< יְהוֹשֻעַ 13 >

וִיהוֹשֻׁ֣עַ זָקֵ֔ן בָּ֖א בַּיָּמִ֑ים וַיֹּ֨אמֶר יְהוָ֜ה אֵלָ֗יו אַתָּ֤ה זָקַ֙נְתָּה֙ בָּ֣אתָ בַיָּמִ֔ים וְהָאָ֛רֶץ נִשְׁאֲרָ֥ה הַרְבֵּֽה־מְאֹ֖ד לְרִשְׁתָּֽהּ׃ 1
और यशू'अ बूढ़ा और उम्र रसीदा हुआ और ख़ुदावन्द ने उस से कहा, कि तू बूढ़ा और उम्र रसीदा है और क़ब्ज़ा करने को अभी बहुत सा मुल्क बाक़ी है।
זֹ֥את הָאָ֖רֶץ הַנִּשְׁאָ֑רֶת כָּל־גְּלִיל֥וֹת הַפְּלִשְׁתִּ֖ים וְכָל־הַגְּשׁוּרִֽי ׃ 2
और वह मुल्क जो बाक़ी है इसलिए ये है; फ़िलिस्तियों की सब इक़लीम और सब हबसूरी।
מִֽן־הַשִּׁיח֞וֹר אֲשֶׁ֣ר ׀ עַל־פְּנֵ֣י מִצְרַ֗יִם וְעַ֨ד גְּב֤וּל עֶקְרוֹן֙ צָפ֔וֹנָה לַֽכְּנַעֲנִ֖י תֵּחָשֵׁ֑ב חֲמֵ֣שֶׁת ׀ סַרְנֵ֣י פְלִשְׁתִּ֗ים הָעַזָּתִ֤י וְהָאַשְׁדּוֹדִי֙ הָאֶשְׁקְלוֹנִ֣י הַגִּתִּ֔י וְהָעֶקְרוֹנִ֖י וְהָעַוִּֽים׃ 3
सीहूर से जो मिस्र के सामने है उत्तर की तरफ़ 'अक़रून की हद तक जो कना'नियों का गिना जाता है, फ़िलिस्तियों के पाँच सरदार या'नी ग़ज़ी और अशदूदी असक़लूंनी और जातीऔर अक़रूनी और 'अव्वीम भी।
מִתֵּימָ֞ן כָּל־אֶ֣רֶץ הַֽכְּנַעֲנִ֗י וּמְעָרָ֛ה אֲשֶׁ֥ר לַצִּידֹנִ֖ים עַד־אֲפֵ֑קָה עַ֖ד גְּב֥וּל הָאֱמֹרִֽי׃ 4
जो दख्खिन की तरफ़ हैं और कना'नियों का सारा मुल्क और मग़ारह जो सैदानियों का है, अफ़ीक़ या'नी अमूरियों की सरहद तक।
וְהָאָ֣רֶץ הַגִּבְלִ֗י וְכָל־הַלְּבָנוֹן֙ מִזְרַ֣ח הַשֶּׁ֔מֶשׁ מִבַּ֣עַל גָּ֔ד תַּ֖חַת הַר־חֶרְמ֑וֹן עַ֖ד לְב֥וֹא חֲמָֽת׃ 5
और जिब्लियों का मुल्क और पूरब की तरफ़ बा'ल जद से जो कोह — ए — हरमून के नीचे है, हिमात के मद्खल तक सारा लुबनान।
כָּל־יֹשְׁבֵ֣י הָ֠הָר מִֽן־הַלְּבָנ֞וֹן עַד־מִשְׂרְפֹ֥ת מַ֙יִם֙ כָּל־צִ֣ידֹנִ֔ים אָֽנֹכִי֙ אוֹרִישֵׁ֔ם מִפְּנֵ֖י בְּנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֑ל רַ֠ק הַפִּלֶ֤הָ לְיִשְׂרָאֵל֙ בְּֽנַחֲלָ֔ה כַּאֲשֶׁ֖ר צִוִּיתִֽיךָ׃ 6
फिर लुबनान से मिसरफ़ात अलमाईम तक पहाड़ी मुल्क के सब बाशिंदे या'नी सब सैदानी। उनको मैं बनी इस्राईल के सामने से निकाल डालूँगा, तू सिर्फ़ जैसा मैंने तुझको हुक्म दिया है, मीरास के तौर पर उसे इस्राईलियों को तक़सीम कर दे,
וְעַתָּ֗ה חַלֵּ֞ק אֶת־הָאָ֧רֶץ הַזֹּ֛את בְּנַחֲלָ֖ה לְתִשְׁעַ֣ת הַשְּׁבָטִ֑ים וַחֲצִ֖י הַשֵּׁ֥בֶט הַֽמְנַשֶּֽׁה׃ 7
इसलिए तू इस मुल्क को उन नौ क़बीलों और मनस्सी के आधे क़बीले को मीरास के तौर पर बाँट दे,
עִמּ֗וֹ הָרֽאוּבֵנִי֙ וְהַגָּדִ֔י לָקְח֖וּ נַחֲלָתָ֑ם אֲשֶׁר֩ נָתַ֨ן לָהֶ֜ם מֹשֶׁ֗ה בְּעֵ֤בֶר הַיַּרְדֵּן֙ מִזְרָ֔חָה כַּאֲשֶׁר֙ נָתַ֣ן לָהֶ֔ם מֹשֶׁ֖ה עֶ֥בֶד יְהוָֽה׃ 8
मनस्सी के साथ बनी रूबिन और बनी जद ने अपनी अपनी मीरास पा ली थी जिसे मूसा ने यरदन के उस पार पूरब की तरफ़ उनको दिया था, क्यूँकि ख़ुदावन्द के बन्दे मूसा ने उसे उन ही को दिया था, या'नी: ।
מֵעֲרוֹעֵ֡ר אֲשֶׁר֩ עַל־שְׂפַת־נַ֨חַל אַרְנ֜וֹן וְהָעִ֨יר אֲשֶׁ֧ר בְּתוֹךְ־הַנַּ֛חַל וְכָל־הַמִּישֹׁ֥ר מֵידְבָ֖א עַד־דִּיבֽוֹן׃ 9
'अरो'ईर से जो वादी — ए — अरनून के किनारे आबाद है शुरू', करके वह शहर जो वादी के बीच में है, मिदबा का सारा मैदान दीबोन तक,
וְכֹ֗ל עָרֵי֙ סִיחוֹן֙ מֶ֣לֶךְ הָאֱמֹרִ֔י אֲשֶׁ֥ר מָלַ֖ךְ בְּחֶשְׁבּ֑וֹן עַד־גְּב֖וּל בְּנֵ֥י עַמּֽוֹן׃ 10
और अमूरियों के बादशाह सीहोन के सब शहर जो हसबून में सल्तनत करता था बनी 'अम्मून की सरहद तक।
וְהַגִּלְעָ֞ד וּגְב֧וּל הַגְּשׁוּרִ֣י וְהַמַּעֲכָתִ֗י וְכֹ֨ל הַ֥ר חֶרְמ֛וֹן וְכָל־הַבָּשָׁ֖ן עַד־סַלְכָֽה׃ 11
और जिल'आद और जसूरियों और मा'कातियों की नवाही और सारा कोह — ए — हरमून और सारा बसन सलका तक।
כָּל־מַמְלְכ֥וּת עוֹג֙ בַּבָּשָׁ֔ן אֲשֶׁר־מָלַ֥ךְ בְּעַשְׁתָּר֖וֹת וּבְאֶדְרֶ֑עִי ה֤וּא נִשְׁאַר֙ מִיֶּ֣תֶר הָרְפָאִ֔ים וַיַּכֵּ֥ם מֹשֶׁ֖ה וַיֹּרִשֵֽׁם׃ 12
और 'ओज जो रिफ़ाईम की बक़िया नसल से था और 'इस्तारात और अदराई में हुक्मरान था उसका सारा 'इलाक़ा जो बसन में था क्यूँकि मूसा ने उनको मार कर अलग कर दिया था।
וְלֹ֤א הוֹרִ֙ישׁוּ֙ בְּנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֔ל אֶת־הַגְּשׁוּרִ֖י וְאֶת־הַמַּעֲכָתִ֑י וַיֵּ֨שֶׁב גְּשׁ֤וּר וּמַֽעֲכָת֙ בְּקֶ֣רֶב יִשְׂרָאֵ֔ל עַ֖ד הַיּ֥וֹם הַזֶּֽה׃ 13
तो भी बनी इस्राईल ने जसूरियों और मा'कात्तियों को नहीं निकाला चुनाँचे जसूरी और मा'काती आज तक इस्राईलियों के बीच बसे हुए हैं।
רַ֚ק לְשֵׁ֣בֶט הַלֵּוִ֔י לֹ֥א נָתַ֖ן נַחֲלָ֑ה אִשֵּׁ֨י יְהוָ֜ה אֱלֹהֵ֤י יִשְׂרָאֵל֙ ה֣וּא נַחֲלָת֔וֹ כַּאֲשֶׁ֖ר דִּבֶּר־לֽוֹ׃ ס 14
सिर्फ़ लावी के क़बीले को उस ने कोई मीरास नहीं दी; क्यूँकी ख़ुदावन्द इस्राईल के ख़ुदा की आतिशीन क़ुर्बानियाँ उसकी मीरास हैं, जैसा उसने उससे कहा था।
וַיִּתֵּ֣ן מֹשֶׁ֔ה לְמַטֵּ֥ה בְנֵֽי־רְאוּבֵ֖ן לְמִשְׁפְּחֹתָֽם׃ 15
और मूसा ने बनी रूबिन के क़बीले को उनके घरानों के मुताबिक़ मीरास दी,
וַיְהִ֨י לָהֶ֜ם הַגְּב֗וּל מֵעֲרוֹעֵ֡ר אֲשֶׁר֩ עַל־שְׂפַת־נַ֨חַל אַרְנ֜וֹן וְהָעִ֨יר אֲשֶׁ֧ר בְּתוֹךְ־הַנַּ֛חַל וְכָל־הַמִּישֹׁ֖ר עַל־מֵידְבָֽא׃ 16
और उनकी सरहद यह थी: या'नी 'अरो'ईर से जो वादी — ए — अरनोन के किनारे आबाद है, और वह शहर जो पहाड़ के बीच में है, और मिदबा के पास का सारा मैदान;
חֶשְׁבּ֥וֹן וְכָל־עָרֶ֖יהָ אֲשֶׁ֣ר בַּמִּישֹׁ֑ר דִּיבוֹן֙ וּבָמ֣וֹת בַּ֔עַל וּבֵ֖ית בַּ֥עַל מְעֽוֹן׃ 17
हस्बोन और उसके सब शहर जो मैदान में हैं, दीबोन और बामात बा'ल, बैत बा'ल म'ऊन,
וְיַ֥הְצָה וּקְדֵמֹ֖ת וּמֵפָֽעַת׃ 18
और यहसाह, और क़दीमात, और मफ़'अत,
וְקִרְיָתַ֣יִם וְשִׂבְמָ֔ה וְצֶ֥רֶת הַשַּׁ֖חַר בְּהַ֥ר הָעֵֽמֶק׃ 19
और क़रीताईम, और सिबमाह, और ज़रत — उल — सहर जो पहाड़ के किनारे में हैं,
וּבֵ֥ית פְּע֛וֹר וְאַשְׁדּ֥וֹת הַפִּסְגָּ֖ה וּבֵ֥ית הַיְשִׁמֽוֹת׃ 20
और बैत फ़गू़र, और पिसगा के दामन की ज़मीन, और बैत यसीमोत,
וְכֹל֙ עָרֵ֣י הַמִּישֹׁ֔ר וְכָֽל־מַמְלְכ֗וּת סִיחוֹן֙ מֶ֣לֶךְ הָאֱמֹרִ֔י אֲשֶׁ֥ר מָלַ֖ךְ בְּחֶשְׁבּ֑וֹן אֲשֶׁר֩ הִכָּ֨ה מֹשֶׁ֜ה אֹת֣וֹ ׀ וְאֶת־נְשִׂיאֵ֣י מִדְיָ֗ן אֶת־אֱוִ֤י וְאֶת־רֶ֙קֶם֙ וְאֶת־צ֤וּר וְאֶת־חוּר֙ וְאֶת־רֶ֔בַע נְסִיכֵ֣י סִיח֔וֹן יֹשְׁבֵ֖י הָאָֽרֶץ׃ 21
और मैदान के सब शहर और अमोरियों के बादशाह सीहोन का सारा मुल्क़ जो हसबोन में सल्तनत करता था, जिसे मूसा ने मिदियान के रईसों ईव्वी और रक़म और सूर और हूर और रब्बा, सीहोन के रईसों के साथ जो उस मुल्क़ में बसते थे, क़त्ल किया था।
וְאֶת־בִּלְעָ֥ם בֶּן־בְּע֖וֹר הַקּוֹסֵ֑ם הָרְג֧וּ בְנֵֽי־יִשְׂרָאֵ֛ל בַּחֶ֖רֶב אֶל־חַלְלֵיהֶֽם׃ 22
और ब'ओर के बेटे बल'आम को भी जो नजूमी था, बनी इस्राईल ने तलवार से क़त्ल करके उनके मक़तूलों के साथ मिला दिया था।
וַיְהִ֗י גְּבוּל֙ בְּנֵ֣י רְאוּבֵ֔ן הַיַּרְדֵּ֖ן וּגְב֑וּל זֹ֣את נַחֲלַ֤ת בְּנֵֽי־רְאוּבֵן֙ לְמִשְׁפְּחֹתָ֔ם הֶעָרִ֖ים וְחַצְרֵיהֶֽן׃ פ 23
और यरदन और उसके 'इलाक़े बनी रूबिन की सरहद थी। यही शहर और उनके गाँव बनी रूबिन के घरानों के मुताबिक़ उनके वारिस ठहरे।
וַיִּתֵּ֤ן מֹשֶׁה֙ לְמַטֵּה־גָ֔ד לִבְנֵי־גָ֖ד לְמִשְׁפְּחֹתָֽם׃ 24
और मूसा ने जद्द के क़बीले या'नी बनी जद्द को उनके घरानों के मुताबिक़ मीरास दी।
וַיְהִ֤י לָהֶם֙ הַגְּב֔וּל יַעְזֵר֙ וְכָל־עָרֵ֣י הַגִּלְעָ֔ד וַחֲצִ֕י אֶ֖רֶץ בְּנֵ֣י עַמּ֑וֹן עַד־עֲרוֹעֵ֕ר אֲשֶׁ֖ר עַל־פְּנֵ֥י רַבָּֽה׃ 25
और उनकी सरहद यह थी: या'ज़ेर और जिल'आद के सब शहर और बनी 'अम्मोन का आधा मुल्क़, 'अरो'ईर तक जो रब्बा के सामने है।
וּמֵחֶשְׁבּ֛וֹן עַד־רָמַ֥ת הַמִּצְפֶּ֖ה וּבְטֹנִ֑ים וּמִֽמַּחֲנַ֖יִם עַד־גְּב֥וּל לִדְבִֽר׃ 26
और हसबोन से रामात उल मिस्फ़ाह और बतूनीम तक, और महनाईम से दबीर की सरहद तक।
וּבָעֵ֡מֶק בֵּ֣ית הָרָם֩ וּבֵ֨ית נִמְרָ֜ה וְסֻכּ֣וֹת וְצָפ֗וֹן יֶ֚תֶר מַמְלְכ֗וּת סִיחוֹן֙ מֶ֣לֶךְ חֶשְׁבּ֔וֹן הַיַּרְדֵּ֖ן וּגְבֻ֑ל עַד־קְצֵה֙ יָם־כִּנֶּ֔רֶת עֵ֥בֶר הַיַּרְדֵּ֖ן מִזְרָֽחָה׃ 27
और वादी में बैत हारम, और बैत निमरा, और सुक्कात, और सफ़ोन, या'नी हस्बोन के बादशाह सीहोन की अक़लीम का बाक़ी हिस्सा, और यरदन के उस पार पूरब की तरफ़ किन्नरत की झील के उस सिरे तक, यरदन और उस की सारी नवाही।
זֹ֛את נַחֲלַ֥ת בְּנֵי־גָ֖ד לְמִשְׁפְּחֹתָ֑ם הֶעָרִ֖ים וְחַצְרֵיהֶֽם׃ 28
यही शहर और इनके गाँव बनी जद्द के घरानों के मुताबिक़ उनकी मीरास ठहरे।
וַיִּתֵּ֣ן מֹשֶׁ֔ה לַחֲצִ֖י שֵׁ֣בֶט מְנַשֶּׁ֑ה וַיְהִ֗י לַחֲצִ֛י מַטֵּ֥ה בְנֵֽי־מְנַשֶּׁ֖ה לְמִשְׁפְּחוֹתָֽם׃ 29
और मूसा ने मनस्सी के आधे क़बीले को भी मीरास दी, यह बनी मनस्सी के घरानों के मुताबिक़ उनके आधे क़बीले के लिए थी।
וַיְהִ֣י גְבוּלָ֗ם מִמַּחֲנַ֨יִם כָּֽל־הַבָּשָׁ֜ן כָּֽל־מַמְלְכ֣וּת ׀ ע֣וֹג מֶֽלֶךְ־הַבָּשָׁ֗ן וְכָל־חַוֺּ֥ת יָאִ֛יר אֲשֶׁ֥ר בַּבָּשָׁ֖ן שִׁשִּׁ֥ים עִֽיר׃ 30
और उनकी सरहद यह थी: महनाईम से लेकर सारा बसन और बसन के बादशाह 'ओज़ की तमाम अक़लीम, और याईर के सब क़स्बे जो बसन में हैं वह साठ शहर हैं,
וַחֲצִ֤י הַגִּלְעָד֙ וְעַשְׁתָּר֣וֹת וְאֶדְרֶ֔עִי עָרֵ֛י מַמְלְכ֥וּת ע֖וֹג בַּבָּשָׁ֑ן לִבְנֵ֤י מָכִיר֙ בֶּן־מְנַשֶּׁ֔ה לַחֲצִ֥י בְנֵֽי־מָכִ֖יר לְמִשְׁפְּחוֹתָֽם׃ 31
और आधा जिल'आद और 'इस्तारात और अदराई जो बसन के बादशाह 'ओज़ के शहर थे, मनस्सी के बेटे मकीर की औलाद को मिले, या'नी मकीर की औलाद के आधे को उनके घरानों के मुताबिक़ यह मिले।
אֵ֕לֶּה אֲשֶׁר־נִחַ֥ל מֹשֶׁ֖ה בְּעַֽרְב֣וֹת מוֹאָ֑ב מֵעֵ֛בֶר לְיַרְדֵּ֥ן יְרִיח֖וֹ מִזְרָֽחָה׃ ס 32
यही वह हिस्से हैं जिनको मूसा ने यरीहू के पास मोआब के मैदानों में यरदन के उस पार पूरब की तरफ़ मीरास के तौर पर तक़सीम किया।
וּלְשֵׁ֙בֶט֙ הַלֵּוִ֔י לֹֽא־נָתַ֥ן מֹשֶׁ֖ה נַחֲלָ֑ה יְהוָ֞ה אֱלֹהֵ֤י יִשְׂרָאֵל֙ ה֣וּא נַחֲלָתָ֔ם כַּאֲשֶׁ֖ר דִּבֶּ֥ר לָהֶֽם׃ 33
लेकिन लावी के क़बीले को मूसा ने कोई मीरास नही दी; क्यूँकि ख़ुदावन्द इस्राईल का ख़ुदा उनकी मीरास है, जैसा उसने उनसे ख़ुद कहा।

< יְהוֹשֻעַ 13 >