< 1 शमुवेल 30 >

1 असे झाले की, दावीद व त्याची माणसे तिसऱ्या दिवशी सिकलागास आली तेव्हा अमालेकी यांनी दक्षिण प्रदेशावर व सिकलागावर घाला घातला होता आणि त्यांनी सिकलागचा पाडाव करून ते अग्नीने जाळले होते.
ଏଉତ୍ତାରେ ଦାଉଦ ଓ ତାଙ୍କର ଲୋକମାନେ ତୃତୀୟ ଦିନରେ ସିକ୍ଲଗ୍‍ ନଗରରେ ଉପସ୍ଥିତ ହେଲେ, ସେସମୟକୁ ଅମାଲେକୀୟ ଲୋକମାନେ ଦକ୍ଷିଣାଞ୍ଚଳ ଓ ସିକ୍ଲଗ୍‍ ଆକ୍ରମଣ କରିଥିଲେ ଓ ସିକ୍ଲଗ୍‍କୁ ଆଘାତ କରି ଅଗ୍ନିରେ ଦଗ୍ଧ କରିଥିଲେ।
2 त्यातल्या स्त्रिया व त्यामध्ये जे लहान मोठे होते त्या सर्वांना त्यांनी धरून नेले होते; त्यांनी कोणालाही जिवे मारले नव्हते, पण त्यांना घेऊन आपल्या वाटेने गेले.
ପୁଣି, ତନ୍ମଧ୍ୟସ୍ଥିତ ସ୍ତ୍ରୀମାନଙ୍କୁ ଓ ସାନ ବଡ଼ ସମସ୍ତଙ୍କୁ ବନ୍ଦୀ କରି ନେଇ ଯାଇଥିଲେ; ସେମାନେ କାହାକୁ ବଧ ନ କରି ସମସ୍ତଙ୍କୁ ନେଇ ଆପଣା ପଥରେ ଚାଲି ଯାଇଥିଲେ।
3 तर दावीद व त्याची माणसे नगराजवळ आली तेव्हा पाहा ते अग्नीने जाळलेले आहे आणि त्यांच्या स्त्रिया आणि त्यांचे पुत्र व त्यांच्या मुली धरून नेलेल्या आहेत असे त्यांनी पाहिले.
ପୁଣି, ଦାଉଦ ଓ ତାଙ୍କର ଲୋକମାନେ ନଗରରେ ଉପସ୍ଥିତ ହୁଅନ୍ତେ, ଦେଖ, ନଗର ଅଗ୍ନିରେ ଦଗ୍ଧ ଓ ସେମାନଙ୍କ ଭାର୍ଯ୍ୟା, ପୁତ୍ର ଓ କନ୍ୟାଗଣ ବନ୍ଦୀ ରୂପେ ନୀତ ହୋଇଅଛନ୍ତି।
4 तेव्हा दावीद व त्याच्याजवळचे लोक हेल काढून इतके रडले की आणखी रडायला त्यांना शक्ती राहिली नाही.
ତହୁଁ ଦାଉଦ ଓ ତାଙ୍କର ସଙ୍ଗୀ ଲୋକମାନେ ଆପଣା ଆପଣା ରବ ଉଠାଇ ରୋଦନ କଲେ, ଏପରି କି ଆଉ ରୋଦନ କରିବାକୁ ସେମାନଙ୍କଠାରେ କିଛି ବଳ ରହିଲା ନାହିଁ।
5 दावीदाच्या दोघी स्त्रिया अहीनवाम इज्रेलीण व पूर्वी नाबाल कर्मेली याची पत्नी होती ती अबीगईल या धरून नेलेल्या होत्या.
ପୁଣି, ଯିଷ୍ରିୟେଲୀୟା ଅହୀନୋୟମ୍‍ ଓ କର୍ମିଲୀୟ ନାବଲର ଭାର୍ଯ୍ୟା ଅବୀଗଲ ନାମ୍ନୀ ଦାଉଦଙ୍କର ଦୁଇ ଭାର୍ଯ୍ୟା ବନ୍ଦୀ ହୋଇଥିଲେ।
6 तेव्हा दावीद मोठ्या संकटात पडला कारण त्यास धोंडमार करावा असे लोक बोलू लागले; कारण सर्व मनुष्यांचे जीव आपल्या मुलांसाठी व आपल्या मुलींसाठी दु: खित झाले होते; परंतु दावीदाने आपला देव परमेश्वर याच्याकडून आपणाला सशक्त केले.
ଏଥିରେ ଦାଉଦ ଅତିଶୟ ଉଦ୍‍ବିଗ୍ନ ହେଲେ; କାରଣ ପ୍ରତ୍ୟେକ ଲୋକର ମନ ଆପଣା ଆପଣା ପୁତ୍ରକନ୍ୟା ସକାଶୁ ବିରକ୍ତ ହେବାରୁ ଲୋକମାନେ ତାଙ୍କୁ ପଥରରେ ମାରିବାକୁ କହିଲେ; ମାତ୍ର, ଦାଉଦ ସଦାପ୍ରଭୁ ଆପଣା ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କଠାରେ ଆପଣାକୁ ସବଳ କଲେ।
7 मग दावीद अहीमलेखाचा मुलगा अब्याथार याजक याला म्हणाला, एफोद माझ्याकडे आण. मग अब्याथाराने एफोद दावीदाकडे आणले.
ଏଉତ୍ତାରେ ଦାଉଦ ଅହୀମେଲକ୍‍ର ପୁତ୍ର ଅବୀୟାଥର ଯାଜକକୁ କହିଲେ, “ମୋʼ କତିକି ଟିକିଏ ଏଫୋଦ ଆଣିଲ।” ତହିଁରେ ଅବୀୟାଥର ଦାଉଦଙ୍କ ନିକଟକୁ ଏଫୋଦ ଆଣିଲା।
8 दावीदाने परमेश्वरास विचारले, तो म्हणाला, “जर मी या सैन्याच्या पाठीस लागलो तर मी त्यांना गाठेन काय?” त्याने त्यास उत्तर दिले की, “पाठीस लाग कारण खचित तू त्यांना गाठशील व सर्वांना सोडवून घेशील.”
ସେତେବେଳେ ଦାଉଦ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ନିକଟରେ ପଚାରି କହିଲେ, “ମୁଁ ଏହି ସୈନ୍ୟଦଳର ପଛେ ପଛେ ଗୋଡ଼ାଇଲେ କି ସେମାନଙ୍କର ସଙ୍ଗ ଧରି ପାରିବି?” ତହିଁରେ ସେ ତାଙ୍କୁ କହିଲେ, “ପଛେ ପଛେ ଯାଅ; କାରଣ ତୁମ୍ଭେ ନିଶ୍ଚୟ ସେମାନଙ୍କର ସଙ୍ଗ ଧରିବ ଓ ବିଫଳ ନ ହୋଇ ସମସ୍ତଙ୍କୁ ଉଦ୍ଧାର କରିବ।”
9 मग दावीद त्याच्याकडील सहाशे पुरुष घेऊन बसोर नदीजवळ पोहचला. जे मागे ठेवले होते ते तेथे राहिले.
ତହୁଁ ଦାଉଦ ଓ ତାଙ୍କର ସଙ୍ଗୀ ଛଅ ଶହ ଲୋକ ଯାଇ ବିଷୋର ନଦୀ ନିକଟରେ ଉପସ୍ଥିତ ହେଲେ, ସେଠାରେ ପଶ୍ଚାତ୍‍ ପରିତ୍ୟକ୍ତ ଲୋକମାନେ ରହିଗଲେ।
10 १० तेव्हा दावीद व चारशे माणसे शत्रूच्या पाठीस लागली. कारण दोनशे माणसे तेथे थांबली; ती इतकी थकली होती की त्यांच्याने बसोर नदीच्या पलीकडे जाववेना.
ମାତ୍ର ଦାଉଦ ଓ ଚାରି ଶହ ଲୋକ ପଛେ ପଛେ ଗୋଡ଼ାଇଲେ; କାରଣ ଦୁଇ ଶହ ଲୋକ ଏପରି କ୍ଳାନ୍ତ ହୋଇଥିଲେ ଯେ, ସେମାନେ ବିଷୋର ନଦୀ ପାର ହୋଇ ନ ପାରି ପଛରେ ରହିଗଲେ।
11 ११ रानांत एक मिसरी त्यांना आढळला. तेव्हा त्यांनी त्यास दावीदाकडे आणले. मग त्यांनी त्यास भाकर दिली आणि ती त्याने खाल्ली व त्यांनी त्यास पाणी पाजले.
ଏଉତ୍ତାରେ ଲୋକମାନେ କ୍ଷେତ୍ରରେ ଜଣେ ମିସରୀୟକୁ ପାଇ ଦାଉଦଙ୍କ ନିକଟକୁ ଆଣିଲେ ଓ ତାହାକୁ ଆହାର ଦିଅନ୍ତେ ସେ ଭୋଜନ କଲା; ମଧ୍ୟ ସେମାନେ ପାନ କରିବା ପାଇଁ ତାହାକୁ ଜଳ ଦେଲେ;
12 १२ मग त्यांनी अंजिराच्या ढेपेचा तुकडा व द्राक्षाचे दोन घड त्यास दिले मग त्याने खाल्ल्यावर त्याच्या जिवात जीव आला कारण तीन दिवस व तीन रात्री त्याने भाकर खाल्ली नव्हती पाणीही तो प्याला नव्हता.
ପୁଣି, ସେମାନେ ତାହାକୁ ଡିମ୍ବିରିଚକ୍ତିରୁ ଏକ ଖଣ୍ଡ ଓ ଦୁଇ ପେଣ୍ଡା ଦ୍ରାକ୍ଷା ଦେଲେ; ଆଉ ସେ ଭୋଜନ କରନ୍ତେ ଚେତନା ପାଇଲା, କାରଣ ସେ ତିନି ଦିନ ତିନି ରାତ୍ରି କିଛି ଆହାର କରି ନ ଥିଲା, କି କିଛି ଜଳ ପାନ କରି ନ ଥିଲା।
13 १३ तेव्हा दावीद त्यास म्हणाला, “तू कोणाचा? कोठला आहेस?” त्याने म्हटले, “मी मिसरी तरुण एका अमालेकी मनुष्याचा चाकर आहे: तीन दिवसामागे मी दुखण्यात पडलो म्हणून माझ्या धन्याने मला सोडले.
ଏଥିରେ ଦାଉଦ ତାହାକୁ ପଚାରିଲେ, “ତୁମ୍ଭେ କାହାର ଲୋକ? ଓ ତୁମ୍ଭେ କେଉଁଠାରୁ ଆସିଅଛ?” ତହୁଁ ସେ କହିଲା, “ମୁଁ ଜଣେ ମିସରୀୟ ଯୁବା ଓ ଏକ ଅମାଲେକୀୟ ଲୋକର ଦାସ; ପୁଣି, ତିନି ଦିନ ହେଲା ମୁଁ ପୀଡ଼ିତ ହେବାରୁ ମୋହର ମୁନିବ ମୋତେ ଛାଡ଼ି ଚାଲିଗଲା।
14 १४ आम्ही करेथी यांच्या दक्षिण प्रदेशावर व यहूदाच्या प्रांतावर व कालेबाच्या दक्षिण प्रदेशावर घाला घातला आणि सिकलाग आम्ही अग्नीने जाळले.”
ଆମ୍ଭେମାନେ କରେଥୀୟମାନଙ୍କ ଦକ୍ଷିଣାଞ୍ଚଳ ଆକ୍ରମଣ କଲୁ ଓ ଆମ୍ଭେମାନେ ସିକ୍ଲଗ୍‍କୁ ଅଗ୍ନିରେ ଓ ଯିହୁଦାର ଅଧିକାର ଓ କାଲେବର ଦକ୍ଷିଣାଞ୍ଚଳ ଦଗ୍ଧ କଲୁ।”
15 १५ मग दावीद त्यास म्हणाला, “तू मला या टोळीकडे खाली नेशील काय?” त्याने म्हटले, “तुम्ही मला जिवे मारणार नाही व माझ्या धन्याच्या हाती मला देणार नाही अशी देवाची शपथ माझ्याशी वाहा म्हणजे मी तुम्हास या टोळीकडे खाली नेईन.”
ତହିଁରେ ଦାଉଦ ତାହାକୁ କହିଲେ, “ତୁମ୍ଭେ କʼଣ ଆମ୍ଭକୁ ସେହି ସୈନ୍ୟଦଳ ନିକଟକୁ ନେଇଯିବ?” ତହୁଁ ସେ କହିଲା, “ତୁମ୍ଭେ ଯେ ମୋତେ ବଧ କରିବ ନାହିଁ, ଅବା ମୋହର ମୁନିବ ହସ୍ତରେ ମୋତେ ସମର୍ପଣ କରିବ ନାହିଁ, ଏହା ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ନାମରେ ଶପଥ କର, ତେବେ ମୁଁ ସେହି ସୈନ୍ୟଦଳ ନିକଟକୁ ତୁମ୍ଭକୁ ନେଇଯିବି।”
16 १६ त्याने त्यांना खाली नेले, तेव्हा पाहा ते लोक अवघ्या भूमीवर पसरून खात व पीत व नाचत होते कारण त्यांनी पलिष्ट्यांच्या देशातून व यहूद्याच्या देशातून पुष्कळ लूट घेतली होती.
ଏଉତ୍ତାରେ ସେ ତାଙ୍କୁ ନେଇଯାଆନ୍ତେ, ଦେଖ, ପଲେଷ୍ଟୀୟମାନଙ୍କର ଓ ଯିହୁଦାର ଦେଶରୁ ପ୍ରଚୁର ଲୁଟଦ୍ରବ୍ୟ ଆଣିଥିବାରୁ ସେମାନେ ଭୂମିଯାକ ବ୍ୟାପି ଭୋଜନପାନ ଓ ଉତ୍ସବ କରୁଅଛନ୍ତି।
17 १७ दावीद पहाटेपासून दुसऱ्या दिवसाच्या संध्याकाळपर्यंत त्यांना मारीत गेला; त्यांच्यातील चारशे तरुण माणसे उंटावर बसून पळाली. त्यांच्याशिवाय त्यांच्यातला कोणीएक सुटला नाही.
ଏହେତୁ ଦାଉଦ ଗୋଧୂଳି ସମୟାବଧି ପରଦିନ ସନ୍ଧ୍ୟା ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ସେମାନଙ୍କୁ ଆଘାତ କଲେ; ଆଉ ଯେଉଁ ଚାରି ଶହ ଯୁବା ଲୋକ ଓଟ ଚଢ଼ି ପଳାଇଲେ, ସେମାନଙ୍କ ଛଡ଼ା ସେହି ଲୋକମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରୁ; ଜଣେ ଅବଶିଷ୍ଟ ରହିଲା ନାହିଁ।
18 १८ जे सर्व अमालेक्यांनी नेले होते ते दावीदाने सोडवले व आपल्या दोघी स्त्रिया सोडवल्या.
ପୁଣି, ଅମାଲେକୀୟମାନେ ଯାହା କିଛି ନେଇ ଯାଇଥିଲେ, ଦାଉଦ ସେସମସ୍ତ ଉଦ୍ଧାର କଲେ; ମଧ୍ୟ ଦାଉଦ ଆପଣାର ଦୁଇ ଭାର୍ଯ୍ୟାଙ୍କୁ ମୁକ୍ତ କଲେ।
19 १९ लहान किंवा मोठा, मुले किंवा मुली व लूट किंवा जे सर्व त्यांनी नेले होते त्यातले काहीच त्यांनी गमावले नाही; दावीदाने सर्व माघारी आणले.
ପୁଣି, ସେମାନଙ୍କର ସାନ କି ବଡ଼, ପୁତ୍ର କି କନ୍ୟା, ଲୁଟଦ୍ରବ୍ୟ କି ଯାହା କିଛି ଅମାଲେକୀୟମାନେ ନେଇଥିଲେ, ତହିଁରୁ କିଛି ଊଣା ହେଲା ନାହିଁ; ଦାଉଦ ସବୁ ଫେରି ପାଇଲେ।
20 २० अवघी मेंढरे व गुरे दावीदाने घेतली; ती त्यांनी इतर सामानापुढे हाकून म्हटले, “ही दावीदाची लूट आहे.”
ଆଉ ସେମାନେ ନିଜ ପଶୁପଲ ଆଗେ ଆଗେ ଯେଉଁ ଅନ୍ୟ ଗୋମେଷାଦି ପଲ ଅଡ଼ାଇ ନେଉଥିଲେ, ଦାଉଦ ସେସବୁ ନେଲେ, ପୁଣି, ଲୋକମାନେ କହିଲେ, ଏ ଦାଉଦଙ୍କ ଲୁଟଦ୍ରବ୍ୟ।
21 २१ मग जी दोनशे माणसे थकल्यामुळे दावीदाच्या मागे गेली नाहीत, ज्यांना त्याने बसोर नदीपाशी ठेवले होते, त्यांच्याकडे दावीद आला तेव्हा ती दावीदाला भेटायला व त्यांच्याबरोबरच्या लोकांस भेटायला सामोरी आली आणि दावीदाने त्या मनुष्यांजवळ येऊन त्यांना त्यांचे कुशल विचारले.
ଏଉତ୍ତାରେ ଅତି କ୍ଳାନ୍ତ ହୋଇ ଦାଉଦଙ୍କର ପଛେ ପଛେ ଯାଇ ନ ପାରିବାରୁ ଯେଉଁ ଦୁଇ ଶହ ଲୋକଙ୍କୁ ସେମାନେ ବିଷୋର ନଦୀ ନିକଟରେ ରଖି ଯାଇଥିଲେ, ଦାଉଦ ସେମାନଙ୍କ ନିକଟକୁ ଗଲେ; ତହୁଁ ସେମାନେ ଦାଉଦଙ୍କୁ ଭେଟିବାକୁ ଓ ତାଙ୍କ ସଙ୍ଗୀ ଲୋକମାନଙ୍କୁ ଭେଟିବାକୁ ବାହାରିଲେ; ପୁଣି, ଦାଉଦ ଲୋକମାନଙ୍କ ନିକଟବର୍ତ୍ତୀ ହୋଇ ସେମାନଙ୍କୁ କୁଶଳବାର୍ତ୍ତା ପଚାରିଲେ।
22 २२ तेव्हा जी माणसे दावीदाबरोबर गेली होती त्यांच्यापैकी जी वाईट व दुष्ट होती. ती सर्व असे म्हणू लागली की, “ही माणसे आम्हाबरोबर आली नाहीत म्हणून जी लूट आम्ही सोडवली तिच्यातले काही आम्ही त्यांना देणार नाही; फक्त प्रत्येकाला ज्याची त्याची बायकापोरे मात्र देऊ. मग त्यांनी ती घेऊन निघून जावे.”
ସେତେବେଳେ ଦାଉଦଙ୍କ ସଙ୍ଗରେ ଯେଉଁମାନେ ଯାଇଥିଲେ, ସେମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରୁ ଦୁଷ୍ଟ ଓ ପାପାଧମ ମନୁଷ୍ୟ ସମସ୍ତେ ଉତ୍ତର ଦେଇ କହିଲେ, “ସେମାନେ ଆମ୍ଭ ସଙ୍ଗରେ ଗଲେ ନାହିଁ, ଏଥିପାଇଁ ଆମ୍ଭେମାନେ ପ୍ରାପ୍ତ ଲୁଟଦ୍ରବ୍ୟରୁ ସେମାନଙ୍କୁ କିଛି ଦେବୁ ନାହିଁ, କେବଳ ସେମାନଙ୍କର ପ୍ରତ୍ୟେକ ଲୋକକୁ ତାହାର ଭାର୍ଯ୍ୟା ଓ ସନ୍ତାନସନ୍ତତି ଦେବୁ, ସେମାନେ ତାଙ୍କୁ ନେଇ ଚାଲିଯାଆନ୍ତୁ।”
23 २३ तेव्हा दावीद म्हणाला, “माझ्या भावांनो जे परमेश्वराने आम्हांला दिले आहे त्याचे असे करू नका. कारण त्याने आम्हास संभाळले व जी टोळी आम्हावर आली ती आमच्या हाती दिली.
ଏଥିରେ ଦାଉଦ ସେମାନଙ୍କୁ କହିଲେ, “ହେ ମୋହର ଭ୍ରାତୃଗଣ, ଯେଉଁ ସଦାପ୍ରଭୁ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ରକ୍ଷା କରି ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ପ୍ରତିକୂଳଗାମୀ ସୈନ୍ୟଦଳକୁ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ହସ୍ତରେ ସମର୍ପଣ କଲେ, ସେ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ଯାହା ଦେଇଅଛନ୍ତି, ତାହା ନେଇ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କର ଏରୂପ କରିବା ଉଚିତ ନୁହେଁ।
24 २४ या गोष्टीविषयी तुमचे कोण ऐकेल? जो लढाईत गेला त्याचा जसा वाटा तसा जो सामानाजवळ राहतो त्याचा वाटा होईल; त्यांना सारखाच वाटा मिळेल.”
ପୁଣି, ଏ ବିଷୟରେ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କର କଥା କିଏ ଶୁଣିବ? କାରଣ ଯୁଦ୍ଧକୁ ଗମନକାରୀ ଲୋକ ଯେପରି ଆପଣା ଅଂଶ ପାଇବ, ସାମଗ୍ରୀ ନିକଟରେ ରହିବା ଲୋକ ସେପରି ଅଂଶ ପାଇବ, ସେମାନେ ସମାନ ଅଂଶ ପାଇବେ।”
25 २५ त्या दिवसापासून पुढे तोच नियम झाला; त्याने तसा नियम व रीत इस्राएलात आजपर्यंत करून ठेवली.
ପୁଣି, ଦାଉଦ ସେହି ଦିନାବଧି ଇସ୍ରାଏଲ ନିମନ୍ତେ ଏହି ବିଧି ଓ ଶାସନ ସ୍ଥିର କଲେ, ତାହା ଆଜି ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଚଳୁଅଛି।
26 २६ दावीद सिकलागास आला तेव्हा त्याने यहूदाच्या वडिलांकडे आपल्या मित्रांकडे लुटीतले काही पाठवून सांगितले की, “पाहा परमेश्वराच्या शत्रूंच्या लुटीतून तुम्हास ही भेट आहे.”
ଏଉତ୍ତାରେ ଦାଉଦ ସିକ୍ଲଗ୍‍ରେ ଉପସ୍ଥିତ ହୁଅନ୍ତେ, ସେ ବେଥେଲ୍‍ ଓ ଦକ୍ଷିଣାଞ୍ଚଳସ୍ଥ ରାମତ୍‍ ଓ ଯତ୍ତୀର
27 २७ जे बेथेलात होते त्यांना जे दक्षिण प्रदेशातील रामोथात होते त्यांना, व जे यत्तीरात होते त्यांना;
ଓ ଅରୋୟେର ଓ ଶିଫ୍‍ମୋତ୍‍ ଓ ଇଷ୍ଟିମୋୟ;
28 २८ जे अरोएरात होते त्यांना, व जे सिफमोथात होते त्यांना, व जे एष्टमोत होते त्यांना,
ରାଖଲ ଓ ଯିରହମେଲୀୟମାନଙ୍କ ନଗର ଓ କେନୀୟମାନଙ୍କ ନଗର
29 २९ जे राखासांत होते त्यांना, व जे येरहमेली यांच्या नगरांत होते त्यांना, व जे केनी यांच्या नगरांत होते त्यांना,
ଓ ହର୍ମା ଓ କୋରାଶନ ଓ ଅଥାକ୍‍
30 ३० जे हर्मात होते त्यांना, व जे कोराशानात होते त्यांना, व जे अथाखात होते त्यांना,
ଓ ହିବ୍ରୋଣ ଓ ଯେ ଯେ ସ୍ଥାନରେ ଦାଉଦଙ୍କର ଓ ତାଙ୍କ ଲୋକମାନଙ୍କର ଗମନାଗମନ ହୋଇଥିଲା,
31 ३१ आणि जे हेब्रोनात होते त्यांना, जेथे दावीद व त्याची माणसे फिरत असत त्या सर्व ठिकाणाकडे त्याने लुटीतले काही पाठवले.
ସେହି ସମସ୍ତ ସ୍ଥାନସ୍ଥିତ ଆପଣା ମିତ୍ର ଯିହୁଦାର ପ୍ରାଚୀନବର୍ଗଙ୍କ ନିକଟକୁ ଲୁଟିତ ଦ୍ରବ୍ୟରୁ କିଛି କିଛି ପଠାଇ କହିଲେ, “ଦେଖ, ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଶତ୍ରୁମାନଙ୍କଠାରୁ ଲୁଟିତ ଦ୍ରବ୍ୟ ମଧ୍ୟରୁ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ନିମନ୍ତେ ଏହି ଭେଟି।”

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