< رُوما 6 >

فَمَاذَا نَقُولُ؟ أَنَبْقَى فِي ٱلْخَطِيَّةِ لِكَيْ تَكْثُرَ ٱلنِّعْمَةُ؟ ١ 1
तो हम क्या कहें? क्या हम पाप करते रहें कि अनुग्रह बहुत हो?
حَاشَا! نَحْنُ ٱلَّذِينَ مُتْنَا عَنِ ٱلْخَطِيَّةِ، كَيْفَ نَعِيشُ بَعْدُ فِيهَا؟ ٢ 2
कदापि नहीं! हम जब पाप के लिये मर गए तो फिर आगे को उसमें कैसे जीवन बिताएँ?
أَمْ تَجْهَلُونَ أَنَّنَا كُلَّ مَنِ ٱعْتَمَدَ لِيَسُوعَ ٱلْمَسِيحِ ٱعْتَمَدْنَا لِمَوْتِهِ، ٣ 3
क्या तुम नहीं जानते कि हम सब जितनों ने मसीह यीशु का बपतिस्मा लिया तो उसकी मृत्यु का बपतिस्मा लिया?
فَدُفِنَّا مَعَهُ بِٱلْمَعْمُودِيَّةِ لِلْمَوْتِ، حَتَّى كَمَا أُقِيمَ ٱلْمَسِيحُ مِنَ ٱلْأَمْوَاتِ، بِمَجْدِ ٱلْآبِ، هَكَذَا نَسْلُكُ نَحْنُ أَيْضًا فِي جِدَّةِ ٱلْحَيَاةِ؟ ٤ 4
इसलिए उस मृत्यु का बपतिस्मा पाने से हम उसके साथ गाड़े गए, ताकि जैसे मसीह पिता की महिमा के द्वारा मरे हुओं में से जिलाया गया, वैसे ही हम भी नये जीवन के अनुसार चाल चलें।
لِأَنَّهُ إِنْ كُنَّا قَدْ صِرْنَا مُتَّحِدِينَ مَعَهُ بِشِبْهِ مَوْتِهِ، نَصِيرُ أَيْضًا بِقِيَامَتِهِ. ٥ 5
क्योंकि यदि हम उसकी मृत्यु की समानता में उसके साथ जुट गए हैं, तो निश्चय उसके जी उठने की समानता में भी जुट जाएँगे।
عَالِمِينَ هَذَا: أَنَّ إِنْسَانَنَا ٱلْعَتِيقَ قَدْ صُلِبَ مَعَهُ لِيُبْطَلَ جَسَدُ ٱلْخَطِيَّةِ، كَيْ لَا نَعُودَ نُسْتَعْبَدُ أَيْضًا لِلْخَطِيَّةِ. ٦ 6
क्योंकि हम जानते हैं कि हमारा पुराना मनुष्यत्व उसके साथ क्रूस पर चढ़ाया गया, ताकि पाप का शरीर नाश हो जाए, ताकि हम आगे को पाप के दासत्व में न रहें।
لِأَنَّ ٱلَّذِي مَاتَ قَدْ تَبَرَّأَ مِنَ ٱلْخَطِيَّةِ. ٧ 7
क्योंकि जो मर गया, वह पाप से मुक्त हो गया है।
فَإِنْ كُنَّا قَدْ مُتْنَا مَعَ ٱلْمَسِيحِ، نُؤْمِنُ أَنَّنَا سَنَحْيَا أَيْضًا مَعَهُ. ٨ 8
इसलिए यदि हम मसीह के साथ मर गए, तो हमारा विश्वास यह है कि उसके साथ जीएँगे भी,
عَالِمِينَ أَنَّ ٱلْمَسِيحَ بَعْدَمَا أُقِيمَ مِنَ ٱلْأَمْوَاتِ لَا يَمُوتُ أَيْضًا. لَا يَسُودُ عَلَيْهِ ٱلْمَوْتُ بَعْدُ. ٩ 9
क्योंकि हम जानते है कि मसीह मरे हुओं में से जी उठा और फिर कभी नहीं मरेगा। मृत्यु उस पर प्रभुता नहीं करती।
لِأَنَّ ٱلْمَوْتَ ٱلَّذِي مَاتَهُ قَدْ مَاتَهُ لِلْخَطِيَّةِ مَرَّةً وَاحِدَةً، وَٱلْحَيَاةُ ٱلَّتِي يَحْيَاهَا فَيَحْيَاهَا لِلهِ. ١٠ 10
१०क्योंकि वह जो मर गया तो पाप के लिये एक ही बार मर गया; परन्तु जो जीवित है, तो परमेश्वर के लिये जीवित है।
كَذَلِكَ أَنْتُمْ أَيْضًا ٱحْسِبُوا أَنْفُسَكُمْ أَمْوَاتًا عَنِ ٱلْخَطِيَّةِ، وَلَكِنْ أَحْيَاءً لِلهِ بِٱلْمَسِيحِ يَسُوعَ رَبِّنَا. ١١ 11
११ऐसे ही तुम भी अपने आपको पाप के लिये तो मरा, परन्तु परमेश्वर के लिये मसीह यीशु में जीवित समझो।
إِذًا لَا تَمْلِكَنَّ ٱلْخَطِيَّةُ فِي جَسَدِكُمُ ٱلْمَائِتِ لِكَيْ تُطِيعُوهَا فِي شَهَوَاتِهِ، ١٢ 12
१२इसलिए पाप तुम्हारे नाशवान शरीर में राज्य न करे, कि तुम उसकी लालसाओं के अधीन रहो।
وَلَا تُقَدِّمُوا أَعْضَاءَكُمْ آلَاتِ إِثْمٍ لِلْخَطِيَّةِ، بَلْ قَدِّمُوا ذَوَاتِكُمْ لِلهِ كَأَحْيَاءٍ مِنَ ٱلْأَمْوَاتِ وَأَعْضَاءَكُمْ آلَاتِ بِرٍّ لِلهِ. ١٣ 13
१३और न अपने अंगों को अधर्म के हथियार होने के लिये पाप को सौंपो, पर अपने आपको मरे हुओं में से जी उठा हुआ जानकर परमेश्वर को सौंपो, और अपने अंगों को धार्मिकता के हथियार होने के लिये परमेश्वर को सौंपो।
فَإِنَّ ٱلْخَطِيَّةَ لَنْ تَسُودَكُمْ، لِأَنَّكُمْ لَسْتُمْ تَحْتَ ٱلنَّامُوسِ بَلْ تَحْتَ ٱلنِّعْمَةِ. ١٤ 14
१४तब तुम पर पाप की प्रभुता न होगी, क्योंकि तुम व्यवस्था के अधीन नहीं वरन् अनुग्रह के अधीन हो।
فَمَاذَا إِذًا؟ أَنُخْطِئُ لِأَنَّنَا لَسْنَا تَحْتَ ٱلنَّامُوسِ بَلْ تَحْتَ ٱلنِّعْمَةِ؟ حَاشَا! ١٥ 15
१५तो क्या हुआ? क्या हम इसलिए पाप करें कि हम व्यवस्था के अधीन नहीं वरन् अनुग्रह के अधीन हैं? कदापि नहीं!
أَلَسْتُمْ تَعْلَمُونَ أَنَّ ٱلَّذِي تُقَدِّمُونَ ذَوَاتِكُمْ لَهُ عَبِيدًا لِلطَّاعَةِ، أَنْتُمْ عَبِيدٌ لِلَّذِي تُطِيعُونَهُ: إِمَّا لِلْخَطِيَّةِ لِلْمَوْتِ أَوْ لِلطَّاعَةِ لِلْبِرِّ؟ ١٦ 16
१६क्या तुम नहीं जानते कि जिसकी आज्ञा मानने के लिये तुम अपने आपको दासों के समान सौंप देते हो उसी के दास हो: चाहे पाप के, जिसका अन्त मृत्यु है, चाहे आज्ञा मानने के, जिसका अन्त धार्मिकता है?
فَشُكْرًا لِلهِ، أَنَّكُمْ كُنْتُمْ عَبِيدًا لِلْخَطِيَّةِ، وَلَكِنَّكُمْ أَطَعْتُمْ مِنَ ٱلْقَلْبِ صُورَةَ ٱلتَّعْلِيمِ ٱلَّتِي تَسَلَّمْتُمُوهَا. ١٧ 17
१७परन्तु परमेश्वर का धन्यवाद हो, कि तुम जो पाप के दास थे अब मन से उस उपदेश के माननेवाले हो गए, जिसके साँचे में ढाले गए थे,
وَإِذْ أُعْتِقْتُمْ مِنَ ٱلْخَطِيَّةِ صِرْتُمْ عَبِيدًا لِلْبِرِّ. ١٨ 18
१८और पाप से छुड़ाए जाकर धार्मिकता के दास हो गए।
أَتَكَلَّمُ إِنْسَانِيًّا مِنْ أَجْلِ ضَعْفِ جَسَدِكُمْ. لِأَنَّهُ كَمَا قَدَّمْتُمْ أَعْضَاءَكُمْ عَبِيدًا لِلنَّجَاسَةِ وَٱلْإِثْمِ لِلْإِثْمِ، هَكَذَا ٱلْآنَ قَدِّمُوا أَعْضَاءَكُمْ عَبِيدًا لِلْبِرِّ لِلْقَدَاسَةِ. ١٩ 19
१९मैं तुम्हारी शारीरिक दुर्बलता के कारण मनुष्यों की रीति पर कहता हूँ। जैसे तुम ने अपने अंगों को अशुद्धता और कुकर्म के दास करके सौंपा था, वैसे ही अब अपने अंगों को पवित्रता के लिये धार्मिकता के दास करके सौंप दो।
لِأَنَّكُمْ لَمَّا كُنْتُمْ عَبِيدَ ٱلْخَطِيَّةِ، كُنْتُمْ أَحْرَارًا مِنَ ٱلْبِرِّ. ٢٠ 20
२०जब तुम पाप के दास थे, तो धार्मिकता की ओर से स्वतंत्र थे।
فَأَيُّ ثَمَرٍ كَانَ لَكُمْ حِينَئِذٍ مِنَ ٱلْأُمُورِ ٱلَّتِي تَسْتَحُونَ بِهَا ٱلْآنَ؟ لِأَنَّ نِهَايَةَ تِلْكَ ٱلْأُمُورِ هِيَ ٱلْمَوْتُ. ٢١ 21
२१तो जिन बातों से अब तुम लज्जित होते हो, उनसे उस समय तुम क्या फल पाते थे? क्योंकि उनका अन्त तो मृत्यु है।
وَأَمَّا ٱلْآنَ إِذْ أُعْتِقْتُمْ مِنَ ٱلْخَطِيَّةِ، وَصِرْتُمْ عَبِيدًا لِلهِ، فَلَكُمْ ثَمَرُكُمْ لِلْقَدَاسَةِ، وَٱلنِّهَايَةُ حَيَاةٌ أَبَدِيَّةٌ. (aiōnios g166) ٢٢ 22
२२परन्तु अब पाप से स्वतंत्र होकर और परमेश्वर के दास बनकर तुम को फल मिला जिससे पवित्रता प्राप्त होती है, और उसका अन्त अनन्त जीवन है। (aiōnios g166)
لِأَنَّ أُجْرَةَ ٱلْخَطِيَّةِ هِيَ مَوْتٌ، وَأَمَّا هِبَةُ ٱللهِ فَهِيَ حَيَاةٌ أَبَدِيَّةٌ بِٱلْمَسِيحِ يَسُوعَ رَبِّنَا. (aiōnios g166) ٢٣ 23
२३क्योंकि पाप की मजदूरी तो मृत्यु है, परन्तु परमेश्वर का वरदान हमारे प्रभु मसीह यीशु में अनन्त जीवन है। (aiōnios g166)

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