< ՄԱՏԹԷՈՍ 7 >

1 «Մի՛ դատէք, որպէսզի չդատուիք:
“दोष मत लगाओ, कि तुम पर भी दोष न लगाया जाए।
2 Որովհետեւ ի՛նչ դատաստանով որ դատէք՝ անո՛վ պիտի դատուիք, եւ ի՛նչ չափով որ չափէք՝ անո՛վ պիտի չափուի ձեզի:
क्योंकि जिस प्रकार तुम दोष लगाते हो, उसी प्रकार तुम पर भी दोष लगाया जाएगा; और जिस नाप से तुम नापते हो, उसी से तुम्हारे लिये भी नापा जाएगा।
3 Եւ ինչո՞ւ կը տեսնես եղբօրդ աչքին մէջի շիւղը, ու չես նշմարեր քո՛ւ աչքիդ մէջի գերանը:
“तू क्यों अपने भाई की आँख के तिनके को देखता है, और अपनी आँख का लट्ठा तुझे नहीं सूझता?
4 Կամ ի՞նչպէս կրնաս ըսել եղբօրդ. “Թո՛յլ տուր որ հանեմ աչքէդ շիւղը”, երբ ահա՛ գերան կայ քո՛ւ աչքիդ մէջ:
जब तेरी ही आँख में लट्ठा है, तो तू अपने भाई से कैसे कह सकता है, ‘ला मैं तेरी आँख से तिनका निकाल दूँ?’
5 Կեղծաւո՛ր, նախ հանէ՛ քո՛ւ աչքէդ գերանը, եւ ա՛յն ատեն յստակ պիտի տեսնես՝ հանելու համար շիւղը եղբօրդ աչքէն:
हे कपटी, पहले अपनी आँख में से लट्ठा निकाल ले, तब तू अपने भाई की आँख का तिनका भली भाँति देखकर निकाल सकेगा।
6 Սուրբ բանը մի՛ տաք շուներուն, ու ձեր մարգարիտները մի՛ նետէք խոզերուն առջեւ, որպէսզի չկոխկռտեն զանոնք իրենց ոտքերուն տակ, եւ դառնալով չբզքտեն ձեզ»:
“पवित्र वस्तु कुत्तों को न दो, और अपने मोती सूअरों के आगे मत डालो; ऐसा न हो कि वे उन्हें पाँवों तले रौंदें और पलटकर तुम को फाड़ डालें।
7 «Խնդրեցէ՛ք՝ ու պիտի տրուի ձեզի. փնտռեցէ՛ք՝ ու պիտի գտնէք. դուռը բախեցէ՛ք՝ ու պիտի բացուի ձեզի:
“माँगो, तो तुम्हें दिया जाएगा; ढूँढ़ो, तो तुम पाओगे; खटखटाओ, तो तुम्हारे लिये खोला जाएगा।
8 Որովհետեւ ո՛վ որ խնդրէ՝ կը ստանայ, ո՛վ որ փնտռէ՝ կը գտնէ, եւ ո՛վ որ դուռը բախէ՝ պիտի բացուի անոր:
क्योंकि जो कोई माँगता है, उसे मिलता है; और जो ढूँढ़ता है, वह पाता है; और जो खटखटाता है, उसके लिये खोला जाएगा।
9 Ձեզմէ ո՞վ է այն մարդը, որմէ եթէ իր որդին հաց ուզէ՝ քար կու տայ անոր.
“तुम में से ऐसा कौन मनुष्य है, कि यदि उसका पुत्र उससे रोटी माँगे, तो वह उसे पत्थर दे?
10 կամ եթէ ձուկ ուզէ՝ միթէ օ՞ձ կու տայ անոր:
१०या मछली माँगे, तो उसे साँप दे?
11 Ուրեմն եթէ դո՛ւք՝ որ չար էք, գիտէք բարի նուէրներ տալ ձեր զաւակներուն, ո՜րչափ աւելի ձեր Հայրը՝ որ երկինքն է, բարի՛ բաներ պիտի տայ անոնց՝ որ կը խնդրեն իրմէ:
११अतः जब तुम बुरे होकर, अपने बच्चों को अच्छी वस्तुएँ देना जानते हो, तो तुम्हारा स्वर्गीय पिता अपने माँगनेवालों को अच्छी वस्तुएँ क्यों न देगा?
12 Ուրեմն ամէն ինչ որ կ՚ուզէք՝ որ մարդիկ ընեն ձեզի, դո՛ւք ալ այնպէս ըրէք անոնց, որովհետեւ ասիկա՛ է Օրէնքն ու Մարգարէները»:
१२इस कारण जो कुछ तुम चाहते हो, कि मनुष्य तुम्हारे साथ करें, तुम भी उनके साथ वैसा ही करो; क्योंकि व्यवस्था और भविष्यद्वक्ताओं की शिक्षा यही है।
13 «Նե՛ղ դռնէն ներս մտէք. որովհետեւ լայն է այն դուռը, եւ ընդարձակ՝ այն ճամբան, որ դէպի կորուստ կը տանի, ու շատ են անոնք՝ որ կը մտնեն անկէ.
१३“सकेत फाटक से प्रवेश करो, क्योंकि चौड़ा है वह फाटक और सरल है वह मार्ग जो विनाश की ओर ले जाता है; और बहुत सारे लोग हैं जो उससे प्रवेश करते हैं।
14 որովհետեւ նեղ է այն դուռը, եւ անձուկ՝ այն ճամբան, որ դէպի կեանք կը տանի, ու քիչ են անոնք՝ որ կը գտնեն զայն»:
१४क्योंकि संकरा है वह फाटक और कठिन है वह मार्ग जो जीवन को पहुँचाता है, और थोड़े हैं जो उसे पाते हैं।
15 «Զգուշաց՛էք սուտ մարգարէներէն, որոնք կու գան ձեզի ոչխարի հանդերձներով, բայց ներսէն՝ յափշտակող գայլեր են:
१५“झूठे भविष्यद्वक्ताओं से सावधान रहो, जो भेड़ों के भेष में तुम्हारे पास आते हैं, परन्तु अन्तर में फाड़नेवाले भेड़िए हैं।
16 Իրենց պտուղէ՛ն պիտի ճանչնաք զանոնք: Միթէ փուշերէն կը քաղե՞ն խաղող, կամ տատասկէն՝ թուզ:
१६उनके फलों से तुम उन्हें पहचान लोगे। क्या लोग झाड़ियों से अंगूर, या ऊँटकटारों से अंजीर तोड़ते हैं?
17 Այսպէս ամէն բարի ծառ՝ լաւ պտուղ կը բերէ, եւ վատ ծառ՝ չար պտուղ կը բերէ:
१७इसी प्रकार हर एक अच्छा पेड़ अच्छा फल लाता है और निकम्मा पेड़ बुरा फल लाता है।
18 Բարի ծառը չի կրնար չար պտուղ բերել, ո՛չ ալ վատ ծառը՝ լաւ պտուղ բերել:
१८अच्छा पेड़ बुरा फल नहीं ला सकता, और न निकम्मा पेड़ अच्छा फल ला सकता है।
19 Ամէն ծառ որ լաւ պտուղ չի բերեր, կը կտրուի ու կը նետուի կրակը:
१९जो-जो पेड़ अच्छा फल नहीं लाता, वह काटा और आग में डाला जाता है।
20 Ուրեմն՝ իրենց պտուղէ՛ն պիտի ճանչնաք զանոնք»:
२०अतः उनके फलों से तुम उन्हें पहचान लोगे।
21 «Ո՛չ թէ ո՛վ որ ինծի՝ “Տէ՛ր, Տէ՛ր” կ՚ըսէ, պիտի մտնէ երկինքի թագաւորութիւնը, հապա ան՝ որ կը գործադրէ իմ երկնաւոր Հօրս կամքը:
२१“जो मुझसे, ‘हे प्रभु, हे प्रभु’ कहता है, उनमें से हर एक स्वर्ग के राज्य में प्रवेश न करेगा, परन्तु वही जो मेरे स्वर्गीय पिता की इच्छा पर चलता है।
22 Շատեր այն օրը պիտի ըսեն ինծի. “Տէ՛ր, Տէ՛ր, միթէ չմարգարէացա՞նք քու անունովդ, դեւեր չհանեցի՞նք քու անունովդ, եւ շատ հրաշքներ չգործեցի՞նք քու անունովդ”:
२२उस दिन बहुत लोग मुझसे कहेंगे; ‘हे प्रभु, हे प्रभु, क्या हमने तेरे नाम से भविष्यद्वाणी नहीं की, और तेरे नाम से दुष्टात्माओं को नहीं निकाला, और तेरे नाम से बहुत अचम्भे के काम नहीं किए?’
23 Այն ատեն պիտի յայտարարեմ անոնց. “Ես բնա՛ւ չէի ճանչնար ձեզ. հեռացէ՛ք քովէս դո՛ւք՝ որ անօրէնութիւն կը գործէիք”»:
२३तब मैं उनसे खुलकर कह दूँगा, ‘मैंने तुम को कभी नहीं जाना, हे कुकर्म करनेवालों, मेरे पास से चले जाओ।’
24 «Ուրեմն ո՛վ որ կը լսէ այս խօսքերս եւ կը գործադրէ զանոնք, պիտի նմանցնեմ զայն ուշիմ մարդու մը՝ որ իր տունը կառուցանեց վէմի վրայ:
२४“इसलिए जो कोई मेरी ये बातें सुनकर उन्हें मानता है वह उस बुद्धिमान मनुष्य के समान ठहरेगा जिसने अपना घर चट्टान पर बनाया।
25 Տեղատարափ անձրեւ իջաւ, հեղեղները եկան, հովերը փչեցին ու զարկին այդ տան՝ բայց չփլաւ, որովհետեւ հիմնուած էր վէմի վրայ:
२५और बारिश और बाढ़ें आईं, और आँधियाँ चलीं, और उस घर पर टक्करें लगीं, परन्तु वह नहीं गिरा, क्योंकि उसकी नींव चट्टान पर डाली गई थी।
26 Իսկ ո՛վ որ կը լսէ այս խօսքերս ու չի գործադրեր, կը նմանի յիմար մարդու մը՝ որ իր տունը կառուցանեց աւազի վրայ:
२६परन्तु जो कोई मेरी ये बातें सुनता है और उन पर नहीं चलता वह उस मूर्ख मनुष्य के समान ठहरेगा जिसने अपना घर रेत पर बनाया।
27 Տեղատարափ անձրեւ իջաւ, հեղեղները եկան, հովերը փչեցին եւ զարկին այդ տան, ու փլաւ. եւ անոր անկումը մեծ եղաւ»:
२७और बारिश, और बाढ़ें आईं, और आँधियाँ चलीं, और उस घर पर टक्करें लगीं और वह गिरकर सत्यानाश हो गया।”
28 Երբ Յիսուս լմնցուց այս խօսքերը, բազմութիւնը ապշած մնաց անոր ուսուցումին վրայ.
२८जब यीशु ये बातें कह चुका, तो ऐसा हुआ कि भीड़ उसके उपदेश से चकित हुई।
29 որովհետեւ իշխանութիւն ունեցողի մը պէս կը սորվեցնէր անոնց, ո՛չ թէ դպիրներուն պէս:
२९क्योंकि वह उनके शास्त्रियों के समान नहीं परन्तु अधिकारी के समान उन्हें उपदेश देता था।

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