< תְהִלִּים 142 >

מַשְׂכִּ֥יל לְדָוִ֑ד בִּהְיוֹת֖וֹ בַמְּעָרָ֣ה תְפִלָּֽה׃ ק֭וֹלִי אֶל־יְהוָ֣ה אֶזְעָ֑ק ק֝וֹלִ֗י אֶל־יְהוָ֥ה אֶתְחַנָּֽן׃ 1
दाऊद का मश्कील, जब वह गुफा में था: प्रार्थना मैं यहोवा की दुहाई देता, मैं यहोवा से गिड़गिड़ाता हूँ,
אֶשְׁפֹּ֣ךְ לְפָנָ֣יו שִׂיחִ֑י צָ֝רָתִ֗י לְפָנָ֥יו אַגִּֽיד׃ 2
मैं अपने शोक की बातें उससे खोलकर कहता, मैं अपना संकट उसके आगे प्रगट करता हूँ।
בְּהִתְעַטֵּ֬ף עָלַ֨י ׀ רוּחִ֗י וְאַתָּה֮ יָדַ֪עְתָּ נְֽתִיבָ֫תִ֥י בְּאֹֽרַח־ז֥וּ אֲהַלֵּ֑ךְ טָמְנ֖וּ פַ֣ח לִֽי׃ 3
जब मेरी आत्मा मेरे भीतर से व्याकुल हो रही थी, तब तू मेरी दशा को जानता था! जिस रास्ते से मैं जानेवाला था, उसी में उन्होंने मेरे लिये फंदा लगाया।
הַבֵּ֤יט יָמִ֨ין ׀ וּרְאֵה֮ וְאֵֽין־לִ֪י מַ֫כִּ֥יר אָבַ֣ד מָנ֣וֹס מִמֶּ֑נִּי אֵ֖ין דּוֹרֵ֣שׁ לְנַפְשִֽׁי׃ 4
मैंने दाहिनी ओर देखा, परन्तु कोई मुझे नहीं देखता। मेरे लिये शरण कहीं नहीं रही, न मुझ को कोई पूछता है।
זָעַ֥קְתִּי אֵלֶ֗יךָ יְה֫וָ֥ה אָ֭מַרְתִּי אַתָּ֣ה מַחְסִ֑י חֶ֝לְקִ֗י בְּאֶ֣רֶץ הַֽחַיִּים׃ 5
हे यहोवा, मैंने तेरी दुहाई दी है; मैंने कहा, तू मेरा शरणस्थान है, मेरे जीते जी तू मेरा भाग है।
הַקְשִׁ֤יבָה ׀ אֶֽל־רִנָּתִי֮ כִּֽי־דַלּ֪וֹתִ֫י מְאֹ֥ד הַצִּילֵ֥נִי מֵרֹדְפַ֑י כִּ֖י אָמְצ֣וּ מִמֶּֽנִּי׃ 6
मेरी चिल्लाहट को ध्यान देकर सुन, क्योंकि मेरी बड़ी दुर्दशा हो गई है! जो मेरे पीछे पड़े हैं, उनसे मुझे बचा ले; क्योंकि वे मुझसे अधिक सामर्थी हैं।
ה֘וֹצִ֤יאָה מִמַּסְגֵּ֨ר ׀ נַפְשִׁי֮ לְהוֹד֪וֹת אֶת־שְׁ֫מֶ֥ךָ בִּ֭י יַכְתִּ֣רוּ צַדִּיקִ֑ים כִּ֖י תִגְמֹ֣ל עָלָֽי׃ 7
मुझ को बन्दीगृह से निकाल कि मैं तेरे नाम का धन्यवाद करूँ! धर्मी लोग मेरे चारों ओर आएँगे; क्योंकि तू मेरा उपकार करेगा।

< תְהִלִּים 142 >