< שמות 17 >

ויסעו כל עדת בני ישראל ממדבר סין למסעיהם על פי יהוה ויחנו ברפידים ואין מים לשתת העם׃ 1
फिर बनी — इस्राईल की सारी जमा'अत सीन के वीराने से चली और ख़ुदावन्द के हुक्म के मुताबिक़ सफ़र करती हुई रफ़ीदीम में आकर ख़ेमा लगाया; वहाँ उन लोगों के पीने को पानी न मिला।
וירב העם עם משה ויאמרו תנו לנו מים ונשתה ויאמר להם משה מה תריבון עמדי מה תנסון את יהוה׃ 2
वहाँ वह लोग मूसा से झगड़ा करके कहने लगे, कि “हम को पीने को पानी दे।” मूसा ने उनसे कहा, कि “तुम मुझ से क्यूँ झगड़ते हो और ख़ुदावन्द को क्यूँ आज़माते हो?”
ויצמא שם העם למים וילן העם על משה ויאמר למה זה העליתנו ממצרים להמית אתי ואת בני ואת מקני בצמא׃ 3
वहाँ उन लोगों को बड़ी प्यास लगी, तब वह लोग मूसा पर बड़बड़ाने लगे और कहा, कि तू हम को और हमारे बच्चों और चौपायों को प्यासा मारने के लिए हम लोगों को क्यूँ मुल्क — ए — मिस्र से निकाल लाया?
ויצעק משה אל יהוה לאמר מה אעשה לעם הזה עוד מעט וסקלני׃ 4
मूसा ने ख़ुदावन्द से फ़रियाद करके कहा कि मैं इन लोगों से क्या करूँ? वह सब तो अभी मुझे संगसार करने को तैयार हैं।
ויאמר יהוה אל משה עבר לפני העם וקח אתך מזקני ישראל ומטך אשר הכית בו את היאר קח בידך והלכת׃ 5
ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा कि लोगों के आगे होकर चल और बनी — इस्राईल के बुज़ुर्गों में से कुछ को अपने साथ ले ले और जिस लाठी से तूने दरिया पर मारा था उसे अपने हाथ में लेता जा।
הנני עמד לפניך שם על הצור בחרב והכית בצור ויצאו ממנו מים ושתה העם ויעש כן משה לעיני זקני ישראל׃ 6
देख, मैं तेरे आगे जाकर वहाँ होरिब की एक चट्टान पर खड़ा रहूँगा, और तू उस चट्टान पर मारना तो उसमें से पानी निकलेगा कि यह लोग पिएँ। चुनाँचे मूसा ने बनी — इस्राईल के बुज़ुर्गों के सामने यही किया,
ויקרא שם המקום מסה ומריבה על ריב בני ישראל ועל נסתם את יהוה לאמר היש יהוה בקרבנו אם אין׃ 7
और उसने उस जगह का नाम मस्सा और मरीबा रख्खा; क्यूँकि बनी — इस्राईल ने वहाँ झगड़ा किया और यह कह कर ख़ुदावन्द का इम्तिहान किया, “ख़ुदावन्द हमारे बीच में है या नहीं?”
ויבא עמלק וילחם עם ישראל ברפידם׃ 8
तब 'अमालीक़ी आकर रफ़ीदीम में बनी — इस्राईल से लड़ने लगे।
ויאמר משה אל יהושע בחר לנו אנשים וצא הלחם בעמלק מחר אנכי נצב על ראש הגבעה ומטה האלהים בידי׃ 9
और मूसा ने यशू'अ से कहा, “हमारी तरफ़ के कुछ आदमी चुन कर ले जा और 'अमालीक़ियों से लड़, और मैं कल ख़ुदा की लाठी अपने हाथ में लिए हुए पहाड़ की चोटी पर खड़ा रहूँगा।”
ויעש יהושע כאשר אמר לו משה להלחם בעמלק ומשה אהרן וחור עלו ראש הגבעה׃ 10
फिर मूसा के हुक्म के मुताबिक़ यशू'अ 'अमालीक़ियों से लड़ने लगा, और मूसा और हारून और हूर पहाड़ की चोटी पर चढ़ गए।
והיה כאשר ירים משה ידו וגבר ישראל וכאשר יניח ידו וגבר עמלק׃ 11
और जब तक मूसा अपना हाथ उठाए रहता था बनी — इस्राईल ग़ालिब रहते थे, और जब वह हाथ लटका देता था तब 'अमालीक़ी ग़ालिब होते थे।
וידי משה כבדים ויקחו אבן וישימו תחתיו וישב עליה ואהרן וחור תמכו בידיו מזה אחד ומזה אחד ויהי ידיו אמונה עד בא השמש׃ 12
और जब मूसा के हाथ भर गए तो उन्होंने एक पत्थर लेकर मूसा के नीचे रख दिया और वह उस पर बैठ गया, और हारून और हूर एक इधर से दूसरा उधर से उसके हाथों को संभाले रहे। तब उसके हाथ आफ़ताब के गु़रूब होने तक मज़बूती से उठे रहे।
ויחלש יהושע את עמלק ואת עמו לפי חרב׃ 13
और यशू'अ ने 'अमालीक़ और उसके लोगों की तलवार की धार से शिकस्त दी।
ויאמר יהוה אל משה כתב זאת זכרון בספר ושים באזני יהושע כי מחה אמחה את זכר עמלק מתחת השמים׃ 14
तब ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा, “इस बात की यादगारी के लिए किताब में लिख दे और यशू'अ को सुना दे कि मैं 'अमालीक़ का नाम — ओ — निशान दुनिया से बिल्कुल मिटा दूँगा।”
ויבן משה מזבח ויקרא שמו יהוה נסי׃ 15
और मूसा ने एक क़ुर्बानगाह बनाई और उसका नाम 'यहोवा निस्सी' रख्खा।
ויאמר כי יד על כס יה מלחמה ליהוה בעמלק מדר דר׃ 16
और उसने कहा ख़ुदावन्द ने क़सम खाई है; इसलिए ख़ुदावन्द 'अमालीक़ियों से नसल दर नसल जंग करता रहेगा।

< שמות 17 >