< ԵՐԿՐՈՐԴ ԿՈՐՆԹԱՑԻՍ 2 >
१मैंने अपने मन में यही ठान लिया था कि फिर तुम्हारे पास उदास होकर न आऊँ।
2 Որովհետեւ եթէ ես տրտմեցնեմ ձեզ, ա՛լ ո՞վ է որ պիտի ուրախացնէ զիս, եթէ ոչ ան՝ որ տրտմեցաւ ինձմէ:
२क्योंकि यदि मैं तुम्हें उदास करूँ, तो मुझे आनन्द देनेवाला कौन होगा, केवल वही जिसको मैंने उदास किया?
3 Ասիկա գրեցի, որ երբ գամ՝ տրտմութիւն մը չկրեմ անոնցմէ՝ որ պէտք է ուրախացնեն զիս. քանի որ ձեր բոլորին մասին համոզուած եմ թէ իմ ուրախութիւնս ձեր բոլորինն է:
३और मैंने यही बात तुम्हें इसलिए लिखी, कि कहीं ऐसा न हो, कि मेरे आने पर जिनसे मुझे आनन्द मिलना चाहिए, मैं उनसे उदास होऊँ; क्योंकि मुझे तुम सब पर इस बात का भरोसा है, कि जो मेरा आनन्द है, वही तुम सब का भी है।
4 Որովհետեւ շատ տառապանքի մէջ եւ սիրտի կսկիծով գրեցի ձեզի՝ շատ արցունքով. ո՛չ թէ՝ որպէսզի տրտմիք, հապա գիտնաք այն յորդառատ սէ՛րը՝ որ ունիմ ձեզի հանդէպ:
४बड़े क्लेश, और मन के कष्ट से, मैंने बहुत से आँसू बहा बहाकर तुम्हें लिखा था इसलिए नहीं, कि तुम उदास हो, परन्तु इसलिए कि तुम उस बड़े प्रेम को जान लो, जो मुझे तुम से है।
5 Իսկ եթէ մէկը տրտմեցուց, ո՛չ թէ տրտմեցուց զիս, հապա մասամբ (որպէսզի չծանրաբեռնեմ) ձեզ բոլորդ՝՝:
५और यदि किसी ने उदास किया है, तो मुझे ही नहीं वरन् (कि उसके साथ बहुत कड़ाई न करूँ) कुछ कुछ तुम सब को भी उदास किया है।
6 Բաւական է այդպիսի մարդուն այն պատիժը՝ որ տրուեցաւ շատերէ:
६ऐसे जन के लिये यह दण्ड जो भाइयों में से बहुतों ने दिया, बहुत है।
7 Հետեւաբար՝ ընդհակառակը՝ պէտք է փոխարէնը ներել անոր ու մխիթարել զայն, որպէսզի այնպիսին չյուսալքուի չափազանց տրտմութենէն:
७इसलिए इससे यह भला है कि उसका अपराध क्षमा करो; और शान्ति दो, न हो कि ऐसा मनुष्य उदासी में डूब जाए।
8 Ուստի կ՚աղաչե՛մ ձեզի, որ անոր հանդէպ վաւերացնէք ձեր սէրը.
८इस कारण मैं तुम से विनती करता हूँ, कि उसको अपने प्रेम का प्रमाण दो।
9 (քանի որ սա՛ նպատակով ալ գրեցի, որպէսզի ձեզ փորձելով գիտնամ թէ ամէն բանի մէջ հնազա՛նդ էք:
९क्योंकि मैंने इसलिए भी लिखा था, कि तुम्हें परख लूँ, कि तुम सब बातों के मानने के लिये तैयार हो, कि नहीं।
10 Անո՛ր՝ որուն դուք որեւէ բան ներէք, ե՛ս ալ կը ներեմ. որովհետեւ եթէ որեւէ բան ներած եմ, ձե՛ր պատճառով անոր ներած եմ՝ Քրիստոսի անձով.)
१०जिसका तुम कुछ क्षमा करते हो उसे मैं भी क्षमा करता हूँ, क्योंकि मैंने भी जो कुछ क्षमा किया है, यदि किया हो, तो तुम्हारे कारण मसीह की जगह में होकर क्षमा किया है।
11 որպէսզի Սատանան մեզ չկեղեքէ, քանի որ չենք անգիտանար անոր դիտաւորութիւնները:
११कि शैतान का हम पर दाँव न चले, क्योंकि हम उसकी युक्तियों से अनजान नहीं।
12 Ուրեմն երբ հասայ Տրովադա՝ Քրիստոսի աւետարանը քարոզելու, թէպէտ Տէրը դուռ մը բացած էր ինծի,
१२और जब मैं मसीह का सुसमाचार, सुनाने को त्रोआस में आया, और प्रभु ने मेरे लिये एक द्वार खोल दिया।
13 անդորրութիւն չունեցայ հոգիիս մէջ, որովհետեւ հոն չգտայ եղբայրս՝ Տիտոսը. հապա հրաժեշտ առնելով անոնցմէ՝ մեկնեցայ Մակեդոնիա:
१३तो मेरे मन में चैन न मिला, इसलिए कि मैंने अपने भाई तीतुस को नहीं पाया; इसलिए उनसे विदा होकर मैं मकिदुनिया को चला गया।
14 Շնորհակալութի՛ւն Աստուծոյ, որ ամէն ատեն մեզի յաղթութիւն կը պատճառէ Քրիստոսով, ու զինք ճանչնալուն հոտը մեզմով կը յայտնաբերէ ամէն տեղ:
१४परन्तु परमेश्वर का धन्यवाद हो, जो मसीह में सदा हमको जय के उत्सव में लिये फिरता है, और अपने ज्ञान की सुगन्ध हमारे द्वारा हर जगह फैलाता है।
15 Որովհետեւ մենք՝ Աստուծոյ համար՝ Քրիստոսի անոյշ հոտն ենք, թէ՛ փրկուածներուն եւ թէ կորսուողներուն մէջ:
१५क्योंकि हम परमेश्वर के निकट उद्धार पानेवालों, और नाश होनेवालों, दोनों के लिये मसीह की सुगन्ध हैं।
16 Ոմանց՝ մահուան հոտ դէպի մահ, ոմանց ալ՝ կեանքի հոտ դէպի կեանք: Եւ ո՞վ ընդունակ է ընելու այս բաները:
१६कितनों के लिये तो मरने के निमित्त मृत्यु की गन्ध, और कितनों के लिये जीवन के निमित्त जीवन की सुगन्ध, और इन बातों के योग्य कौन है?
17 Քանի որ մենք շատերուն պէս չենք, որոնք կը խարդախեն Աստուծոյ խօսքը. հապա անկեղծութեա՛մբ, Աստուծմէ ղրկուած եւ Աստուծոյ առջեւ կը խօսինք՝ Քրիստոսով:
१७क्योंकि हम उन बहुतों के समान नहीं, जो परमेश्वर के वचन में मिलावट करते हैं; परन्तु मन की सच्चाई से, और परमेश्वर की ओर से परमेश्वर को उपस्थित जानकर मसीह में बोलते हैं।