< رُؤيا 20 >

وَرَأَيْتُ مَلَاكًا نَازِلًا مِنَ ٱلسَّمَاءِ مَعَهُ مِفْتَاحُ ٱلْهَاوِيَةِ، وَسِلْسِلَةٌ عَظِيمَةٌ عَلَى يَدِهِ. (Abyssos g12) ١ 1
फिर मैंने एक स्वर्गदूत को स्वर्ग से उतरते देखा; जिसके हाथ में अथाह कुण्ड की कुँजी, और एक बड़ी जंजीर थी। (Abyssos g12)
فَقَبَضَ عَلَى ٱلتِّنِّينِ، ٱلْحَيَّةِ ٱلْقَدِيمَةِ، ٱلَّذِي هُوَ إِبْلِيسُ وَٱلشَّيْطَانُ، وَقَيَّدَهُ أَلْفَ سَنَةٍ، ٢ 2
और उसने उस अजगर, अर्थात् पुराने साँप को, जो शैतान है; पकड़कर हजार वर्ष के लिये बाँध दिया,
وَطَرَحَهُ فِي ٱلْهَاوِيَةِ وَأَغْلَقَ عَلَيْهِ، وَخَتَمَ عَلَيْهِ لِكَيْ لَا يُضِلَّ ٱلْأُمَمَ فِي مَا بَعْدُ، حَتَّى تَتِمَّ ٱلْأَلْفُ ٱلسَّنَةِ. وَبَعْدَ ذَلِكَ لَابُدَّ أَنْ يُحَلَّ زَمَانًا يَسِيرًا. (Abyssos g12) ٣ 3
और उसे अथाह कुण्ड में डालकर बन्द कर दिया और उस पर मुहर कर दी, कि वह हजार वर्ष के पूरे होने तक जाति-जाति के लोगों को फिर न भरमाए। इसके बाद अवश्य है कि थोड़ी देर के लिये फिर खोला जाए। (Abyssos g12)
وَرَأَيْتُ عُرُوشًا فَجَلَسُوا عَلَيْهَا، وَأُعْطُوا حُكْمًا. وَرَأَيْتُ نُفُوسَ ٱلَّذِينَ قُتِلُوا مِنْ أَجْلِ شَهَادَةِ يَسُوعَ وَمِنْ أَجْلِ كَلِمَةِ ٱللهِ، وَٱلَّذِينَ لَمْ يَسْجُدُوا لِلْوَحْشِ وَلَا لِصُورَتِهِ، وَلَمْ يَقْبَلُوا ٱلسِّمَةَ عَلَى جِبَاهِهِمْ وَعَلَى أَيْدِيهِمْ، فَعَاشُوا وَمَلَكُوا مَعَ ٱلْمَسِيحِ أَلْفَ سَنَةٍ. ٤ 4
फिर मैंने सिंहासन देखे, और उन पर लोग बैठ गए, और उनको न्याय करने का अधिकार दिया गया। और उनकी आत्माओं को भी देखा, जिनके सिर यीशु की गवाही देने और परमेश्वर के वचन के कारण काटे गए थे, और जिन्होंने न उस पशु की, और न उसकी मूर्ति की पूजा की थी, और न उसकी छाप अपने माथे और हाथों पर ली थी। वे जीवित होकर मसीह के साथ हजार वर्ष तक राज्य करते रहे।
وَأَمَّا بَقِيَّةُ ٱلْأَمْوَاتِ فَلَمْ تَعِشْ حَتَّى تَتِمَّ ٱلْأَلْفُ ٱلسَّنَةِ. هَذِهِ هِيَ ٱلْقِيَامَةُ ٱلْأُولَى. ٥ 5
जब तक ये हजार वर्ष पूरे न हुए तब तक शेष मरे हुए न जी उठे। यह तो पहला पुनरुत्थान है।
مُبَارَكٌ وَمُقَدَّسٌ مَنْ لَهُ نَصِيبٌ فِي ٱلْقِيَامَةِ ٱلْأُولَى. هَؤُلَاءِ لَيْسَ لِلْمَوْتِ ٱلثَّانِي سُلْطَانٌ عَلَيْهِمْ، بَلْ سَيَكُونُونَ كَهَنَةً لِلهِ وَٱلْمَسِيحِ، وَسَيَمْلِكُونَ مَعَهُ أَلْفَ سَنَةٍ. ٦ 6
धन्य और पवित्र वह है, जो इस पहले पुनरुत्थान का भागी है, ऐसों पर दूसरी मृत्यु का कुछ भी अधिकार नहीं, पर वे परमेश्वर और मसीह के याजक होंगे, और उसके साथ हजार वर्ष तक राज्य करेंगे।
ثُمَّ مَتَى تَمَّتِ ٱلْأَلْفُ ٱلسَّنَةِ يُحَلُّ ٱلشَّيْطَانُ مِنْ سِجْنِهِ، ٧ 7
जब हजार वर्ष पूरे हो चुकेंगे तो शैतान कैद से छोड़ दिया जाएगा।
وَيَخْرُجُ لِيُضِلَّ ٱلْأُمَمَ ٱلَّذِينَ فِي أَرْبَعِ زَوَايَا ٱلْأَرْضِ: جُوجَ وَمَاجُوجَ، لِيَجْمَعَهُمْ لِلْحَرْبِ، ٱلَّذِينَ عَدَدُهُمْ مِثْلُ رَمْلِ ٱلْبَحْرِ. ٨ 8
और उन जातियों को जो पृथ्वी के चारों ओर होंगी, अर्थात् गोग और मागोग को जिनकी गिनती समुद्र की रेत के बराबर होगी, भरमाकर लड़ाई के लिये इकट्ठा करने को निकलेगा।
فَصَعِدُوا عَلَى عَرْضِ ٱلْأَرْضِ، وَأَحَاطُوا بِمُعَسْكَرِ ٱلْقِدِّيسِينَ وَبِٱلْمَدِينَةِ ٱلْمَحْبُوبَةِ، فَنَزَلَتْ نَارٌ مِنْ عِنْدِ ٱللهِ مِنَ ٱلسَّمَاءِ وَأَكَلَتْهُمْ. ٩ 9
और वे सारी पृथ्वी पर फैल जाएँगी और पवित्र लोगों की छावनी और प्रिय नगर को घेर लेंगी और आग स्वर्ग से उतरकर उन्हें भस्म करेगी।
وَإِبْلِيسُ ٱلَّذِي كَانَ يُضِلُّهُمْ طُرِحَ فِي بُحَيْرَةِ ٱلنَّارِ وَٱلْكِبْرِيتِ، حَيْثُ ٱلْوَحْشُ وَٱلنَّبِيُّ ٱلْكَذَّابُ. وَسَيُعَذَّبُونَ نَهَارًا وَلَيْلًا إِلَى أَبَدِ ٱلْآبِدِينَ. (aiōn g165, Limnē Pyr g3041 g4442) ١٠ 10
१०और उनका भरमानेवाला शैतान आग और गन्धक की उस झील में, जिसमें वह पशु और झूठा भविष्यद्वक्ता भी होगा, डाल दिया जाएगा; और वे रात-दिन युगानुयुग पीड़ा में तड़पते रहेंगे। (aiōn g165, Limnē Pyr g3041 g4442)
ثُمَّ رَأَيْتُ عَرْشًا عَظِيمًا أَبْيَضَ، وَٱلْجَالِسَ عَلَيْهِ، ٱلَّذِي مِنْ وَجْهِهِ هَرَبَتِ ٱلْأَرْضُ وَٱلسَّمَاءُ، وَلَمْ يُوجَدْ لَهُمَا مَوْضِعٌ! ١١ 11
११फिर मैंने एक बड़ा श्वेत सिंहासन और उसको जो उस पर बैठा हुआ है, देखा, जिसके सामने से पृथ्वी और आकाश भाग गए, और उनके लिये जगह न मिली।
وَرَأَيْتُ ٱلْأَمْوَاتَ صِغَارًا وَكِبَارًا وَاقِفِينَ أَمَامَ ٱللهِ، وَٱنْفَتَحَتْ أَسْفَارٌ، وَٱنْفَتَحَ سِفْرٌ آخَرُ هُوَ سِفْرُ ٱلْحَيَاةِ، وَدِينَ ٱلْأَمْوَاتُ مِمَّا هُوَ مَكْتُوبٌ فِي ٱلْأَسْفَارِ بِحَسَبِ أَعْمَالِهِمْ. ١٢ 12
१२फिर मैंने छोटे बड़े सब मरे हुओं को सिंहासन के सामने खड़े हुए देखा, और पुस्तकें खोली गईं; और फिर एक और पुस्तक खोली गई, अर्थात् जीवन की पुस्तक; और जैसे उन पुस्तकों में लिखा हुआ था, उनके कामों के अनुसार मरे हुओं का न्याय किया गया।
وَسَلَّمَ ٱلْبَحْرُ ٱلْأَمْوَاتَ ٱلَّذِينَ فِيهِ، وَسَلَّمَ ٱلْمَوْتُ وَٱلْهَاوِيَةُ ٱلْأَمْوَاتَ ٱلَّذِينَ فِيهِمَا. وَدِينُوا كُلُّ وَاحِدٍ بِحَسَبِ أَعْمَالِهِ. (Hadēs g86) ١٣ 13
१३और समुद्र ने उन मरे हुओं को जो उसमें थे दे दिया, और मृत्यु और अधोलोक ने उन मरे हुओं को जो उनमें थे दे दिया; और उनमें से हर एक के कामों के अनुसार उनका न्याय किया गया। (Hadēs g86)
وَطُرِحَ ٱلْمَوْتُ وَٱلْهَاوِيَةُ فِي بُحَيْرَةِ ٱلنَّارِ. هَذَا هُوَ ٱلْمَوْتُ ٱلثَّانِي. (Hadēs g86, Limnē Pyr g3041 g4442) ١٤ 14
१४और मृत्यु और अधोलोक भी आग की झील में डाले गए। यह आग की झील तो दूसरी मृत्यु है। (Hadēs g86, Limnē Pyr g3041 g4442)
وَكُلُّ مَنْ لَمْ يُوجَدْ مَكْتُوبًا فِي سِفْرِ ٱلْحَيَاةِ طُرِحَ فِي بُحَيْرَةِ ٱلنَّارِ. (Limnē Pyr g3041 g4442) ١٥ 15
१५और जिस किसी का नाम जीवन की पुस्तक में लिखा हुआ न मिला, वह आग की झील में डाला गया। (Limnē Pyr g3041 g4442)

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