< رَاعُوث 2 >

وَكَانَ لِنُعْمِي ذُو قَرَابَةٍ لِرَجُلِهَا، جَبَّارُ بَأْسٍ مِنْ عَشِيرَةِ أَلِيمَالِكَ، ٱسْمُهُ بُوعَزُ. ١ 1
और न'ओमी के शौहर का एक रिश्तेदार था, जो इलीमलिक के घराने का और बड़ा मालदार था; और उसका नाम बो'अज़ था।
فَقَالَتْ رَاعُوثُ ٱلْمُوآبِيَّةُ لِنُعْمِي: «دَعِينِي أَذْهَبْ إِلَى ٱلْحَقْلِ وَأَلْتَقِطْ سَنَابِلَ وَرَاءَ مَنْ أَجِدُ نِعْمَةً فِي عَيْنَيْهِ». فَقَالَتْ لَهَا: «ٱذْهَبِي يَابِنْتِي». ٢ 2
इसलिए मोआबी रूत ने न'ओमी से कहा, “मुझे इजाज़त दे, तो मैं खेत में जाऊँ और जो कोई करम की नज़र मुझ पर करे, उसके पीछे पीछे बाले चुनूँ।” उस ने उससे कहा, “जा मेरी बेटी।”
فَذَهَبَتْ وَجَاءَتْ وَٱلْتَقَطَتْ فِي ٱلْحَقْلِ وَرَاءَ ٱلْحَصَّادِينَ. فَٱتَّفَقَ نَصِيبُهَا فِي قِطْعَةِ حَقْلٍ لِبُوعَزَ ٱلَّذِي مِنْ عَشِيرَةِ أَلِيمَالِكَ. ٣ 3
इसलिए वह गई और खेत में जाकर काटने वालों के पीछे बालें चुनने लगी, इत्तफ़ाक से वह बो'अज़ ही के खेत के हिस्से में जा पहुँची जो इलीमलिक के ख़ान्दान का था।
وَإِذَا بِبُوعَزَ قَدْ جَاءَ مِنْ بَيْتِ لَحْمٍ وَقَالَ لِلْحَصَّادِينَ: «ٱلرَّبُّ مَعَكُمْ». فَقَالُوا لَهُ: «يُبَارِكُكَ ٱلرَّبُّ». ٤ 4
और बो'अज़ ने बैतलहम से आकर काटने वालों से कहा, ख़ुदावन्द तुम्हारे साथ हो। उन्होंने उससे जवाब दिया ख़ुदावन्द तुझे बरकत दे!“
فَقَالَ بُوعَزُ لِغُلَامِهِ ٱلْمُوَكَّلِ عَلَى ٱلْحَصَّادِينَ: «لِمَنْ هَذِهِ ٱلْفَتَاةُ؟» ٥ 5
फिर बो'अज़ ने अपने उस नौकर से जो काटने वालों पर मुक़र्रर था पूछा, किसकी लड़की है?”
فَأَجَابَ ألْغُلَامُ المُوَكَّلُ عَلَى ٱلحَصَّادِينَ وَقَالَ: «هِيَ فَتَاةٌ مُوآبِيَّةٌ قَدْ رَجَعَتْ مَعَ نُعْمِي مِنْ بِلَادِ مُوآبَ، ٦ 6
उस नौकर ने जो काटने वालों पर मुक़र्रर था जवाब दिया, “ये वह मोआबी लड़की है जो न'ओमी के साथ मोआब के मुल्क से आई है।”
وَقَالَتْ: دَعُونِي أَلْتَقِطْ وَأَجْمَعْ بَيْنَ ٱلْحُزَمِ وَرَاءَ ٱلْحَصَّادِينَ. فَجَاءَتْ وَمَكَثَتْ مِنَ ٱلصَّبَاحِ إِلَى ٱلْآنَ. قَلِيلًا مَّا لَبِثَتْ فِي ٱلْبَيْتِ». ٧ 7
उस ने मुझ से कहा था, 'कि मुझ को ज़रा काटने वालों के पीछे पूलियों के बीच बालें चुनकर जमा' करने दे इसलिए यह आकर सुबह से अब तक यहीं रही, सिर्फ़ ज़रा सी देर घर में ठहरी थी।”
فَقَالَ بُوعَزُ لِرَاعُوثَ: «أَلَا تَسْمَعِينَ يَابِنْتِي؟ لَا تَذْهَبِي لِتَلْتَقِطِي فِي حَقْلِ آخَرَ، وَأَيْضًا لَا تَبْرَحِي مِنْ هَهُنَا، بَلْ هُنَا لَازِمِي فَتَيَاتِي. ٨ 8
तब बो'अज़ ने रूत से कहा, “ऐ मेरी बेटी! क्या तुझे सुनाई नहीं देता? तू दूसरे खेत में बालें चुनने को न जाना और न यहाँ से निकलना, मेरी लड़कियों के साथ साथ रहना।
عَيْنَاكِ عَلَى ٱلْحَقْلِ ٱلَّذِي يَحْصُدُونَ وَٱذْهَبِي وَرَاءَهُمْ. أَلَمْ أُوصِ ٱلْغِلْمَانَ أَنْ لَا يَمَسُّوكِ؟ وَإِذَا عَطِشْتِ فَٱذْهَبِي إِلَى ٱلْآنِيَةِ وَٱشْرَبِي مِمَّا ٱسْتَقَاهُ ٱلْغِلْمَانُ». ٩ 9
इस खेत पर जिसे वह काटते हैं तेरी आखें जमी रहें और तू इन्ही के पीछे पीछे चलना। क्या मैंने इन जवानों को हुक्म नहीं किया कि वह तुझे न छुएँ? और जब तू प्यासी हो, बर्तनों के पास जाकर उसी पानी में से पीना जो मेरे जवानों ने भरा है।”
فَسَقَطَتْ عَلَى وَجْهِهَا وَسَجَدَتْ إِلَى ٱلْأَرْضِ وَقَالَتْ لَهُ: «كَيْفَ وَجَدْتُ نِعْمَةً فِي عَيْنَيْكَ حَتَّى تَنْظُرَ إِلَيَّ وَأَنَا غَرِيبَةٌ؟» ١٠ 10
तब वह औधे मुँह गिरी और ज़मीन पर सरनगू होकर उससे कहा, “क्या वजह है कि तू मुझ पर करम की नज़र करके मेरी ख़बर लेता है, हालाँकि मैं परदेसन हूँ?”
فَأَجَابَ بُوعَزُ وَقَالَ لَهَا: «إِنَّنِي قَدْ أُخْبِرْتُ بِكُلِّ مَا فَعَلْتِ بِحَمَاتِكِ بَعْدَ مَوْتِ رَجُلِكِ، حَتَّى تَرَكْتِ أَبَاكِ وَأُمَّكِ وَأَرْضَ مَوْلِدِكِ وَسِرْتِ إِلَى شَعْبٍ لَمْ تَعْرِفِيهِ مِنْ قَبْلُ. ١١ 11
बो'अज़ ने उसे जवाब दिया, कि “जो कुछ तूने अपने शौहर के मरने के बाद अपनी सास के साथ किया सब मुझे पूरे तौर पर बताया गया तूने कैसे अपने माँ — बाप और रहने की जगह को छोड़ा, उन लोगों में जिनको तू इससे पहले न जानती थी आई।
لِيُكَافِئِ ٱلرَّبُّ عَمَلَكِ، وَلْيَكُنْ أَجْرُكِ كَامِلًا مِنْ عِنْدِ ٱلرَّبِّ إِلَهِ إِسْرَائِيلَ ٱلَّذِي جِئْتِ لِكَيْ تَحْتَمِيَ تَحْتَ جَنَاحَيْهِ». ١٢ 12
ख़ुदावन्द तेरे काम का बदला दे, ख़ुदावन्द इस्राईल के ख़ुदा की तरफ़ से, जिसके परों के नीचे तू पनाह के लिए आई है, तुझ को पूरा अज्र मिले।”
فَقَالَتْ: «لَيْتَنِي أَجِدُ نِعْمَةً فِي عَيْنَيْكَ يَا سَيِّدِي لِأَنَّكَ قَدْ عَزَّيْتَنِي وَطَيَّبْتَ قَلْبَ جَارِيَتِكَ، وَأَنَا لَسْتُ كَوَاحِدَةٍ مِنْ جَوَارِيكَ». ١٣ 13
तब उसने कहा, “ऐ मेरे मालिक! तेरे करम की नज़र मुझ पर रहे, क्यूँकि तूने मुझे दिलासा दिया और मेहरबानी के साथ अपनी लौंडी से बातें कीं जब कि मैं तेरी लौंडियों में से एक के बराबर भी नहीं।”
فَقَالَ لَهَا بُوعَزُ: «عِنْدَ وَقْتِ ٱلْأَكْلِ تَقَدَّمِي إِلَى هَهُنَا وَكُلِي مِنَ ٱلْخُبْزِ، وَٱغْمِسِي لُقْمَتَكِ فِي ٱلْخَلِّ». فَجَلَسَتْ بِجَانِبِ ٱلْحَصَّادِينَ فَنَاوَلَهَا فَرِيكًا، فَأَكَلَتْ وَشَبِعَتْ وَفَضَلَ عَنْهَا. ١٤ 14
फिर बो'अज़ ने उससे खाने के वक़्त कहा कि यहाँ आ और रोटी खा और अपना निवाला सिरके में भिगो। तब वह काटने वालों के पास बैठ गई, और उन्होंने भुना हुआ अनाज उसके पास कर दिया; तब उसने खाया और सेर हुई और कुछ रख छोड़ा।
ثُمَّ قَامَتْ لِتَلْتَقِطَ. فَأَمَرَ بُوعَزُ غِلْمَانَهُ قَائِلًا: «دَعُوهَا تَلْتَقِطْ بَيْنَ ٱلْحُزَمِ أَيْضًا وَلَا تُؤْذُوهَا. ١٥ 15
और जब वह बालें चुनने उठी, तो बो'अज़ ने अपने जवानों से कहा कि उसे पूलियों के बीच में भी चुनने देना और उसे न डाँटना।
وَأَنْسِلُوا أَيْضًا لَهَا مِنَ ٱلشَّمَائِلِ وَدَعُوهَا تَلْتَقِطْ وَلَا تَنْتَهِرُوهَا». ١٦ 16
और उसके लिए गट्ठरों में से थोड़ा सा निकाल कर छोड़ देना, और उसे चुनने देना और झिड़कना मत।
فَٱلْتَقَطَتْ فِي ٱلْحَقْلِ إِلَى ٱلْمَسَاءِ، وَخَبَطَتْ مَا ٱلْتَقَطَتْهُ فَكَانَ نَحْوَ إِيفَةِ شَعِيرٍ. ١٧ 17
इसलिए वह शाम तक खेत में चुनती रही, जो कुछ उसने चुना था उसे फटका और वह क़रीब एक ऐफ़ा जौ निकला।
فَحَمَلَتْهُ وَدَخَلَتِ ٱلْمَدِينَةَ. فَرَأَتْ حَمَاتُهَا مَا ٱلْتَقَطَتْهُ. وَأَخْرَجَتْ وَأَعْطَتْهَا مَا فَضَلَ عَنْهَا بَعْدَ شِبَعِهَا. ١٨ 18
और वह उसे उठा कर शहर में गई, जो कुछ उसने चुना था उसे उसकी सास ने देखा, और उसने वह भी जो उसने सेर होने के बाद रख छोड़ा था, निकालकर अपनी सास को दिया।
فَقَالَتْ لَهَا حَمَاتُهَا: «أَيْنَ ٱلْتَقَطْتِ ٱلْيَوْمَ؟ وَأَيْنَ ٱشْتَغَلْتِ؟ لِيَكُنِ ٱلنَّاظِرُ إِلَيْكِ مُبَارَكًا». فَأَخْبَرَتْ حَمَاتَهَا بِٱلَّذِي ٱشْتَغَلَتْ مَعَهُ وَقَالَتِ: «ٱسْمُ ٱلرَّجُلِ ٱلَّذِي ٱشْتَغَلْتُ مَعَهُ ٱلْيَوْمَ بُوعَزُ». ١٩ 19
उसकी सास ने उससे पूछा, “तूने आज कहाँ बालें चुनीं और कहाँ काम किया? मुबारक हो वह जिसने तेरी खबर ली।” तब उसने अपनी सास को बताया कि उसने किसके पास काम किया था, और कहा कि उस शख़्स का नाम, जिसके यहाँ आज मैंने काम किया बो'अज़ है।
فَقَالَتْ نُعْمِي لِكَنَّتِهَا: «مُبَارَكٌ هُوَ مِنَ ٱلرَّبِّ لِأَنَّهُ لَمْ يَتْرُكِ ٱلْمَعْرُوفَ مَعَ ٱلْأَحْيَاءِ وَٱلْمَوْتَى». ثُمَّ قَالَتْ لَهَا نُعْمِي: «ٱلرَّجُلُ ذُو قَرَابَةٍ لَنَا. هُوَ ثَانِي وَلِيِّنَا». ٢٠ 20
न'ओमी ने अपनी बहू से कहा, वह ख़ुदावन्द की तरफ़ से बरकत पाए, जिसने ज़िंदों और मुर्दों से अपनी मेहरबानी बा'ज़ न रखी! और न'ओमी ने उससे कहा, “ये शख़्स हमारे क़रीबी रिश्ते का है और हमारे नज़दीक के क़रीबी रिश्तेदारों में से एक है।”
فَقَالَتْ رَاعُوثُ ٱلْمُوآبِيَّةُ: «إِنَّهُ قَالَ لِي أَيْضًا: لَازِمِي فِتْيَانِي حَتَّى يُكَمِّلُوا جَمِيعَ حَصَادِي». ٢١ 21
मोआबी रूत ने कहा, उसने मुझ से ये भी कहा था कि तू मेरे जवानों के साथ रहना, जब तक वह मेरी सारी फ़स्ल काट न चुकें।
فَقَالَتْ نُعْمِي لِرَاعُوثَ كَنَّتِهَا: «إِنَّهُ حَسَنٌ يَابِنْتِي أَنْ تَخْرُجِي مَعَ فَتَيَاتِهِ حَتَّى لَا يَقَعُوا بِكِ فِي حَقْلِ آخَرَ». ٢٢ 22
न'ओमी ने अपनी बहू रूत से कहा, मेरी बेटी ये अच्छा है कि तू उसकी लड़कियों के साथ जाया करे, और वह तुझे किसी और खेत में न पायें।
فَلَازَمَتْ فَتَيَاتِ بُوعَزَ فِي ٱلِٱلْتِقَاطِ حَتَّى ٱنْتَهَى حَصَادُ ٱلشَّعِيرِ وَحَصَادُ ٱلْحِنْطَةِ. وَسَكَنَتْ مَعَ حَمَاتِهَا. ٢٣ 23
तब वह बालें चुनने के लिए जौ और गेहूँ की फ़सल के ख़ातिमे तक बो'अज़ की लड़कियों के साथ — साथ लगी रही; और वह अपनी सास के साथ रहती थी।

< رَاعُوث 2 >