< नहेमायाह 7 >

1 जब शहरपनाह बनाने का काम पूरा हो गया, मैंने पल्लों को ठीक जगह पर बैठा दिया और द्वारपालों, गायकों और लेवियों को चुना, 2 मैंने अपने भाई हनानी और गढ़ के हाकिम हननियाह को येरूशलेम का अधिकारी ठहरा दिया, क्योंकि हननियाह विश्वासयोग्य व्यक्ति था और वह परमेश्वर का बहुत भय मानने वाला व्यक्ति था. 3 उनके लिए मेरा आदेश था, “जब तक सूरज में गर्मी रहे येरूशलेम के फाटक न खोले जाएं और जब तक पहरेदार द्वार पर खड़े ही होंगे, द्वार बंद ही रखे जाएं और उनमें चिटकनी लगी रहे. जो द्वारपाल ठहराए जाएं, वे येरूशलेम के रहनेवाले ही हों; हर एक को अपने-अपने निर्दिष्ट स्थानों पर और शेष अपने घरों के सामने के द्वार पर खड़ा किये जाए.” 4 नगर फैला हुआ और बड़ा था, किंतु निवासियों की गिनती थोड़ी ही थी और अभी घर नहीं बने थे. 5 तब मेरे परमेश्वर ने मेरे मन में यह विचार डाला कि रईसों, अधिकारियों और प्रजा को इकट्ठा किया जाए कि वंशावली के अनुसार उन्हें गिना जाए. मुझे वह पुस्तक भी मिल गई, जिसमें उन व्यक्तियों के नाम लिखे थे, जो सबसे पहले यहां पहुंचे थे. मुझे उस पुस्तक में जो लेखा मिला, वह इस प्रकार था: 6 इस प्रदेश के वे लोग, जो बाबेल के राजा नबूकदनेज्ज़र द्वारा बंधुआई में ले जाए गए थे और जो बंधुआई से यहूदिया और येरूशलेम, अपने-अपने नगर को लौट आए थे, वे इस प्रकार हैं 7 वे ज़ेरुब्बाबेल, येशुआ, नेहेमियाह, अज़रियाह, रामियाह, नाहामानी, मोरदकय, बिलषान, मिसपार, बिगवाई, नेहुम और बाअनाह के साथ लौटे थे. कुल-पिताओं के नाम के अनुसार इस्राएल देश के पुरुषों की गिनती थी: 8 पारोश 2,172 9 शेपाथियाह 372 10 आराह 652 11 पाहाथ-मोआब के वंशजों में से येशुआ एवं योआब के वंशज 2,818 12 एलाम 1,254 13 ज़त्तू 845 14 ज़क्काई 760 15 बिन्‍नूइ 648 16 बेबाइ 628 17 अजगाद 2,322 18 अदोनिकम 667 19 बिगवाई 2,067 20 आदिन 655 21 हिज़किय्याह की ओर से अतेर 98 22 हाषूम 328 23 बेज़ाइ 324 24 हरिफ 112 25 गिबयोन 95 26 बेथलेहेम और नेतोपाह के निवासी 188 27 अनाथोथ के निवासी 128 28 बेथ-अज़मावेह के निवासी 42 29 किरयथ-यआरीम के कफीराह तथा बएरोथ के निवासी 743 30 रामाह तथा गेबा के निवासी 621 31 मिकमाश के निवासी 122 32 बेथेल तथा अय के निवासी 123 33 अन्य नेबो के निवासी 52 34 अन्य एलाम के निवासी 1,254 35 हारिम के निवासी 320 36 येरीख़ो के निवासी 345 37 लोद, हदिद तथा ओनो के निवासी 721 38 सेनाआह के निवासी 3,930 39 पुरोहित: येशुआ के परिवार से येदाइयाह के वंशज, 973 40 इम्मर के वंशज 1,052 41 पशहूर के वंशज 1,247 42 हारिम के वंशज 1,017 43 लेवी: होदवियाह के वंशजों में से कदमिएल तथा येशुआ के वंशज 74 44 गायक: आसफ के वंशज 148 45 द्वारपाल निम्न लिखित वंशों से: शल्लूम, अतेर, तालमोन, अक्कूब, हतिता, शेबाई 138 46 मंदिर सेवक निम्न लिखित वंशों से: ज़ीहा, हासुफ़ा, तब्बओथ 47 केरोस, सिया, पदोन 48 लेबानाह, हागाबाह, शामलाई 49 हनान, गिद्देल, गाहार 50 रेआइयाह, रेज़िन, नेकोदा, 51 गज्ज़ाम, उज्जा, पासेह, 52 बेसाई, मिऊनी, नेफिसिम, 53 बकबुक, हकूफा, हरहूर, 54 बाज़लुथ, मेहिदा, हरषा, 55 बारकोस, सीसरा, तेमाह, 56 नेज़ीयाह, हातिफा. 57 शलोमोन के सेवकों के वंशज इन वंशों से: सोताई, हसोफेरेथ, पेरिदा, 58 याला, दारकोन, गिद्देल, 59 शेपाथियाह, हत्तील, पोचेरेथ-हज्ज़ेबाइम, अमोन. 60 मंदिर के सेवक और शलोमोन के सेवकों की कुल गिनती 392 61 ये व्यक्ति वे हैं, जो तेल-मेलाह, तेल-हरषा, करूब, अद्दान तथा इम्मर से आए, तथा इनके पास अपनी वंशावली के सबूत नहीं थे, कि वे इस्राएल के वंशज थे भी या नहीं: 62 देलाइयाह के वंशज, तोबियाह के वंशज तथा नेकोदा के वंशज, 642 63 पुरोहितों में: होबाइयाह के वंशज, हक्कोज़ के वंशज तथा बारज़िल्लाई, जिसने गिलआदवासी बारज़िल्लाई की पुत्रियों में से एक के साथ विवाह किया था, और उसने उन्हीं का नाम रख लिया. 64 इन्होंने अपने पुरखों के पंजीकरण की खोज की, किंतु इन्हें सच्चाई मालूम न हो सकी; तब इन्हें सांस्कृतिक रूप से अपवित्र माना गया तथा इन्हें पुरोहित की जवाबदारी से दूर रखा गया. 65 अधिपति ने उन्हें आदेश दिया कि वे उस समय तक अति पवित्र भोजन न खाएं, जब तक वहां कोई ऐसा पुरोहित न हो, जो उरीम तथा थुम्मिन से सलाह न ले लें. 66 सारी सभा की पूरी संख्या हुई 42,360. 67 इनके अलावा 7,337 दास-दासियां तथा 245 गायक-गायिकाएं भी थी. 68 उनके घोड़ों की गिनती 736 और खच्चरों की 245, 69 ऊंटों की 435 और गधों की गिनती 620 थी. 70 पूर्वजों के परिवारों के प्रधानों ने इस काम के लिए आर्थिक सहायता दी. राज्यपाल ने खजाने में 1,000 सोने के द्राखमा, 50 चिलमचियां और पुरोहितों के लिए ठहराए गए 530 अंगरखे दिए. 71 पूर्वजों के परिवारों के कुछ प्रधानों ने इस काम के लिए खजाने में 20,000 सोने के द्राखमा और 2,200 चांदी मीना दिए. 72 वह सब, जो बाकी लोगों ने भेंट में दिया, वह था कुल 20,000 सोने के द्राखमा, 2,000 चांदी मीना और पुरोहितों के 67 अंगरखे. 73 अब पुरोहित, लेवी, द्वारपाल, गायक, कुछ सामान्य प्रजाजन, मंदिर के सेवक, जो सभी इस्राएल वंशज ही थे, अपने-अपने नगरों में रहने लगे. सातवें महीने तक पूरा इस्राएल अपने-अपने नगर में बस चुका था.

< नहेमायाह 7 >