< ᎣᏍᏛ ᎧᏃᎮᏛ ᎹᎦ ᎤᏬᏪᎳᏅᎯ 2 >

1 ᏔᎵᏁᏃ ᎢᎸᏍᎩ ᏫᏄᏒᎸ ᎨᏆᏂ ᏭᏴᎴᎢ; ᏚᏃᏣᎶᏤᏃ ᎦᎵᏦᏕ ᎠᏯᎥᎢ.
कई दिन के बाद यीशु फिर कफरनहूम में आया और सुना गया, कि वह घर में है।
2 ᎩᎳᏉᏃ ᎢᏴᏛ ᎤᏂᏣᏘ ᏚᏂᎳᏫᏦᎴᎢ, ᎾᏍᎩ ᎢᏳᏍᏗ ᎥᏝ ᏳᏜᏓᏅᏕ, ᎥᏝ ᎾᏍᏉ ᎦᎶᎯᏍᏗᏳᎶᏗ; ᎧᏃᎮᏛᏃ ᏚᎵᏥᏙᏁᎴᎢ.
फिर इतने लोग इकट्ठे हुए, कि द्वार के पास भी जगह नहीं मिली; और वह उन्हें वचन सुना रहा था।
3 ᎬᏩᎷᏤᎴᏃ ᎩᎶ ᎢᏳᏍᏗ ᎤᎸᏓᎸᎥᏍᎩ ᎠᏂᏁᎮᎢ, ᎾᏍᎩ ᏅᎩ ᎢᏯᏂᏛ ᎬᏩᏃᎴᎢ.
और लोग एक लकवे के मारे हुए को चार मनुष्यों से उठवाकर उसके पास ले आए।
4 ᎤᏂᏄᎸᏅᏃ ᎦᏙᎬ ᎾᎥ ᎤᏂᎷᎯᏍᏗᏱ ᎠᏂᏁᏄᎸ ᎢᏳᏍᏗ, ᎤᏅᏁᏎ ᎾᎿᎭᎠᏯᎥᎢ; ᎤᏅᏁᏒᏃ, ᎡᎳᏗ ᏄᏅᏁᎴ ᎠᏤᏍᏙ ᎾᎿᎭᎤᎸᏓᎸᎥᏍᎩ ᎦᏅᎬᎢ.
परन्तु जब वे भीड़ के कारण उसके निकट न पहुँच सके, तो उन्होंने उस छत को जिसके नीचे वह था, खोल दिया और जब उसे उधेड़ चुके, तो उस खाट को जिस पर लकवे का मारा हुआ पड़ा था, लटका दिया।
5 ᏥᏌᏃ ᎤᎪᎲ ᎤᏃᎯᏳᏒᎢ, ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴ ᎤᎸᏓᎸᎥᏍᎩ, ᎠᏯᏥ, ᏣᏍᎦᏅᏨ ᎡᏣᏙᎵᎩ.
यीशु ने, उनका विश्वास देखकर, उस लकवे के मारे हुए से कहा, “हे पुत्र, तेरे पाप क्षमा हुए।”
6 ᎠᏎᏃ ᎾᎿᎭᎠᏂᏁ ᎩᎶ ᎢᏳᎾᏍᏗ ᏗᏃᏪᎵᏍᎩ, ᎯᎠ ᏄᏍᏕ ᎠᎾᏓᏅᏖᏍᎨ ᏙᏧᎾᏓᏅᏛᎢ,
तब कई एक शास्त्री जो वहाँ बैठे थे, अपने-अपने मन में विचार करने लगे,
7 ᎦᏙᏃ ᎯᎠ ᎠᏍᎦᏯ ᎯᎠ ᏂᎦᏪᎭ ᎢᎠᏐᏢᎢᏍᏗᎭ? ᎦᎪ ᏰᎵ ᎠᏍᎦᏅᏨ ᎬᏩᏓᏙᎵᏍᏗ, ᏌᏉᏉ ᎤᏩᏒ, ᎾᏍᎩ ᎤᏁᎳᏅᎯ?
“यह मनुष्य क्यों ऐसा कहता है? यह तो परमेश्वर की निन्दा करता है! परमेश्वर को छोड़ और कौन पाप क्षमा कर सकता है?”
8 ᎩᎳᏉᏃ ᎢᏴᏛ ᏥᏌ ᏧᏓᏅᏛ ᎤᏙᎴᎰᏒ ᏄᏍᏛ ᎠᎾᏓᏅᏖᏍᎬ ᏙᏧᎾᏓᏅᏛᎢ, ᎯᎠ ᏂᏚᏪᏎᎴᎢ; ᎦᏙᏃ ᎾᏍᎩ ᎯᎠ ᏂᎤᏍᏗ ᎢᏣᏓᏅᏖᎭ ᏙᏗᏣᏓᏅᏛᎢ?
यीशु ने तुरन्त अपनी आत्मा में जान लिया, कि वे अपने-अपने मन में ऐसा विचार कर रहे हैं, और उनसे कहा, “तुम अपने-अपने मन में यह विचार क्यों कर रहे हो?
9 ᎦᏙ ᎤᏍᏗ ᎤᏟ ᎠᎯᏗᏳ? ᏥᎪ ᎯᎠ ᏱᎾᎦᏪᏎ ᎤᎸᏓᎸᎥᏍᎩ, ᏣᏍᎦᏅᏨ ᎡᏣᏙᎵᎩ; ᎯᎠᎨ ᏱᎾᎦᏪᎠ, ᏔᎴᎲᎦ, ᎠᎴ ᎯᎾᎩ ᏣᏤᏍᏙ, ᎠᎴ ᎮᏓ?
सहज क्या है? क्या लकवे के मारे से यह कहना कि तेरे पाप क्षमा हुए, या यह कहना, कि उठ अपनी खाट उठाकर चल फिर?
10 ᎠᏎᏃ ᎢᏣᏙᎴᎰᎯᏍᏗᏱ ᏴᏫ ᎤᏪᏥ ᎤᎲᎢ ᎬᏩᏓᏙᎵᏍᏗ ᎨᏒ ᎠᏍᎦᏅᏨᎢ ᎠᏂ ᎡᎶᎯ ( ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴ ᎤᎸᏓᎸᎥᏍᎩ, )
१०परन्तु जिससे तुम जान लो कि मनुष्य के पुत्र को पृथ्वी पर पाप क्षमा करने का भी अधिकार है।” उसने उस लकवे के मारे हुए से कहा,
11 ᎬᏲᏎᎭ, ᏔᎴᎲᎦ, ᎠᎴ ᎯᎾᎩ ᏣᏤᏍᏙ, ᎠᎴ ᏗᏤᏅᏒ ᏫᎶᎯ.
११“मैं तुझ से कहता हूँ, उठ, अपनी खाट उठाकर अपने घर चला जा।”
12 ᎩᎳᏉᏃ ᎢᏴᏛ ᏚᎴᏁᎢ, ᎤᏁᏒᏃ ᎠᏤᏍᏙ, ᎤᏄᎪᏤ ᏂᎦᏛ ᎠᏂᎦᏔᎲᎢ; ᎾᏍᎩ ᎢᏳᏍᏗ ᏂᎦᏛ ᎤᏂᏍᏆᏂᎪᏎᎢ, ᎠᎴ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎤᏂᎸᏉᏔᏁ ᎯᎠ ᏄᏂᏪᏎᎢ; ᎥᏝ ᎢᎸᎯᏳ ᎾᏍᎩ ᎢᏳᏍᏗ ᏲᎩᎪᎰᎢ.
१२वह उठा, और तुरन्त खाट उठाकर सब के सामने से निकलकर चला गया; इस पर सब चकित हुए, और परमेश्वर की बड़ाई करके कहने लगे, “हमने ऐसा कभी नहीं देखा।”
13 ᏔᎵᏁᏃ ᎤᏄᎪᏤ ᎥᏓᎵ ᎤᎶᏗ ᎤᏪᏙᎴᎢ; ᎠᎴ ᏂᎦᏛ ᎤᏂᏣᏘ ᏫᎬᏩᎷᏤᎴᎢ, ᎠᎴ ᎾᏍᎩ ᏚᏪᏲᏁᎢ.
१३वह फिर निकलकर झील के किनारे गया, और सारी भीड़ उसके पास आई, और वह उन्हें उपदेश देने लगा।
14 ᎠᎢᏒᏃ, ᎵᏫ ᎡᎵᏈ ᎤᏪᏥ ᎤᎪᎮ ᎤᏬᎴ ᎠᏰᎵ ᎠᏕᎸ ᎠᎩᏍᏗᏱ, ᎠᎴ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴᎢ, ᏍᎩᏍᏓᏩᏚᎦ. ᏚᎴᏅᏃ ᎤᏍᏓᏩᏛᏎᎢ.
१४जाते हुए यीशु ने हलफईस के पुत्र लेवी को चुंगी की चौकी पर बैठे देखा, और उससे कहा, “मेरे पीछे हो ले।” और वह उठकर, उसके पीछे हो लिया।
15 ᎯᎠᏃ ᏄᎵᏍᏔᏁᎢ, ᎾᏍᎩ [ ᏥᏌ ] ᎦᏅᎬ ᎠᎵᏍᏓᏴᎲᏍᎬ ᎾᏍᎩ ᎦᏁᎸᎢ, ᎤᏂᏣᏖ ᎠᏕᎸ ᎠᏂᎩᏏᏙᎯ ᎠᎴ ᎠᏂᏍᎦᎾ ᎢᏧᎳᎭ ᏓᏂᏅᎨ ᏥᏌ ᎠᎴ ᎬᏩᏍᏓᏩᏗᏙᎯ; ᎤᏂᏣᏖᏰᏃ, ᎠᎴ ᎬᏩᏍᏓᏩᏗᏙᎮᎢ.
१५और वह उसके घर में भोजन करने बैठा; और बहुत से चुंगी लेनेवाले और पापी भी उसके और चेलों के साथ भोजन करने बैठे, क्योंकि वे बहुत से थे, और उसके पीछे हो लिये थे।
16 ᏗᏃᏪᎵᏍᎩᏃ ᎠᎴ ᎠᏂᏆᎵᏏ ᎬᏩᎪᎲ ᎢᏧᎳᎭ ᎠᎾᎵᏍᏓᏴᎲᏍᎬ ᎠᏕᎸ ᎠᏂᎩᏏᏙᎯ ᎠᎴ ᎠᏂᏍᎦᎾ, ᎯᎠ ᏂᏚᏂᏪᏎᎴ ᎬᏩᏍᏓᏩᏗᏙᎯ, ᎦᏙᏃ ᎢᏧᎳᎭ ᏣᎾᎵᏍᏓᏴᎲᏍᎦ ᎠᎴ ᎢᏧᎳᎭ ᏣᎾᏗᏔᏍᎦ ᎠᏕᎸ ᎠᏂᎩᏏᏙᎯ ᎠᎴ ᎠᏂᏍᎦᎾᎢ.
१६और शास्त्रियों और फरीसियों ने यह देखकर, कि वह तो पापियों और चुंगी लेनेवालों के साथ भोजन कर रहा है, उसके चेलों से कहा, “वह तो चुंगी लेनेवालों और पापियों के साथ खाता पीता है!”
17 ᏥᏌᏃ ᎾᏍᎩ ᎤᏛᎦᏅ ᎯᎠ ᏂᏚᏪᏎᎴᎢ, ᎾᏍᎩ ᏂᏚᏂᏢᎬᎾ ᎥᏝ ᎤᏚᎸᏗ ᏱᏄᎾᎵᏍᏓᏁᎰ ᏗᏓᏅᏫᏍᎩ, ᏧᏂᏢᎩᏍᎩᏂ; ᎥᏝ ᎤᎾᏓᏅᏘ ᏱᏗᏥᏯᏅᎯᎸ, ᎠᏂᏍᎦᎾᏍᎩᏂ ᏚᎾᏓᏅᏛ ᏧᏂᏁᏟᏴᏍᏗᏱ.
१७यीशु ने यह सुनकर, उनसे कहा, “भले चंगों को वैद्य की आवश्यकता नहीं, परन्तु बीमारों को है: मैं धर्मियों को नहीं, परन्तु पापियों को बुलाने आया हूँ।”
18 ᏣᏂᏃ ᎬᏩᏍᏓᏩᏗᏙᎯ ᎠᎴ ᎠᏂᏆᎵᏏ ᎬᏩᏂᏍᏓᏩᏗᏙᎯ ᎠᎹᏟ ᎠᏅᏍᎩ ᎨᏎᎢ; ᎤᏂᎷᏤᏃ ᎠᎴ ᎯᎠ ᏂᎬᏩᏪᏎᎴᎢ, ᎦᏙᏃ ᏣᏂ ᎬᏩᏍᏓᏩᏗᏙᎯ, ᎠᎴ ᎠᏂᏆᎵᏏ ᎬᏩᏂᏍᏓᏩᏗᏙᎯ ᎠᎹᏟ ᏣᏅᏍᎪᎢ, ᏂᎯᏃ ᎨᏣᏍᏓᏩᏗᏙᎯ ᎠᎹᏟ ᎾᏅᏍᎬᎾ ᏥᎨᏐᎢ?
१८यूहन्ना के चेले, और फरीसी उपवास करते थे; अतः उन्होंने आकर उससे यह कहा; “यूहन्ना के चेले और फरीसियों के चेले क्यों उपवास रखते हैं, परन्तु तेरे चेले उपवास नहीं रखते?”
19 ᏥᏌᏃ ᎯᎠ ᏂᏚᏪᏎᎴᎢ, ᏥᎪ ᏕᎨᎦᏨᏍᏗᏍᎬ ᎠᏂᎦᏔᎯ ᏰᎵ ᎠᎹᏟ ᏯᏅᎾ ᎠᏕᏒᎲᏍᎩ ᎤᏁᎳᏗᏙᎲ ᎢᎪᎯᏛ? ᎢᎪᎯᏛ ᎠᏕᏒᎲᏍᎩ ᎤᏁᎳᏗᏙᎲ, ᎥᏝ ᏰᎵ ᎠᎹᏟ ᏴᎬᏅᎾ.
१९यीशु ने उनसे कहा, “जब तक दूल्हा बारातियों के साथ रहता है क्या वे उपवास कर सकते हैं? अतः जब तक दूल्हा उनके साथ है, तब तक वे उपवास नहीं कर सकते।
20 ᏛᏍᏆᎸᎯᏍᎩᏂ ᎾᎯᏳ ᎨᏥᏯᏅᎡᏗᏱ ᎠᏕᏒᎲᏍᎩ, ᎾᎯᏳᏃ ᎿᎭᏉ ᎠᎹᏟ ᏛᏅᏂ.
२०परन्तु वे दिन आएँगे, कि दूल्हा उनसे अलग किया जाएगा; उस समय वे उपवास करेंगे।
21 ᎥᏝ ᎠᎴ ᎩᎶ ᎤᏪᏘ ᎠᏄᏬ ᎢᏤ ᎠᎬᎭᎸᏛ ᏱᎦᎵᏍᏢᏗᏍᎪᎢ, ᎢᏤᏰᏃ ᎠᎬᎭᎸᏛ ᎦᎳᏍᏢᏔᏅᎯ ᏴᎦᏣᎦᎸᏙᏓ ᎤᏪᏘ, ᎾᏍᎩᏃ ᎤᏓᏣᏕᎸᎲ ᎤᏟ ᎡᏉᎯᏳ ᏱᏅᎦᎵᏍᏓ.
२१“नये कपड़े का पैबन्द पुराने वस्त्र पर कोई नहीं लगाता; नहीं तो वह पैबन्द उसमें से कुछ खींच लेगा, अर्थात् नया, पुराने से, और अधिक फट जाएगा।
22 ᎥᏝ ᎠᎴ ᎩᎶ ᎢᏤ ᎩᎦᎨ-ᎠᏗᏔᏍᏗ ᏧᏪᏘ ᏗᏑᏢᏛ ᏱᏓᏟᏍᏗᏍᎪᎢ; ᎢᏤᏰᏃ ᎩᎦᎨ-ᎠᏕᏔᏍᏗ ᏱᏙᎦᏣᎦᎸ ᏗᏑᏢᏛ, ᎠᎴ ᎩᎦᎨ-ᎠᏗᏔᏍᏗ ᏯᏤᏬᎩ, ᎠᎴ ᏗᏑᏢᏛ ᏱᏓᏲᎩ; ᎢᏤᏍᎩᏂ ᎩᎦᎨ-ᎠᏗᏔᏍᏗ, ᏗᏤ ᏗᏑᏢᏛ ᏗᏟᏍᏙᏗ ᎨᏐᎢ.
२२नये दाखरस को पुरानी मशकों में कोई नहीं रखता, नहीं तो दाखरस मशकों को फाड़ देगा, और दाखरस और मशकें दोनों नष्ट हो जाएँगी; परन्तु दाख का नया रस नई मशकों में भरा जाता है।”
23 ᎯᎠᏃ ᏄᎵᏍᏔᏁᎢ, ᎾᏍᎩ ᏠᎨᏏ ᎤᏣᎴᏍᏗ ᏓᏫᏒ ᎤᎶᏎ ᎤᎾᏙᏓᏆᏍᎬ ᎢᎦ; ᎬᏩᏍᏓᏩᏗᏙᎯᏃ ᎤᎾᎴᏅᎮ ᎠᎾᎢᏒ ᎤᏂᏍᎫᏕᏍᏔᏅᏎ ᎤᏣᎴᏍᏗ.
२३और ऐसा हुआ कि वह सब्त के दिन खेतों में से होकर जा रहा था; और उसके चेले चलते हुए बालें तोड़ने लगे।
24 ᎠᏂᏆᎵᏏᏃ ᎯᎠ ᏂᎬᏩᏪᏎᎴᎢ, ᎬᏂᏳᏉ, ᎦᏙᏃ ᎤᎾᏙᏓᏆᏍᎬ ᎢᎦ ᏂᏚᏳᎪᏛᎾ ᎨᏒ ᎾᎾᏛᏁᎭ.
२४तब फरीसियों ने उससे कहा, “देख, ये सब्त के दिन वह काम क्यों करते हैं जो उचित नहीं?”
25 ᎯᎠᏃ ᏂᏚᏪᏎᎴᎢ, ᏝᏍᎪ ᏱᏥᎪᎵᏰᎣ ᏕᏫ ᏄᏛᏁᎸ ᏧᏂᎬᏎᎮ ᎢᏳ, ᎠᎴ ᎠᎪᏄ ᏧᏲᏏᏍᎨᎢ, ᎤᏩᏒ, ᎠᎴ ᎾᏍᎩ ᏣᏁᎮᎢ?
२५उसने उनसे कहा, “क्या तुम ने कभी नहीं पढ़ा, कि जब दाऊद को आवश्यकता हुई और जब वह और उसके साथी भूखे हुए, तब उसने क्या किया था?
26 ᎾᏍᎩ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎤᏤᎵ ᎠᏓᏁᎸ ᏧᏴᎴ ᎾᎯᏳ ᏤᎮ ᎡᏆᏱᏓ ᏄᎬᏫᏳᏒ ᎠᏥᎸ-ᎨᎶᎯ, ᎠᎴ ᏧᎨ ᎠᎦᏙᏗ ᎦᏚ, ᎾᏍᎩ ᎬᎩᏍᏗ ᏂᎨᏒᎾ ᏥᎨᏎ ᎠᏥᎸᎠᏁᎶᎯ ᎤᏅᏒ, ᎠᎴ ᎾᏍᏉ ᏥᏚᏁᎴ ᎾᏍᎩ ᎠᏁᎯ.
२६उसने क्यों अबियातार महायाजक के समय, परमेश्वर के भवन में जाकर, भेंट की रोटियाँ खाईं, जिसका खाना याजकों को छोड़ और किसी को भी उचित नहीं, और अपने साथियों को भी दीं?”
27 ᎠᎴ ᎯᎠ ᏂᏚᏪᏎᎴᎢ, ᎤᎾᏙᏓᏆᏍᎬ ᎤᏙᏢᏁ ᏴᏫ ᏅᏗᎦᎵᏍᏙᏗᏍᎨᎢ; ᎥᏝᏃ ᎤᎾᏙᏓᏆᏍᎬ ᏱᏅᏗᎦᎵᏍᏙᏗᏍᎨ ᏴᏫ ᏱᎨᎪᏢᏁᎢ.
२७और उसने उनसे कहा, “सब्त का दिन मनुष्य के लिये बनाया गया है, न कि मनुष्य सब्त के दिन के लिये।
28 ᎾᏍᎩ ᎢᏳᏍᏗ ᎾᏍᏉ ᏴᏫ ᎤᏪᏥ ᎤᎾᏙᏓᏆᏍᎬ ᎤᎬᏫᏳᎯ.
२८इसलिए मनुष्य का पुत्र सब्त के दिन का भी स्वामी है।”

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