< رُؤيا 22 +

وَأَرَانِي نَهْرًا صَافِيًا مِنْ مَاءِ حَيَاةٍ لَامِعًا كَبَلُّورٍ، خَارِجًا مِنْ عَرْشِ ٱللهِ وَٱلْخَرُوفِ. ١ 1
फिर उसने मुझे बिल्लौर के समान झलकती हुई, जीवन के जल की एक नदी दिखाई, जो परमेश्वर और मेम्ने के सिंहासन से निकलकर,
فِي وَسَطِ سُوقِهَا وَعَلَى ٱلنَّهْرِ مِنْ هُنَا وَمِنْ هُنَاكَ، شَجَرَةُ حَيَاةٍ تَصْنَعُ ٱثْنَتَيْ عَشْرَةَ ثَمَرَةً، وَتُعْطِي كُلَّ شَهْرٍ ثَمَرَهَا، وَوَرَقُ ٱلشَّجَرَةِ لِشِفَاءِ ٱلْأُمَمِ. ٢ 2
उस नगर की सड़क के बीचों बीच बहती थी। नदी के इस पार और उस पार जीवन का पेड़ था; उसमें बारह प्रकार के फल लगते थे, और वह हर महीने फलता था; और उस पेड़ के पत्तों से जाति-जाति के लोग चंगे होते थे।
وَلَا تَكُونُ لَعْنَةٌ مَا فِي مَا بَعْدُ. وَعَرْشُ ٱللهِ وَٱلْخَرُوفِ يَكُونُ فِيهَا، وَعَبِيدُهُ يَخْدِمُونَهُ. ٣ 3
फिर श्राप न होगा, और परमेश्वर और मेम्ने का सिंहासन उस नगर में होगा, और उसके दास उसकी सेवा करेंगे।
وَهُمْ سَيَنْظُرُونَ وَجْهَهُ، وَٱسْمُهُ عَلَى جِبَاهِهِمْ. ٤ 4
वे उसका मुँह देखेंगे, और उसका नाम उनके माथों पर लिखा हुआ होगा।
وَلَا يَكُونُ لَيْلٌ هُنَاكَ، وَلَا يَحْتَاجُونَ إِلَى سِرَاجٍ أَوْ نُورِ شَمْسٍ، لِأَنَّ ٱلرَّبَّ ٱلْإِلَهَ يُنِيرُ عَلَيْهِمْ، وَهُمْ سَيَمْلِكُونَ إِلَى أَبَدِ ٱلْآبِدِينَ. (aiōn g165) ٥ 5
और फिर रात न होगी, और उन्हें दीपक और सूर्य के उजियाले की आवश्यकता न होगी, क्योंकि प्रभु परमेश्वर उन्हें उजियाला देगा, और वे युगानुयुग राज्य करेंगे। (aiōn g165)
ثُمَّ قَالَ لِي: «هَذِهِ ٱلْأَقْوَالُ أَمِينَةٌ وَصَادِقَةٌ. وَٱلرَّبُّ إِلَهُ ٱلْأَنْبِيَاءِ ٱلْقِدِّيسِينَ أَرْسَلَ مَلَاكَهُ لِيُرِيَ عَبِيدَهُ مَا يَنْبَغِي أَنْ يَكُونَ سَرِيعًا». ٦ 6
फिर उसने मुझसे कहा, “ये बातें विश्वासयोग्य और सत्य हैं। और प्रभु ने, जो भविष्यद्वक्ताओं की आत्माओं का परमेश्वर है, अपने स्वर्गदूत को इसलिए भेजा कि अपने दासों को वे बातें, जिनका शीघ्र पूरा होना अवश्य है दिखाए।”
«هَا أَنَا آتِي سَرِيعًا. طُوبَى لِمَنْ يَحْفَظُ أَقْوَالَ نُبُوَّةِ هَذَا ٱلْكِتَابِ». ٧ 7
“और देख, मैं शीघ्र आनेवाला हूँ; धन्य है वह, जो इस पुस्तक की भविष्यद्वाणी की बातें मानता है।”
وَأَنَا يُوحَنَّا ٱلَّذِي كَانَ يَنْظُرُ وَيَسْمَعُ هَذَا. وَحِينَ سَمِعْتُ وَنَظَرْتُ، خَرَرْتُ لِأَسْجُدَ أَمَامَ رِجْلَيِ ٱلْمَلَاكِ ٱلَّذِي كَانَ يُرِينِي هَذَا. ٨ 8
मैं वही यूहन्ना हूँ, जो ये बातें सुनता, और देखता था। और जब मैंने सुना और देखा, तो जो स्वर्गदूत मुझे ये बातें दिखाता था, मैं उसके पाँवों पर दण्डवत् करने के लिये गिर पड़ा।
فَقَالَ لِيَ: «ٱنْظُرْ لَا تَفْعَلْ! لِأَنِّي عَبْدٌ مَعَكَ وَمَعَ إِخْوَتِكَ ٱلْأَنْبِيَاءِ، وَٱلَّذِينَ يَحْفَظُونَ أَقْوَالَ هَذَا ٱلْكِتَابِ. ٱسْجُدْ لِلهِ!». ٩ 9
पर उसने मुझसे कहा, “देख, ऐसा मत कर; क्योंकि मैं तेरा और तेरे भाई भविष्यद्वक्ताओं और इस पुस्तक की बातों के माननेवालों का संगी दास हूँ, परमेश्वर ही की आराधना कर।”
وَقَالَ لِي: «لَا تَخْتِمْ عَلَى أَقْوَالِ نُبُوَّةِ هَذَا ٱلْكِتَابِ، لِأَنَّ ٱلْوَقْتَ قَرِيبٌ. ١٠ 10
१०फिर उसने मुझसे कहा, “इस पुस्तक की भविष्यद्वाणी की बातों को बन्द मत कर; क्योंकि समय निकट है।
مَنْ يَظْلِمْ فَلْيَظْلِمْ بَعْدُ. وَمَنْ هُوَ نَجِسٌ فَلْيَتَنَجَّسْ بَعْدُ. وَمَنْ هُوَ بَارٌّ فَلْيَتَبَرَّرْ بَعْدُ. وَمَنْ هُوَ مُقَدَّسٌ فَلْيَتَقَدَّسْ بَعْدُ». ١١ 11
११जो अन्याय करता है, वह अन्याय ही करता रहे; और जो मलिन है, वह मलिन बना रहे; और जो धर्मी है, वह धर्मी बना रहे; और जो पवित्र है, वह पवित्र बना रहे।”
«وَهَا أَنَا آتِي سَرِيعًا وَأُجْرَتِي مَعِي لِأُجَازِيَ كُلَّ وَاحِدٍ كَمَا يَكُونُ عَمَلُهُ. ١٢ 12
१२“देख, मैं शीघ्र आनेवाला हूँ; और हर एक के काम के अनुसार बदला देने के लिये प्रतिफल मेरे पास है।
أَنَا ٱلْأَلِفُ وَٱلْيَاءُ، ٱلْبِدَايَةُ وَٱلنِّهَايَةُ، ٱلْأَوَّلُ وَٱلْآخِرُ». ١٣ 13
१३मैं अल्फा और ओमेगा, पहला और अन्तिम, आदि और अन्त हूँ।”
طُوبَى لِلَّذِينَ يَصْنَعُونَ وَصَايَاهُ لِكَيْ يَكُونَ سُلْطَانُهُمْ عَلَى شَجَرَةِ ٱلْحَيَاةِ، وَيَدْخُلُوا مِنَ ٱلْأَبْوَابِ إِلَى ٱلْمَدِينَةِ، ١٤ 14
१४“धन्य वे हैं, जो अपने वस्त्र धो लेते हैं, क्योंकि उन्हें जीवन के पेड़ के पास आने का अधिकार मिलेगा, और वे फाटकों से होकर नगर में प्रवेश करेंगे।
لِأَنَّ خَارِجًا ٱلْكِلَابَ وَٱلسَّحَرَةَ وَٱلزُّنَاةَ وَٱلْقَتَلَةَ وَعَبَدَةَ ٱلْأَوْثَانِ، وَكُلَّ مَنْ يُحِبُّ وَيَصْنَعُ كَذِبًا. ١٥ 15
१५पर कुत्ते, टोन्हें, व्यभिचारी, हत्यारे, मूर्तिपूजक, हर एक झूठ का चाहनेवाला और गढ़नेवाला बाहर रहेगा।
«أَنَا يَسُوعُ، أَرْسَلْتُ مَلَاكِي لِأَشْهَدَ لَكُمْ بِهَذِهِ ٱلْأُمُورِ عَنِ ٱلْكَنَائِسِ. أَنَا أَصْلُ وَذُرِّيَّةُ دَاوُدَ. كَوْكَبُ ٱلصُّبْحِ ٱلْمُنِيرُ». ١٦ 16
१६“मुझ यीशु ने अपने स्वर्गदूत को इसलिए भेजा, कि तुम्हारे आगे कलीसियाओं के विषय में इन बातों की गवाही दे। मैं दाऊद का मूल और वंश, और भोर का चमकता हुआ तारा हूँ।”
وَٱلرُّوحُ وَٱلْعَرُوسُ يَقُولَانِ: «تَعَالَ!». وَمَنْ يَسْمَعْ فَلْيَقُلْ: «تَعَالَ!». وَمَنْ يَعْطَشْ فَلْيَأْتِ. وَمَنْ يُرِدْ فَلْيَأْخُذْ مَاءَ حَيَاةٍ مَجَّانًا. ١٧ 17
१७और आत्मा, और दुल्हन दोनों कहती हैं, “आ!” और सुननेवाला भी कहे, “आ!” और जो प्यासा हो, वह आए और जो कोई चाहे वह जीवन का जल सेंत-मेंत ले।
لِأَنِّي أَشْهَدُ لِكُلِّ مَنْ يَسْمَعُ أَقْوَالَ نُبُوَّةِ هَذَا ٱلْكِتَابِ: إِنْ كَانَ أَحَدٌ يَزِيدُ عَلَى هَذَا، يَزِيدُ ٱللهُ عَلَيْهِ ٱلضَّرَبَاتِ ٱلْمَكْتُوبَةَ فِي هَذَا ٱلْكِتَابِ. ١٨ 18
१८मैं हर एक को, जो इस पुस्तक की भविष्यद्वाणी की बातें सुनता है, गवाही देता हूँ: यदि कोई मनुष्य इन बातों में कुछ बढ़ाए तो परमेश्वर उन विपत्तियों को जो इस पुस्तक में लिखी हैं, उस पर बढ़ाएगा।
وَإِنْ كَانَ أَحَدٌ يَحْذِفُ مِنْ أَقْوَالِ كِتَابِ هَذِهِ ٱلنُّبُوَّةِ، يَحْذِفُ ٱللهُ نَصِيبَهُ مِنْ سِفْرِ ٱلْحَيَاةِ، وَمِنَ ٱلْمَدِينَةِ ٱلْمُقَدَّسَةِ، وَمِنَ ٱلْمَكْتُوبِ فِي هَذَا ٱلْكِتَابِ. ١٩ 19
१९और यदि कोई इस भविष्यद्वाणी की पुस्तक की बातों में से कुछ निकाल डाले, तो परमेश्वर उस जीवन के पेड़ और पवित्र नगर में से, जिसका वर्णन इस पुस्तक में है, उसका भाग निकाल देगा।
يَقُولُ ٱلشَّاهِدُ بِهَذَا: «نَعَمْ! أَنَا آتِي سَرِيعًا». آمِينَ. تَعَالَ أَيُّهَا ٱلرَّبُّ يَسُوعُ. ٢٠ 20
२०जो इन बातों की गवाही देता है, वह यह कहता है, “हाँ, मैं शीघ्र आनेवाला हूँ।” आमीन। हे प्रभु यीशु आ!
نِعْمَةُ رَبِّنَا يَسُوعَ ٱلْمَسِيحِ مَعَ جَمِيعِكُمْ. آمِينَ. ٢١ 21
२१प्रभु यीशु का अनुग्रह पवित्र लोगों के साथ रहे। आमीन।

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