< ՅԱՅՏՆՈՒԹԻՒՆ ՅՈՎՀԱՆՆՈՒ 6 >

1 Նայեցայ՝ երբ Գառնուկը բացաւ կնիքներէն մէկը՝՝, եւ լսեցի չորս էակներէն մէկուն ձայնը՝ որոտումի պէս, որ կ՚ըսէր. «Եկո՛ւր ու տե՛ս»:
फिर मैंने देखा कि मेम्ने ने उन सात मुहरों में से एक को खोला; और उन चारों प्राणियों में से एक का गर्जन के समान शब्द सुना, “आ।”
2 Եւ տեսայ. ահա՛ ճերմակ ձի մը կար, որուն վրայ հեծնողը ունէր աղեղ մը: Պսակ մը տրուեցաւ անոր, ու դուրս ելաւ իբր յաղթող՝ որպէսզի յաղթէ:
मैंने दृष्टि की, और एक श्वेत घोड़ा है, और उसका सवार धनुष लिए हुए है: और उसे एक मुकुट दिया गया, और वह जय करता हुआ निकला कि और भी जय प्राप्त करे।
3 Երբ բացաւ երկրորդ կնիքը, լսեցի երկրորդ էակը՝ որ կ՚ըսէր. «Եկո՛ւր»:
जब उसने दूसरी मुहर खोली, तो मैंने दूसरे प्राणी को यह कहते सुना, “आ।”
4 Ուրիշ, շառագոյն ձի մը դուրս ելաւ, եւ անոր վրայ հեծնողին իշխանութիւն տրուեցաւ՝ որ երկրէն վերցնէ խաղաղութիւնը, որպէսզի մորթեն զիրար. ու մեծ սուր մը տրուեցաւ անոր:
फिर एक और घोड़ा निकला, जो लाल रंग का था; उसके सवार को यह अधिकार दिया गया कि पृथ्वी पर से मेल उठा ले, ताकि लोग एक दूसरे का वध करें; और उसे एक बड़ी तलवार दी गई।
5 Երբ բացաւ երրորդ կնիքը, լսեցի երրորդ էակը՝ որ կ՚ըսէր. «Եկո՛ւր ու տե՛ս»: Եւ տեսայ. ահա՛ սեւ ձի մը կար, որուն վրայ հեծնողը՝ ձեռքին մէջ ունէր կշիռք մը:
जब उसने तीसरी मुहर खोली, तो मैंने तीसरे प्राणी को यह कहते सुना, “आ।” और मैंने दृष्टि की, और एक काला घोड़ा है; और उसके सवार के हाथ में एक तराजू है।
6 Չորս էակներուն մէջէն լսեցի ձայն մը՝ որ կ՚ըսէր. «Կապիճ մը ցորենը՝ մէկ դահեկանի, ու երեք կապիճ գարին՝ մէկ դահեկանի: Մի՛ վնասեր ձէթին եւ գինիին»:
और मैंने उन चारों प्राणियों के बीच में से एक शब्द यह कहते सुना, “दीनार का सेर भर गेहूँ, और दीनार का तीन सेर जौ, पर तेल, और दाखरस की हानि न करना।”
7 Երբ բացաւ չորորդ կնիքը, լսեցի չորրորդ էակին ձայնը՝ որ կ՚ըսէր. «Եկո՛ւր ու տե՛ս»:
और जब उसने चौथी मुहर खोली, तो मैंने चौथे प्राणी का शब्द यह कहते सुना, “आ।”
8 Եւ տեսայ. ահա՛ տժգոյն ձի մը կար, որուն վրայ հեծնողին անունը Մահ էր, ու դժոխքը կը հետեւէր անոր: Իշխանութիւն տրուեցաւ անոնց՝ երկրի քառորդին վրայ, որ սպաննեն թուրով, սովով, մահով ու երկրի գազաններով: (Hadēs g86)
मैंने दृष्टि की, और एक पीला घोड़ा है; और उसके सवार का नाम मृत्यु है; और अधोलोक उसके पीछे-पीछे है और उन्हें पृथ्वी की एक चौथाई पर यह अधिकार दिया गया, कि तलवार, और अकाल, और मरी, और पृथ्वी के वन-पशुओं के द्वारा लोगों को मार डालें। (Hadēs g86)
9 Երբ բացաւ հինգերորդ կնիքը, զոհասեղանին ներքեւ տեսայ անձերը անոնց՝ որ մորթուած էին Աստուծոյ խօսքին համար, եւ իրենց տուած վկայութեան համար:
जब उसने पाँचवी मुहर खोली, तो मैंने वेदी के नीचे उनके प्राणों को देखा, जो परमेश्वर के वचन के कारण, और उस गवाही के कारण जो उन्होंने दी थी, वध किए गए थे।
10 Անոնք բարձրաձայն աղաղակեցին. «Սո՛ւրբ եւ ճշմարի՛տ Տիրակալ, մինչեւ ե՞րբ պիտի չդատես ու չառնես մեր արիւնին վրէժը երկրի բնակիչներէն»:
१०और उन्होंने बड़े शब्द से पुकारकर कहा, “हे प्रभु, हे पवित्र, और सत्य; तू कब तक न्याय न करेगा? और पृथ्वी के रहनेवालों से हमारे लहू का पलटा कब तक न लेगा?”
11 Ճերմակ պարեգօտ տրուեցաւ անոնցմէ իւրաքանչիւրին, եւ ըսուեցաւ անոնց որ հանգչին քիչ մը ժամանակ ալ, մինչեւ որ ամբողջանան իրենց ծառայակիցներն ու անոնց եղբայրները՝ որոնք պիտի սպաննուէին իրենց պէս:
११और उनमें से हर एक को श्वेत वस्त्र दिया गया, और उनसे कहा गया, कि और थोड़ी देर तक विश्राम करो, जब तक कि तुम्हारे संगी दास और भाई जो तुम्हारे समान वध होनेवाले हैं, उनकी भी गिनती पूरी न हो ले।
12 Տեսայ՝ երբ բացաւ վեցերորդ կնիքը, եւ ահա՛ մեծ երկրաշարժ մը եղաւ: Արեւը սեւցաւ՝ մազեղէն քուրձի մը պէս, լուսինը (բոլորովին) արիւնի գոյնի պէս եղաւ,
१२जब उसने छठवीं मुहर खोली, तो मैंने देखा कि एक बड़ा भूकम्प हुआ; और सूर्य कम्बल के समान काला, और पूरा चन्द्रमा लहू के समान हो गया।
13 ու երկինքի աստղերը ինկան երկրի վրայ, ինչպէս սաստիկ հովէն շարժուած թզենին կը թափէ իր տհաս պտուղները:
१३और आकाश के तारे पृथ्वी पर ऐसे गिर पड़े जैसे बड़ी आँधी से हिलकर अंजीर के पेड़ में से कच्चे फल झड़ते हैं।
14 Երկինքը կծկուեցաւ ոլորուող մագաղաթի մը պէս, եւ բոլոր լեռներն ու կղզիները շարժեցան իրենց տեղերէն:
१४आकाश ऐसा सरक गया, जैसा पत्र लपेटने से सरक जाता है; और हर एक पहाड़, और टापू, अपने-अपने स्थान से टल गया।
15 Երկրի թագաւորները, մեծամեծները, հարուստները, հազարապետները, զօրաւորները, եւ բոլոր ստրուկներն ու բոլոր ազատները պահուըտեցան քարայրներու եւ լեռներու ժայռերուն մէջ,
१५पृथ्वी के राजा, और प्रधान, और सरदार, और धनवान और सामर्थी लोग, और हर एक दास, और हर एक स्वतंत्र, पहाड़ों की गुफाओं और चट्टानों में जा छिपे;
16 ու կ՚ըսէին լեռներուն եւ ժայռերուն. «Ինկէ՛ք մեր վրայ ու պահեցէ՛ք մեզ գահին վրայ բազմողին երեսէն, եւ Գառնուկին բարկութենէն:
१६और पहाड़ों, और चट्टानों से कहने लगे, “हम पर गिर पड़ो; और हमें उसके मुँह से जो सिंहासन पर बैठा है और मेम्ने के प्रकोप से छिपा लो;
17 Որովհետեւ անոր բարկութեան մեծ օրը եկաւ, եւ ո՞վ կրնայ դիմանալ»:
१७क्योंकि उनके प्रकोप का भयानक दिन आ पहुँचा है, अब कौन ठहर सकता है?”

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