< 2 أخبار 35 >

وَاحْتَفَلَ يُوشِيَّا فِي أُورُشَلِيمَ بِفِصْحِ الرَّبِّ فِي الْيَوْمِ الرَّابِعَ عَشَرَ مِنَ الشَّهْرِ الأَوَّلِ. ١ 1
योशिय्याह ने यरूशलेम में यहोवा के लिये फसह पर्व माना और पहले महीने के चौदहवें दिन को फसह का पशुबलि किया गया।
وَعَيَّنَ الْكَهَنَةَ فِي وَظَائِفِهِمْ وَحَضَّهُمْ عَلَى الْقِيَامِ بِخِدْمَةِ هَيْكَلِ الرَّبِّ، ٢ 2
उसने याजकों को अपने-अपने काम में ठहराया, और यहोवा के भवन में सेवा करने को उनका हियाव बन्धाया।
وَقَالَ لِلّاوِيِّينَ الَّذِينَ كَانُوا يُعَلِّمُونَ إِسْرَائِيلَ مِمَّنْ تَقَدَّسُوا لِلرَّبِّ: «ضَعُوا تَابُوتَ الْقُدْسِ فِي الْهَيْكَلِ الَّذِي بَنَاهُ سُلَيْمَانُ بْنُ دَاوُدَ مَلِكُ إِسْرَائِيلَ، وَكُفُّوا عَنْ حَمْلِهِ عَلَى الأَكْتَافِ، وَاعْمَلُوا عَلَى خِدْمَةِ الرَّبِّ إِلَهِكُمْ وَخِدْمَةِ شَعْبِهِ إِسْرَائِيلَ. ٣ 3
फिर लेवीय जो सब इस्राएलियों को सिखाते और यहोवा के लिये पवित्र ठहरे थे, उनसे उसने कहा, “तुम पवित्र सन्दूक को उस भवन में रखो जो दाऊद के पुत्र इस्राएल के राजा सुलैमान ने बनवाया था; अब तुम को कंधों पर बोझ उठाना न होगा। अब अपने परमेश्वर यहोवा की और उसकी प्रजा इस्राएल की सेवा करो।
وَأَحْصُوا بُيُوتَ آبَائِكُمْ، وَقَسِّمُوا أَنْفُسَكُمْ حَسَبَ فِرَقِكُمْ بِمُوْجِبِ تَعْلِيمَاتِ دَاوُدَ مَلِكِ إِسْرَائِيلَ، وَبِمُقْتَضَى مَا نَصَّ عَلَيْهِ سُلَيْمَانُ ابْنُهُ. ٤ 4
इस्राएल के राजा दाऊद और उसके पुत्र सुलैमान दोनों की लिखी हुई विधियों के अनुसार, अपने-अपने पितरों के अनुसार, अपने-अपने दल में तैयार रहो।
وَقِفُوا فِي القُدْسِ بِحَسَبِ أَقْسَامِ بُيُوتِ آبَاءِ إِخْوَتِكُمْ مِنْ أَبْنَاءِ الشَّعْبِ، وَبِحَسَبِ فِرَقِ بُيُوتِ آبَاءِ اللّاوِيِّينَ. ٥ 5
तुम्हारे भाई लोगों के पितरों के घरानों के भागों के अनुसार पवित्रस्थान में खड़े रहो, अर्थात् उनके एक भाग के लिये लेवियों के एक-एक पितर के घराने का एक भाग हो।
وَاذْبَحُوا حَمَلَ الْفِصْحِ وَتَقَدَّسُوا. وَهَيِّئُوا إِخْوَتَكُمْ لِيَعْمَلُوا وَفْقَ شَرِيعَةِ الرَّبِّ الَّتِي أَعْطَاهَا لِمُوسَى». ٦ 6
फसह के पशुओं को बलि करो, और अपने-अपने को पवित्र करके अपने भाइयों के लिये तैयारी करो कि वे यहोवा के उस वचन के अनुसार कर सकें, जो उसने मूसा के द्वारा कहा था।”
وَتَبَرَّعَ يُوشِيَّا مِنْ مَالِهِ لأَبْنَاءِ الشَّعْبِ الْمَوْجُودِينَ لِلاحْتِفَالِ بِالْفِصْحِ بِثَلاثِينَ أَلْفاً مِنَ الْحُمْلانِ وَثَلاثَةِ آلافٍ مِنَ الْبَقَرِ. ٧ 7
फिर योशिय्याह ने सब लोगों को जो वहाँ उपस्थित थे, तीस हजार भेड़ों और बकरियों के बच्चे और तीन हजार बैल दिए थे; ये सब फसह के बलिदानों के लिये राजा की सम्पत्ति में से दिए गए थे।
كَمَا قَدَّمَ رِجَالُ دَوْلَتِهِ تَبَرُّعَاتٍ للِشَّعْبِ وَالْكَهَنَةِ وَاللّاوِيِّينَ، فَقَدَّمَ حِلْقِيَا وَزَكَرِيَّا وَيَحِيئِيلُ رُؤَسَاءُ بَيْتِ اللهِ لِلْكَهَنَةِ أَلْفَيْنِ وَسِتَّ مِئَةٍ مِنَ الْحُمْلانِ لِتُذْبَحَ فِصْحاً، وَثَلاثَ مِئَةِ بَقَرَةٍ. ٨ 8
उसके हाकिमों ने प्रजा के लोगों, याजकों और लेवियों को स्वेच्छाबलियों के लिये पशु दिए। और हिल्किय्याह, जकर्याह और यहीएल नामक परमेश्वर के भवन के प्रधानों ने याजकों को दो हजार छः सौ भेड़-बकरियाँ और तीन सौ बैल फसह के बलिदानों के लिए दिए।
كَمَا تَبَرَّعَ رُؤَسَاءُ اللّاوِيِّينَ كُونَنْيَا وَأَخَوَاهُ شَمَعْيَا وَنَثْنِيئِيلُ، وَحَشَبْيَا وَيَعِيئِيلُ وَيُوزَابَادُ لِلّاوِيِّينَ بِخَمْسَةِ آلافِ حَمَلٍ لِلْفِصْحِ وَخَمْسِ مِئَةِ بَقَرَةٍ. ٩ 9
कोनन्याह ने और शमायाह और नतनेल जो उसके भाई थे, और हशब्याह, यीएल और योजाबाद नामक लेवियों के प्रधानों ने लेवियों को पाँच हजार भेड़-बकरियाँ, और पाँच सौ बैल फसह के बलिदानों के लिये दिए।
وَهَكَذَا تَمَّ إِعْدَادُ كُلِّ شَيْءٍ لِلْخِدْمَةِ، فَاحْتَلَّ الْكَهَنَةُ مَقَامَهُمْ، وَتَوَزَّعَ اللّاوِيُّونَ فِي فِرَقِهِمْ حَسَبَ أَمْرِ الْمَلِكِ. ١٠ 10
१०इस प्रकार उपासना की तैयारी हो गई, और राजा की आज्ञा के अनुसार याजक अपने-अपने स्थान पर, और लेवीय अपने-अपने दल में खड़े हुए।
وَذَبَحُوا حُمْلانَ الْفِصْحِ. وَرَشَّ الْكَهَنَةُ الدَّمَ بِأَيْدِيهِمْ، أَمَّا اللّاوِيُّونَ فَكَانُوا يَسْلُخُونَ الْحُمْلانَ. ١١ 11
११तब फसह के पशुबलि किए गए, और याजक बलि करनेवालों के हाथ से लहू को लेकर छिड़क देते और लेवीय उनकी खाल उतारते गए।
ثُمَّ أَفْرَزُوا الْمُحْرَقَاتِ لِيُوَزِّعُوهَا عَلَى أَبْنَاءِ الشَّعْبِ حَسَبَ أَقْسَامِ بُيُوتَاتِ الآبَاءِ، لِيُقَرِّبُوهَا لِلرَّبِّ كَمَا هُوَ مَنْصُوصٌ عَلَيْهِ فِي سِفْرِ مُوسَى. وَفَعَلُوا الشَّيْءَ نَفْسَهُ بِالْبَقَرِ. ١٢ 12
१२तब उन्होंने होमबलि के पशु इसलिए अलग किए कि उन्हें लोगों के पितरों के घरानों के भागों के अनुसार दें, कि वे उन्हें यहोवा के लिये चढ़वा दें जैसा कि मूसा की पुस्तक में लिखा है; और बैलों को भी उन्होंने वैसा ही किया।
وَشَوَوْا حُمْلانَ الْفِصْحِ بِالنَّارِ بِمُقْتَضَى الشَّرِيعَةِ، أَمَّا التَّقْدِمَاتُ الْمُقَدَّسَةُ فَقَدْ طَبَخُوهَا فِي الْقُدُورِ وَالْمَرَاجِلِ وَالصِّحَافِ وَفَرَّقُوهَا عَلَى الشَّعْبِ. ١٣ 13
१३तब उन्होंने फसह के पशुओं का माँस विधि के अनुसार आग में भूना, और पवित्र वस्तुएँ, हाँड़ियों और हण्डों और थालियों में सिझा कर फुर्ती से लोगों को पहुँचा दिया।
ثُمَّ أَعَدَّ اللّاوِيُّونَ اللَّحْمَ لأَنْفُسِهِمْ وَلِلْكَهَنَةِ أَبْنَاءِ هَرُونَ، الَّذِينَ انْهَمَكُوا طَوَالَ النَّهَارِ حَتَّى حُلُولِ اللَّيْلِ فِي تَقْرِيبِ الْمُحْرَقَاتِ وَإِحْرَاقِ الشَّحْمِ. ١٤ 14
१४तब उन्होंने अपने लिये और याजकों के लिये तैयारी की, क्योंकि हारून की सन्तान के याजक होमबलि के पशु और चर्बी रात तक चढ़ाते रहे, इस कारण लेवियों ने अपने लिये और हारून की सन्तान के याजकों के लिये तैयारी की।
وَاتَّخَذَ الْمُغَنُّونَ مِنْ ذُرِّيَّةِ آسَافَ أَمَاكِنَهُمْ، حَسَبَ النِّظَامِ الَّذِي عَمِلَهُ دَاوُدُ وَآسَافُ وَهَيْمَانُ وَيَدُوثُونُ نَبِيُّ الْمَلِكِ. وَقَامَ الْحُرَّاسُ بِالْوُقُوفِ عِنْدَ كُلِّ بَابٍ مِنْ أَبْوَابِ الْهَيْكَلِ، وَلَمْ يَهْجُرُوا مَوَاقِعَهُمْ، لأَنَّ إِخْوَتَهُمُ اللّاوِيِّينَ قَدْ جَهَّزُوا لَهُمْ طَعَامَهُمْ. ١٥ 15
१५आसाप के वंश के गवैये, दाऊद, आसाप, हेमान और राजा के दर्शी यदूतून की आज्ञा के अनुसार अपने-अपने स्थान पर रहे, और द्वारपाल एक-एक फाटक पर रहे। उन्हें अपना-अपना काम छोड़ना न पड़ा, क्योंकि उनके भाई लेवियों ने उनके लिये तैयारी की।
وَهَكَذَا تَمَّتْ كُلُّ إِجْرَاءَاتِ خِدْمَةِ الرَّبِّ فِي ذَلِكَ الْيَوْمِ لِلاحْتِفَالِ بِالْفِصْحِ وَتَقْرِيبِ الْمُحْرَقَاتِ عَلَى مَذْبَحِ الرَّبِّ بِمُوْجِبِ أَمْرِ الْمَلِكِ يُوشِيَّا. ١٦ 16
१६अतः उसी दिन राजा योशिय्याह की आज्ञा के अनुसार फसह मनाने और यहोवा की वेदी पर होमबलि चढ़ाने के लिये यहोवा की सारी उपासना की तैयारी की गई।
وَاحْتَفَلَ بَنُو إِسْرَائِيلَ الْحَاضِرُونَ فِي ذَلِكَ الْوَقْتِ بِالْفِصْحِ وَبِعِيدِ الْفَطِيرِ سَبْعَةَ أَيَّامٍ. ١٧ 17
१७जो इस्राएली वहाँ उपस्थित थे उन्होंने फसह को उसी समय और अख़मीरी रोटी के पर्व को सात दिन तक माना।
وَلَمْ يُجْرَ احْتِفَالٌ مِثْلُهُ فِي إِسْرَائِيلَ مُنْذُ أَيَّامِ صَمُوئِيلَ النَّبِيِّ. وَلَمْ يَحْتَفِلْ أَحَدُ مُلُوكِ إِسْرَائِيلَ بِالْفِصْحِ بِمِثْلِ مَا احْتَفَلَ بِهِ يُوشِيَّا وَالْكَهَنَةُ وَاللّاوِيُّونَ وَكُلُّ يَهُوذَا وَإِسْرَائِيلَ الْحَاضِرُونَ، وَأَهْلُ أُورُشَلِيمَ. ١٨ 18
१८इस फसह के बराबर शमूएल नबी के दिनों से इस्राएल में कोई फसह मनाया न गया था, और न इस्राएल के किसी राजा ने ऐसा मनाया, जैसा योशिय्याह और याजकों, लेवियों और जितने यहूदी और इस्राएली उपस्थित थे, उन्होंने और यरूशलेम के निवासियों ने मनाया।
وَقَدْ جَرَى الاحْتِفَالُ بِالْفِصْحِ فِي السَّنَةِ الثَّامِنَةِ عَشْرَةَ مِنْ مُلْكِ يُوشِيَّا. ١٩ 19
१९यह फसह योशिय्याह के राज्य के अठारहवें वर्ष में मनाया गया।
وَبَعْدَ أَنْ نَظَّمَ يُوشِيَّا خِدْمَةَ الْهَيْكَلِ، زَحَفَ فِرْعَوْنُ نَخُوُ مَلِكُ مِصْرَ إِلَى كَرْكَمِيشَ، لِخَوْضِ حَرْبٍ عِنْدَ الْفُرَاتِ، فَتَأَهَّبَ يُوشِيَّا لِقِتَالِهِ. ٢٠ 20
२०इसके बाद जब योशिय्याह भवन को तैयार कर चुका, तब मिस्र के राजा नको ने फरात के पास के कर्कमीश नगर से लड़ने को चढ़ाई की, और योशिय्याह उसका सामना करने को गया।
فَبَعَثَ إِلَيهِ نَخُوُ رُسُلاً يَقُولُ: «أَيُّ نِزَاعٍ بَيْنِي وَبَيْنَكَ يَا مَلِكَ يَهُوذَا؟ أَنَا لَسْتُ أَبْغِي أَنْ أُهَاجِمَكَ فِي هَذَا الْوَقْتِ. إِنَّمَا جِئْتُ لأُحَارِبَ أَعْدَائِي. وَقَدْ أَمَرَنِي اللهُ بِالإِسْرَاعِ. فَكُفَّ عَنْ مُقَاوَمَةِ اللهِ عَاضِدِي لِئَلّا يُهْلِكَكَ». ٢١ 21
२१परन्तु उसने उसके पास दूतों से कहला भेजा, “हे यहूदा के राजा मेरा तुझ से क्या काम! आज मैं तुझ पर नहीं उसी कुल पर चढ़ाई कर रहा हूँ, जिसके साथ मैं युद्ध करता हूँ; फिर परमेश्वर ने मुझसे फुर्ती करने को कहा है। इसलिए परमेश्वर जो मेरे संग है, उससे अलग रह, कहीं ऐसा न हो कि वह तुझे नाश करे।”
فَلَمْ يَرْجِعْ يُوشِيَّا عَنْ قِتَالِهِ، بَلْ تَنَكَّرَ لِيُحَارِبَهُ. وَلَمْ يُصْغِ لِتَحْذِيرِ اللهِ عَلَى فَمِ نَخُوٍ، بَلْ جَدَّ فِي مُحَارَبَتِهِ فِي سَهْلِ مَجِدُّو. ٢٢ 22
२२परन्तु योशिय्याह ने उससे मुँह न मोड़ा, वरन् उससे लड़ने के लिये भेष बदला, और नको के उन वचनों को न माना जो उसने परमेश्वर की ओर से कहे थे, और मगिद्दो की तराई में उससे युद्ध करने को गया।
فَأَصَابَ رُمَاةُ نَخُو الْمَلِكَ يُوشِيَّا، فَقَالَ لِرِجَالِهِ: «انْقُلُونِي، لأَنَّنِي أُصِبْتُ بِجُرْحٍ بَلِيغٍ». ٢٣ 23
२३तब धनुर्धारियों ने राजा योशिय्याह की ओर तीर छोड़े; और राजा ने अपने सेवकों से कहा, “मैं बहुत घायल हो गया हूँ, इसलिए मुझे यहाँ से ले चलो।”
فَنَقَلَهُ رِجَالُهُ مِنَ الْمَرْكَبَةِ إِلَى مَرْكَبَتِهِ الثَّانِيَةِ، وَأَعَادُوهُ إِلَى أُورُشَلِيمَ، حَيْثُ مَاتَ وَدُفِنَ فِي مَقَابِرِ آبَائِهِ. فَنَاحَتْ عَلَيْهِ كُلُّ مَمْلَكَةِ يَهُوذَا وَأُورُشَلِيمَ. ٢٤ 24
२४तब उसके सेवकों ने उसको रथ पर से उतारकर उसके दूसरे रथ पर चढ़ाया, और यरूशलेम ले गये। वहाँ वह मर गया और उसके पुरखाओं के कब्रिस्तान में उसको मिट्टी दी गई। यहूदियों और यरूशलेमियों ने योशिय्याह के लिए विलाप किया।
وَرثَى النَّبِيُّ إِرْمِيَا يُوشِيَّا، وَظَلَّ جَمِيعُ الْمُغَنِّينَ وَالْمُغَنِّيَاتِ يَنْدُبُونَ يُوشِيَّا فِي مَرَاثِيهِمْ إِلَى هَذَا الْيَوْمِ، فَأَصْبَحَتْ هَذِهِ الْمَرْثَاةُ الَّتِي تَمَّ تَدْوِينُهَا فِي مَجْمُوعَةِ الْمَرَاثِي فَرِيضَةً عَلَى إِسْرَائِيلَ. ٢٥ 25
२५यिर्मयाह ने योशिय्याह के लिये विलाप का गीत बनाया और सब गानेवाले और गानेवालियाँ अपने विलाप के गीतों में योशिय्याह की चर्चा आज तक करती हैं। इनका गाना इस्राएल में एक विधि के तुल्य ठहराया गया और ये बातें विलापगीतों में लिखी हुई हैं।
أَمَّا بَقِيَّةُ أَخْبَارِ يُوشِيَّا وَأَعْمَالُهُ الصَّالِحَةُ الْمُتَوَافِقَةُ مَعَ مَا نَصَّتْ عَلَيْهِ شَرِيعَةُ الرَّبِّ، ٢٦ 26
२६योशिय्याह के और काम और भक्ति के जो काम उसने उसी के अनुसार किए जो यहोवा की व्यवस्था में लिखा हुआ है।
وَمُنْجَزَاتُهُ مِنْ بِدَايَتِهَا إِلَى نِهَايَتِهَا فَهِيَ مُدَوَّنَةٌ فِي كِتَابِ تَارِيخِ مُلُوكِ إِسْرَائِيلَ وَيَهُوذَا. ٢٧ 27
२७आदि से अन्त तक उसके सब काम इस्राएल और यहूदा के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में लिखे हुए हैं।

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