୱେଷଣ କରିବା ପାଇଁ ଗାଥ୍‍ ନଗରକୁ ଆଖୀଶ୍‍ ନିକଟକୁ ଗଲା; ପୁଣି, ଶିମୀୟି ଯାଇ ଗାଥ୍‍ରୁ ଆପଣା ଦାସମାନଙ୍କୁ ଆଣିଲା।
४०तेव्हा शिमीने आपल्या गाढवावर खोगीर चढवले आणि तो गथ येथे आखीश राजाकडे आपले नोकर शोधायला निघाला. तिथे ते मिळाल्यावर त्यांना त्याने परत घरी आणले.
41 ତହୁଁ ଶଲୋମନଙ୍କୁ ସମ୍ବାଦ ଦିଆଗଲା ଯେ, “ଶିମୀୟି ଯିରୂଶାଲମରୁ ଗାଥ୍‍କୁ ଯାଇଥିଲା, ପୁଣି, ଫେରି ଆସିଅଛି।”
४१शिमी यरूशलेमेहून गथला जाऊन आल्याचे कोणीतरी शलमोनाला सांगितले.
42 ଏଥିରେ ରାଜା ଲୋକ ପଠାଇ ଶିମୀୟିକୁ ଡକାଇ ତାହାକୁ କହିଲେ, “ତୁମ୍ଭେ ଯେଉଁ ଦିନ ବାହାରି ଅନ୍ୟ କୌଣସି ସ୍ଥାନରେ ଭ୍ରମଣ କରିବ, ସେହି ଦିନ ତୁମ୍ଭେ ନିତାନ୍ତ ମରିବ, ‘ଏହା ନିଶ୍ଚୟ ଜାଣ, ମୁଁ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ନାମରେ ତୁମ୍ଭକୁ ଶପଥ କରାଇ ତୁମ୍ଭ ବିପକ୍ଷରେ କʼଣ ଏହି ସାକ୍ଷ୍ୟ ଦେଇ ନାହିଁ?’ ଆଉ ତୁମ୍ଭେ ମୋତେ କହିଥିଲ, ‘ମୁଁ ଯେଉଁ କଥା ଶୁଣିଲି, ତାହା ଉତ୍ତମ।’
४२तेव्हा राजाने शिमीला बोलावून घेतले. शलमोन त्यास म्हणाला, “यरूशलेम सोडलेस तर तुझा वध होईल हे मी तुला परमेश्वराची शपथ घेऊन सांगितले होते ना? तू हे गाव सोडून इतरत्र गेलास तर तुझ्या मृत्यूला तूच जबाबदार राहशील? आणि तू त्यास कबूल झाला होतास. तू म्हणतोस ते मान्य आहे.
43 ତେବେ ତୁମ୍ଭେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଶପଥ ଓ ତୁମ୍ଭକୁ ଦତ୍ତ ମୋହର ଆଜ୍ଞା କାହିଁକି ପାଳନ ନ କଲ?”
४३परमेश्वराची शपथ व मी तुला दिलेली आज्ञा तू का मानली नाहीस?”
44 ରାଜା ଆହୁରି ଶିମୀୟିକୁ କହିଲେ, “ମୋହର ପିତା ଦାଉଦଙ୍କ ପ୍ରତି ତୁମ୍ଭର କୃତ ଯେସକଳ ଦୁଷ୍ଟତା ବିଷୟ ତୁମ୍ଭ ମନ ପ୍ରମାଣ ଦିଏ, ତାହା ତୁମ୍ଭେ ଜାଣୁଅଛ; ଏହେତୁ ସଦାପ୍ରଭୁ ତୁମ୍ଭ ଦୁଷ୍ଟତା ତୁମ୍ଭ ନିଜ ମସ୍ତକରେ ବର୍ତ୍ତାଇବେ।
४४मग राजा शिमीस म्हणाला, “माझे वडिल दावीद यांचे तू बरेच अपराध केले आहेस ते तुला माहीती आहेत तर परमेश्वर तुझ्या दुष्टाईचे फळ तुझ्या माथी आनील.
45 ମାତ୍ର, ଶଲୋମନ ରାଜା ଆଶୀର୍ବାଦ ପ୍ରାପ୍ତ ହେବ ଓ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ସମ୍ମୁଖରେ ଦାଉଦଙ୍କ ସିଂହାସନ ଅନନ୍ତକାଳ ସ୍ଥିରୀକୃତ ହେବ।”
४५पण शलमोन राजाला परमेश्वराचे आशीर्वाद राहतील. दाविदाचे राज्य तो सदासर्वकाळ सुरक्षित ठेवील.”
46 ଏଉତ୍ତାରେ ରାଜା ଯିହୋୟାଦାର ପୁତ୍ର ବନାୟକୁ ଆଜ୍ଞା କରନ୍ତେ, ସେ ଯାଇ ତାହାକୁ ଆକ୍ରମଣ କଲା, ତହୁଁ ସେ ମଲା। ଏହିରୂପେ ଶଲୋମନଙ୍କ ହସ୍ତରେ ରାଜ୍ୟ ଦୃଢ଼ ହେଲା।
४६मग राजाने यहोयादाचा पुत्र बनायाला शिमीचा वध करायची आज्ञा दिली आणि बनायाने ती अंमलात आणली. आता शलमोनाची आपल्या राज्यावर पूर्ण पकड बसली.

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