< اَلْمَزَامِيرُ 93 >

اَلرَّبُّ قَدْ مَلَكَ. لَبِسَ ٱلْجَلَالَ. لَبِسَ ٱلرَّبُّ ٱلْقُدْرَةَ، ٱئْتَزَرَ بِهَا. أَيْضًا تَثَبَّتَتِ ٱلْمَسْكُونَةُ. لَا تَتَزَعْزَعُ. ١ 1
ख़ुदावन्द सलतनत करता है वह शौकत से मुलब्बस है ख़ुदावन्द कु़दरत से मुलब्बस है, वह उससे कमर बस्ता है इस लिए जहान क़ाईम है और उसे जुम्बिश नहीं।
كُرْسِيُّكَ مُثْبَتَةٌ مُنْذُ ٱلْقِدَمِ. مُنْذُ ٱلْأَزَلِ أَنْتَ. ٢ 2
तेरा तख़्त पहले से क़ाईम है, तू इब्तिदा से है।
رَفَعَتِ ٱلْأَنْهَارُ يَارَبُّ، رَفَعَتِ ٱلْأَنْهَارُ صَوْتَهَا. تَرْفَعُ ٱلْأَنْهَارُ عَجِيجَهَا. ٣ 3
सैलाबों ने, ऐ ख़ुदावन्द! सैलाबों ने शोर मचा रख्खा है, सैलाब मौजज़न हैं।
مِنْ أَصْوَاتِ مِيَاهٍ كَثِيرَةٍ، مِنْ غِمَارِ أَمْوَاجِ ٱلْبَحْرِ، ٱلرَّبُّ فِي ٱلْعُلَى أَقْدَرُ. ٤ 4
बहरों की आवाज़ से, समन्दर की ज़बरदस्त मौजों से भी, ख़ुदावन्द बलन्द — ओ — क़ादिर है।
شَهَادَاتُكَ ثَابِتَةٌ جِدًّا. بِبَيْتِكَ تَلِيقُ ٱلْقَدَاسَةُ يَارَبُّ إِلَى طُولِ ٱلْأَيَّامِ. ٥ 5
तेरी शहादतें बिल्कुल सच्ची हैं; ऐ ख़ुदावन्द हमेशा से हमेशा तक के लिए पाकीज़गी तेरे घर को ज़ेबा है।

< اَلْمَزَامِيرُ 93 >