< यूहन्ना 17 >

1 यीशु न या बाते कह्यो अऊर अपनी आंखी स्वर्ग को तरफ उठाय क कह्यो, “हे पिता, वा घड़ी आय गयी हय; अपनो बेटा की महिमा कर कि बेटा भी तोरी महिमा करे।” 2 कहालीकि तय न ओख सब मानव पर अधिकार दियो, कि जिन्ख तय न ओख दियो हय उन सब ख ऊ अनन्त जीवन दे। (aiōnios g166) 3 अऊर अनन्त जीवन यो हय कि हि तय एकच सच्चो परमेश्वर ख अऊर यीशु मसीह ख, जेक तय न भेज्यो हय, जाने। (aiōnios g166) 4 जो कार्य तय न मोख करन ख दियो होतो, ओख पूरो कर क् मय न धरती पर तोरी महिमा करी हय। 5 अब हे पिता, तय अपनो संग मोरी महिमा वा महिमा सी कर जो जगत ख बनान सी पहिले, मोरी तोरो संग होती। 6 “मय न तोरो नाम उन आदमियों पर प्रगट करयो हय जिन्ख तय न जगत म सी मोख दियो हय। हि तोरो होतो अऊर तय न उन्ख मोख दियो, अऊर उन्न तोरो वचन ख मान लियो हय। 7 अब हि जान गयो हंय कि जो कुछ तय न मोख दियो हय, सब तोरो तरफ सी आय; 8 कहालीकि जो बात तय न मोख दियो, मय न ऊ उन्ख पहुंचाय दियो; अऊर उन्न उन्ख स्वीकार करयो, अऊर सच सच जान लियो हय, कि मय तोरो तरफ सी आयो हय, अऊर विश्वास कर लियो हय कि तयच न मोख भेज्यो।” 9 मय उन्को लायी बिनती करू हय; जगत लायी बिनती नहीं करू हय पर उन्कोच लायी जिन्ख तय न मोख दियो हय, कहालीकि हि तोरो आय; 10 अऊर जो कुछ मोरो हय ऊ सब तोरो हय, अऊर जो तोरो हय ऊ मोरो हय, अऊर इन सी मोरी महिमा प्रगट भयी हय। 11 मय अब जगत म नहीं रहूं, पर यो जगत म रहेंन, अऊर मय तोरो जवर आऊं हय। हे पवित्र पिता, अपनो ऊ नाम सी जो तय न मोख दियो हय, उनकी रक्षा कर कि हि हमरो जसो एक होय। 12 जब मय उन्को संग होतो, त मय न तोरो ऊ नाम सी, जो तय न मोख दियो हय उन्की रक्षा करी। मय न उन्की चौकसी करी, अऊर जेन नाश को रस्ता चुन्यो होतो ओख छोड़ उन्म सी कोयी नाश नहीं भयो, येकोलायी कि शास्त्र म जो कह्यो गयो ऊ पूरो भयो। 13 अब मय तोरो जवर आऊं हय, अऊर या बाते जगत म कहू हय, कि हि मोरी खुशी अपनो म पूरो पाये। 14 मय न तोरो खबर उन्ख पहुंचाय दियो हय; अऊर जगत न उन्को सी दुश्मनी करयो, कहाली की जसो मय जगत को नोहोय, वसोच हि भी जगत को नोहोय। 15 मय यो बिनती नहीं करू कि तय उन्ख जगत सी उठाय लेवो; पर यो कि तय उन्ख ऊ दुष्ट सी बचायो रख। 16 जसो मय जगत को नोहोय, वसोच हि भी जगत को नोहोय। 17 सत्य को द्वारा उन्ख पवित्र कर: तोरो वचन सत्य हय। 18 जसो तय न मोख जगत म भेज्यो, वसोच मय न भी उन्ख जगत म भेज्यो; 19 अऊर उन्को लायी मय खुद ख समर्पित करू हय, ताकि हि भी सत्य को द्वारा पवित्र करयो जाये। 20 “मय केवल इन्कोच लायी बिनती नहीं करू, पर उन्को लायी भी जो इन्को सन्देश को द्वारा मोरो पर विश्वास करेंन, 21 कि हि सब एक हो; जसो तय हे बाप मोरो म हय, अऊर मय तोरो म हय, वसोच हि भी हम म हो, जेकोसी जगत विश्वास करे कि तयच न मोख भेज्यो हय। 22 ऊ महिमा जो तय न मोख दी मय न उन्ख दी हय, कि जसो हम एक हंय वसोच हि भी एक हो, 23 मय उन म अऊर तय मोरो म ताकी हि पूरो तरह एक होय जाये, जेकोसी जगत जाने कि तय नच मोख भेज्यो, अऊर जसो तय न मोरो सी प्रेम रख्यो वसोच उन्को सी प्रेम रख्यो।” 24 हे बाप, मय चाहऊ हय कि जिन्ख तय न मोख दियो हय, जित मय हय उत हि भी मोरो संग हो, कि हि मोरो ऊ महिमा ख देखे जो तय न मोख दी हय, कहालीकि तय न जगत की उत्पत्ति सी पहिले मोरो सी प्रेम रख्यो। 25 “हे सच्चो पिता, जगत न मोख नहीं जान्यो, पर मय न तोख जान्यो; अऊर इन्न भी जान्यो कि तय न मोख भेज्यो हय। 26 मय न तोरो नाम उन्ख बतायो अऊर बतातो रहूं कि जो प्रेम तोरो ख मोरो सी होतो ऊ उन्म रहे, अऊर मय उन्म रहूं।”

< यूहन्ना 17 >