< בראשית 19 >

ויבאו שני המלאכים סדמה בערב ולוט ישב בשער סדם וירא לוט ויקם לקראתם וישתחו אפים ארצה׃ 1
और वह दोनों फ़रिश्ता शाम को सदूम में आए और लूत सदूम के फाटक पर बैठा था। और लूत उनको देख कर उनके इस्तक़बाल के लिए उठा और ज़मीन तक झुका,
ויאמר הנה נא אדני סורו נא אל בית עבדכם ולינו ורחצו רגליכם והשכמתם והלכתם לדרככם ויאמרו לא כי ברחוב נלין׃ 2
और कहा, “ऐ मेरे ख़ुदावन्द, अपने ख़ादिम के घर तशरीफ़ ले चलिए और रात भर आराम कीजिए और अपने पाँव धोइये और सुबह उठ कर अपनी राह लीजिए।” और उन्होंने कहा, “नहीं, हम चौक ही में रात काट लेंगे।”
ויפצר בם מאד ויסרו אליו ויבאו אל ביתו ויעש להם משתה ומצות אפה ויאכלו׃ 3
लेकिन जब वह बहुत बजिद्द हुआ तो वह उसके साथ चल कर उसके घर में आए; और उसने उनके लिए खाना तैयार की और बेख़मीरी रोटी पकाई; और उन्होंने खाया।
טרם ישכבו ואנשי העיר אנשי סדם נסבו על הבית מנער ועד זקן כל העם מקצה׃ 4
और इससे पहले कि वह आराम करने के लिए लेटें सदूम शहर के आदमियों ने, जवान से लेकर बूढ़े तक सब लोगों ने, हर तरफ़ से उस घर को घेर लिया।
ויקראו אל לוט ויאמרו לו איה האנשים אשר באו אליך הלילה הוציאם אלינו ונדעה אתם׃ 5
और उन्होंने लूत को पुकार कर उससे कहा कि वह आदमी जो आज रात तेरे यहाँ आए, कहाँ हैं? उनको हमारे पास बाहर ले आ ताकि हम उनसे सोहबत करें।
ויצא אלהם לוט הפתחה והדלת סגר אחריו׃ 6
तब लूत निकल कर उनके पास दरवाज़ा पर गया और अपने पीछे किवाड़ बन्द कर दिया।
ויאמר אל נא אחי תרעו׃ 7
और कहा कि ऐ भाइयो! ऐसी बदी तो न करो।
הנה נא לי שתי בנות אשר לא ידעו איש אוציאה נא אתהן אליכם ועשו להן כטוב בעיניכם רק לאנשים האל אל תעשו דבר כי על כן באו בצל קרתי׃ 8
देखो! मेरी दो बेटियाँ हैं जो आदमी से वाकिफ़ नहीं; मर्ज़ी हो तो मैं उनको तुम्हारे पास ले आऊँ और जो तुम को भला मा'लूम हो उनसे करो, मगर इन आदमियों से कुछ न कहना क्यूँकि वह इसलिए मेरी पनाह में आए हैं।
ויאמרו גש הלאה ויאמרו האחד בא לגור וישפט שפוט עתה נרע לך מהם ויפצרו באיש בלוט מאד ויגשו לשבר הדלת׃ 9
उन्होंने कहा, यहाँ से हट जा! “फिर कहने लगे, कि यह शख़्स हमारे बीच क़याम करने आया था और अब हुकूमत जताता है; इसलिए हम तेरे साथ उनसे ज़्यादा बद सलूकी करेंगे।” तब वह उस आदमी या'नी लूत पर पिल पड़े और नज़दीक आए ताकि किवाड़ तोड़ डालें।
וישלחו האנשים את ידם ויביאו את לוט אליהם הביתה ואת הדלת סגרו׃ 10
लेकिन उन आदमियों ने अपना हाथ बढ़ा कर लूत को अपने पास घर में खींच लिया और दरवाज़ा बन्द कर दिया।
ואת האנשים אשר פתח הבית הכו בסנורים מקטן ועד גדול וילאו למצא הפתח׃ 11
और उन आदमियों को जो घर के दरवाज़े पर थे क्या छोटे क्या बड़े, अंधा कर दिया; तब वह दरवाज़ा ढूँडते — ढूँडते थक गए।
ויאמרו האנשים אל לוט עד מי לך פה חתן ובניך ובנתיך וכל אשר לך בעיר הוצא מן המקום׃ 12
तब उन आदमियों ने लूत से कहा, क्या यहाँ तेरा और कोई है? दामाद और अपने बेटों और बेटियों और जो कोई तेरा इस शहर में हो, सबको इस मक़ाम से बाहर निकाल ले जा।
כי משחתים אנחנו את המקום הזה כי גדלה צעקתם את פני יהוה וישלחנו יהוה לשחתה׃ 13
क्यूँकि हम इस मक़ाम को बर्बाद करेंगे, इसलिए कि उनका गुनाह ख़ुदावन्द के सामने बहुत बुलन्द हुआ है और ख़ुदावन्द ने उसे बर्बाद करने को हमें भेजा है।
ויצא לוט וידבר אל חתניו לקחי בנתיו ויאמר קומו צאו מן המקום הזה כי משחית יהוה את העיר ויהי כמצחק בעיני חתניו׃ 14
तब लूत ने बाहर जाकर अपने दामादों से जिन्होंने उसकी बेटियाँ ब्याही थीं बातें कीं और कहा कि उठो और इस मक़ाम से निकलो क्यूँकि ख़ुदावन्द इस शहर को बर्बाद करेगा। लेकिन वह अपने दामादों की नज़र में मज़ाक़ सा मा'लूम हुआ।
וכמו השחר עלה ויאיצו המלאכים בלוט לאמר קום קח את אשתך ואת שתי בנתיך הנמצאת פן תספה בעון העיר׃ 15
जब सुबह हुई तो फ़रिश्तों ने लूत से जल्दी कराई और कहा कि उठ अपनी बीवी और अपनी दोनों बेटियों को जो यहाँ हैं ले जा; ऐसा न हो कि तू भी इस शहर की बदी में गिरफ़्तार होकर हलाक हो जाए।
ויתמהמה ויחזקו האנשים בידו וביד אשתו וביד שתי בנתיו בחמלת יהוה עליו ויצאהו וינחהו מחוץ לעיר׃ 16
मगर उसने देर लगाई तो उन आदमियों ने उसका और उसकी बीवी और उसकी दोनों बेटियों का हाथ पकड़ा, क्यूँकि ख़ुदावन्द की मेहरबानी उस पर हुई और उसे निकाल कर शहर से बाहर कर दिया।
ויהי כהוציאם אתם החוצה ויאמר המלט על נפשך אל תביט אחריך ואל תעמד בכל הככר ההרה המלט פן תספה׃ 17
और यूँ हुआ कि जब वह उनको बाहर निकाल लाए तो उसने कहा, “अपनी जान बचाने को भाग; न तो पीछे मुड़ कर देखना न कहीं मैदान में ठहरना; उस पहाड़ को चला जा, ऐसा न हो कि तू हलाक हो जाए।”
ויאמר לוט אלהם אל נא אדני׃ 18
और लूत ने उनसे कहा कि ऐ मेरे ख़ुदावन्द, ऐसा न कर।
הנה נא מצא עבדך חן בעיניך ותגדל חסדך אשר עשית עמדי להחיות את נפשי ואנכי לא אוכל להמלט ההרה פן תדבקני הרעה ומתי׃ 19
देख, तूने अपने ख़ादिम पर करम की नज़र की है और ऐसा बड़ा फ़ज़ल किया कि मेरी जान बचाई; मैं पहाड़ तक जा नहीं सकता, कहीं ऐसा न हो कि मुझ पर मुसीबत आ पड़े और मैं मर जाऊँ।
הנה נא העיר הזאת קרבה לנוס שמה והיא מצער אמלטה נא שמה הלא מצער הוא ותחי נפשי׃ 20
देख, यह शहर ऐसा नज़दीक है कि वहाँ भाग सकता हूँ और यह छोटा भी है। इजाज़त हो तो मैं वहाँ चला जाऊँ, वह छोटा सा भी है और मेरी जान बच जाएगी।
ויאמר אליו הנה נשאתי פניך גם לדבר הזה לבלתי הפכי את העיר אשר דברת׃ 21
उसने उससे कहा कि देख, मैं इस बात में भी तेरा लिहाज़ करता हूँ कि इस शहर को जिसका तू ने ज़िक्र किया, बर्बाद नहीं करूँगा।
מהר המלט שמה כי לא אוכל לעשות דבר עד באך שמה על כן קרא שם העיר צוער׃ 22
जल्दी कर और वहाँ चला जा, क्यूँकि मैं कुछ नहीं कर सकता जब तक कि तू वहाँ पहुँच न जाए। इसीलिए उस शहर का नाम ज़ुग़र कहलाया।
השמש יצא על הארץ ולוט בא צערה׃ 23
और ज़मीन पर धूप निकल चुकी थी, जब लूत ज़ुग़र में दाख़िल हुआ।
ויהוה המטיר על סדם ועל עמרה גפרית ואש מאת יהוה מן השמים׃ 24
तब ख़ुदावन्द ने अपनी तरफ़ से सदूम और 'अमूरा पर गन्धक और आग आसमान से बरसाई,
ויהפך את הערים האל ואת כל הככר ואת כל ישבי הערים וצמח האדמה׃ 25
और उसने उन शहरों को और उस सारी तराई को और उन शहरों के सब रहने वालों को और सब कुछ जो ज़मीन से उगा था बर्बाद किया।
ותבט אשתו מאחריו ותהי נציב מלח׃ 26
मगर उसकी बीवी ने उसके पीछे से मुड़ कर देखा और वह नमक का सुतून बन गई।
וישכם אברהם בבקר אל המקום אשר עמד שם את פני יהוה׃ 27
और अब्रहाम सुबह सवेरे उठ कर उस जगह गया जहाँ वह ख़ुदावन्द के सामने खड़ा हुआ था;
וישקף על פני סדם ועמרה ועל כל פני ארץ הככר וירא והנה עלה קיטר הארץ כקיטר הכבשן׃ 28
और उसने सदूम और 'अमूरा और उस तराई की सारी ज़मीन की तरफ़ नज़र की, और क्या देखता है कि ज़मीन पर से धुवां ऐसा उठ रहा है जैसे भट्टी का धुवां।
ויהי בשחת אלהים את ערי הככר ויזכר אלהים את אברהם וישלח את לוט מתוך ההפכה בהפך את הערים אשר ישב בהן לוט׃ 29
और यूँ हुआ कि जब ख़ुदा ने उस तराई के शहरों को बर्बाद किया, तो ख़ुदा ने अब्रहाम को याद किया और उन शहरों की जहाँ लूत रहता था, बर्बाद करते वक़्त लूत को उस बला से बचाया।
ויעל לוט מצוער וישב בהר ושתי בנתיו עמו כי ירא לשבת בצוער וישב במערה הוא ושתי בנתיו׃ 30
और लूत जुग़्रसे निकल कर पहाड़ पर जा बसा और उसकी दोनों बेटियाँ उसके साथ थीं; क्यूँकि उसे ज़ुग़र में बसते डर लगा, और वह और उसकी दोनों बेटियाँ एक ग़ार में रहने लगे।
ותאמר הבכירה אל הצעירה אבינו זקן ואיש אין בארץ לבוא עלינו כדרך כל הארץ׃ 31
तब पहलौठी ने छोटी से कहा, कि हमारा बाप बूढ़ा है और ज़मीन पर कोई आदमी नहीं जो दुनिया के दस्तूर के मुताबिक़ हमारे पास आए।
לכה נשקה את אבינו יין ונשכבה עמו ונחיה מאבינו זרע׃ 32
आओ, हम अपने बाप को मय पिलाएँ और उससे हम — आग़ोश हों, ताकि अपने बाप से नसल बाक़ी रख्खें।
ותשקין את אביהן יין בלילה הוא ותבא הבכירה ותשכב את אביה ולא ידע בשכבה ובקומה׃ 33
इसलिए उन्होंने उसी रात अपने बाप को मय पिलाई और पहलौठी अन्दर गई और अपने बाप से हम — आग़ोश हुई, लेकिन उसने न जाना कि वह कब लेटी और कब उठ गई।
ויהי ממחרת ותאמר הבכירה אל הצעירה הן שכבתי אמש את אבי נשקנו יין גם הלילה ובאי שכבי עמו ונחיה מאבינו זרע׃ 34
और दूसरे दिन यूँ हुआ कि पहलौठी ने छोटी से कहा कि देख, कल रात को मैं अपने बाप से हम — आग़ोश हुई, आओ, आज रात भी उसको मय पिलाएँ और तू भी जा कर उससे हमआग़ोश हो, ताकि हम अपने बाप से नसल बाक़ी रख्खें।
ותשקין גם בלילה ההוא את אביהן יין ותקם הצעירה ותשכב עמו ולא ידע בשכבה ובקמה׃ 35
फिर उस रात भी उन्होंने अपने बाप को मय पिलाई और छोटी गई और उससे हम — आग़ोश हुई, लेकिन उसने न जाना कि वह कब लेटी और कब उठ गई।
ותהרין שתי בנות לוט מאביהן׃ 36
फिर लूत की दोनों बेटियाँ अपने बाप से हामिला हुई।
ותלד הבכירה בן ותקרא שמו מואב הוא אבי מואב עד היום׃ 37
और बड़ी के एक बेटा हुआ और उसने उसका नाम मोआब रख्खा; वही मोआबियों का बाप है जो अब तक मौजूद हैं।
והצעירה גם הוא ילדה בן ותקרא שמו בן עמי הוא אבי בני עמון עד היום׃ 38
और छोटी के भी एक बेटा हुआ और उसने उसका नाम बिन — 'अम्मी रख्खाः वही बनी — 'अम्मोन का बाप है जो अब तक मौजूद हैं।

< בראשית 19 >