< 詩篇 78 >

1 亞薩的訓誨詩。 我的民哪,你們要留心聽我的訓誨, 側耳聽我口中的話。
ऐ मेरे लोगों मेरी शरी'अत को सुनो मेरे मुँह की बातों पर कान लगाओ।
2 我要開口說比喻; 我要說出古時的謎語,
मैं तम्सील में कलाम करूँगा, और पुराने पोशीदा राज़ कहूँगा,
3 是我們所聽見、所知道的, 也是我們的祖宗告訴我們的。
जिनको हम ने सुना और जान लिया, और हमारे बाप — दादा ने हम को बताया।
4 我們不將這些事向他們的子孫隱瞞, 要將耶和華的美德和他的能力, 並他奇妙的作為,述說給後代聽。
और जिनको हम उनकी औलाद से पोशीदा नहीं रख्खेंगे; बल्कि आइंदा नसल को भी ख़ुदावन्द की ता'रीफ़, और उसकी कु़दरत और 'अजाईब जो उसने किए बताएँगे।
5 因為,他在雅各中立法度, 在以色列中設律法; 是他吩咐我們祖宗要傳給子孫的,
क्यूँकि उसने या'कू़ब में एक शहादत क़ाईम की, और इस्राईल में शरी'अत मुक़र्रर की, जिनके बारे में उसने हमारे बाप दादा को हुक्म दिया, कि वह अपनी औलाद को उनकी ता'लीम दें,
6 使將要生的後代子孫可以曉得; 他們也要起來告訴他們的子孫,
ताकि आइंदा नसल, या'नी वह फ़र्ज़न्द जो पैदा होंगे, उनको जान लें: और वह बड़े होकर अपनी औलाद को सिखाएँ,
7 好叫他們仰望上帝, 不忘記上帝的作為, 惟要守他的命令。
कि वह ख़ुदा पर उम्मीद रखें, और उसके कामों को भूल न जाएँ, बल्कि उसके हुक्मों पर 'अमल करें;
8 不要像他們的祖宗, 是頑梗悖逆、居心不正之輩, 向着上帝,心不誠實。
और अपने बाप — दादा की तरह, सरकश और बाग़ी नसल न बनें: ऐसी नसल जिसने अपना दिल दुरुस्त न किया और जिसकी रूह ख़ुदा के सामने वफ़ादार न रही।
9 以法蓮的子孫帶着兵器,拿着弓, 臨陣之日轉身退後。
बनी इफ़्राईम हथियार बन्द होकर और कमाने रखते हुए लड़ाई के दिन फिर गए।
10 他們不遵守上帝的約, 不肯照他的律法行;
उन्होंने ख़ुदा के 'अहद को क़ाईम न रख्खा, और उसकी शरी'अत पर चलने से इन्कार किया।
11 又忘記他所行的 和他顯給他們奇妙的作為。
और उसके कामों को और उसके'अजायब को, जो उसने उनको दिखाए थे भूल गए।
12 他在埃及地,在瑣安田, 在他們祖宗的眼前施行奇事。
उसने मुल्क — ए — मिस्र में जुअन के इलाके में, उनके बाप — दादा के सामने 'अजीब — ओ — ग़रीब काम किए।
13 他將海分裂,使他們過去, 又叫水立起如壘。
उसने समुन्दर के दो हिस्से करके उनको पार उतारा, और पानी को तूदे की तरह खड़ा कर दिया।
14 他白日用雲彩, 終夜用火光引導他們。
उसने दिन को बादल से उनकी रहबरी की, और रात भर आग की रोशनी से।
15 他在曠野分裂磐石, 多多地給他們水喝,如從深淵而出。
उसने वीरान में चट्टानों को चीरा, और उनको जैसे बहर से खू़ब पिलाया।
16 他使水從磐石湧出, 叫水如江河下流。
उसने चट्टान में से नदियाँ जारी कीं, और दरियाओं की तरह पानी बहाया।
17 他們卻仍舊得罪他, 在乾燥之地悖逆至高者。
तोभी वह उसके ख़िलाफ़ गुनाह करते ही गए, और वीरान में हक़ता'ला से सरकशी करते रहे।
18 他們心中試探上帝, 隨自己所欲的求食物,
और उन्होंने अपनी ख़्वाहिश के मुताबिक़ खाना मांग कर अपने दिल में ख़ुदा को आज़माया।
19 並且妄論上帝說: 上帝在曠野豈能擺設筵席嗎?
बल्कि वह ख़ुदा के खि़लाफ़ बकने लगे, और कहा, “क्या ख़ुदा वीरान में दस्तरख़्वान बिछा सकता है?
20 他曾擊打磐石,使水湧出,成了江河; 他還能賜糧食嗎? 還能為他的百姓預備肉嗎?
देखो, उसने चट्टान को मारा तो पानी फूट निकला, और नदियाँ बहने लगीं क्या वह रोटी भी दे सकता है? क्या वह अपने लोगों के लिए गोश्त मुहय्या कर देगा?”
21 所以,耶和華聽見就發怒; 有烈火向雅各燒起; 有怒氣向以色列上騰;
तब ख़ुदावन्द सुन कर गज़बनाक हुआ, और या'कू़ब के ख़िलाफ़ आग भड़क उठी, और इस्राईल पर क़हर टूट पड़ा;
22 因為他們不信服上帝, 不倚賴他的救恩。
इसलिए कि वह ख़ुदा पर ईमान न लाए, और उसकी नजात पर भरोसा न किया।
23 他卻吩咐天空, 又敞開天上的門,
तोभी उसने आसमानों को हुक्म दिया, और आसमान के दरवाज़े खोले:
24 降嗎哪,像雨給他們吃, 將天上的糧食賜給他們。
और खाने के लिए उन पर मन्न बरसाया, और उनको आसमानी खू़राक बख़्शी।
25 各人吃大能者的食物; 他賜下糧食,使他們飽足。
इंसान ने फ़रिश्तों की गिज़ा खाई: उसने खाना भेजकर उनको आसूदा किया।
26 他領東風起在天空, 又用能力引了南風來。
उसने आसमान में पुर्वा चलाई, और अपनी कु़दरत से दखना बहाई।
27 他降肉,像雨在他們當中,多如塵土, 又降飛鳥,多如海沙,
उसने उन पर गोश्त को ख़ाक की तरह बरसाया, और परिन्दों को समन्दर की रेत की तरह;
28 落在他們的營中, 在他們住處的四面。
जिनको उसने उनकी खे़मागाह में, उनके घरों के आसपास गिराया।
29 他們吃了,而且飽足; 這樣就隨了他們所欲的。
तब वह खाकर खू़ब सेर हुए, और उसने उनकी ख़्वाहिश पूरी की।
30 他們貪而無厭, 食物還在他們口中的時候,
वह अपनी ख्वाहिश से बाज़ न आए, और उनका खाना उनके मुँह ही में था।
31 上帝的怒氣就向他們上騰, 殺了他們內中的肥壯人, 打倒以色列的少年人。
कि ख़ुदा का ग़ज़ब उन पर टूट पड़ा, और उनके सबसे मोटे ताज़े आदमी क़त्ल किए, और इस्राईली जवानों को मार गिराया।
32 雖是這樣,他們仍舊犯罪, 不信他奇妙的作為。
बावुजूद इन सब बातों कि वह गुनाह करते ही रहे; और उसके 'अजीब — ओ — ग़रीब कामों पर ईमान न लाए।
33 因此,他叫他們的日子全歸虛空, 叫他們的年歲盡屬驚恐。
इसलिए उसने उनके दिनों को बतालत से, और उनके बरसों को दहशत से तमाम कर दिया।
34 他殺他們的時候,他們才求問他, 回心轉意,切切地尋求上帝。
जब वह उनको कत्ल करने लगा, तो वह उसके तालिब हुए; और रुजू होकर दिल — ओ — जान से ख़ुदा को ढूंडने लगे।
35 他們也追念上帝是他們的磐石, 至高的上帝是他們的救贖主。
और उनको याद आया कि ख़ुदा उनकी चट्टान, और ख़ुदा ता'ला उनका फ़िदिया देने वाला है।
36 他們卻用口諂媚他, 用舌向他說謊。
लेकिन उन्होंने अपने मुँह से उसकी ख़ुशामद की, और अपनी ज़बान से उससे झूट बोला।
37 因他們的心向他不正, 在他的約上也不忠心。
क्यूँकि उनका दिल उसके सामने दुरुस्त और वह उसके 'अहद में वफ़ादार न निकले।
38 但他有憐憫, 赦免他們的罪孽, 不滅絕他們, 而且屢次消他的怒氣, 不發盡他的忿怒。
लेकिन वह रहीम होकर बदकारी मु'आफ़ करता है, और हलाक नहीं करता; बल्कि बारहा अपने क़हर को रोक लेता है, और अपने पूरे ग़ज़ब को भड़कने नहीं देता।
39 他想到他們不過是血氣, 是一陣去而不返的風。
और उसे याद रहता है कि यह महज़ बशर है। या'नी हवा जो चली जाती है और फिर नहीं आती।
40 他們在曠野悖逆他, 在荒地叫他擔憂,何其多呢!
कितनी बार उन्होंने वीरान में उससे सरकशी की और सेहरा में उसे दुख किया।
41 他們再三試探上帝, 惹動以色列的聖者。
और वह फिर ख़ुदा को आज़माने लगे और उन्होंने इस्राईल के ख़ुदा को नाराज़ किया।
42 他們不追念他的能力 和贖他們脫離敵人的日子;
उन्होंने उसके हाथ को याद न रखा, न उस दिन की जब उसने फ़िदिया देकर उनको मुख़ालिफ़ से रिहाई बख़्शी।
43 他怎樣在埃及地顯神蹟, 在瑣安田顯奇事,
उसने मिस्र में अपने निशान दिखाए, और जुअन के 'इलाके में अपने अजायब।
44 把他們的江河並河汊的水都變為血, 使他們不能喝。
और उनके दरियाओं को खू़न बना दिया और वह अपनी नदियों से पी न सके।
45 他叫蒼蠅成群落在他們當中,嘬盡他們, 又叫青蛙滅了他們,
उसने उन पर मच्छरों के ग़ोल भेजे जो उनको खा गए और मेंढ़क जिन्होंने उनको तबाह कर दिया।
46 把他們的土產交給螞蚱, 把他們辛苦得來的交給蝗蟲。
उसने उनकी पैदावार कीड़ों को और उनकी मेहनत का फल टिड्डियों को दे दिया।
47 他降冰雹打壞他們的葡萄樹, 下嚴霜打壞他們的桑樹,
उसने उनकी ताकों को ओलों से और उनके गूलर के दरख़्तों को पाले से मारा।
48 又把他們的牲畜交給冰雹, 把他們的群畜交給閃電。
उसने उनके चौपायों को ओलों के हवाले किया, और उनकी भेड़ बकरियों को बिजली के।
49 他使猛烈的怒氣和忿怒、惱恨、苦難 成了一群降災的使者,臨到他們。
उसने 'ऐज़ाब के फ़रिश्तों की फ़ौज भेज कर अपनी क़हर की शिद्दत ग़ैज़ — ओ — ग़जब और बला को उन पर नाज़िल किया।
50 他為自己的怒氣修平了路, 將他們交給瘟疫, 使他們死亡,
उसने अपने क़हर के लिए रास्ता बनाया, और उनकी जान मौत से न बचाई, बल्कि उनकी ज़िन्दगी वबा के हवाले की।
51 在埃及擊殺一切長子, 在含的帳棚中擊殺他們強壯時頭生的。
उसने मिस्र के सब पहलौठों को, या'नी हाम के घरों में उनकी ताक़त के पहले फल को मारा:
52 他卻領出自己的民如羊, 在曠野引他們如羊群。
लेकिन वह अपने लोगों को भेड़ों की तरह ले चला, और वीरान में ग़ल्ले की तरह उनकी रहनुमाई की।
53 他領他們穩穩妥妥地,使他們不致害怕; 海卻淹沒他們的仇敵。
और वह उनको सलामत ले गया और वह न डरे, लेकिन उनके दुश्मनों को समन्दर ने छिपा लिया।
54 他帶他們到自己聖地的邊界, 到他右手所得的這山地。
और वह उनको अपने मक़दिस की सरहद तक लाया, या'नी उस पहाड़ तक जिसे उसके दहने हाथ ने हासिल किया था।
55 他在他們面前趕出外邦人, 用繩子將外邦的地量給他們為業, 叫以色列支派的人住在他們的帳棚裏。
उसने और क़ौमों को उनके सामने से निकाल दिया; जिनकी मीरास जरीब डाल कर उनको बाँट दी; और जिनके खे़मों में इस्राईल के क़बीलों को बसाया।
56 他們仍舊試探、悖逆至高的上帝, 不守他的法度,
तोभी उन्होंने ख़ुदाता'ला को आज़मायाऔर उससे सरकशी की, और उसकी शहादतों को न माना;
57 反倒退後,行詭詐,像他們的祖宗一樣; 他們改變,如同翻背的弓。
बल्कि नाफ़रमान होकर अपने बाप दादा की तरह बेवफ़ाई की और धोका देने वाली कमान की तरह एक तरफ़ को झुक गए।
58 因他們的邱壇惹了他的怒氣; 因他們雕刻的偶像觸動他的憤恨。
क्यूँकि उन्होंने अपने ऊँचे मक़ामों के वजह से उसका क़हर भड़काया, और अपनी खोदी हुई मूरतों से उसे गै़रत दिलाई।
59 上帝聽見就發怒, 極其憎惡以色列人。
ख़ुदा यह सुनकर गज़बनाक हुआ, और इस्राईल से सख़्त नफ़रत की।
60 甚至他離棄示羅的帳幕, 就是他在人間所搭的帳棚;
फिर उसने शीलोह के घर को छोड़ दिया, या'नी उस खे़मे को जो बनी आदम के बीच खड़ा किया था।
61 又將他的約櫃交與人擄去, 將他的榮耀交在敵人手中;
और उसने अपनी ताक़त को ग़ुलामी में, और अपनी हश्मत को मुख़ालिफ़ के हाथ में दे दिया।
62 並將他的百姓交與刀劍, 向他的產業發怒。
उसने अपने लोगों को तलवार के हवाले कर दिया, और वह अपनी मीरास से ग़ज़बनाक हो गया।
63 少年人被火燒滅; 處女也無喜歌。
आग उनके जवानों को खा गई, और उनकी कुँवारियों के सुहाग न गाए गए।
64 祭司倒在刀下, 寡婦卻不哀哭。
उनके काहिन तलवार से मारे गए, और उनकी बेवाओं ने नौहा न किया।
65 那時,主像世人睡醒, 像勇士飲酒呼喊。
तब ख़ुदावन्द जैसे नींद से जाग उठा, उस ज़बरदस्त आदमी की तरह जो मय की वजह से ललकारता हो।
66 他就打退了他的敵人, 叫他們永蒙羞辱;
और उसने अपने मुख़ालिफ़ों को मार कर पस्पा कर दिया; उसने उनको हमेशा के लिए रुस्वा किया।
67 並且他棄掉約瑟的帳棚, 不揀選以法蓮支派,
और उसने यूसुफ़ के ख़मे को छोड़ दिया; और इफ़्राईम के क़बीले को न चुना;
68 卻揀選猶大支派-他所喜愛的錫安山;
बल्कि यहूदाह के क़बीले को चुना! उसी कोह — ए — सिय्यून को जिससे उसको मुहब्बत थी।
69 蓋造他的聖所,好像高峰, 又像他建立永存之地;
और अपने मक़दिस को पहाड़ों की तरह तामीर किया, और ज़मीन की तरह जिसे उसने हमेशा के लिए क़ाईम किया है।
70 又揀選他的僕人大衛, 從羊圈中將他召來,
उसने अपने बन्दे दाऊद को भी चुना, और भेड़सालों में से उसे ले लिया;
71 叫他不再跟從那些帶奶的母羊, 為要牧養自己的百姓雅各 和自己的產業以色列。
वह उसे बच्चे वाली भेड़ों की चौपानी से हटा लाया, ताकि उसकी क़ौम या'कू़ब और उसकी मीरास इस्राईल की ग़ल्लेबानी करे।
72 於是,他按心中的純正牧養他們, 用手中的巧妙引導他們。
फिर उसने ख़ुलूस — ए — दिल से उनकी पासबानी की और अपने माहिर हाथों से उनकी रहनुमाई करता रहा।

< 詩篇 78 >