< صَفَنْيَا 2 >

تَجَمَّعِي وَٱجْتَمِعِي يَا أَيَّتُهَا ٱلْأُمَّةُ غَيْرُ ٱلْمُسْتَحِيَةِ. ١ 1
हे निर्लज्ज जाति के लोगों, इकट्‍ठे हो, अपने आपको इकट्ठा करो,
قَبْلَ وِلَادَةِ ٱلْقَضَاءِ. كَٱلْعُصَافَةِ عَبَرَ ٱلْيَوْمُ. قَبْلَ أَنْ يَأْتِيَ عَلَيْكُمْ حُمُوُّ غَضَبِ ٱلرَّبِّ، قَبْلَ أَنْ يَأْتِيَ عَلَيْكُمْ يَوْمُ سَخَطِ ٱلرَّبِّ. ٢ 2
इसके पहले कि परमेश्वर की आज्ञा प्रभावी हो और हवा के द्वारा उड़ाए जानेवाली भूसी के समान वह दिन निकल जाए, इसके पहले कि याहवेह का भयंकर क्रोध तुम पर भड़के, इसके पहले कि याहवेह के कोप का दिन तुम पर आ जाए.
أُطْلُبُوا ٱلرَّبَّ، يَا جَمِيعَ بَائِسِي ٱلْأَرْضِ ٱلَّذِينَ فَعَلُوا حُكْمَهُ. ٱطْلُبُوا ٱلْبِرَّ. ٱطْلُبُوا ٱلتَّوَاضُعَ. لَعَلَّكُمْ تُسْتَرُونَ فِي يَوْمِ سَخَطِ ٱلرَّبِّ. ٣ 3
तुम सब, जो इस देश के नम्र लोग हो, जो याहवेह की आज्ञा को मानते हो, याहवेह के खोज में रहो. धर्मीपन के खोज में रहो, नम्र बनो; शायद तुम्हें याहवेह के क्रोध के दिन में शरण मिल जाए.
لِأَنَّ غَزَّةَ تَكُونُ مَتْرُوكَةً، وَأَشْقَلُونَ لِلْخَرَابِ. أَشْدُودُ عِنْدَ ٱلظَّهِيرَةِ يَطْرُدُونَهَا، وَعَقْرُونُ تُسْتَأْصَلُ. ٤ 4
अज्जाह को पूरी तरह त्याग दिया जाएगा और अश्कलोन तबाह हो जाएगा. दिन-दोपहरी को अशदोदवासी निकाल दिये जाएंगे और एक्रोन नगर को मिटा दिया जाएगा.
وَيْلٌ لِسُكَّانِ سَاحِلِ ٱلْبَحْرِ أُمَّةِ ٱلْكِرِيتِيِّينَ! كَلِمَةُ ٱلرَّبِّ عَلَيْكُمْ: «يَا كَنْعَانُ أَرْضَ ٱلْفِلِسْطِينِيِّينَ، إِنِّي أَخْرِبُكِ بِلَا سَاكِنٍ». ٥ 5
हे समुद्रतट पर रहनेवालो, तुम पर हाय, हे केरेथियों द्वीप के लोगों, तुम पर हाय; हे फिलिस्तीनियों के देश, कनान, याहवेह का वचन तुम्हारे विरुद्ध है. वह कहता है, “मैं तुम्हें नाश कर दूंगा, कोई भी न बचेगा.”
وَيَكُونُ سَاحِلُ ٱلْبَحْرِ مَرْعًى بِآبَارٍ لِلرُّعَاةِ وَحَظَائِرَ لِلْغَنَمِ. ٦ 6
समुद्र के किनारे की भूमि चरागाह होगी, जहां चरवाहों के लिए कुएं और पशुओं के लिये बाड़े होंगे.
وَيَكُونُ ٱلسَّاحِلُ لِبَقِيَّةِ بَيْتِ يَهُوذَا. عَلَيْهِ يَرْعَوْنَ. فِي بُيُوتِ أَشْقَلُونَ عِنْدَ ٱلْمَسَاءِ يَرْبُضُونَ، لِأَنَّ ٱلرَّبَّ إِلَهَهُمْ يَتَعَهَّدُهُمْ وَيَرُدُّ سَبْيَهُمْ. ٧ 7
वह देश यहूदाह के बचे लोगों का देश होगा; वहां उन्हें आहार मिलेगा. संध्या के समय, वे लोग अश्कलोन के घरों में आराम के लिये लेटेंगे. क्योंकि याहवेह उनका परमेश्वर उनकी सुधि लेंगे; वे उनकी समृद्धि को लौटा लाएंगे.
«قَدْ سَمِعْتُ تَعْيِيرَ مُوآبَ وَتَجَادِيفَ بَنِي عَمُّونَ ٱلَّتِي بِهَا عَيَّرُوا شَعْبِي، وَتَعَظَّمُوا عَلَى تُخُمِهِمْ. ٨ 8
“मैंने मोआब के द्वारा कही गई अपमान की बातों और अम्मोनियों के द्वारा कही गई निंदा की बातों को सुना है, वे मेरे लोगों की बेइज्जती करते और उनके देश को छीन लेने की धमकी देते हैं.
فَلِذَلِكَ حَيٌّ أَنَا، يَقُولُ رَبُّ ٱلْجُنُودِ إِلَهُ إِسْرَائِيلَ، إِنَّ مُوآبَ تَكُونُ كَسَدُومَ وَبَنِي عَمُّونَ كَعَمُورَةَ، مِلْكَ ٱلْقَرِيصِ، وَحُفْرَةَ مِلْحٍ، وَخَرَابًا إِلَى ٱلْأَبَدِ. تَنْهَبُهُمْ بَقِيَّةُ شَعْبِي، وَبَقِيَّةُ أُمَّتِي تَمْتَلِكُهُمْ». ٩ 9
इसलिये, मेरे जीवन की शपथ,” सर्वशक्तिमान याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर की घोषणा है, “यह निश्चित है कि मोआब सोदोम के समान और अम्मोनी अमोराह के समान हो जाएंगे— ये घास-पात और नमक के गड्ढों की जगह हो जाएंगे, और हमेशा के लिये उजड़ जाएंगे. मेरे लोगों में से बचे हुए लोग उन्हें लूट लेंगे; और मेरी जाति के जीवित बचे लोग उनके देश पर अधिकार कर लेंगे.”
هَذَا لَهُمْ عِوَضُ تَكَبُّرِهِمْ، لِأَنَّهُمْ عَيَّرُوا وَتَعَظَّمُوا عَلَى شَعْبِ رَبِّ ٱلْجُنُودِ. ١٠ 10
उनका घमंड करने और सर्वशक्तिमान याहवेह के लोगों का अपमान करने और हंसी उड़ाने का उनको यह प्रतिफल मिलेगा.
ٱلرَّبُّ مُخِيفٌ إِلَيْهِمْ، لِأَنَّهُ يُهْزِلُ جَمِيعَ آلِهَةِ ٱلْأَرْضِ، فَسَيَسْجُدُ لَهُ ٱلنَّاسُ، كُلُّ وَاحِدٍ مِنْ مَكَانِهِ، كُلُّ جَزَائِرِ ٱلْأُمَمِ. ١١ 11
याहवेह का भय उनमें समाएगा, जब वह पृथ्वी के सब देवताओं को नाश कर देंगे. दूर-दूर के जाति-जाति के सब लोग अपने-अपने देश में याहवेह को झुककर दंडवत करेंगे.
«وَأَنْتُمْ يَا أَيُّهَا ٱلْكُوشِيُّونَ. قَتْلَى سَيْفِي هُمْ». ١٢ 12
“हे कूश देश निवासियो, तुम भी मेरी तलवार से मारे जाओगे.”
وَيَمُدُّ يَدَهُ عَلَى ٱلشِّمَالِ وَيُبِيدُ أَشُّورَ، وَيَجْعَلُ نِينَوَى خَرَابًا يَابِسَةً كَٱلْقَفْرِ. ١٣ 13
याहवेह उत्तर दिशा के विरुद्ध अपना हाथ बढ़ाएंगे और अश्शूर को नाश कर देंगे, और नीनवेह को पूरी तरह उजाड़ और मरुभूमि की तरह सूखा छोड़ देंगे.
فَتَرْبُضُ فِي وَسَطِهَا ٱلْقُطْعَانُ، كُلُّ طَوَائِفِ ٱلْحَيَوَانِ. اَلْقُوقُ أَيْضًا وَٱلْقُنْفُذُ يَأْوِيَانِ إِلَى تِيجَانِ عُمُدِهَا. صَوْتٌ يَنْعِبُ فِي ٱلْكُوَى. خَرَابٌ عَلَى ٱلْأَعْتَابِ. لِأَنَّهُ قَدْ تَعَرَّى أَرْزِيُّهَا. ١٤ 14
पशु और पक्षी के झुंड और सब प्रकार के जीव-जन्तु वहां आराम करेंगे. उसके खंभों पर मरुस्थल उल्लू और चीखनेवाला उल्लू बसेरा करेंगे. खिड़कियों में से उन उल्लुओं की आवाज सुनाई देगी, पत्थर के टुकड़ों से रास्ता भर जाएगा, देवदार लकड़ी के बल्लों को खुला छोड़ दिया जाएगा.
هَذِهِ هِيَ ٱلْمَدِينَةُ ٱلْمُبْتَهِجَةُ ٱلسَّاكِنَةُ مُطْمَئِنَّةً، ٱلْقَائِلَةُ فِي قَلْبِهَا: «أَنَا وَلَيْسَ غَيْرِي». كَيْفَ صَارَتْ خَرَابًا، مَرْبِضًا لِلْحَيَوَانِ! كُلُّ عَابِرٍ بِهَا يَصْفِرُ وَيَهُزُّ يَدَهُ. ١٥ 15
यह उस चहल-पहल वाले शहर की स्थिति है जो कभी सुरक्षित हुआ करती थी. वह अपने आपसे कहती थी, “मैं ही हूं! और मुझे छोड़ कोई दूसरा नहीं है.” वह खंडहर मात्र रह गई है, वन-पशुओं का एक मांद! जो कोई इसके पास से गुज़रता है, वह इसकी खिल्ली उड़ाता और अपना मुक्का तानता है.

< صَفَنْيَا 2 >