< ישעה 40 >

נחמו נחמו עמי יאמר אלהיכם׃ 1
तसल्ली दो तुम मेरे लोगों को तसल्ली दो; तुम्हारा ख़ुदा फ़रमाता है।
דברו על לב ירושלם וקראו אליה כי מלאה צבאה כי נרצה עונה כי לקחה מיד יהוה כפלים בכל חטאתיה׃ 2
येरूशलेम को दिलासा दो; और उसे पुकार कर कहो कि उसकी मुसीबत के दिन जो जंग — ओ — जदल के थे गुज़र गए, उसके गुनाह का कफ़्फ़ारा हुआ; और उसने ख़ुदावन्द के हाथ से अपने सब गुनाहों का बदला दो चन्द पाया।
קול קורא במדבר פנו דרך יהוה ישרו בערבה מסלה לאלהינו׃ 3
पुकारनेवाले की आवाज़: वीरान में ख़ुदावन्द की राह दुरुस्त करो, सहरा में हमारे ख़ुदा के लिए शाहराह हमवार करो।
כל גיא ינשא וכל הר וגבעה ישפלו והיה העקב למישור והרכסים לבקעה׃ 4
हर एक नशेब ऊँचा किया जाए, और हर एक पहाड़ और टीला पस्त किया जाए; और हर एक टेढ़ी चीज़ सीधी और हर एक नाहमवार जगह हमवार की जाए।
ונגלה כבוד יהוה וראו כל בשר יחדו כי פי יהוה דבר׃ 5
और ख़ुदावन्द का जलाल आशकारा होगा और तमाम बशर उसको देखेगा क्यूँकि ख़ुदावन्द ने अपने मुँह से फ़रमाया है।
קול אמר קרא ואמר מה אקרא כל הבשר חציר וכל חסדו כציץ השדה׃ 6
एक आवाज़ आई कि 'ऐलान कर, और मैंने कहा मैं क्या 'ऐलान करूँ, हर बशर घास की तरह है और उसकी सारी रौनक़ मैदान के फूल की तरह।
יבש חציר נבל ציץ כי רוח יהוה נשבה בו אכן חציר העם׃ 7
घास मुरझाती है, फूल कुमलाता है; क्यूँकि ख़ुदावन्द की हवा उस पर चलती है; यक़ीनन लोग घास हैं।
יבש חציר נבל ציץ ודבר אלהינו יקום לעולם׃ 8
हाँ, घास मुरझाती है, फूल कुमलाता है; लेकिन हमारे ख़ुदा का कलाम हमेशा तक क़ाईम है।
על הר גבה עלי לך מבשרת ציון הרימי בכח קולך מבשרת ירושלם הרימי אל תיראי אמרי לערי יהודה הנה אלהיכם׃ 9
ऐ सिय्यून को ख़ुशख़बरी सुनाने वाली, ऊँचे पहाड़ पर चढ़ जा; और ऐ येरूशलेम को बशारत देनेवाली, ज़ोर से अपनी आवाज़ बलन्द कर, ख़ूब पुकार, और मत डर; यहूदाह की बस्तियों से कह, 'देखो, अपना ख़ुदा!
הנה אדני יהוה בחזק יבוא וזרעו משלה לו הנה שכרו אתו ופעלתו לפניו׃ 10
देखो, ख़ुदावन्द ख़ुदा बड़ी कु़दरत के साथ आएगा, और उसका बाज़ू उसके लिए सल्तनत करेगा; देखो, उसका सिला उसके साथ है, और उसका अज्र उसके सामने।
כרעה עדרו ירעה בזרעו יקבץ טלאים ובחיקו ישא עלות ינהל׃ 11
वह चौपान की तरह अपना गल्ला चराएगा, वह बर्रों को अपने बाज़ूओं में जमा' करेगा और अपनी बग़ल में लेकर चलेगा, और उनको जो दूध पिलाती हैं आहिस्ता आहिस्ता ले जाएगा।
מי מדד בשעלו מים ושמים בזרת תכן וכל בשלש עפר הארץ ושקל בפלס הרים וגבעות במאזנים׃ 12
किसने समन्दर को चुल्लू से नापा और आसमान की पैमाइश बालिश्त से की, और ज़मीन की गर्द को पैमाने में भरा, और पहाड़ों को पलड़ों में वज़न किया और टीलों को तराजू़ में तोला।
מי תכן את רוח יהוה ואיש עצתו יודיענו׃ 13
किसने ख़ुदावन्द की रूह की हिदायत की, या उसका सलाहकार होकर उसे सिखाया?
את מי נועץ ויבינהו וילמדהו בארח משפט וילמדהו דעת ודרך תבונות יודיענו׃ 14
उसने किससे मश्वरत ली है जो उसे ता'लीम दे, और उसे 'अदालत की राह सुझाए और उसे मा'रिफ़त की बात बताए, और उसे हिकमत की राह से आगाह करे?
הן גוים כמר מדלי וכשחק מאזנים נחשבו הן איים כדק יטול׃ 15
देख, क़ौमें डोल की एक बूँद की तरह हैं, और तराजू़ की बारीक गर्द की तरह गिनी जाती हैं; देख, वह जज़ीरों को एक ज़र्रें की तरह उठा लेता है।
ולבנון אין די בער וחיתו אין די עולה׃ 16
लुबनान ईंधन के लिए काफ़ी नहीं और उसके जानवर सोख्तनी क़ुर्बानी के लिए बस नहीं।
כל הגוים כאין נגדו מאפס ותהו נחשבו לו׃ 17
इसलिए सब क़ौमें उसकी नज़र में हेच हैं, बल्कि वह उसके नज़दीक बतालत और नाचीज़ से भी कमतर गिनी जाती हैं।
ואל מי תדמיון אל ומה דמות תערכו לו׃ 18
तुम ख़ुदा को किससे तशबीह दोगे और कौन सी चीज़ उससे मुशाबह ठहराओगे?
הפסל נסך חרש וצרף בזהב ירקענו ורתקות כסף צורף׃ 19
तराशी हुई मूरत! कारीगर ने उसे ढाला, और सुनार उस पर सोना मढ़ता है और उसके लिए चाँदी की जज़ीरें बनाता है।
המסכן תרומה עץ לא ירקב יבחר חרש חכם יבקש לו להכין פסל לא ימוט׃ 20
और जो ऐसा तहीदस्त है कि उसके पास नजर गुज़रानने को कुछ नहीं, वह ऐसी लकड़ी चुन लेता है जो सड़ने वाली न हो; वह होशियार कारीगर की तलाश करता है, ताकि ऐसी मूरत बनाए जो क़ाईम रह सके।
הלוא תדעו הלוא תשמעו הלוא הגד מראש לכם הלוא הבינתם מוסדות הארץ׃ 21
क्या तुम नहीं जानते? क्या तुम ने नहीं सुना? क्या ये बात इब्तिदा ही से तुम को बताई नहीं गई? क्या तुम बिना — ए — 'आलम से नहीं समझे?
הישב על חוג הארץ וישביה כחגבים הנוטה כדק שמים וימתחם כאהל לשבת׃ 22
वह मुहीत — ए — ज़मीन पर बैठा है, और उसके बाशिन्दे टिड्डों की तरह हैं; वह आसमान को पर्दे की तरह तानता है, और उसको सुकूनत के लिए खे़मे की तरह फैलाता है।
הנותן רוזנים לאין שפטי ארץ כתהו עשה׃ 23
जो शहज़ादों को नाचीज़ कर डालता, और दुनिया के हाकिमों को हेच ठहराता है।
אף בל נטעו אף בל זרעו אף בל שרש בארץ גזעם וגם נשף בהם ויבשו וסערה כקש תשאם׃ 24
वह अभी लगाए न गए, वह अभी बोए न गए; उनका तना अभी ज़मीन में जड़ न पकड़ चुका कि वह सिर्फ़ उन पर फूँक मारता है और वह ख़ुश्क हो जाते है और हवा का झोंका उनको भूसे की तरह उड़ा ले जाता है।
ואל מי תדמיוני ואשוה יאמר קדוש׃ 25
वह क़ुद्दूस फ़रमाता है तुम मुझे किससे तशबीह दोगे और मैं किस चीज़ से मशाबह हूँगा।
שאו מרום עיניכם וראו מי ברא אלה המוציא במספר צבאם לכלם בשם יקרא מרב אונים ואמיץ כח איש לא נעדר׃ 26
अपनी आँखें ऊपर उठाओ और देखो कि इन सबका ख़ालिक़ कौन है? वही जो इनके लश्कर को शुमार करके निकालता है, और उन सबको नाम — ब — नाम बुलाता है। उसकी क़ुदरत की 'अज़मत और उसके बाज़ू की तवानाई की वजह से एक भी ग़ैर हाज़िर नहीं रहता।
למה תאמר יעקב ותדבר ישראל נסתרה דרכי מיהוה ומאלהי משפטי יעבור׃ 27
तब ऐ या'क़ूब! तू क्यूँ यूँ कहता है; और ऐ इस्राईल! तू किस लिए ऐसी बात करता है, कि “मेरी राह ख़ुदावन्द से पोशीदा है और मेरी 'अदालत मेरे ख़ुदा से गुज़र गई?”
הלוא ידעת אם לא שמעת אלהי עולם יהוה בורא קצות הארץ לא ייעף ולא ייגע אין חקר לתבונתו׃ 28
क्या तू नहीं जानता, क्या तूने नहीं सुना? कि ख़ुदावन्द हमेशा का ख़ुदा व तमाम ज़मीन का ख़ालिक़ थकता नहीं और मांदा नहीं होता उसकी हिकमत इदराक से बाहर है।
נתן ליעף כח ולאין אונים עצמה ירבה׃ 29
वह थके हुए को ज़ोर बख़्शता है और नातवान की तवानाई को ज़्यादा करता है।
ויעפו נערים ויגעו ובחורים כשול יכשלו׃ 30
नौजवान भी थक जाएँगे, और मान्दा होंगे और सूर्मा बिल्कुल गिर पड़ेंगे;
וקוי יהוה יחליפו כח יעלו אבר כנשרים ירוצו ולא ייגעו ילכו ולא ייעפו׃ 31
लेकिन ख़ुदावन्द का इन्तिज़ार करने वाले, अज़ — सर — ए — नौ ज़ोर हासिल करेंगे; वह उक़ाबों की तरह बाल — ओ — पर से उड़ेंगे, वह दौड़ेंगे और न थकेंगे, वह चलेंगे और मान्दा न होंगे।

< ישעה 40 >