< यहेजकेल 16 >

1 याहवेह का यह वचन मेरे पास आया:
וַיְהִ֥י דְבַר־יְהוָ֖ה אֵלַ֥י לֵאמֹֽר׃
2 “हे मनुष्य के पुत्र, येरूशलेम का उसके घृणित कार्यों के लिये विरोध करो
בֶּן־אָדָ֕ם הֹודַ֥ע אֶת־יְרוּשָׁלַ֖͏ִם אֶת־תֹּועֲבֹתֶֽיהָ׃
3 और कहो, ‘परम प्रधान याहवेह का येरूशलेम से यह कहना है: तुम्हारे पुरखे और तुम्हारा जन्म कनानियों के देश में हुआ; तुम्हारा पिता एक अमोरी और तुम्हारी मां एक हित्ती थी.
וְאָמַרְתָּ֞ כֹּה־אָמַ֨ר אֲדֹנָ֤י יְהוִה֙ לִיר֣וּשָׁלַ֔͏ִם מְכֹרֹתַ֙יִךְ֙ וּמֹ֣לְדֹתַ֔יִךְ מֵאֶ֖רֶץ הַֽכְּנַעֲנִ֑י אָבִ֥יךְ הָאֱמֹרִ֖י וְאִמֵּ֥ךְ חִתִּֽית׃
4 तुम्हारे जन्म के समय न तो तुम्हारी नाभिनाड़ी काटी गई, और न ही तुम्हें पानी से नहलाकर साफ किया गया, न तो तुम्हें नमक से रगड़ा गया था, और न ही तुम्हें कपड़ों में लपेटा गया था.
וּמֹולְדֹותַ֗יִךְ בְּיֹ֨ום הוּלֶּ֤דֶת אֹתָךְ֙ לֹֽא־כָרַּ֣ת שָׁרֵּ֔ךְ וּבְמַ֥יִם לֹֽא־רֻחַ֖צְתְּ לְמִשְׁעִ֑י וְהָמְלֵ֙חַ֙ לֹ֣א הֻמְלַ֔חַתְּ וְהָחְתֵּ֖ל לֹ֥א חֻתָּֽלְתְּ׃
5 तुम्हारे लिये इनमें से कोई भी काम करने हेतु किसी ने भी तुम पर दया दृष्टि नहीं की, या सहानुभूति नहीं दिखाई. बल्कि तुम्हें बाहर खुले मैदान में फेंक दिया गया, क्योंकि जन्म के दिन से ही तुम्हें तुच्छ समझा गया.
לֹא־חָ֨סָה עָלַ֜יִךְ עַ֗יִן לַעֲשֹׂ֥ות לָ֛ךְ אַחַ֥ת מֵאֵ֖לֶּה לְחֻמְלָ֣ה עָלָ֑יִךְ וַֽתֻּשְׁלְכִ֞י אֶל־פְּנֵ֤י הַשָּׂדֶה֙ בְּגֹ֣עַל נַפְשֵׁ֔ךְ בְּיֹ֖ום הֻלֶּ֥דֶת אֹתָֽךְ׃
6 “‘तब मैं वहां से होकर गुजरा और तुम्हें अपने खून में लोटते हुए देखा, और जैसे कि तुम अपने खून में लेटी थी, मैंने तुमसे कहा, “जीवित रहो!”
וָאֶעֱבֹ֤ר עָלַ֙יִךְ֙ וָֽאֶרְאֵ֔ךְ מִתְבֹּוסֶ֖סֶת בְּדָמָ֑יִךְ וָאֹ֤מַר לָךְ֙ בְּדָמַ֣יִךְ חֲיִ֔י וָאֹ֥מַר לָ֖ךְ בְּדָמַ֥יִךְ חֲיִֽי׃
7 मैंने तुम्हें खेत के एक पौधे की तरह बढ़ाया. तुम बढ़ती गई और विकसित हुई और यौवन अवस्था में आई. तुम्हारे स्तन विकसित हुए और तुम्हारे बाल लंबे हो गए, फिर भी तुम बिलकुल निवस्त्र थी.
רְבָבָ֗ה כְּצֶ֤מַח הַשָּׂדֶה֙ נְתַתִּ֔יךְ וַתִּרְבִּי֙ וַֽתִּגְדְּלִ֔י וַתָּבֹ֖אִי בַּעֲדִ֣י עֲדָיִ֑ים שָׁדַ֤יִם נָכֹ֙נוּ֙ וּשְׂעָרֵ֣ךְ צִמֵּ֔חַ וְאַ֖תְּ עֵרֹ֥ם וְעֶרְיָֽה׃
8 “‘बाद में, मैं वहां से होकर गुजरा, और मैंने देखा कि तुम प्रेम करने लायक बड़ी हो चुकी थी, अतः मैंने अपने कपड़े का कोना तुम्हारे ऊपर फैला दिया और तुम्हारे नंगे शरीर को ढांप दिया. तब मैंने तुमसे सत्यनिष्ठा से शपथ खाई और तुम्हारे साथ एक वाचा बांधी, और तुम मेरी हो गई, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है.
וָאֶעֱבֹ֨ר עָלַ֜יִךְ וָאֶרְאֵ֗ךְ וְהִנֵּ֤ה עִתֵּךְ֙ עֵ֣ת דֹּדִ֔ים וָאֶפְרֹ֤שׂ כְּנָפִי֙ עָלַ֔יִךְ וָאֲכַסֶּ֖ה עֶרְוָתֵ֑ךְ וָאֶשָּׁ֣בַֽע לָ֠ךְ וָאָבֹ֨וא בִבְרִ֜ית אֹתָ֗ךְ נְאֻ֛ם אֲדֹנָ֥י יְהוִ֖ה וַתִּ֥הְיִי לִֽי׃
9 “‘तब मैंने तुम्हें पानी से नहलाया और तुम पर लगे खून को धोया तथा तुम्हारे शरीर पर तेल लगाया.
וָאֶרְחָצֵ֣ךְ בַּמַּ֔יִם וָאֶשְׁטֹ֥ף דָּמַ֖יִךְ מֵֽעָלָ֑יִךְ וָאֲסֻכֵ֖ךְ בַּשָּֽׁמֶן׃
10 मैंने तुम्हें कसीदा काढ़े वस्त्र पहनाया और तुम्हारे पांवों पर उच्च दर्जे के चमड़े की जूतियां पहनाई. मैंने तुम्हें सुंदर मलमल के कपड़े पहनाए और तुम्हें कीमती कपड़े ओढ़ाए.
וָאַלְבִּישֵׁ֣ךְ רִקְמָ֔ה וָאֶנְעֲלֵ֖ךְ תָּ֑חַשׁ וָאֶחְבְּשֵׁ֣ךְ בַּשֵּׁ֔שׁ וַאֲכַסֵּ֖ךְ מֶֽשִׁי׃
11 मैंने गहनों से तुम्हारा श्रृंगार किया: मैंने तुम्हारे हाथों में कंगन डाला और तुम्हारे गले में हार पहनाया,
וָאֶעְדֵּ֖ךְ עֶ֑דִי וָאֶתְּנָ֤ה צְמִידִים֙ עַל־יָדַ֔יִךְ וְרָבִ֖יד עַל־גְּרֹונֵֽךְ׃
12 और मैंने तुम्हारी नाक में नथनी, कानों में बालियां और तुम्हारे सिर पर एक सुंदर मुकुट पहनाया.
וָאֶתֵּ֥ן נֶ֙זֶם֙ עַל־אַפֵּ֔ךְ וַעֲגִילִ֖ים עַל־אָזְנָ֑יִךְ וַעֲטֶ֥רֶת תִּפְאֶ֖רֶת בְּרֹאשֵֽׁךְ׃
13 इस प्रकार सोने और चांदी से तुम्हारा श्रृंगार किया गया; तुम्हारे कपड़े सुंदर मलमल, मंहगे बुनावट और कसीदा किए हुए थे. तुम्हारे भोजन में शहद, जैतून तेल और सबसे अच्छा आटा था. तुम बहुत सुंदर हो गई और रानी बनने के योग्य हो गई.
וַתַּעְדִּ֞י זָהָ֣ב וָכֶ֗סֶף וּמַלְבּוּשֵׁךְ֙ שֵׁשִׁי (שֵׁ֤שׁ) וָמֶ֙שִׁי֙ וְרִקְמָ֔ה סֹ֧לֶת וּדְבַ֛שׁ וָשֶׁ֖מֶן אָכָלְתִּי (אָכָ֑לְתְּ) וַתִּ֙יפִי֙ בִּמְאֹ֣ד מְאֹ֔ד וַֽתִּצְלְחִ֖י לִמְלוּכָֽה׃
14 और तुम्हारी सुंदरता के कारण तुम्हारी प्रसिद्धि जाति-जाति के लोगों में फैल गई, क्योंकि मैंने तुम्हें जो शोभा दी, उसने तुम्हारी सुंदरता को परिपूर्ण कर दिया, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है.
וַיֵּ֨צֵא לָ֥ךְ שֵׁ֛ם בַּגֹּויִ֖ם בְּיָפְיֵ֑ךְ כִּ֣י ׀ כָּלִ֣יל ה֗וּא בַּֽהֲדָרִי֙ אֲשֶׁר־שַׂ֣מְתִּי עָלַ֔יִךְ נְאֻ֖ם אֲדֹנָ֥י יְהוִֽה׃
15 “‘परंतु तुमने अपनी सुंदरता पर भरोसा किया और अपनी प्रसिद्धि का उपयोग एक वेश्या बनने में किया. जो भी तुम्हारे पास से होकर गुजरा, तुमने उस पर बहुत कृपा दिखाई, और तुम्हारी सुंदरता ने उसे मोह लिया.
וַתִּבְטְחִ֣י בְיָפְיֵ֔ךְ וַתִּזְנִ֖י עַל־שְׁמֵ֑ךְ וַתִּשְׁפְּכִ֧י אֶת־תַּזְנוּתַ֛יִךְ עַל־כָּל־עֹובֵ֖ר לֹו־יֶֽהִי׃
16 तुमने अपने कुछ कपड़ों को लेकर भड़कीले ऊंचे स्थान बनाए, और वहां तुम वेश्यावृत्ति करती रही. तुम उसके पास गई, और उसने तुम्हारी सुंदरता पर अधिकार कर लिया है.
וַתִּקְחִ֣י מִבְּגָדַ֗יִךְ וַתַּֽעֲשִׂי־לָךְ֙ בָּמֹ֣ות טְלֻאֹ֔ות וַתִּזְנִ֖י עֲלֵיהֶ֑ם לֹ֥א בָאֹ֖ות וְלֹ֥א יִהְיֶֽה׃
17 तुमने मेरे दिये हुए उन सुंदर गहनों को भी लिया, जो सोने और चांदी से बने थे, और तुमने अपने लिए पुरुष-मूर्तियां बना लीं और उन मूर्तियों के साथ व्यभिचार करने लगीं.
וַתִּקְחִ֞י כְּלֵ֣י תִפְאַרְתֵּ֗ךְ מִזְּהָבִ֤י וּמִכַּסְפִּי֙ אֲשֶׁ֣ר נָתַ֣תִּי לָ֔ךְ וַתַּעֲשִׂי־לָ֖ךְ צַלְמֵ֣י זָכָ֑ר וַתִּזְנִי־בָֽם׃
18 और तुमने अपने कसीदा किए हुए कपड़े लेकर उनको पहनाए, और तुमने मेरा तेल और धूप उनको चढ़ाए.
וַתִּקְחִ֛י אֶת־בִּגְדֵ֥י רִקְמָתֵ֖ךְ וַתְּכַסִּ֑ים וְשַׁמְנִי֙ וּקְטָרְתִּ֔י נָתַתִּי (נָתַ֖תְּ) לִפְנֵיהֶֽם׃
19 और वह भोजन भी जो मैंने तुमको तुम्हारे खाने के लिये दिया था—आटा, जैतून तेल और शहद—तुमने इसे उनके सामने एक सुगंधित धूप के रूप में चढ़ाया. ऐसा ही हुआ है, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है.
וְלַחְמִי֩ אֲשֶׁר־נָתַ֨תִּי לָ֜ךְ סֹ֣לֶת וָשֶׁ֤מֶן וּדְבַשׁ֙ הֶֽאֱכַלְתִּ֔יךְ וּנְתַתִּ֧יהוּ לִפְנֵיהֶ֛ם לְרֵ֥יחַ נִיחֹ֖חַ וַיֶּ֑הִי נְאֻ֖ם אֲדֹנָ֥י יְהוִֽה׃
20 “‘और तुमने अपने उन बेटे और बेटियों को लिया, जिन्हें तुमने मेरे लिए पैदा किए थे, और उन्हें उन मूर्तियों के लिये भोजन के रूप में चढ़ा दिया. क्या तुम्हारी वेश्यावृत्ति पर्याप्‍त नहीं थी?
וַתִּקְחִ֞י אֶת־בָּנַ֤יִךְ וְאֶת־בְּנֹותַ֙יִךְ֙ אֲשֶׁ֣ר יָלַ֣דְתְּ לִ֔י וַתִּזְבָּחִ֥ים לָהֶ֖ם לֶאֱכֹ֑ול הַמְעַ֖ט מִתַּזְנֻתֵךְ (מִתַּזְנוּתָֽיִךְ)׃
21 तुमने मेरे बच्चों का वध किया और उन्हें इन मूर्तियों को चढ़ा दिया.
וַֽתִּשְׁחֲטִ֖י אֶת־בָּנָ֑י וַֽתִּתְּנִ֔ים בְּהַעֲבִ֥יר אֹותָ֖ם לָהֶֽם׃
22 अपने इन सब घृणित कार्यों और वेश्यावृत्ति के बीच, तुमने अपने बचपन के उन दिनों को भूला दिया, जब तुम नंगी और खुली अपने खून में लेट रही थी.
וְאֵ֤ת כָּל־תֹּועֲבֹתַ֙יִךְ֙ וְתַזְנֻתַ֔יִךְ לֹ֥א זָכַרְתִּי (זָכַ֖רְתְּ) אֶת־יְמֵ֣י נְעוּרָ֑יִךְ בִּֽהְיֹותֵךְ֙ עֵרֹ֣ם וְעֶרְיָ֔ה מִתְבֹּוסֶ֥סֶת בְּדָמֵ֖ךְ הָיִֽית׃
23 “‘धिक्कार! धिक्कार है तुम पर, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है. अपनी सब दुष्टताओं के अलावा,
וַיְהִ֕י אַחֲרֵ֖י כָּל־רָעָתֵ֑ךְ אֹ֣וי אֹ֣וי לָ֔ךְ נְאֻ֖ם אֲדֹנָ֥י יְהוִֽה׃
24 तुमने अपने लिये एक टीला बना लिया है और हर एक चौक पर अपने लिए एक ऊंचा पूजा-स्थल बनाया है.
וַתִּבְנִי־לָ֖ךְ גֶּ֑ב וַתַּעֲשִׂי־לָ֥ךְ רָמָ֖ה בְּכָל־רְחֹֽוב׃
25 हर एक गली के कोने पर तुमने ऊंचे पूजा-स्थल बना लिए हैं और वहां से गुज़रने वाले लोगों के सामने बढ़ती दुराचार प्रवृत्ति के साथ अपने पैरों को फैलाकर अपनी सुंदरता का अपमान किया है.
אֶל־כָּל־רֹ֣אשׁ דֶּ֗רֶךְ בָּנִית֙ רָֽמָתֵ֔ךְ וַתְּתַֽעֲבִי֙ אֶת־יָפְיֵ֔ךְ וַתְּפַשְּׂקִ֥י אֶת־רַגְלַ֖יִךְ לְכָל־עֹובֵ֑ר וַתַּרְבִּ֖י אֶת־תַּזְנֻתֵךְ (תַּזְנוּתָֽיִךְ)׃
26 तुमने बड़े जननांगों वाले मिस्री और अपने पड़ोसियों से व्यभिचार किया है, और अपनी बढ़ती दुराचार प्रवृत्ति से तुमने मेरे क्रोध को भड़काया है.
וַתִּזְנִ֧י אֶל־בְּנֵֽי־מִצְרַ֛יִם שְׁכֵנַ֖יִךְ גִּדְלֵ֣י בָשָׂ֑ר וַתַּרְבִּ֥י אֶת־תַּזְנֻתֵ֖ךְ לְהַכְעִיסֵֽנִי׃
27 इसलिये मैंने अपना हाथ तुम्हारे विरुद्ध उठाया है और तुम्हारे क्षेत्र को घटा दिया है, मैंने तुम्हें तुम्हारे शत्रुओं की कृपा पर छोड़ दिया है, अर्थात् फिलिस्तीनियों की पुत्रियों की कृपा पर, जिन्हें तुम्हारे व्यभिचारी आचरण के कारण धक्का लगा है.
וְהִנֵּ֨ה נָטִ֤יתִי יָדִי֙ עָלַ֔יִךְ וָאֶגְרַ֖ע חֻקֵּ֑ךְ וָאֶתְּנֵ֞ךְ בְּנֶ֤פֶשׁ שֹׂנְאֹותַ֙יִךְ֙ בְּנֹ֣ות פְּלִשְׁתִּ֔ים הַנִּכְלָמֹ֖ות מִדַּרְכֵּ֥ךְ זִמָּֽה׃
28 तुमने अश्शूरियों के साथ भी व्यभिचार किया है, क्योंकि तुम्हें संतोष ही नहीं होता था; और उसके बाद भी तुम संतुष्ट न हुई
וַתִּזְנִי֙ אֶל־בְּנֵ֣י אַשּׁ֔וּר מִבִּלְתִּ֖י שָׂבְעָתֵ֑ךְ וַתִּזְנִ֕ים וְגַ֖ם לֹ֥א שָׂבָֽעַתְּ׃
29 तब तुमने अपने दुराचार प्रवृत्ति को बढ़ाकर उसमें बाबेल देश को भी शामिल कर लिया, जो व्यापारियों का एक देश है, पर इससे भी तुम्हें संतोष न हुआ.
וַתַּרְבִּ֧י אֶת־תַּזְנוּתֵ֛ךְ אֶל־אֶ֥רֶץ כְּנַ֖עַן כַּשְׂדִּ֑ימָה וְגַם־בְּזֹ֖את לֹ֥א שָׂבָֽעַתְּ׃
30 “‘जब तुम इस प्रकार एक निर्लज्ज वेश्या की तरह काम करती हो, तो मैं क्रोध से भर जाता हूं, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है!
מָ֤ה אֲמֻלָה֙ לִבָּתֵ֔ךְ נְאֻ֖ם אֲדֹנָ֣י יְהוִ֑ה בַּעֲשֹׂותֵךְ֙ אֶת־כָּל־אֵ֔לֶּה מַעֲשֵׂ֥ה אִשָּֽׁה־זֹונָ֖ה שַׁלָּֽטֶת׃
31 जब तुमने हर गली के कोने पर अपना टीला बनाया है और हर चौक में अपना ऊंचा पूजा-स्थल बनाया है, तो तुम एक वेश्या की तरह ठहरी, क्योंकि तुमने दिये गये रकम का असम्मान किया है.
בִּבְנֹותַ֤יִךְ גַּבֵּךְ֙ בְּרֹ֣אשׁ כָּל־דֶּ֔רֶךְ וְרָמָתֵ֥ךְ עָשִׂיתִי (עָשִׂ֖ית) בְּכָל־רְחֹ֑וב וְלֹא־הָיִיתי (הָיִ֥ית) כַּזֹּונָ֖ה לְקַלֵּ֥ס אֶתְנָֽן׃
32 “‘तुम व्यभिचारी पत्नी हो! तुम अपने स्वयं के पति के बदले अजनबियों को ज्यादा पसंद करती हो!
הָאִשָּׁ֖ה הַמְּנָאָ֑פֶת תַּ֣חַת אִישָׁ֔הּ תִּקַּ֖ח אֶת־זָרִֽים׃
33 सब वेश्याएं उपहार लेती हैं, परंतु तुम अपने सब प्रेमियों को उपहार देती हो, कि वे हर जगह से तुम्हारे अवैध चाहत के लिये आएं.
לְכָל־זֹנֹ֖ות יִתְּנוּ־נֵ֑דֶה וְאַ֨תְּ נָתַ֤תְּ אֶת־נְדָנַ֙יִךְ֙ לְכָל־מְאַֽהֲבַ֔יִךְ וַתִּשְׁחֳדִ֣י אֹותָ֗ם לָבֹ֥וא אֵלַ֛יִךְ מִסָּבִ֖יב בְּתַזְנוּתָֽיִךְ׃
34 इस प्रकार तुम्हारी वेश्यावृत्ति दूसरों की वेश्यावृत्ति का उलटा है; तुम्हारी चाहत के लिये तुम्हारे पीछे कोई नहीं भागता. तुम बिलकुल उलटा हो, क्योंकि तुम दाम (पैसा) देती हो और तुम्हें कुछ नहीं दिया जाता.
וַיְהִי־בָ֨ךְ הֵ֤פֶךְ מִן־הַנָּשִׁים֙ בְּתַזְנוּתַ֔יִךְ וְאַחֲרַ֖יִךְ לֹ֣א זוּנָּ֑ה וּבְתִתֵּ֣ךְ אֶתְנָ֗ן וְאֶתְנַ֛ן לֹ֥א נִתַּן־לָ֖ךְ וַתְּהִ֥י לְהֶֽפֶךְ׃
35 “‘इसलिये, हे वेश्या, याहवेह की बात सुनो!
לָכֵ֣ן זֹונָ֔ה שִׁמְעִ֖י דְּבַר־יְהוָֽה׃ פ
36 परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: क्योंकि तुमने अपनी वासना को उंडेला है और अपने कामुक प्रवृत्ति में अपने प्रेमियों को अपने नंगे देह को दिखाया है, और तुम्हारे सब घृणित मूर्तियों के कारण, और क्योंकि तुमने उन मूर्तियों को अपने बच्चों का खून दिया है,
כֹּֽה־אָמַ֞ר אֲדֹנָ֣י יְהֹוִ֗ה יַ֣עַן הִשָּׁפֵ֤ךְ נְחֻשְׁתֵּךְ֙ וַתִּגָּלֶ֣ה עֶרְוָתֵ֔ךְ בְּתַזְנוּתַ֖יִךְ עַל־מְאַהֲבָ֑יִךְ וְעַל֙ כָּל־גִּלּוּלֵ֣י תֹועֲבֹותַ֔יִךְ וְכִדְמֵ֣י בָנַ֔יִךְ אֲשֶׁ֥ר נָתַ֖תְּ לָהֶֽם׃
37 इसलिये मैं तुम्हारे उन सब प्रेमियों को इकट्ठा करनेवाला हूं, जिनके साथ तुम्हें खुशी मिली है, जिनसे तुमने प्रेम किया है, साथ ही साथ जिनसे तुमने घृणा किया है. मैं उन्हें चारों तरफ से तुम्हारे विरुद्ध इकट्ठा करूंगा और उनके सामने तुम्हारे कपड़े उतारूंगा और वे तुम्हें पूरी तरह नंगी देखेंगे.
לָ֠כֵן הִנְנִ֨י מְקַבֵּ֤ץ אֶת־כָּל־מְאַהֲבַ֙יִךְ֙ אֲשֶׁ֣ר עָרַ֣בְתְּ עֲלֵיהֶ֔ם וְאֵת֙ כָּל־אֲשֶׁ֣ר אָהַ֔בְתְּ עַ֖ל כָּל־אֲשֶׁ֣ר שָׂנֵ֑את וְקִבַּצְתִּי֩ אֹתָ֨ם עָלַ֜יִךְ מִסָּבִ֗יב וְגִלֵּיתִ֤י עֶרְוָתֵךְ֙ אֲלֵהֶ֔ם וְרָא֖וּ אֶת־כָּל־עֶרְוָתֵֽךְ׃
38 मैं तुम्हें उन स्त्रियों का दंड दूंगा जो व्यभिचार करती हैं और जो खून बहाती हैं; मैं अपने कोप और ईर्ष्या के क्रोध से तुमसे खून का बदला लूंगा.
וּשְׁפַטְתִּיךְ֙ מִשְׁפְּטֵ֣י נֹאֲפֹ֔ות וְשֹׁפְכֹ֖ת דָּ֑ם וּנְתַתִּ֕יךְ דַּ֥ם חֵמָ֖ה וְקִנְאָֽה׃
39 तब मैं तुम्हें तुम्हारे प्रेमियों के हाथों में सौंप दूंगा, और वे तुम्हारे पूजा के टीलों को तोड़कर गिरा देंगे और तुम्हारे ऊंचे पूजा स्थलों को नष्ट कर देंगे. वे तुम्हारे कपड़े उतार लेंगे और तुम्हारे अच्छे गहने आभूषण लूट लेंगे और तुम्हें बिलकुल नंगी छोड़ देंगे.
וְנָתַתִּ֨י אֹותָ֜ךְ בְּיָדָ֗ם וְהָרְס֤וּ גַבֵּךְ֙ וְנִתְּצ֣וּ רָמֹתַ֔יִךְ וְהִפְשִׁ֤יטוּ אֹותָךְ֙ בְּגָדַ֔יִךְ וְלָקְח֖וּ כְּלֵ֣י תִפְאַרְתֵּ֑ךְ וְהִנִּיח֖וּךְ עֵירֹ֥ם וְעֶרְיָֽה׃
40 वे तुम्हारे विरुद्ध एक उपद्रवी भीड़ ले आएंगे, जो तुम पर पत्थरवाह करेंगे और तुम्हें अपनी तलवारों से टुकड़े-टुकड़े कर डालेंगे.
וְהֶעֱל֤וּ עָלַ֙יִךְ֙ קָהָ֔ל וְרָגְמ֥וּ אֹותָ֖ךְ בָּאָ֑בֶן וּבִתְּק֖וּךְ בְּחַרְבֹותָֽם׃
41 वे तुम्हारे घरों को जला देंगे और बहुत सी स्त्रियों के देखते में तुम्हें दंड देंगे. मैं तुम्हारे वेश्यावृत्ति को बंद कर दूंगा, और तुम अपने प्रेमियों को दाम नहीं दोगी.
וְשָׂרְפ֤וּ בָתַּ֙יִךְ֙ בָּאֵ֔שׁ וְעָשׂוּ־בָ֣ךְ שְׁפָטִ֔ים לְעֵינֵ֖י נָשִׁ֣ים רַבֹּ֑ות וְהִשְׁבַּתִּיךְ֙ מִזֹּונָ֔ה וְגַם־אֶתְנַ֖ן לֹ֥א תִתְּנִי־עֹֽוד׃
42 तब तुम्हारे विरुद्ध मेरा कोप ठंडा पड़ जाएगा और तुम्हारे ऊपर से मेरी ईर्ष्या का क्रोध जाता रहेगा; मैं शांत हो जाऊंगा और फिर गुस्सा नहीं करूंगा.
וַהֲנִחֹתִ֤י חֲמָתִי֙ בָּ֔ךְ וְסָ֥רָה קִנְאָתִ֖י מִמֵּ֑ךְ וְשָׁ֣קַטְתִּ֔י וְלֹ֥א אֶכְעַ֖ס עֹֽוד׃
43 “‘क्योंकि तुमने अपनी जवानी के दिनों को याद नहीं रखा, पर इन सब कामों के द्वारा मुझे नाराज किया; इसलिये जो कुछ तुमने किया है, निश्चित रूप से उन बातों को मैं तुम्हारे ही सिर पर ले आऊंगा, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है. अपने सब दूसरे घृणित कामों के अलावा क्या तुमने अश्लीलता भी नहीं की?
יַ֗עַן אֲשֶׁ֤ר לֹֽא־זָכַרְתִּי (זָכַרְתְּ֙) אֶת־יְמֵ֣י נְעוּרַ֔יִךְ וַתִּרְגְּזִי־לִ֖י בְּכָל־אֵ֑לֶּה וְגַם־אֲנִ֨י הֵ֜א דַּרְכֵּ֣ךְ ׀ בְּרֹ֣אשׁ נָתַ֗תִּי נְאֻם֙ אֲדֹנָ֣י יְהוִ֔ה וְלֹ֤א עָשִׂיתִי (עָשִׂית֙) אֶת־הַזִּמָּ֔ה עַ֖ל כָּל־תֹּועֲבֹתָֽיִךְ׃
44 “‘हर एक व्यक्ति, जो कहावतों का प्रयोग करता है, वह तुम्हारे बारे में इस कहावत का प्रयोग करेगा: “जैसी मां, वैसी बेटी.”
הִנֵּה֙ כָּל־הַמֹּשֵׁ֔ל עָלַ֥יִךְ יִמְשֹׁ֖ל לֵאמֹ֑ר כְּאִמָּ֖ה בִּתָּֽהּ׃
45 तुम अपनी मां की सही बेटी हो, जिसने अपने पति और अपने बच्चों को तुच्छ जाना; और तुम अपनी बहनों की सही बहन हो, जिन्होंने अपने पतियों और बच्चों को तुच्छ जाना. तुम्हारी माता एक हित्ती और तुम्हारे पिता एक अमोरी थे.
בַּת־אִמֵּ֣ךְ אַ֔תְּ גֹּעֶ֥לֶת אִישָׁ֖הּ וּבָנֶ֑יהָ וַאֲחֹ֨ות אֲחֹותֵ֜ךְ אַ֗תְּ אֲשֶׁ֤ר גָּֽעֲ֙לוּ֙ אַנְשֵׁיהֶ֣ן וּבְנֵיהֶ֔ן אִמְּכֶ֣ן חִתִּ֔ית וַאֲבִיכֶ֖ן אֱמֹרִֽי׃
46 शमरिया तुम्हारी बड़ी बहन थी, जो अपनी बेटियों के साथ तुम्हारे उत्तर की ओर रहती थी; और तुम्हारी छोटी बहन सोदोम है, जो अपनी बेटियों के साथ तुम्हारे दक्षिण की ओर रहती थी.
וַאֲחֹותֵ֨ךְ הַגְּדֹולָ֤ה שֹֽׁמְרֹון֙ הִ֣יא וּבְנֹותֶ֔יהָ הַיֹּושֶׁ֖בֶת עַל־שְׂמֹאולֵ֑ךְ וַאֲחֹותֵ֞ךְ הַקְּטַנָּ֣ה מִמֵּ֗ךְ הַיֹּושֶׁ֙בֶת֙ מִֽימִינֵ֔ךְ סְדֹ֖ם וּבְנֹותֶֽיהָ׃
47 तुमने न सिर्फ उनके पद-चिन्हों पर चलकर उनके घृणित कामों की नकल की, पर जल्दी ही तुम अपने सब कामों में उनसे भी ज्यादा भ्रष्‍ट हो गई.
וְלֹ֤א בְדַרְכֵיהֶן֙ הָלַ֔כְתְּ וּבְתֹועֲבֹֽותֵיהֶ֖ן עָשִׂיתִי (עָשִׂ֑ית) כִּמְעַ֣ט קָ֔ט וַתַּשְׁחִ֥תִי מֵהֵ֖ן בְּכָל־דְּרָכָֽיִךְ׃
48 परम प्रधान याहवेह की घोषणा है, मैं अपने जीवन की शपथ खाकर कहता हूं, तुम्हारी बहन सोदोम तथा उसकी बेटियों ने ऐसा घृणित काम कभी नहीं किया, जैसा कि तुमने और तुम्हारी बेटियों ने किया है.
חַי־אָ֗נִי נְאֻם֙ אֲדֹנָ֣י יְהוִ֔ה אִם־עָֽשְׂתָה֙ סְדֹ֣ם אֲחֹותֵ֔ךְ הִ֖יא וּבְנֹותֶ֑יהָ כַּאֲשֶׁ֣ר עָשִׂ֔ית אַ֖תְּ וּבְנֹותָֽיִךְ׃
49 “‘तुम्हारी बहन सोदोम का पाप यह था: वह और उसकी बेटियां घमंडी, ज्यादा खानेवाली और निश्चिंत जीवन जीनेवाली थी; वे गरीबों और ज़रूरतमंदों की सहायता नहीं करती थी.
הִנֵּה־זֶ֣ה הָיָ֔ה עֲוֹ֖ן סְדֹ֣ם אֲחֹותֵ֑ךְ גָּאֹ֨ון שִׂבְעַת־לֶ֜חֶם וְשַׁלְוַ֣ת הַשְׁקֵ֗ט הָ֤יָה לָהּ֙ וְלִבְנֹותֶ֔יהָ וְיַד־עָנִ֥י וְאֶבְיֹ֖ון לֹ֥א הֶחֱזִֽיקָה׃
50 वे घमंड से भरी थी और उन्होंने मेरे सामने घृणित कार्य किया. इसलिये मैंने उन्हें दूर कर दिया जैसे कि तुमने देखा है.
וַֽתִּגְבְּהֶ֔ינָה וַתַּעֲשֶׂ֥ינָה תֹועֵבָ֖ה לְפָנָ֑י וָאָסִ֥יר אֶתְהֶ֖ן כַּאֲשֶׁ֥ר רָאִֽיתִי׃ ס
51 शमरिया ने तुमसे आधे भी पाप नहीं किए हैं. तुमने उनसे ज्यादा घृणित काम किए हैं, और तुम्हारे द्वारा किए गये इन सब कामों के द्वारा तुम्हारी बहनें धार्मिक दिखाई दे रही हैं.
וְשֹׁ֣מְרֹ֔ון כַּחֲצִ֥י חַטֹּאתַ֖יִךְ לֹ֣א חָטָ֑אָה וַתַּרְבִּ֤י אֶת־תֹּועֲבֹותַ֙יִךְ֙ מֵהֵ֔נָּה וַתְּצַדְּקִי֙ אֶת־אֲחֹותֵךְ (אֲחֹותַ֔יִךְ) בְּכָל־תֹּועֲבֹותַ֖יִךְ אֲשֶׁ֥ר עָשִׂיתי (עָשִֽׂית)׃
52 अपने कलंक का बोझ उठाती रहो, क्योंकि तुमने ही अपनी बहनों के कुछ न्याय-प्रक्रिया को साफ किया है. क्योंकि तुम्हारे पाप उनके पापों से ज्यादा नीच प्रकृति के थे, वे तुमसे ज्यादा धर्मी जान पड़ती हैं. इसलिये लज्जित हो और अपने कलंक का भार उठाओ, क्योंकि तुलना में तुम्हारी बहनें धर्मी जान पड़ती हैं.
גַּם־אַ֣תְּ ׀ שְׂאִ֣י כְלִמָּתֵ֗ךְ אֲשֶׁ֤ר פִּלַּלְתְּ֙ לַֽאֲחֹותֵ֔ךְ בְּחַטֹּאתַ֛יִךְ אֲשֶׁר־הִתְעַ֥בְתְּ מֵהֵ֖ן תִּצְדַּ֣קְנָה מִמֵּ֑ךְ וְגַם־אַ֥תְּ בֹּ֙ושִׁי֙ וּשְׂאִ֣י כְלִמָּתֵ֔ךְ בְּצַדֶּקְתֵּ֖ךְ אַחְיֹותֵֽךְ׃
53 “‘फिर भी, मैं सोदोम और उसकी बेटियों के जीवन, शमरिया और उसकी बेटियों के जीवन, और साथ में तुम्हारे जीवन को भी बदलूंगा,
וְשַׁבְתִּי֙ אֶת־שְׁבִ֣יתְהֶ֔ן אֶת־שְׁבִית (שְׁב֤וּת) סְדֹם֙ וּבְנֹותֶ֔יהָ וְאֶת־שְׁבִית (שְׁב֥וּת) שֹׁמְרֹ֖ון וּבְנֹותֶ֑יהָ וּשְׁבִית (וּשְׁב֥וּת) שְׁבִיתַ֖יִךְ בְּתֹוכָֽהְנָה׃
54 ताकि तुम अपने कलंक का बोझ उठा सको और उनको सांत्वना देकर जो काम तुमने किया है, उससे लज्जित हो.
לְמַ֙עַן֙ תִּשְׂאִ֣י כְלִמָּתֵ֔ךְ וְנִכְלַ֕מְתְּ מִכֹּ֖ל אֲשֶׁ֣ר עָשִׂ֑ית בְּנַחֲמֵ֖ךְ אֹתָֽן׃
55 और तुम्हारी बहनें, सोदोम और उसकी बेटियां, और शमरिया और उसकी बेटियां अपने पहले की स्थिति में लौट जाएंगी; और तुम और तुम्हारी बेटियां भी अपने पहले की स्थिति में लौट आएंगी.
וַאֲחֹותַ֗יִךְ סְדֹ֤ם וּבְנֹותֶ֙יהָ֙ תָּשֹׁ֣בְןָ לְקַדְמָתָ֔ן וְשֹֽׁמְרֹון֙ וּבְנֹותֶ֔יהָ תָּשֹׁ֖בְןָ לְקַדְמָתָ֑ן וְאַתְּ֙ וּבְנֹותַ֔יִךְ תְּשֻׁבֶ֖ינָה לְקַדְמַתְכֶֽן׃
56 अपने अहंकार के दिनों में, जब तुम्हारी दुष्टता प्रगट नहीं हुई थी, तब तुम अपनी बहन सोदोम का नाम तक लेना नहीं चाहती थी.
וְלֹ֤וא הָֽיְתָה֙ סְדֹ֣ם אֲחֹותֵ֔ךְ לִשְׁמוּעָ֖ה בְּפִ֑יךְ בְּיֹ֖ום גְּאֹונָֽיִךְ׃
57 उसी तरह, अब तुम एदोम की बेटियों और उसके सब पड़ोसियों और फिलिस्तीनियों की बेटियों—अपने चारों तरफ के लोगों के द्वारा तुच्छ समझी जाती हो.
בְּטֶרֶם֮ תִּגָּלֶ֣ה רָעָתֵךְ֒ כְּמֹ֗ו עֵ֚ת חֶרְפַּ֣ת בְּנֹות־אֲרָ֔ם וְכָל־סְבִיבֹותֶ֖יהָ בְּנֹ֣ות פְּלִשְׁתִּ֑ים הַשָּׁאטֹ֥ות אֹותָ֖ךְ מִסָּבִֽיב׃
58 तुम्हें अपनी नीचता और घृणित कार्यों का प्रतिफल मिलेगा, याहवेह की घोषणा है.
אֶת־זִמָּתֵ֥ךְ וְאֶת־תֹּועֲבֹותַ֖יִךְ אַ֣תְּ נְשָׂאתִ֑ים נְאֻ֖ם יְהוָֽה׃ ס
59 “‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: मैं तुम्हारे साथ वैसा ही व्यवहार करूंगा, जैसा तुमने किया है, क्योंकि तुमने वाचा को तोड़ने के द्वारा मेरी सौगंध को तुच्छ समझा है.
כִּ֣י כֹ֤ה אָמַר֙ אֲדֹנָ֣י יְהוִ֔ה וְעָשִׂית (וְעָשִׂ֥יתִי) אֹותָ֖ךְ כַּאֲשֶׁ֣ר עָשִׂ֑ית אֲשֶׁר־בָּזִ֥ית אָלָ֖ה לְהָפֵ֥ר בְּרִֽית׃
60 तौभी, मैं उस वाचा को याद रखूंगा, जिसे मैंने तुम्हारे साथ तुम्हारे जवानी के दिनों में बांधी थी, और मैं तुम्हारे साथ सदाकाल तक बने रहनेवाली एक वाचा बांधूंगा.
וְזָכַרְתִּ֨י אֲנִ֧י אֶת־בְּרִיתִ֛י אֹותָ֖ךְ בִּימֵ֣י נְעוּרָ֑יִךְ וַהֲקִמֹותִ֥י לָ֖ךְ בְּרִ֥ית עֹולָֽם׃
61 तब तुम अपने चालचलन को याद करके लज्जित होगी, जब तुम अपनी बड़ी और छोटी बहनों से मिलोगी. मैं उन्हें तुमको तुम्हारी बेटियों के रूप में दूंगा, परंतु यह तुम्हारे साथ बांधी गई वाचा के आधार पर नहीं होगा.
וְזָכַ֣רְתְּ אֶת־דְּרָכַיִךְ֮ וְנִכְלַמְתְּ֒ בְּקַחְתֵּ֗ךְ אֶת־אֲחֹותַ֙יִךְ֙ הַגְּדֹלֹ֣ות מִמֵּ֔ךְ אֶל־הַקְּטַנֹּ֖ות מִמֵּ֑ךְ וְנָתַתִּ֨י אֶתְהֶ֥ן לָ֛ךְ לְבָנֹ֖ות וְלֹ֥א מִבְּרִיתֵֽךְ׃
62 इस प्रकार मैं तुम्हारे साथ अपनी वाचा बांधूंगा, और तुम जानोगे कि मैं याहवेह हूं.
וַהֲקִימֹותִ֥י אֲנִ֛י אֶת־בְּרִיתִ֖י אִתָּ֑ךְ וְיָדַ֖עַתְּ כִּֽי־אֲנִ֥י יְהוָֽה׃
63 तब, जब मैं तुम्हारे किए गये सब गलत कार्यों को क्षमा करूंगा, तब तुम याद करोगी और लज्जित होंगी और अपमानित होने के कारण फिर कभी अपना मुंह नहीं खोलोगी, यह परम प्रधान याहवेह की घोषणा है.’”
לְמַ֤עַן תִּזְכְּרִי֙ וָבֹ֔שְׁתְּ וְלֹ֨א יִֽהְיֶה־לָּ֥ךְ עֹוד֙ פִּתְחֹ֣ון פֶּ֔ה מִפְּנֵ֖י כְּלִמָּתֵ֑ךְ בְּכַפְּרִי־לָךְ֙ לְכָל־אֲשֶׁ֣ר עָשִׂ֔ית נְאֻ֖ם אֲדֹנָ֥י יְהוִֽה׃ ס

< यहेजकेल 16 >