< लूका 22 >

1 अखमीरी रोटी को त्यौहार जो फसह कहलावय हय, जवर होतो;
অপরঞ্চ কিণ্ৱশূন্যপূপোৎসৱস্য কাল উপস্থিতে
2 अऊर मुख्य याजक अऊर धर्मशास्त्री यो बात की खोज म होतो कि यीशु को कसो मार डाल्बो, पर हि लोगों सी डरत होतो।
প্রধানযাজকা অধ্যাযকাশ্চ যথা তং হন্তুং শক্নুৱন্তি তথোপাযাম্ অচেষ্টন্ত কিন্তু লোকেভ্যো বিভ্যুঃ|
3 तब शैतान यहूदा म समायो, जो इस्करियोती कहलावय होतो अऊर बारा चेलावों म गिन्यो जात होतो।
এতস্তিন্ সমযে দ্ৱাদশশিষ্যেষু গণিত ঈষ্করিযোতীযরূঢিমান্ যো যিহূদাস্তস্যান্তঃকরণং শৈতানাশ্রিতৎৱাৎ
4 यहूदा न जाय क मुख्य याजकों अऊर मन्दिर को पहरेदारों को मुखिया को संग बातचीत करी कि ओख कसो तरह सी उन्को हाथ पकड़वाबो।
স গৎৱা যথা যীশুং তেষাং করেষু সমর্পযিতুং শক্নোতি তথা মন্ত্রণাং প্রধানযাজকৈঃ সেনাপতিভিশ্চ সহ চকার|
5 हि खुश भयो, अऊर ओख रुपये देन लायी राजी भय गयो।
তেন তে তুষ্টাস্তস্মৈ মুদ্রাং দাতুং পণং চক্রুঃ|
6 ओन मान लियो, अऊर मौका ढूंढन लग्यो कि जब भीड़ नहीं होय त यीशु ख उन्को हाथ पकड़वाय दे।
ততঃ সোঙ্গীকৃত্য যথা লোকানামগোচরে তং পরকরেষু সমর্পযিতুং শক্নোতি তথাৱকাশং চেষ্টিতুমারেভে|
7 तब अखमीरी रोटी को त्यौहार को दिन आयो, जेको म फसह को मेम्ना बलि करनो जरूरी होतो।
অথ কিণ্ৱশূন্যপূপোত্মৱদিনে, অর্থাৎ যস্মিন্ দিনে নিস্তারোৎসৱস্য মেষো হন্তৱ্যস্তস্মিন্ দিনে
8 यीशु न पतरस अऊर यूहन्ना ख यो कह्य क भेज्यो: “जाय क हमरो खान लायी फसह को भोज की तैयार करो।”
যীশুঃ পিতরং যোহনঞ্চাহূয জগাদ, যুৱাং গৎৱাস্মাকং ভোজনার্থং নিস্তারোৎসৱস্য দ্রৱ্যাণ্যাসাদযতং|
9 उन्न ओको सी पुच्छ्यो, “तय कित चाहवय हय कि हम येख तैयार करबोंन?”
তদা তৌ পপ্রচ্ছতুঃ কুচাসাদযাৱো ভৱতঃ কেচ্ছা?
10 ओन ओको सी कह्यो, “देखो, नगर म सिरतोच एक आदमी पानी को घड़ा उठायो हुयो तुम्ख मिलेंन; जो घर म ऊ जायेंन तुम ओको पीछू चली जाजो,
১০তদা সোৱাদীৎ, নগরে প্রৱিষ্টে কশ্চিজ্জলকুম্ভমাদায যুৱাং সাক্ষাৎ করিষ্যতি স যন্নিৱেশনং প্রৱিশতি যুৱামপি তন্নিৱেশনং তৎপশ্চাদিৎৱা নিৱেশনপতিম্ ইতি ৱাক্যং ৱদতং,
11 अऊर ऊ घर को मालिक सी कहजो: ‘गुरु तोरो सी कहू हय कि ऊ पहुंनायी की जागा कित हय जेको म मय अपनो चेलावों को संग फसह को भोज खाऊ?’
১১যত্রাহং নিস্তারোৎসৱস্য ভোজ্যং শিষ্যৈঃ সার্দ্ধং ভোক্তুং শক্নোমি সাতিথিশালা কুত্র? কথামিমাং প্রভুস্ত্ৱাং পৃচ্ছতি|
12 ऊ तुम्ख एक सजी–सजायी बड़ो ऊपर को कमरा दिखायी देयेंन; उतच तैयार करजो।”
১২ততঃ স জনো দ্ৱিতীযপ্রকোষ্ঠীযম্ একং শস্তং কোষ্ঠং দর্শযিষ্যতি তত্র ভোজ্যমাসাদযতং|
13 उन्न जाय क जसो यीशु न उन्को सी कह्यो होतो, वसोच पायो अऊर फसह को भोज तैयार करयो।
১৩ততস্তৌ গৎৱা তদ্ৱাক্যানুসারেণ সর্ৱ্ৱং দৃষ্দ্ৱা তত্র নিস্তারোৎসৱীযং ভোজ্যমাসাদযামাসতুঃ|
14 जब समय आय पहुंच्यो, त ऊ प्रेरितों को संग जेवन करन बैठ्यो।
১৪অথ কাল উপস্থিতে যীশু র্দ্ৱাদশভিঃ প্রেরিতৈঃ সহ ভোক্তুমুপৱিশ্য কথিতৱান্
15 अऊर ओन उन्को सी कह्यो, “मोख बड़ी इच्छा होती कि दु: ख भोगन सी पहिले यो फसह को भोज तुम्हरो संग खाऊ।
১৫মম দুঃখভোগাৎ পূর্ৱ্ৱং যুভাভিঃ সহ নিস্তারোৎসৱস্যৈতস্য ভোজ্যং ভোক্তুং মযাতিৱাঞ্ছা কৃতা|
16 कहालीकि मय तुम सी कहू हय कि जब तक ऊ परमेश्वर को राज्य म पूरो नहीं होय तब तक मय ओख कभी नहीं खाऊं।”
১৬যুষ্মান্ ৱদামি, যাৱৎকালম্ ঈশ্ৱররাজ্যে ভোজনং ন করিষ্যে তাৱৎকালম্ ইদং ন ভোক্ষ্যে|
17 तब यीशु न कटोरा लेय क धन्यवाद करयो अऊर कह्यो, “येख लेवो अऊर आपस म बाट लेवो।
১৭তদা স পানপাত্রমাদায ঈশ্ৱরস্য গুণান্ কীর্ত্তযিৎৱা তেভ্যো দৎৱাৱদৎ, ইদং গৃহ্লীত যূযং ৱিভজ্য পিৱত|
18 कहालीकि मय तुम सी कहू हय कि जब तक परमेश्वर को राज्य नहीं आवय तब तक मय अंगूररस अब सी कभी नहीं पीऊं।”
১৮যুষ্মান্ ৱদামি যাৱৎকালম্ ঈশ্ৱররাজৎৱস্য সংস্থাপনং ন ভৱতি তাৱদ্ দ্রাক্ষাফলরসং ন পাস্যামি|
19 तब ओन रोटी लियो, अऊर धन्यवाद कर क् तोड़ी, अऊर उन्ख यो कह्य क दियो, “यो मोरो शरीर हय जो तुम्हरो लायी दियो जावय हय: मोरी याद म असोच करतो रह।”
১৯ততঃ পূপং গৃহীৎৱা ঈশ্ৱরগুণান্ কীর্ত্তযিৎৱা ভঙ্ক্তা তেভ্যো দৎৱাৱদৎ, যুষ্মদর্থং সমর্পিতং যন্মম ৱপুস্তদিদং, এতৎ কর্ম্ম মম স্মরণার্থং কুরুধ্ৱং|
20 योच रीति सी ओन जेवन को बाद कटोरा भी यो कह्य क दियो, “यो कटोरा मोरो ऊ खून म नयी वाचा हय जो तुम्हरो लायी बहायो जावय हय।
২০অথ ভোজনান্তে তাদৃশং পাত্রং গৃহীৎৱাৱদৎ, যুষ্মৎকৃতে পাতিতং যন্মম রক্তং তেন নির্ণীতনৱনিযমরূপং পানপাত্রমিদং|
21 “पर देखो! मोरो पकड़ावन वालो को हाथ मोरो संग मेज पर हय।
২১পশ্যত যো মাং পরকরেষু সমর্পযিষ্যতি স মযা সহ ভোজনাসন উপৱিশতি|
22 कहालीकि आदमी को बेटा त जसो ओको लायी ठहरायो गयो, वसोच मरेंन भी पर हाय ऊ आदमी पर जेकोसी ऊ पकड़वायो जावय हय!”
২২যথা নিরূপিতমাস্তে তদনুসারেণা মনুষ্যপুত্রস্য গতি র্ভৱিষ্যতি কিন্তু যস্তং পরকরেষু সমর্পযিষ্যতি তস্য সন্তাপো ভৱিষ্যতি|
23 तब हि आपस म पूछताछ करन लग्यो कि हम म सी कौन हय, जो यो काम करेंन।
২৩তদা তেষাং কো জন এতৎ কর্ম্ম করিষ্যতি তৎ তে পরস্পরং প্রষ্টুমারেভিরে|
24 उन्म यो वाद–विवाद भी भयो कि उन म सी कौन बड़ो समझ्यो जावय हय।
২৪অপরং তেষাং কো জনঃ শ্রেষ্ঠৎৱেন গণযিষ্যতে, অত্রার্থে তেষাং ৱিৱাদোভৱৎ|
25 यीशु न उन्को सी कह्यो, “गैरयहूदी को राजा उन पर प्रभुता करय हंय; अऊर जो उन पर अधिकार रखय हंय, उन्ख हि परोपकारी असो कह्य हंय।
২৫অস্মাৎ কারণাৎ সোৱদৎ, অন্যদেশীযানাং রাজানঃ প্রজানামুপরি প্রভুৎৱং কুর্ৱ্ৱন্তি দারুণশাসনং কৃৎৱাপি তে ভূপতিৎৱেন ৱিখ্যাতা ভৱন্তি চ|
26 पर तुम असो नहीं होनो चाहिये; बल्की जो तुम म बड़ो हय, ऊ छोटो को जसो अऊर जो मुख्य हय, ऊ सेवक को जसो बने।
২৬কিন্তু যুষ্মাকং তথা ন ভৱিষ্যতি, যো যুষ্মাকং শ্রেষ্ঠো ভৱিষ্যতি স কনিষ্ঠৱদ্ ভৱতু, যশ্চ মুখ্যো ভৱিষ্যতি স সেৱকৱদ্ভৱতু|
27 कहालीकि बड़ो कौन हय, ऊ जो जेवन करन बैठ्यो हय, यां जो जेवन परोसय हय? का ऊ नहीं जो जेवन करन बैठ्यो हय? पर मय तुम्हरो बीच म सेवक को जसो हय।
২৭ভোজনোপৱিষ্টপরিচারকযোঃ কঃ শ্রেষ্ঠঃ? যো ভোজনাযোপৱিশতি স কিং শ্রেষ্ঠো ন ভৱতি? কিন্তু যুষ্মাকং মধ্যেঽহং পরিচারকইৱাস্মি|
28 “तुम ऊ हय, जो मोरी परीक्षावों म लगातार मोरो संग रह्यो;
২৮অপরঞ্চ যুযং মম পরীক্ষাকালে প্রথমমারভ্য মযা সহ স্থিতা
29 अऊर जसो मोरो बाप न मोरो लायी राज्य पर अधिकार दियो हय, वसोच मय भी तुम्हरो लायी अधिकार देऊ,
২৯এতৎকারণাৎ পিত্রা যথা মদর্থং রাজ্যমেকং নিরূপিতং তথাহমপি যুষ্মদর্থং রাজ্যং নিরূপযামি|
30 ताकि तुम मोरो राज्य म मोरी मेज पर खावो–पीवो, बल्की सिंहासनों पर बैठ क इस्राएल को बारा पीढ़ी को न्याय करो।
৩০তস্মান্ মম রাজ্যে ভোজনাসনে চ ভোজনপানে করিষ্যধ্ৱে সিংহাসনেষূপৱিশ্য চেস্রাযেলীযানাং দ্ৱাদশৱংশানাং ৱিচারং করিষ্যধ্ৱে|
31 “शिमोन, हे शिमोन! सुनो, शैतान न तुम सब लोगों ख परखन लायी मांग्यो हय कि बुरो म सी अच्छो अलग करय जसो किसान गहूं म सी भूसा अलग करय हय,
৩১অপরং প্রভুরুৱাচ, হে শিমোন্ পশ্য তিতউনা ধান্যানীৱ যুষ্মান্ শৈতান্ চালযিতুম্ ঐচ্ছৎ,
32 पर मय न तोरो लायी प्रार्थना करी कि तोरो विश्वास कमजोर नहीं होय; अऊर जब तय वापस फिरजो, त अपनो भाऊ ख हिम्मत देजो।”
৩২কিন্তু তৱ ৱিশ্ৱাসস্য লোপো যথা ন ভৱতি এতৎ ৎৱদর্থং প্রার্থিতং মযা, ৎৱন্মনসি পরিৱর্ত্তিতে চ ভ্রাতৃণাং মনাংসি স্থিরীকুরু|
33 पतरस न ओको सी कह्यो, “हे प्रभु, मय तोरो संग जेलखाना जान लायी, अऊर मरन लायी भी तैयार हय।”
৩৩তদা সোৱদৎ, হে প্রভোহং ৎৱযা সার্দ্ধং কারাং মৃতিঞ্চ যাতুং মজ্জিতোস্মি|
34 यीशु न कह्यो, “हे पतरस, मय तोरो सी कहू हय कि अज रात मुर्गा बाग नहीं देयेंन जब तक कि तय तीन बार मोरो इन्कार नहीं कर लेजो कि तय मोख नहीं जानय।”
৩৪ততঃ স উৱাচ, হে পিতর ৎৱাং ৱদামি, অদ্য কুক্কুটরৱাৎ পূর্ৱ্ৱং ৎৱং মৎপরিচযং ৱারত্রযম্ অপহ্ৱোষ্যসে|
35 तब यीशु न चेलावों सी कह्यो, “जब मय न तुम्ख बटवा, झोली, अऊर जूता को बिना भेज्यो होतो, त का तुम्ख कोयी चिज की कमी भयी होती?” उन्न कह्यो, “कोयी चिज की नहीं।”
৩৫অপরং স পপ্রচ্ছ, যদা মুদ্রাসম্পুটং খাদ্যপাত্রং পাদুকাঞ্চ ৱিনা যুষ্মান্ প্রাহিণৱং তদা যুষ্মাকং কস্যাপি ন্যূনতাসীৎ? তে প্রোচুঃ কস্যাপি ন|
36 यीशु न उन्को सी कह्यो, “पर अब जेको जवर बटवा हय ऊ ओख लेवो अऊर वसोच झोली भी, अऊर जेको जवर तलवार नहीं हय ऊ अपनो कपड़ा बिक क एक लेय लेवो।
৩৬তদা সোৱদৎ কিন্ত্ৱিদানীং মুদ্রাসম্পুটং খাদ্যপাত্রং ৱা যস্যাস্তি তেন তদ্গ্রহীতৱ্যং, যস্য চ কৃপাণো নাস্তি তেন স্ৱৱস্ত্রং ৱিক্রীয স ক্রেতৱ্যঃ|
37 कहालीकि मय तुम सी कहू हय, कि यो जो शास्त्र म लिख्यो हय: ‘ऊ अपराधियों को संग गिन्यो गयो,’ ओको मोरो म पूरो होनो जरूरी हय; कहालीकि मोरो बारे म लिख्यो बाते पूरी होन पर हंय।”
৩৭যতো যুষ্মানহং ৱদামি, অপরাধিজনৈঃ সার্দ্ধং গণিতঃ স ভৱিষ্যতি| ইদং যচ্ছাস্ত্রীযং ৱচনং লিখিতমস্তি তন্মযি ফলিষ্যতি যতো মম সম্বন্ধীযং সর্ৱ্ৱং সেৎস্যতি|
38 चेलावों न कह्यो, “हे प्रभु! इत दोय तलवारे हंय।” ओन उन्को सी कह्यो, “बहुत हंय।”
৩৮তদা তে প্রোচুঃ প্রভো পশ্য ইমৌ কৃপাণৌ| ততঃ সোৱদদ্ এতৌ যথেষ্টৌ|
39 तब ऊ बाहेर निकल क अपनी रीति को अनुसार जैतून को पहाड़ी पर गयो, अऊर चेलावों ओको पीछू भय गयो।
৩৯অথ স তস্মাদ্ৱহি র্গৎৱা স্ৱাচারানুসারেণ জৈতুননামাদ্রিং জগাম শিষ্যাশ্চ তৎপশ্চাদ্ যযুঃ|
40 ऊ जागा पहुंच क ओन उन्को सी कह्यो, “प्रार्थना करो कि तुम परीक्षा म नहीं पड़ो।”
৪০তত্রোপস্থায স তানুৱাচ, যথা পরীক্ষাযাং ন পতথ তদর্থং প্রার্থযধ্ৱং|
41 अऊर ऊ उन्को सी अलग लगभग गोटा फेकन की दूरी भर गयो, अऊर घुटना टेक क प्रार्थना करन लग्यो,
৪১পশ্চাৎ স তস্মাদ্ একশরক্ষেপাদ্ বহি র্গৎৱা জানুনী পাতযিৎৱা এতৎ প্রার্থযাঞ্চক্রে,
42 “हे मोरो बाप, यदि तय चाहवय त यो दु: ख सी भरयो कटोरा ख मोरो जवर सी हटाय ले, तब भी मोरी नहीं पर तोरीच इच्छा पूरी होय।”
৪২হে পিত র্যদি ভৱান্ সম্মন্যতে তর্হি কংসমেনং মমান্তিকাদ্ দূরয কিন্তু মদিচ্ছানুরূপং ন ৎৱদিচ্ছানুরূপং ভৱতু|
43 तब स्वर्ग सी एक दूत ओख दिखायी दियो जो ओख सामर्थ देत होतो।
৪৩তদা তস্মৈ শক্তিং দাতুং স্ৱর্গীযদূতো দর্শনং দদৌ|
44 ऊ व्याकुल होय क अऊर भी जादा प्रार्थना करन लग्यो; अऊर ओको पसीना खून की बड़ी बड़ी थेम्ब को जसो जमीन पर गिर रह्यो होतो।
৪৪পশ্চাৎ সোত্যন্তং যাতনযা ৱ্যাকুলো ভূৎৱা পুনর্দৃঢং প্রার্থযাঞ্চক্রে, তস্মাদ্ বৃহচ্ছোণিতবিন্দৱ ইৱ তস্য স্ৱেদবিন্দৱঃ পৃথিৱ্যাং পতিতুমারেভিরে|
45 तब ऊ प्रार्थना सी उठ्यो अऊर अपनो चेलावों को जवर आय क उन्ख उदास को मारे म सोतो पायो।
৪৫অথ প্রার্থনাত উত্থায শিষ্যাণাং সমীপমেত্য তান্ মনোদুঃখিনো নিদ্রিতান্ দৃষ্ট্ৱাৱদৎ
46 अऊर उन्को सी कह्यो, “कहालीकि सोवय हय? उठो, प्रार्थना करो कि परीक्षा म मत पड़ो।”
৪৬কুতো নিদ্রাথ? পরীক্ষাযাম্ অপতনার্থং প্রর্থযধ্ৱং|
47 यीशु यो कह्यच रह्यो होतो कि एक भीड़ आयी, अऊर उन बारा म सी एक जेको नाम यहूदा होतो उन्को आगु–आगु आय रह्यो होतो। ऊ यीशु को जवर आयो कि ओको चुम्मा ले।
৪৭এতৎকথাযাঃ কথনকালে দ্ৱাদশশিষ্যাণাং মধ্যে গণিতো যিহূদানামা জনতাসহিতস্তেষাম্ অগ্রে চলিৎৱা যীশোশ্চুম্বনার্থং তদন্তিকম্ আযযৌ|
48 यीशु न ओको सी कह्यो, “हे यहूदा, का तय चुम्मा ले क आदमी को बेटा ख पकड़ावय हय?”
৪৮তদা যীশুরুৱাচ, হে যিহূদা কিং চুম্বনেন মনুষ্যপুত্রং পরকরেষু সমর্পযসি?
49 ओको चेलावों न जो संग होतो जब देख्यो कि का होन वालो हय, त कह्यो, “हे प्रभु, का हम तलवार चलायबो?”
৪৯তদা যদ্যদ্ ঘটিষ্যতে তদনুমায সঙ্গিভিরুক্তং, হে প্রভো ৱযং কি খঙ্গেন ঘাতযিষ্যামঃ?
50 अऊर उन्म सी एक न महायाजक को सेवक पर तलवार चलाय क ओको दायो कान उड़ाय दियो।
৫০তত একঃ করৱালেনাহত্য প্রধানযাজকস্য দাসস্য দক্ষিণং কর্ণং চিচ্ছেদ|
51 येको पर यीशु न कह्यो, “अब बस करो।” अऊर ओको कान छूय क ओख ठीक कर दियो।
৫১অধূনা নিৱর্ত্তস্ৱ ইত্যুক্ত্ৱা যীশুস্তস্য শ্রুতিং স্পৃষ্ট্ৱা স্ৱস্যং চকার|
52 तब यीशु न मुख्य याजकों अऊर मन्दिर को पहरेदारों को मुखिया अऊर बुजूर्गों सी, जो ओको पर चढ़ आयो होतो, कह्यो, “का तुम मोख विद्रोही जान क तलवारे अऊर लाठियां धर क निकल्यो हय?
৫২পশ্চাদ্ যীশুঃ সমীপস্থান্ প্রধানযাজকান্ মন্দিরস্য সেনাপতীন্ প্রাচীনাংশ্চ জগাদ, যূযং কৃপাণান্ যষ্টীংশ্চ গৃহীৎৱা মাং কিং চোরং ধর্ত্তুমাযাতাঃ?
53 जब मय मन्दिर म हर दिन तुम्हरो संग होतो, त तुम न मोख पकड़न लायी कोशिश नहीं करयो; पर यो तुम्हरो समय हय, अऊर अन्धारो को अधिकार हय।”
৫৩যদাহং যুষ্মাভিঃ সহ প্রতিদিনং মন্দিরেঽতিষ্ঠং তদা মাং ধর্ত্তং ন প্রৱৃত্তাঃ, কিন্ত্ৱিদানীং যুষ্মাকং সমযোন্ধকারস্য চাধিপত্যমস্তি|
54 तब हि ओख पकड़ क ले गयो, अऊर महायाजक को घर म लायो। पतरस दूरच दूर ओको पीछू–पीछू चलत होतो;
৫৪অথ তে তং ধৃৎৱা মহাযাজকস্য নিৱেশনং নিন্যুঃ| ততঃ পিতরো দূরে দূরে পশ্চাদিৎৱা
55 अऊर जब हि आंगन म आगी जलाय क एक संग बैठ्यो, त पतरस भी उन्को बीच म बैठ गयो।
৫৫বৃহৎকোষ্ঠস্য মধ্যে যত্রাগ্নিং জ্ৱালযিৎৱা লোকাঃ সমেত্যোপৱিষ্টাস্তত্র তৈঃ সার্দ্ধম্ উপৱিৱেশ|
56 तब एक दासी ओख आगी को प्रकाश म बैठ्यो देख क अऊर ओको तरफ जवर सी देख क कहन लग्यो, “यो भी त यीशु को संग होतो।”
৫৬অথ ৱহ্নিসন্নিধৌ সমুপৱেশকালে কাচিদ্দাসী মনো নিৱিশ্য তং নিরীক্ষ্যাৱদৎ পুমানযং তস্য সঙ্গেঽস্থাৎ|
57 पर पतरस न यो कह्य क इन्कार करयो, “हे नारी, मय ओख नहीं जानु हय।”
৫৭কিন্তু স তদ্ অপহ্নুত্যাৱাদীৎ হে নারি তমহং ন পরিচিনোমি|
58 थोड़ी देर बाद कोयी अऊर न ओख देख क कह्यो, “तय भी त उन्म सी एक आय।” पतरस न कह्यो, “हे आदमी, मय नहीं आय।”
৫৮ক্ষণান্তরেঽন্যজনস্তং দৃষ্ট্ৱাব্রৱীৎ ৎৱমপি তেষাং নিকরস্যৈকজনোসি| পিতরঃ প্রত্যুৱাচ হে নর নাহমস্মি|
59 लगभग एक घंटा बीत जान को बाद एक आदमी जोर दे क कहन लग्यो, “निश्चय यो भी त ओको संग होतो कहालीकि यो भी गलीली हय।”
৫৯ততঃ সার্দ্ধদণ্ডদ্ৱযাৎ পরং পুনরন্যো জনো নিশ্চিত্য বভাষে, এষ তস্য সঙ্গীতি সত্যং যতোযং গালীলীযো লোকঃ|
60 पतरस न कह्यो, “हे आदमी, मय नहीं जानु कि तय का कह्य हय!” ऊ कह्यच रह्यो होतो कि तुरतच मुर्गा न बाग दियो।
৬০তদা পিতর উৱাচ হে নর ৎৱং যদ্ ৱদমি তদহং বোদ্ধুং ন শক্নোমি, ইতি ৱাক্যে কথিতমাত্রে কুক্কুটো রুরাৱ|
61 तब प्रभु न मुड़ क पतरस को तरफ देख्यो, अऊर पतरस ख प्रभु की ऊ बात याद आयी जो ओन कहीं होती: “अज भुन्सारे ख मुर्गा को बाग देन सी पहिले, तय तीन बार मोरो इन्कार करेंन।”
৬১তদা প্রভুণা ৱ্যাধুট্য পিতরে নিরীক্ষিতে কৃকৱাকুরৱাৎ পূর্ৱ্ৱং মাং ত্রিরপহ্নোষ্যসে ইতি পূর্ৱ্ৱোক্তং তস্য ৱাক্যং পিতরঃ স্মৃৎৱা
62 अऊर ऊ बाहेर निकल क सिसक-सिसक क रोयो।
৬২বহির্গৎৱা মহাখেদেন চক্রন্দ|
63 हि लोग जो यीशु ख पकड़्यो हुयो होतो, ओख ठट्ठा कर क् पीट रह्यो होतो;
৬৩তদা যৈ র্যীশুর্ধৃতস্তে তমুপহস্য প্রহর্ত্তুমারেভিরে|
64 अऊर ओकी आंखी झाक क ओको सी पुच्छ्यो, “पता कर क् बता कि तोख कौन न मारयो!”
৬৪ৱস্ত্রেণ তস্য দৃশৌ বদ্ধ্ৱা কপোলে চপেটাঘাতং কৃৎৱা পপ্রচ্ছুঃ, কস্তে কপোলে চপেটাঘাতং কৃতৱান? গণযিৎৱা তদ্ ৱদ|
65 अऊर उन्न बहुत सी अऊर भी निन्दा की बाते ओको विरोध म कहीं।
৬৫তদন্যৎ তদ্ৱিরুদ্ধং বহুনিন্দাৱাক্যং ৱক্তুমারেভিরে|
66 जब दिन भयो त महासभा को बुजूर्ग अऊर मुख्य याजक अऊर धर्मशास्त्री जमा हुयो, अऊर ओख अपनी महासभा म लायो,
৬৬অথ প্রভাতে সতি লোকপ্রাঞ্চঃ প্রধানযাজকা অধ্যাপকাশ্চ সভাং কৃৎৱা মধ্যেসভং যীশুমানীয পপ্রচ্ছুঃ, ৎৱম্ অভিষিকতোসি ন ৱাস্মান্ ৱদ|
67 उन्न पुच्छ्यो हम्ख बताव, “का तय मसीह आय?” त हम सी कह्य दे यीशु न उन्ख उत्तर दियो; “यदि मय तुम सी कहूं फिर भी तुम विश्वास नहीं करो!” ओन उन्को सी कह्यो, “यदि मय तुम सी कहूं, त विश्वास नहीं करजो;
৬৭স প্রত্যুৱাচ, মযা তস্মিন্নুক্তেঽপি যূযং ন ৱিশ্ৱসিষ্যথ|
68 अऊर यदि मय प्रश्न पूछू, त तुम उत्तर नहीं दे सको।
৬৮কস্মিংশ্চিদ্ৱাক্যে যুষ্মান্ পৃষ্টেঽপি মাং ন তদুত্তরং ৱক্ষ্যথ ন মাং ত্যক্ষ্যথ চ|
69 पर अब सी आदमी को बेटा सर्वशक्तिमान परमेश्वर को दायो तरफ बैठ्यो रहेंन।”
৬৯কিন্ত্ৱিতঃ পরং মনুজসুতঃ সর্ৱ্ৱশক্তিমত ঈশ্ৱরস্য দক্ষিণে পার্শ্ৱে সমুপৱেক্ষ্যতি|
70 उन्न कह्यो, “त का तय परमेश्वर को बेटा हय?” ओन उत्तर दियो, “मय हय असो खुदच कह्य हय, कहालीकि मय उच हय।”
৭০ততস্তে পপ্রচ্ছুঃ, র্তিহ ৎৱমীশ্ৱরস্য পুত্রঃ? স কথযামাস, যূযং যথার্থং ৱদথ স এৱাহং|
71 तब उन्न कह्यो, “अब हम्ख गवाही की का जरूरत हय; कहालीकि हम न खुदच ओको मुंह सी सुन लियो हय।”
৭১তদা তে সর্ৱ্ৱে কথযামাসুঃ, র্তিহ সাক্ষ্যেঽন্সস্মিন্ অস্মাকং কিং প্রযোজনং? অস্য স্ৱমুখাদেৱ সাক্ষ্যং প্রাপ্তম্|

< लूका 22 >