< יְשַׁעְיָהוּ 11 >

וְיָצָ֥א חֹ֖טֶר מִגֵּ֣זַע יִשָׁ֑י וְנֵ֖צֶר מִשָּׁרָשָׁ֥יו יִפְרֶֽה׃ 1
और यस्सी के तने से एक कोंपल निकलेगी और उसकी जड़ों से एक बारआवर शाख़ पैदा होगी।
וְנָחָ֥ה עָלָ֖יו ר֣וּחַ יְהוָ֑ה ר֧וּחַ חָכְמָ֣ה וּבִינָ֗ה ר֤וּחַ עֵצָה֙ וּגְבוּרָ֔ה ר֥וּחַ דַּ֖עַת וְיִרְאַ֥ת יְהוָֽה׃ 2
और ख़ुदावन्द की रूह उस पर ठहरेगी हिकमत और ख़िरद की रूह, मसलहत और क़ुदरत की रूह, मा'रिफ़त और ख़ुदावन्द के ख़ौफ़ की रूह।
וַהֲרִיחֹ֖ו בְּיִרְאַ֣ת יְהוָ֑ה וְלֹֽא־לְמַרְאֵ֤ה עֵינָיו֙ יִשְׁפֹּ֔וט וְלֹֽא־לְמִשְׁמַ֥ע אָזְנָ֖יו יֹוכִֽיחַ׃ 3
और उसकी शादमानी ख़ुदावन्द के ख़ौफ़ में होगी। और वह न अपनी आँखों के देखने के मुताबिक़ इन्साफ़ करेगा, और न अपने कानों के सुनने के मुवाफ़िक़ फ़ैसला करेगा;
וְשָׁפַ֤ט בְּצֶ֙דֶק֙ דַּלִּ֔ים וְהֹוכִ֥יחַ בְּמִישֹׁ֖ור לְעַנְוֵי־אָ֑רֶץ וְהִֽכָּה־אֶ֙רֶץ֙ בְּשֵׁ֣בֶט פִּ֔יו וּבְר֥וּחַ שְׂפָתָ֖יו יָמִ֥ית רָשָֽׁע׃ 4
बल्कि वह रास्ती से ग़रीबों का इन्साफ़ करेगा, और 'अद्ल से ज़मीन के ख़ाकसारों का फ़ैसला करेगा; और वह अपनी ज़बान के 'असा से ज़मीन को मारेगा, और अपने लबों के दम से शरीरों को फ़ना कर डालेगा।
וְהָ֥יָה צֶ֖דֶק אֵזֹ֣ור מָתְנָ֑יו וְהָאֱמוּנָ֖ה אֵזֹ֥ור חֲלָצָֽיו׃ 5
उसकी कमर का पटका रास्तबाज़ी होगी और उसके पहलू पर वफ़ादारी का पटका होगा।
וְגָ֤ר זְאֵב֙ עִם־כֶּ֔בֶשׂ וְנָמֵ֖ר עִם־גְּדִ֣י יִרְבָּ֑ץ וְעֵ֨גֶל וּכְפִ֤יר וּמְרִיא֙ יַחְדָּ֔ו וְנַ֥עַר קָטֹ֖ן נֹהֵ֥ג בָּֽם׃ 6
तब भेड़िया बर्रे के साथ रहेगा, और चीता बकरी के बच्चे के साथ बैठेगा, और बछड़ा और शेर बच्चा और पला हुआ बैल पेशरवी करेगा।
וּפָרָ֤ה וָדֹב֙ תִּרְעֶ֔ינָה יַחְדָּ֖ו יִרְבְּצ֣וּ יַלְדֵיהֶ֑ן וְאַרְיֵ֖ה כַּבָּקָ֥ר יֹֽאכַל־תֶּֽבֶן׃ 7
गाय और रीछनी मिलकर चरेंगी उनके बच्चे इकट्ठे बैठेंगे और शेर — ए — बबर बैल की तरह भूसा खाएगा।
וְשִֽׁעֲשַׁ֥ע יֹונֵ֖ק עַל־חֻ֣ר פָּ֑תֶן וְעַל֙ מְאוּרַ֣ת צִפְעֹונִ֔י גָּמ֖וּל יָדֹ֥ו הָדָֽה׃ 8
और दूध पीता बच्चा सॉंप के बिल के पास खेलेगा, और वह लड़का जिसका दूध छुड़ाया गया हो अफ़ई के बिल में हाथ डालेगा।
לֹֽא־יָרֵ֥עוּ וְלֹֽא־יַשְׁחִ֖יתוּ בְּכָל־הַ֣ר קָדְשִׁ֑י כִּֽי־מָלְאָ֣ה הָאָ֗רֶץ דֵּעָה֙ אֶת־יְהוָ֔ה כַּמַּ֖יִם לַיָּ֥ם מְכַסִּֽים׃ פ 9
वह मेरे तमाम पाक पहाड़ पर न नुक़्सान पहुँचाएँगें न हलाक करेंगे क्यूँकि जिस तरह समन्दर पानी से भरा है उसी तरह ज़मीन ख़ुदावन्द के इरफ़ान से मा'मूर होगी।
וְהָיָה֙ בַּיֹּ֣ום הַה֔וּא שֹׁ֣רֶשׁ יִשַׁ֗י אֲשֶׁ֤ר עֹמֵד֙ לְנֵ֣ס עַמִּ֔ים אֵלָ֖יו גֹּויִ֣ם יִדְרֹ֑שׁוּ וְהָיְתָ֥ה מְנֻחָתֹ֖ו כָּבֹֽוד׃ פ 10
और उस वक़्त यूँ होगा कि लोग यस्सी की उस जड़ के तालिब होंगे, जो लोगों के लिए एक निशान है; और उसकी आरामगाह जलाली होगी।
וְהָיָ֣ה ׀ בַּיֹּ֣ום הַה֗וּא יֹוסִ֨יף אֲדֹנָ֤י ׀ שֵׁנִית֙ יָדֹ֔ו לִקְנֹ֖ות אֶת־שְׁאָ֣ר עַמֹּ֑ו אֲשֶׁ֣ר יִשָּׁאֵר֩ מֵאַשּׁ֨וּר וּמִמִּצְרַ֜יִם וּמִפַּתְרֹ֣וס וּמִכּ֗וּשׁ וּמֵעֵילָ֤ם וּמִשִּׁנְעָר֙ וּמֵ֣חֲמָ֔ת וּמֵאִיֵּ֖י הַיָּֽם׃ 11
उस वक़्त यूँ होगा कि ख़ुदावन्द दूसरी मर्तबा अपना हाथ बढ़ाएगा कि अपने लोगों का बक़िया या जो बच रहा हो, असूर और मिस्र और फ़त्रूस और कूश और इलाम और सिन'आर और हमात और समन्दर की अतराफ़ से वापस लाए।
וְנָשָׂ֥א נֵס֙ לַגֹּויִ֔ם וְאָסַ֖ף נִדְחֵ֣י יִשְׂרָאֵ֑ל וּנְפֻצֹ֤ות יְהוּדָה֙ יְקַבֵּ֔ץ מֵאַרְבַּ֖ע כַּנְפֹ֥ות הָאָֽרֶץ׃ 12
और वह क़ौमों के लिए एक झंडा खड़ा करेगा और उन इस्राईलियों को जो ख़ारिज किए गए हों जमा' करेगा; और सब बनी यहूदाह को जो तितर बितर होंगे, ज़मीन के चारों तरफ़ से इकठ्ठा करेगा।
וְסָ֙רָה֙ קִנְאַ֣ת אֶפְרַ֔יִם וְצֹרְרֵ֥י יְהוּדָ֖ה יִכָּרֵ֑תוּ אֶפְרַ֙יִם֙ לֹֽא־יְקַנֵּ֣א אֶת־יְהוּדָ֔ה וִֽיהוּדָ֖ה לֹֽא־יָצֹ֥ר אֶת־אֶפְרָֽיִם׃ 13
तब बनी इफ़्राईम में हसद न रहेगा और बनी यहूदाह के दुश्मन काट डाले जाएँगे, बनी इफ़्राईम बनी यहूदाह पर हसद न करेंगे और बनी यहूदाह बनी इफ़्राईम से कीना न रख्खेंगे।
וְעָפ֨וּ בְכָתֵ֤ף פְּלִשְׁתִּים֙ יָ֔מָּה יַחְדָּ֖ו יָבֹ֣זּוּ אֶת־בְּנֵי־קֶ֑דֶם אֱדֹ֤ום וּמֹואָב֙ מִשְׁלֹ֣וח יָדָ֔ם וּבְנֵ֥י עַמֹּ֖ון מִשְׁמַעְתָּֽם׃ 14
और वह पश्चिम की तरफ़ फ़िलिस्तियों के कंधों पर झपटेंगे, और वह मिलकर पूरब के बसनेवालों को लूटेंगे, और अदोम और मोआब पर हाथ डालेंगे; और बनी 'अम्मोन उनके फ़रमाबरदार होंगे।
וְהֶחֱרִ֣ים יְהוָ֗ה אֵ֚ת לְשֹׁ֣ון יָם־מִצְרַ֔יִם וְהֵנִ֥יף יָדֹ֛ו עַל־הַנָּהָ֖ר בַּעְיָ֣ם רוּחֹ֑ו וְהִכָּ֙הוּ֙ לְשִׁבְעָ֣ה נְחָלִ֔ים וְהִדְרִ֖יךְ בַּנְּעָלִֽים׃ 15
तब ख़ुदावन्द बहर — ए — मिस्र की ख़लीज को बिल्कुल हलाक कर देगा, और अपनी बाद — ए — समूम से दरिया — ए — फ़रात पर हाथ चलाएगा और उसको सात नाले कर देगा, ऐसा करेगा कि लोग जूते पहने हुऐ पार चले जाएँगे।
וְהָיְתָ֣ה מְסִלָּ֔ה לִשְׁאָ֣ר עַמֹּ֔ו אֲשֶׁ֥ר יִשָּׁאֵ֖ר מֵֽאַשּׁ֑וּר כַּאֲשֶׁ֤ר הָֽיְתָה֙ לְיִשְׂרָאֵ֔ל בְּיֹ֥ום עֲלֹתֹ֖ו מֵאֶ֥רֶץ מִצְרָֽיִם׃ 16
और उसके बाक़ी लोगों के लिए जो असूर में से बच रहेंगे, एक ऐसी शाहराह होगी जैसी बनी — इस्राईल के लिए थी, जब वह मुल्क — ए — मिस्र से निकले।

< יְשַׁעְיָהוּ 11 >