< ᎣᏍᏛ ᎧᏃᎮᏛ ᎷᎦ ᎤᏬᏪᎳᏅᎯ 5 >

1 ᎯᎠᏃ ᏄᎵᏍᏔᏁᎢ, ᎾᏍᎩ, ᎤᏂᏣᏘ ᎬᏩᏜᏓᏫᏍᏗᏕᎨ ᎤᎾᏛᎪᏗᏱ ᎧᏃᎮᏛ ᎤᎾᎳᏅᎯ ᎤᏤᎵᎦ, ᎨᏂᏏᎳᏗ ᎥᏓᎷᎶᏗ ᎦᏙᎨᎢ.
जब भीड़ उस पर गिरी पड़ती थी और ख़ुदा का कलाम सुनती थी, और वो गनेसरत की झील के किनारे खड़ा था तो ऐसा हुआ कि
2 ᏥᏳᏃ ᏔᎵ ᏚᎪᎮ ᎥᏓᎷᎶᏗ ᏓᏔᎴᎢ; ᎠᏂᎦᏯᎷᎥᏍᎩᏍᎩᏂ ᎤᎾᏣᎢᏛ ᎨᏎᎢ, ᎠᎴ ᏓᏅᎩᎶᏍᎨ ᎫᏂᎦᏯᎷᏗ.
उसने झील के किनारे दो नाव लगी देखीं, लेकिन मछली पकड़ने वाले उन पर से उतर कर जाल धो रहे थे
3 ᏌᏉᏃ ᎠᏔᎸ ᏥᏳ ᎤᏣᏁᎢ ᎾᏍᎩ ᏌᏩᏂ ᎤᏤᎵᎦ ᎨᏎᎢ, ᎠᎴ ᎤᏔᏲᏎᎴ ᎤᏍᏗᎩᏛ ᎢᏴᏛ ᏭᎧᏙᏯᏍᏗᏱ. ᎤᏪᏁᏃ ᎠᎴ ᏚᏪᏲᏁ ᎤᏂᏣᏘ ᏥᏳᎢ ᎬᏩᏣᎢ.
और उसने उस नावों में से एक पर चढ़कर जो शमौन की थी, उससे दरख़्वास्त की कि किनारे से ज़रा हटा ले चल और वो बैठकर लोगों को नाव पर से ता'लीम देने लगा।
4 ᎿᎭᏉᏃ ᎤᏲᎯᏍᏔᏅ ᎦᏬᏂᏍᎬ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴ ᏌᏩᏂ, ᏗᏍᏛᎬ ᏫᏅᏍᏛ ᎠᎴ ᎡᎳᏗ ᏂᏗᏨᎦ ᏗᏥᎦᏯᎷᏗ ᏗᏥᏂᏴᏗᏱ.
जब कलाम कर चुका तो शमौन से कहा, “गहरे में ले चल, और तुम शिकार के लिए अपने जाल डालो।”
5 ᏌᏩᏂᏃ ᎤᏁᏤ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴᎢ; ᏔᏕᏲᎲᏍᎩ ᎤᎵᏨᏓᏆᏛ ᏙᎩᎸᏫᏍᏓᏏ ᎥᏝᏃ ᎪᎱᏍᏗ ᏲᏥᏂᏴ; ᎠᏎᏃ ᏂᎯ ᏣᏁᏨ ᎢᏳᏍᏗ ᏓᎬᏂ ᎠᎦᏯᎷᏗ.
शमौन ने जवाब में कहा, “ऐ ख़ुदावन्द! हम ने रात भर मेहनत की और कुछ हाथ न आया, मगर तेरे कहने से जाल डालता हूँ।”
6 ᎾᏍᎩᏃ ᏄᎾᏛᏁᎸ ᎤᏂᏣᏘ ᏚᏂᏂᏴᎮ ᎠᏣᏗ; ᎠᎴ ᎤᏂᎦᏯᎷᏗ ᏚᎾᎵᎦᎵᏎᎴᎢ
ये किया और वो मछलियों का बड़ा घेर लाए, और उनके जाल फ़टने लगे।
7 ᏚᎾᏁᎶᏥᏁᎴᏃ ᎤᎾᎵᎪᎯ ᏐᎢᏱ ᏥᏳᎯ ᎤᎾᏣᎢ ᏅᏓᎬᏩᏂᏍᏕᎸᎲᏍᏗᏱ. ᎤᏂᎷᏤᏃ, ᎠᎴ ᎢᏧᎳ ᏥᏳ ᏚᏂᎧᎵᎴᎢ, ᎾᏍᎩᏃ ᎿᎭᏉ ᏕᎦᏃᏴᎨᎢ.
और उन्होंने अपने साथियों को जो दूसरी नाव पर थे इशारा किया कि आओ हमारी मदद करो। पस उन्होंने आकर दोनों नावें यहाँ तक भर दीं कि डूबने लगीं।
8 ᏌᏃᏂᏃ ᏈᏓ ᎤᎪᎲ ᎤᏓᏅᏁ ᏥᏌ ᏗᎧᏂᎨᏂ ᎾᎥᎢ, ᎯᎠ ᏂᎦᏪᏍᎨᎢ; ᏣᎬᏫᏳᎯ ᏍᏆᏓᏅᏏ, ᏥᏍᎦᎾᎯᏳᏰᏃ ᎠᏴ.
शमौन पतरस ये देखकर ईसा के पाँव में गिरा और कहा, ऐ ख़ुदावन्द! मेरे पास से चला जा, क्यूँकि मैं गुनहगार आदमी हूँ।”
9 ᎤᏍᏆᏂᎪᏎᏰᏃ ᎠᎴ ᏂᎦᏛ ᎠᏁᎯ ᎤᏂᏍᏆᏂᎪᏎ ᏅᏗᎦᎵᏍᏙᏗᏍᎨ ᎾᏂᎥ ᎠᏣᏗ ᏚᏂᏂᏴᎲᎢ;
क्यूँकि मछलियों के इस शिकार से जो उन्होंने किया, वो और उसके सब साथी बहुत हैरान हुए।
10 ᎠᎴ ᎾᏍᏉ ᏥᎻ ᎠᎴ ᏣᏂ ᏤᏈᏗ ᏧᏪᏥ ᎾᏍᎩ ᎤᎾᎵᎪᎯ ᏥᎨᏎ ᏌᏩᏂ. ᏥᏌᏃ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴ ᏌᏩᏂ; ᏞᏍᏗ ᏣᏍᎦᎸᎩ; ᎪᎯ ᎢᏳᏓᎴᏅᏛ ᏴᏫ ᏘᏂᏱᏍᎩ ᎨᏎᏍᏗ.
और वैसे ही ज़ब्दी के बेटे या'क़ूब और यूहन्ना भी जो शमौन के साथी थे, हैरान हुए। ईसा ने शमौन से कहा, “ख़ौफ़ न कर, अब से तू आदमियों का शिकार करेगा।“
11 ᎤᏩᏝᎥᏃ ᏚᏂᏔᎳᏗᎸ ᏥᏳ, ᏂᎦᏛ ᏚᏂᏲᏐᏁ ᎠᎴ ᎬᏩᏍᏓᏩᏛᏎᎢ.
वो नावों को किनारे पर ले आए और सब कुछ छोड़कर उसके पीछे हो लिए।
12 ᎯᎠᏃ ᏄᎵᏍᏔᏁ ᎢᎸᎯᏢ ᎦᏚᎲ ᎡᏙᎲᎢ, ᎬᏂᏳᏉ ᎠᏍᎦᏯ ᏂᎬ ᎠᏓᏰᏍᎩ ᎤᏢᎩ ᎾᎿᎭᎡᏙᎮᎢ; ᎾᏍᎩ ᏥᏌᎤᎪᎲ ᎤᏯᏍᏚᏎᎢ, ᎠᎴ ᎤᏔᏲᏎᎴ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎢ, ᏣᎬᏫᏳᎯ, ᎢᏳᏃ ᎣᏏᏳ ᏱᏣᏰᎸᏅ ᏰᎵᏉ ᏱᏍᎩᏅᎦᎸ.
जब वो एक शहर में था, तो देखो, कौढ़ से भरा हुआ एक आदमी ईसा को देखकर मुँह के बल गिरा और उसकी मिन्नत करके कहने लगा, “ऐ ख़ुदावन्द, अगर तू चाहे तो मुझे पाक साफ़ कर सकता है।”
13 ᎤᏙᏯᏅᎯᏛᏃ ᎤᏒᏂᎴᎢ, ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎢ; ᎣᏏᏳ ᏥᏰᎸᎾ; ᏣᏓᏅᎦᎸᏛ ᎨᏎᏍᏗ. ᎩᎳᏉᏃ ᎢᏴᏛ ᎠᏓᏰᏍᎩ ᎤᏢᎬ ᎤᏓᏅᎡᎴᎢ.
उसने हाथ बढ़ा कर उसे छुआ और कहा, “मैं चाहता हूँ, तू पाक साफ़ हो जा।” और फ़ौरन उसका कौढ़ जाता रहा।
14 ᎤᏁᏤᎴᏃ ᎩᎶ ᎤᏃᏁᏗᏱ ᏂᎨᏒᎾ; ᎮᎾᏉᏍᎩᏂ, [ ᎤᏬᏎᎴᎢ, ] ᏫᏯᏓᎾᏄᎪᏫᏏ ᎠᏥᎸ-ᎨᎶᎯ, ᎠᎴ ᎼᏏ ᎤᏁᏨ ᏣᏓᏅᎦᎸᎲ ᎠᎵᏍᎪᎸᏙᏗ ᏫᎲᎦ, ᎾᏍᎩ ᎤᎾᏙᎴᎰᎯᏍᏙᏗ.
और उसने उसे ताकीद की, “किसी से न कहना बल्कि जाकर अपने आपको काहिन को दिखा। और जैसा मूसा ने मुक़र्रर किया है अपने पाक साफ़ हो जाने के बारे में गुज़रान ताकि उनके लिए गवाही हो।”
15 ᎠᏎᏃ ᎤᏟᏉ ᎢᎦᎢ ᏚᏰᎵᏎ ᎾᏍᎩ ᏕᎦᏃᏣᎸᎢ. ᎤᏂᏣᏘᏃ ᏚᏂᎳᏫᏦᎴ ᎤᎾᏚᎵᏍᎨ ᎤᎾᏛᎪᏗᏱ ᎠᎴ ᏧᏅᏬᏗᏱ ᏚᏂᏢᎬᎢ.
लेकिन उसकी चर्चा ज़्यादा फ़ैली और बहुत से लोग जमा हुए कि उसकी सुनें और अपनी बीमारियों से शिफ़ा पाएँ
16 ᎤᏓᏅᏎᏃ ᎢᎾᎨ ᏬᎶᏎ ᎠᎴ ᎠᏓᏙᎵᏍᏗᏍᎨᎢ.
मगर वो जंगलों में अलग जाकर दुआ किया करता था।
17 ᎢᎸᎯᏳᏃ ᎯᎠ ᏄᎵᏍᏔᏁᎢ, ᎾᎯᏳ ᏓᏕᏲᎲᏍᎨᎢ, ᎾᎿᎭᎠᏂᏁ ᎠᏂᏆᎵᏏ ᎠᎴ ᏗᎧᎿᎭᏩᏛᏍᏗ ᏗᏃᏏᏏᏍᎩ ᏕᎦᏚᏩᏗᏒ ᎨᎵᎵ ᏅᏓᏩᏂᎶᏒᎯ, ᎠᎴ ᏧᏗᏱ, ᎠᎴ ᏥᎷᏏᎵᎻ; ᎤᎬᏫᏳᎯᏃ ᎤᎵᏂᎬᎬ ᏚᎾᏗᏫᏍᏗᏍᎨᎢ.
और एक दिन ऐसा हुआ कि वो ता'लीम दे रहा था और फ़रीसी और शरा' के मु'अल्लिम वहाँ बैठे हुए थे जो गलील के हर गाँव और यहूदिया और येरूशलेम से आए थे। और ख़ुदावन्द की क़ुदरत शिफ़ा बख़्शने को उसके साथ थी।
18 ᎠᎴ ᎬᏂᏳᏉ ᎩᎶ ᎢᏳᎾᏍᏗ ᎠᏂᏍᎦᏯ ᎤᏂᏃᎴ ᎠᏤᏍᏙᎩᎯ ᎦᏅᎨ ᎠᏍᎦᏯ ᎤᎸᏓᎸᎥᏍᎩ; ᎤᎾᏁᎶᏔᏁᏃ ᎤᏂᏴᏔᏂᎯᏍᏗᏱ, ᎠᎴ [ ᏥᏌ ] ᎢᎬᏱᏢ ᎤᏂᏅᏁᏗᏱ.
और देखो, कोई मर्द एक आदमी को जो फ़ालिज का मारा था चारपाई पर लाए और कोशिश की कि उसे अन्दर लाकर उसके आगे रख्खें।
19 ᎤᎾᏠᏨᏃ ᎢᏳᎾᏛᏁᏗᏱ ᎤᏂᏴᏔᏂᎯᏍᏗᏱ ᎤᏂᏣᏘ ᎨᏒ ᎢᏳᏍᏗ, ᎦᏌᎾᎵ ᎤᎾᎩᎳᏫᏎᎢ, ᎾᎿᎭᏃ ᏧᏂᎦᏛᎴᎯᏍᏔᏁ ᎤᎾᏠᎥᏔᏂᎴ ᎤᏤᏍᏙ ᎬᏩᏠᏯᏍᏗ ᎤᎾᏓᏡᎬ ᎠᏰᎵ, ᏥᏌ ᎢᎬᏱᏢ ᎤᏂᏅᏁᎴᎢ.
और जब भीड़ की वजह से उसको अन्दर ले जाने की राह न पाई तो छत पर चढ़ कर खपरैल में से उसको खटोले समेत बीच में ईसा के सामने उतार दिया।
20 ᎤᏃᎯᏳᏒᏃ ᎤᏙᎴᎰᏒ, ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴᎢ; ᎯᏍᎦᏯ, ᏣᏍᎦᏅᏨ ᎡᏣᏙᎵᎩ.
उसने उनका ईमान देखकर कहा, “ऐ आदमी! तेरे गुनाह मु'आफ़ हुए!”
21 ᏗᏃᏪᎵᏍᎩᏃ ᎠᎴ ᎠᏂᏆᎵᏏ ᎤᎾᏓᏅᏖᎴ ᎯᎠ ᏄᏂᏪᏎᎢ; ᎦᎪ ᎯᎠ ᎾᏍᎩ ᏣᏐᏢᎢᏍᏗᎭ? ᎦᎪ ᎬᏩᏓᏙᎵᏍᏗ ᎠᏍᎦᏅᏨᎢ? ᏝᏍᎪ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎤᏩᏒ?
इस पर फ़क़ीह और फ़रीसी सोचने लगे, “ये कौन है जो कुफ़्र बकता है? ख़ुदा के सिवा और कौन गुनाह मु'आफ़ कर सकता है?”
22 ᎠᏎᏃ ᏥᏌ ᎤᏙᎴᎰᏒ ᏄᏍᏛ ᏓᎾᏓᏅᏖᏍᎬᎢ, ᎤᏁᏤ ᎯᎠ ᏂᏚᏪᏎᎴᎢ; ᎦᏙ ᎢᏣᏓᏅᏖᎭ ᏙᏗᎶᏓᏅᏛᎢ?
ईसा ने उनके ख़यालों को मा'लूम करके जवाब में उनसे कहा, “तुम अपने दिलों में क्या सोचते हो?
23 ᎦᏙ ᎤᏍᏗ ᎤᏟ ᎠᎯᏗᏳ ᎧᏁᎢᏍᏗᏱ, ᏣᏍᎦᏅᏨ ᎡᏣᏙᎵᎩ ᎠᏛᏗᏱ; ᎠᎴ ᎯᎠ ᎢᎦᏪᏍᏗᏱ, ᏔᎴᎲᎦ ᎠᎴ ᎮᏓ?
आसान क्या है? ये कहना कि 'तेरे गुनाह मु'आफ़ हुए' या ये कहना कि 'उठ और चल फिर'?
24 ᎠᏎᏃ ᎢᏣᏙᎴᎰᎯᏍᏗᏱ ᏴᏫ ᎤᏪᏥ ᏰᎵᏉ ᎠᏂ ᎡᎶᎯ ᎬᏩᏓᏙᎵᏍᏗ ᎨᏒ ᎣᏍᎦᏅᏨᎢ, ( ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴ ᎤᎸᏓᎸᎥᏍᎩ; ) ᎯᎠ ᏂᎬᏪᏎᎭ; ᏔᎴᎲᎦ, ᏣᏤᏍᏙ ᎯᎾᎩ, ᎠᎴ ᏗᏤᏅᏒ ᎮᎾ.
लेकिन इसलिए कि तुम जानो कि इब्न — ए — आदम को ज़मीन पर गुनाह मु'आफ़ करने का इख़्तियार है;” (उसने मफ़्लूज से कहा) मैं तुझ से कहता हूँ, उठ और अपनी चारपाई उठाकर अपने घर जा।”
25 ᎩᎳᏉᏃ ᎢᏴᏛ ᎤᏗᏛᎮ ᏓᏂᎧᏅᎢ, ᎠᎴ ᎤᏁᏎ ᎤᏤᏍᏙᎩ, ᎠᎴ ᏧᏪᏅᏒ ᏭᎶᏎᎢ, ᎦᎸᏉᏗᏍᎨ ᎤᏁᎳᏅᎯ.
वो उसी दम उनके सामने उठा और जिस पर पड़ा था उसे उठाकर ख़ुदा की तम्जीद करता हुआ अपने घर चला गया।
26 ᏂᎦᏗᏳᏃ ᎤᏣᏔᏅᎯ ᎤᏂᏍᏆᏂᎪᏎᎢ, ᎠᎴ ᎤᏂᎸᏉᏔᏁ ᎤᏁᎳᏅᎯ, ᎠᎴ ᎤᎧᎵᏨᎯ ᎤᎾᏰᎯᏍᏗ ᎤᎾᏓᏅᏓᏕᎢ, ᎯᎠ ᎾᏂᏪᏍᎨᎢ; ᎤᏍᏆᏂᎪᏗᏳ ᎢᏗᎪᏩᏛ ᎪᎯ ᎢᎦ.
वो सब के सब बहुत हैरान हुए और ख़ुदा की तम्जीद करने लगे, और बहुत डर गए और कहने लगे, “आज हम ने अजीब बातें देखीं!”
27 ᎾᏍᎩᏃ ᎯᎠ ᏄᎵᏍᏔᏂᏙᎸ ᎤᏄᎪᏤᎢ, ᎠᎴ ᎤᎪᎮ ᎠᏕᎸ ᎠᎩᏏᏙᎯ ᎵᏫ ᏧᏙᎢᏛ, ᎤᏬᎴ ᎠᏰᎵ ᎡᎯ ᎠᏕᎸ ᎠᎫᏴᏗᏱ; ᎠᎴ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴᎢ, ᏍᎩᏍᏓᏩᏚᎦ.
इन बातों के बाद वो बाहर गया और लावी नाम के एक महसूल लेनेवाले को महसूल की चौकी पर बैठे देखा और उससे कहा, “मेरे पीछे हो ले।”
28 ᏂᎦᏛᏃ ᎤᏮᏕᏦᏁ ᎠᎴ ᏚᎴᏁ ᎤᏍᏓᏩᏛᏎᎢ.
वो सब कुछ छोड़कर उठा, और उसके पीछे हो लिया।
29 ᎵᏫᏃ ᎤᏣᏘ ᏣᎦᎵᏍᏓᏴᎾᏁᏗᏱ ᎤᏛᏅᎢᏍᏓᏁᎴ ᎤᏩᏒ ᎦᏁᎸᎢ; ᎠᎴ ᎤᏂᏣᏖ ᎠᏕᎸ ᎠᏂᎩᏏᏙᎯ ᎠᎴ ᏅᏩᎾᏓᎴ ᎢᏧᎳᎭ ᎠᏂᏅᏜᏓᎡᎢ.
फिर लावी ने अपने घर में उसकी बड़ी ज़ियाफ़त की; और महसूल लेनेवालों और औरों की जो उनके साथ खाना खाने बैठे थे, बड़ी भीड़' थी।
30 ᏗᏃᏪᎵᏍᎩᏍᎩᏂ ᏧᎾᏤᎵ ᎠᎴ ᎠᏂᏆᎵᏏ ᏚᏂᏔᎳᏬᎯᏎᎴ ᎬᏩᏍᏓᏩᏗᏙᎯ, ᎯᎠ ᏄᏂᏪᏎᎢ; ᎦᏙᏃ ᎢᏧᎳᎭ ᎢᏣᎵᏍᏓᏴᎲᏍᎦ ᎠᎴ ᎢᏣᏗᏔᏍᎦ ᎠᏕᎸ ᎠᏂᎩᏏᏙᎯ ᎠᎴ ᎠᏂᏍᎦᎾᎢ?
और फ़रीसी और उनके आलिम उसके शागिर्दों से ये कहकर बुदबुदाने लगे, “तुम क्यूँ महसूल लेनेवालों और गुनाहगारों के साथ खाते — पीते हो?”
31 ᏥᏌᏃ ᎤᏁᏨ ᎯᏴ ᏂᏑᏪᏎᎴᎢ; ᏂᏚᏂᏢᎬᎾ ᎥᏝ ᎤᏚᎸᏗ ᏱᏄᎾᎵᏍᏓᏁᎰ ᏗᏓᏅᏫᏍᎩ, ᏧᏂᏢᎩᏍᎩᏂ.
ईसा ने जवाब में उनसे कहा, “तन्दरुस्तों को हकीम की ज़रूरत नहीं है बल्कि बीमारों को।
32 ᎥᏝ ᎤᎾᏓᏅᏘ ᏱᏗᏥᏯᏅᎯᎸ, ᎠᏂᏍᎦᎾᏍᎩᏂ ᏧᏂᏁᏟᏴᏍᏗᏱ ᏚᎾᏓᏅᏛᎢ.
मैं रास्तबाज़ों को नहीं बल्कि गुनाहगारों को तौबा के लिए बुलाने आया हूँ।”
33 ᎯᎠᏃ ᏂᎬᏩᏪᏎᎴᎢ; ᎦᏙᏃ ᏣᏂ ᎬᏩᏍᏓᏩᏗᏙᎯ ᏯᏃᎩᏳ ᎠᎹᏟ ᎠᏅᏍᎪᎢ ᎠᎴ ᎠᎾᏓᏙᎵᏍᏗᏍᎪᎢ, ᎠᎴ ᎾᏍᏉ ᎠᏂᏆᎵᏏ ᎬᏩᏂᏍᏓᏩᏗᏙᎯ; ᏂᎯᏍᎩᏂ ᎨᏣᏍᏓᏩᏗᏙᎯ ᎠᎾᎵᏍᏓᏴᎲᏍᎪ ᎠᎴ ᎠᎾᏗᏔᏍᎪᎢ.
और उन्होंने उससे कहा, “युहन्ना के शागिर्द अक्सर रोज़ा रखते और दु'आएँ किया करते हैं, और इसी तरह फ़रीसियों के भी; मगर तेरे शागिर्द खाते पीते है।”
34 ᎯᎠᏃ ᏂᏚᏪᏎᎴᎢ; ᏥᎪ ᏕᎨᎦᏨᏍᏗᏍᎬ ᎠᏂᎦᏔᎯ ᎠᎹᏟ ᎤᏅᏗᏱ ᏱᏂᏕᏨᏂᏏ ᎠᏏᏉ ᎤᏁᎳᏗᏙᎲ ᎤᏕᏒᏂᎸᎯ?
ईसा ने उनसे कहा, “क्या तुम बरातियों से, जब तक दुल्हा उनके साथ है, रोज़ा रखवा सकते हो?
35 ᎠᏎᏃ ᏗᎵᏰᎢᎶᎵ ᎢᎦ ᏓᎨᏥᏯᏅᎡᎵ ᎤᏕᏒᏂᎸᎯ, ᎾᎯᏳᏃ ᎿᎭᏉ ᎠᎹᏟ ᎠᏅᏍᎨᏍᏗ.
मगर वो दिन आएँगे; और जब दुल्हा उनसे जुदा किया जाएगा तब उन दिनों में वो रोज़ा रख्खेंगे।”
36 ᏚᏟᎶᏍᏓᏁᎴᏃ ᎾᏍᏉ [ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎢ; ] ᎥᏝ ᎩᎶ ᎢᏤ ᎠᏄᏬ ᎤᏪᏘᎯ ᏱᎦᎳᏍᏢᎥᏍᎪᎢ; ᎢᏳᏰᏃ ᎾᏍᎩ ᏱᏄᏛᏁᎸ, ᎢᏤ ᎠᏄᏬ ᎦᏣᎦᎵᏍᎪ ᎤᏪᏘ, ᎠᎴ ᎾᏍᏉ ᎢᏤ ᎠᎬᎭᎸᏛ ᎥᏝ ᏱᏓᎾᏙᎵᎪ ᎤᏪᏘ.
और उसने उनसे एक मिसाल भी कही: “कोई आदमी नई पोशाक में से फाड़कर पुरानी में पैवन्द नहीं लगाता, वर्ना नई भी फटेगी और उसका पैवन्द पुरानी में मेल भी न खाएगा।
37 ᎥᏝ ᎠᎴ ᎩᎶ ᎩᎦᎨ-ᎠᏗᏔᏍᏗ ᏧᏪᏘ ᏗᏑᏢᏛ ᏱᏓᏟᏍᏗᏍᎪᎢ; ᎢᏤᏰᏃ ᎩᎦᎨ-ᎠᏗᏔᏍᏗ ᏱᏙᎦᏣᎦᎸ ᏗᏑᏢᏛ ᎠᎴ ᏯᏤᏬᎩ, ᏗᏑᏢᏛᏃ ᏱᏓᏲᎩ.
और कोई शख़्स नई मय पूरानी मशकों में नहीं भरता, नहीं तो नई मय मशकों को फाड़ कर ख़ुद भी बह जाएगी और मशकें भी बरबाद हो जाएँगी।
38 ᎢᏤᏍᎩᏃ ᎩᎦᎨ-ᎠᏗᏔᏍᏗ ᎠᏎ ᏗᏤ ᏗᏑᏢᏛ ᏗᏟᏍᏙᏗ; ᎩᎳ ᎿᎭᏉ ᎢᏧᎳ ᏂᏗᎬᏩᏍᏙᎢ
बल्कि नई मय नई मशकों में भरना चाहिए।
39 ᎥᏝ ᎠᎴ ᎩᎶ ᎤᏪᏘ ᎩᎦᎨ-ᎠᏗᏔᏍᏗ ᎤᏚᎩᏛ ᏥᎨᏐ ᎢᎬᏪᏅᏛ ᎢᏤ ᏳᏚᎵᏍᎪᎢ; ᎯᎠᏰᏃ ᏂᎦᏪᏍᎪᎢ, ᎤᏪᏘ ᎤᏟ ᏃᎯ.
और कोई आदमी पुरानी मय पीकर नई की ख़्वाहिश नहीं करता, क्यूँकि कहता है कि पुरानी ही अच्छी है।“

< ᎣᏍᏛ ᎧᏃᎮᏛ ᎷᎦ ᎤᏬᏪᎳᏅᎯ 5 >