< نَشِيدُ ٱلْأَنْشَادِ 6 >

أَيْنَ ذَهَبَ حَبِيبُكِ أَيَّتُهَا ٱلْجَمِيلَةُ بَيْنَ ٱلنِّسَاءِ؟ أَيْنَ تَوَجَّهَ حَبِيبُكِ فَنَطْلُبَهُ مَعَكِ؟ ١ 1
हे स्त्रियों में परम सुन्दरी, तेरा प्रेमी कहाँ गया? तेरा प्रेमी कहाँ चला गया कि हम तेरे संग उसको ढूँढ़ने निकलें? वधू
حَبِيبِي نَزَلَ إِلَى جَنَّتِهِ، إِلَى خَمَائِلِ ٱلطِّيبِ، لِيَرْعَى فِي ٱلْجَنَّاتِ، وَيَجْمَعَ ٱلسَّوْسَنَ. ٢ 2
मेरा प्रेमी अपनी बारी में अर्थात् बलसान की क्यारियों की ओर गया है, कि बारी में अपनी भेड़-बकरियाँ चराए और सोसन फूल बटोरे।
أَنَا لِحَبِيبِي وَحَبِيبِي لِي. ٱلرَّاعِي بَيْنَ ٱلسَّوْسَنِ. ٣ 3
मैं अपने प्रेमी की हूँ और मेरा प्रेमी मेरा है, वह अपनी भेड़-बकरियाँ सोसन फूलों के बीच चराता है। वर
أَنْتِ جَمِيلَةٌ يَا حَبِيبَتِي كَتِرْصَةَ، حَسَنَةٌ كَأُورُشَلِيمَ، مُرْهِبَةٌ كَجَيْشٍ بِأَلْوِيَةٍ. ٤ 4
हे मेरी प्रिय, तू तिर्सा की समान सुन्दरी है तू यरूशलेम के समान रूपवान है, और पताका फहराती हुई सेना के तुल्य भयंकर है।
حَوِّلِي عَنِّي عَيْنَيْكِ فَإِنَّهُمَا قَدْ غَلَبَتَانِي. شَعْرُكِ كَقَطِيعِ ٱلْمَعْزِ ٱلرَّابِضِ فِي جِلْعَادَ. ٥ 5
अपनी आँखें मेरी ओर से फेर ले, क्योंकि मैं उनसे घबराता हूँ; तेरे बाल ऐसी बकरियों के झुण्ड के समान हैं, जो गिलाद की ढलान पर लेटी हुई देख पड़ती हों।
أَسْنَانُكِ كَقَطِيعِ نِعَاجٍ صَادِرةٍ مِنَ ٱلْغَسْلِ، ٱللَّوَاتِي كُلُّ وَاحِدَةٍ مُتْئِمٌ وَلَيْسَ فِيهَا عَقِيمٌ. ٦ 6
तेरे दाँत ऐसी भेड़ों के झुण्ड के समान हैं जिन्हें स्नान कराया गया हो, उनमें प्रत्येक जुड़वाँ बच्चे देती हैं, जिनमें से किसी का साथी नहीं मरा।
كَفِلْقَةِ رُمَّانَةٍ خَدُّكِ تَحْتَ نَقَابِكِ. ٧ 7
तेरे कपोल तेरी लटों के नीचे अनार की फाँक से देख पड़ते हैं।
هُنَّ سِتُّونَ مَلِكَةً وَثَمَانُونَ سُرِّيَّةً وَعَذَارَى بِلَا عَدَدٍ. ٨ 8
वहाँ साठ रानियाँ और अस्सी रखैलियाँ और असंख्य कुमारियाँ भी हैं।
وَاحِدَةٌ هِيَ حَمَامَتِي كَامِلَتِي. ٱلْوَحِيدَةُ لِأُمِّهَا هِيَ. عَقِيلَةُ وَالِدَتِهَا هِيَ. رَأَتْهَا ٱلْبَنَاتُ فَطَوَّبْنَهَا. ٱلْمَلِكَاتُ وَٱلسَّرَارِيُّ فَمَدَحْنَهَا. ٩ 9
परन्तु मेरी कबूतरी, मेरी निर्मल, अद्वितीय है अपनी माता की एकलौती, अपनी जननी की दुलारी है। पुत्रियों ने उसे देखा और धन्य कहा; रानियों और रखैलों ने देखकर उसकी प्रशंसा की।
مَنْ هِيَ ٱلْمُشْرِفَةُ مِثْلَ ٱلصَّبَاحِ، جَمِيلَةٌ كَٱلْقَمَرِ، طَاهِرَةٌ كَٱلشَّمْسِ، مُرْهِبَةٌ كَجَيْشٍ بِأَلْوِيَةٍ؟ ١٠ 10
१०यह कौन है जिसकी शोभा भोर के तुल्य है, जो सुन्दरता में चन्द्रमा और निर्मलता में सूर्य, और पताका फहराती हुई सेना के तुल्य भयंकर दिखाई देती है?
نَزَلْتُ إِلَى جَنَّةِ ٱلْجَوْزِ لِأَنْظُرَ إِلَى خُضَرِ ٱلْوَادِي، وَلِأَنْظُرَ: هَلْ أَقْعَلَ ٱلْكَرْمُ؟ هَلْ نَوَّرَ ٱلرُّمَّانُ؟ ١١ 11
११मैं अखरोट की बारी में उत्तर गई, कि तराई के फूल देखूँ, और देखूँ की दाखलता में कलियाँ लगीं, और अनारों के फूल खिले कि नहीं।
فَلَمْ أَشْعُرْ إِلَّا وَقَدْ جَعَلَتْنِي نَفْسِي بَيْنَ مَرْكَبَاتِ قَوْمِ شَرِيفٍ. ١٢ 12
१२मुझे पता भी न था कि मेरी कल्पना ने मुझे अपने राजकुमार के रथ पर चढ़ा दिया। सहेलियाँ
اِرْجِعِي، ٱرْجِعِي يَا شُولَمِّيثُ. ٱرْجِعِي، ٱرْجِعِي فَنَنْظُرَ إِلَيْكِ. مَاذَا تَرَوْنَ فِي شُولَمِّيثَ، مِثْلَ رَقْصِ صَفَّيْنِ؟ ١٣ 13
१३लौट आ, लौट आ, हे शूलेम्मिन, लौट आ, लौट आ, कि हम तुझ पर दृष्टि करें। वधू क्या तुम शूलेम्मिन को इस प्रकार देखोगे जैसा महनैम के नृत्य को देखते हैं?

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