< प्रकाशित वाक्य 2 >

1 “इफिसुस की कलीसिया के स्वर्गदूत को यह लिख: “जो सातों तारे अपने दाहिने हाथ में लिए हुए है, और सोने की सातों दीवटों के बीच में फिरता है, वह यह कहता है:
ইফিষীয় শহরের মণ্ডলীর দূতের কাছে লেখ, যিনি তাঁর ডান হাতে সাতটা তারা ধরে, সোনার সাতটি দীপাধারের মাঝখানে গমনাগমন করেন, তিনি এই কথা বলছেন,
2 मैं तेरे काम, और तेरे परिश्रम, और तेरे धीरज को जानता हूँ; और यह भी कि तू बुरे लोगों को तो देख नहीं सकता; और जो अपने आपको प्रेरित कहते हैं, और हैं नहीं, उन्हें तूने परखकर झूठा पाया।
আমি তোমার কাজ, কঠিন পরিশ্রম ও ধৈর্যের কথা জানি; আর আমি জানি যে, তুমি মন্দ লোকদের সহ্য করতে পার না এবং যারা প্রেরিত না হয়েও নিজেদের প্রেরিত বলে দাবী করে, তুমি তার প্রমাণও পেয়েছ যে তারা মিথ্যাবাদী;
3 और तू धीरज धरता है, और मेरे नाम के लिये दुःख उठाते-उठाते थका नहीं।
আমি জানি তোমার ধৈর্য্য আছে এবং তুমি আমার নামের জন্য অনেক কষ্ট স্বীকার করেছ, ক্লান্ত ও ভীত হয়ে পড়নি।
4 पर मुझे तेरे विरुद्ध यह कहना है कि तूने अपना पहला सा प्रेम छोड़ दिया है।
তবুও তোমার বিরুদ্ধে আমার কথা আছে, আমার প্রতি প্রথমে তোমার যে প্রেম ছিল তা তুমি পরিত্যাগ করেছ।
5 इसलिए स्मरण कर, कि तू कहाँ से गिरा है, और मन फिरा और पहले के समान काम कर; और यदि तू मन न फिराएगा, तो मैं तेरे पास आकर तेरी दीवट को उसके स्थान से हटा दूँगा।
অতএব ভেবে দেখো, তুমি কোথা থেকে কোথায় নেমে গেছ, মন ফেরাও এবং প্রথমে যে সব কাজ করতে সে সব কাজ কর; যদি তুমি মন না ফেরাও তাহলে আমি তোমার কাছে এসে তোমার দীপাধারটা তার জায়গা থেকে সরিয়ে ফেলবো।
6 पर हाँ, तुझ में यह बात तो है, कि तू नीकुलइयों के कामों से घृणा करता है, जिनसे मैं भी घृणा करता हूँ।
কিন্তু তোমার একটা গুণ আছে; আমি যে নীকলায়তীয়রা যা করে তা তুমি ঘৃণা কর, আর আমিও তা ঘৃণা করি।
7 जिसके कान हों, वह सुन ले कि पवित्र आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है: जो जय पाए, मैं उसे उस जीवन के पेड़ में से जो परमेश्वर के स्वर्गलोक में है, फल खाने को दूँगा।
যার শোনার কান আছে, সে শুনুক, পবিত্র আত্মা মণ্ডলী গুলোকে কি বলছেন, যে জয়ী হবে, তাকে আমি ঈশ্বরের “স্বর্গরাজ্যের জীবনবৃক্ষের” ফল খেতে দেব।
8 “स्मुरना की कलीसिया के स्वर्गदूत को यह लिख: “जो प्रथम और अन्तिम है; जो मर गया था और अब जीवित हो गया है, वह यह कहता है:
স্মুর্ণা শহরের মণ্ডলীর দূতের কাছে লেখ; যিনি প্রথম ও শেষ, যিনি মরেছেন এবং জীবিত হয়েছেন তিনি এই কথা বলেছেন।
9 “मैं तेरे क्लेश और दरिद्रता को जानता हूँ (परन्तु तू धनी है); और जो लोग अपने आपको यहूदी कहते हैं और हैं नहीं, पर शैतान का आराधनालय हैं, उनकी निन्दा को भी जानता हूँ।
তোমার কষ্ট ও অভাবের কথা আমি জানি, (কিন্তু তুমি ধনী), নিজেদের যিহুদী বললেও যারা যিহুদী নয়, বরং শয়তানের সমাজ ও তাদের ধর্ম্মনিন্দাও আমি জানি।
10 १० जो दुःख तुझको झेलने होंगे, उनसे मत डर: क्योंकि, शैतान तुम में से कुछ को जेलखाने में डालने पर है ताकि तुम परखे जाओ; और तुम्हें दस दिन तक क्लेश उठाना होगा। प्राण देने तक विश्वासयोग्य रह; तो मैं तुझे जीवन का मुकुट दूँगा।
১০তুমি যে সব দুঃখ ভোগ করতে যাচ্ছ, তাতে ভয় পেয় না। শোন, শয়তান তোমাদের মধ্যে কয়েক জন বিশ্বাসীকে পরীক্ষা করার জন্য কারাগারে পুরে দেবে, তাতে দশ দিন ধরে তোমরা কষ্টভোগ করবে। তুমি মৃত্যু পর্যন্ত বিশ্বস্ত থাক, তাতে আমি তোমাকে জীবনমুকুট দেব।
11 ११ जिसके कान हों, वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है: जो जय पाए, उसको दूसरी मृत्यु से हानि न पहुँचेगी।
১১যার কান আছে, সে শুনুক, পবিত্র আত্মা মণ্ডলী গুলোকে কি বলছেন। যে জয়ী হবে, দ্বিতীয় মৃত্যু তাকে ক্ষতি করবে না।
12 १२ “पिरगमुन की कलीसिया के स्वर्गदूत को यह लिख: “जिसके पास तेज दोधारी तलवार है, वह यह कहता है:
১২পর্গাম শহরের মণ্ডলীর দূতের কাছে লেখ যিনি ধারালো ছোরার দুইদিকেই ধার আছে তার অধিকারী, তিনি একথা বলছেন;
13 १३ “मैं यह तो जानता हूँ, कि तू वहाँ रहता है जहाँ शैतान का सिंहासन है, और मेरे नाम पर स्थिर रहता है; और मुझ पर विश्वास करने से उन दिनों में भी पीछे नहीं हटा जिनमें मेरा विश्वासयोग्य साक्षी अन्तिपास, तुम्हारे बीच उस स्थान पर मारा गया जहाँ शैतान रहता है।
১৩তুমি কোথায় বাস করছ তা আমি জানি, সেখানে শয়তানের সিংহাসন আছে। তবুও তুমি আমার নামে বিশ্বস্ত আছ এবং আমার ওপর তোমার বিশ্বাসকে অস্বীকার কর নি; যেখানে শয়তান বাস করে, সেখানে যখন আমার বিশ্বস্ত সাক্ষী আন্তিপা তোমাদের সামনে খুন হয়েছিল।
14 १४ पर मुझे तेरे विरुद्ध कुछ बातें कहनी हैं, क्योंकि तेरे यहाँ कुछ तो ऐसे हैं, जो बिलाम की शिक्षाको मानते हैं, जिसने बालाक को इस्राएलियों के आगे ठोकर का कारण रखना सिखाया, कि वे मूर्तियों पर चढ़ाई गई वस्तुएँ खाएँ, और व्यभिचार करें।
১৪কিন্তু তোমার বিরুদ্ধে আমার কয়েকটা কথা বলার আছে, কারণ তোমার ওখানে কিছু লোক আছে যারা বিলিয়মের শিক্ষা অনুসারে চলে; সেই লোক বালক রাজাকে শিক্ষা দিয়েছিল, যেন তিনি প্রতিমার সামনে উত্সর্গ করা প্রসাদ খাওয়া ও ব্যভিচার করার মধ্য দিয়ে ইস্রায়েল সন্তানদের পাপের দিকে নিয়ে যান।
15 १५ वैसे ही तेरे यहाँ कुछ तो ऐसे हैं, जो नीकुलइयों की शिक्षा को मानते हैं।
১৫তাছাড়া নীকলায়তীয়দের শিক্ষা অনুসারে যারা চলে, সেইরূপ কয়েক জন ও তোমার ওখানে আছে।
16 १६ अतः मन फिरा, नहीं तो मैं तेरे पास शीघ्र ही आकर, अपने मुख की तलवार से उनके साथ लड़ूँगा।
১৬অতএব মন ফেরাও, যদি মন না ফেরাও তবে আমি শীঘ্রই তোমার কাছে আসব এবং আমার মুখ থেকে বেরিয়ে আসা তরোয়াল দিয়ে তাদের সাথে যুদ্ধ করব।
17 १७ जिसके कान हों, वह सुन ले कि पवित्र आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है; जो जय पाए, उसको मैं गुप्त मन्ना में से दूँगा, और उसे एक श्वेत पत्थर भी दूँगा; और उस पत्थर पर एक नाम लिखा हुआ होगा, जिसे उसके पानेवाले के सिवाय और कोई न जानेगा।
১৭যার কান আছে, সে শুনুক, পবিত্র আত্মা মণ্ডলী গুলোকে কি বলছেন। যে জয়ী হবে, তাকে আমি লুকানো “স্বর্গীয় খাদ্য” দেব এবং একটা সাদা পাথর তাকে দেব, সেই পাথরের ওপরে “নূতন এক নাম” লেখা আছে; আর কেউ সেই নাম জানে না, কেবল যে সেটা পাবে, সেই তা জানবে।
18 १८ “थुआतीरा की कलीसिया के स्वर्गदूत को यह लिख: “परमेश्वर का पुत्र जिसकी आँखें आग की ज्वाला के समान, और जिसके पाँव उत्तम पीतल के समान हैं, वह यह कहता है:
১৮থুয়াতীরা শহরের মণ্ডলীর দূতের কাছে লেখ; যিনি ঈশ্বরের পুত্র, যাঁর চোখ আগুনের শিখার মত এবং যাঁর পা পালিশ করা পিতলের মত, তিনি এই কথা বলছেন,
19 १९ मैं तेरे कामों, और प्रेम, और विश्वास, और सेवा, और धीरज को जानता हूँ, और यह भी कि तेरे पिछले काम पहले से बढ़कर हैं।
১৯আমি তোমার সব কাজ, তোমার ভালবাসা ও বিশ্বাস এবং সেবা ও তোমার ধৈর্য্যের কথা জানি, আর তুমি প্রথমে যে সব কাজ করেছিলে তার চেয়ে এখন যে আরো বেশি কাজ করছ সে কথাও আমি জানি।
20 २० पर मुझे तेरे विरुद्ध यह कहना है, कि तू उस स्त्री ईजेबेल को रहने देता है जो अपने आपको भविष्यद्वक्तिन कहती है, और मेरे दासों को व्यभिचार करने, और मूर्तियों के आगे चढ़ाई गई वस्तुएँ खाना सिखाकर भरमाती है।
২০কিন্তু তোমার বিরুদ্ধে আমার কথা আছে; ঈষেবল নামে যে মহিলার অন্যায় সহ্য করছ, যে নিজেকে ভাববাদীনী বলে, তার শিক্ষার দ্বারা সে আমার দাসদের ভুলায়, যেন তারা ব্যভিচার করে এবং প্রতিমার সামনে উত্সর্গ করা প্রসাদ খায়।
21 २१ मैंने उसको मन फिराने के लिये अवसर दिया, पर वह अपने व्यभिचार से मन फिराना नहीं चाहती।
২১আমি তাকে মন পরিবর্তনের জন্য দিন দিয়েছিলাম, কিন্তু সে নিজের ব্যভিচার থেকে মন ফেরাতে চায় নি।
22 २२ देख, मैं उसे रोगशैय्या पर डालता हूँ; और जो उसके साथ व्यभिचार करते हैं यदि वे भी उसके से कामों से मन न फिराएँगे तो उन्हें बड़े क्लेश में डालूँगा।
২২দেখ, আমি তাকে অসুস্থ করে বিছানায় ফেলে রাখব এবং যারা তার সাথে ব্যভিচার করে, সেই সব নারীরা তাদের কাজের জন্য যদি মন না ফেরাও, তবে নিজেদের ভীষণ কষ্টের মধ্যে ফেলবে;
23 २३ मैं उसके बच्चों को मार डालूँगा; और तब सब कलीसियाएँ जान लेंगी कि हृदय और मन का परखनेवाला मैं ही हूँ, और मैं तुम में से हर एक को उसके कामों के अनुसार बदला दूँगा।
২৩মহামারী দিয়ে তার অনুসরণকারীদের ও আমি মেরে ফেলব; তাতে সব মণ্ডলীগুলো জানতে পারবে যে, “আমিই মানুষের হৃদয় ও মন খুঁজে দেখি, আমি কাজ অনুসারে তোমাদের প্রত্যেককে ফল দেব।”
24 २४ पर तुम थुआतीरा के बाकी लोगों से, जितने इस शिक्षा को नहीं मानते, और उन बातों को जिन्हें शैतान की गहरी बातें कहते हैंनहीं जानते, यह कहता हूँ, कि मैं तुम पर और बोझ न डालूँगा।
২৪কিন্তু থুয়াতীরাতের বাকি লোকেরা, তোমরা যারা সেই শিক্ষা মত চল না এবং যাকে শয়তানের সেই গভীর শিক্ষা বলা হয় তা জান না, তোমাদের আমি বলছি তোমাদের উপরে শাসন ভার দেব না;
25 २५ पर हाँ, जो तुम्हारे पास है उसको मेरे आने तक थामे रहो।
২৫কেবল যা তোমাদের আছে, আমি না আসা পর্যন্ত তা শক্ত করে ধরে রাখো।
26 २६ जो जय पाए, और मेरे कामों के अनुसार अन्त तक करता रहे, ‘मैं उसे जाति-जाति के लोगों पर अधिकार दूँगा।
২৬পিতা যেমন আমাকে সব জাতির উপরে প্রভু হবার ক্ষমতা দিয়েছেন, তেমনি যে জয়ী হবে এবং আমি যা চাই তা শেষ পর্যন্ত করতে থাকবে, আমি তাকেও সেই কর্তৃত্ব দেব;
27 २७ और वह लोहे का राजदण्ड लिये हुए उन पर राज्य करेगा, जिस प्रकार कुम्हार के मिट्टी के बर्तन चकनाचूर हो जाते हैं: मैंने भी ऐसा ही अधिकार अपने पिता से पाया है।
২৭সে লৌহদন্ড দিয়ে তাদের শাসন করবে এবং মাটির পাত্রের মত তাদের চুরমার করে ফেলবে।
28 २८ और मैं उसे भोर का तारा दूँगा।
২৮ঠিক যেমন আমি আমার পিতার কাছ থেকে পেয়েছিলাম তেমন তাকে আমি ভোরের তারাও দেব।
29 २९ जिसके कान हों, वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है।
২৯যার কান আছে, সে শুনুক, পবিত্র আত্মা মণ্ডলী গুলোকে কি বলছেন।

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