< اَلْمَزَامِيرُ 76 >

لِإِمَامِ ٱلْمُغَنِّينَ عَلَى «ذَوَاتِ اَلْأَوْتَارِ». مَزْمُورٌ لِآسَافَ. تَسْبِيحَةٌ ٱللهُ مَعْرُوفٌ فِي يَهُوذَا. ٱسْمُهُ عَظِيمٌ فِي إِسْرَائِيلَ. ١ 1
ख़ुदा यहूदाह में मशहूर है, उसका नाम इस्राईल में बुजु़र्ग है।
كَانَتْ فِي سَالِيمَ مِظَلَّتُهُ، وَمَسْكَنُهُ فِي صِهْيَوْنَ. ٢ 2
सालिम में उसका खे़मा है, और सिय्यून में उसका घर।
هُنَاكَ سَحَقَ ٱلْقِسِيَّ ٱلْبَارِقَةَ. ٱلْمِجَنَّ وَٱلسَّيْفَ وَٱلْقِتَالَ. سِلَاهْ. ٣ 3
वहाँ उसने बर्क़ — ए — कमान की और ढाल और तलवार, और सामान — ए — जंग को तोड़ डाला।
أَبْهَى أَنْتَ، أَمْجَدُ مِنْ جِبَالِ ٱلسَّلَبِ. ٤ 4
तू जलाली है, और शिकार के पहाड़ों से शानदार है।
سُلِبَ أَشِدَّاءُ ٱلْقَلْبِ. نَامُوا سِنَتَهُمْ. كُلُّ رِجَالِ ٱلْبَأْسِ لَمْ يَجِدُوا أَيْدِيَهُمْ. ٥ 5
मज़बूत दिल लुट गए, वह गहरी नींद में पड़े हैं, और ज़बरदस्त लोगों में से किसी का हाथ काम न आया।
مِنِ ٱنْتِهَارِكَ يَا إِلَهَ يَعْقُوبَ يُسَبَّخُ فَارِسٌ وَخَيْلٌ. ٦ 6
ऐ या'क़ूब के ख़ुदा, तेरी झिड़की से, रथ और घोड़े दोनों पर मौत की नींद तारी है।
أَنْتَ مَهُوبٌ أَنْتَ. فَمَنْ يَقِفُ قُدَّامَكَ حَالَ غَضَبِكَ؟ ٧ 7
सिर्फ़ तुझ ही से डरना चाहिए; और तेरे क़हर के वक़्त कौन तेरे सामने खड़ा रह सकता है?
مِنَ ٱلسَّمَاءِ أَسْمَعْتَ حُكْمًا. ٱلْأَرْضُ فَزِعَتْ وَسَكَتَتْ ٨ 8
तूने आसमान पर से फ़ैसला सुनाया; ज़मीन डर कर चुप हो गई।
عِنْدَ قِيَامِ ٱللهِ لِلْقَضَاءِ، لِتَخْلِيصِ كُلِّ وُدَعَاءِ ٱلْأَرْضِ. سِلَاهْ. ٩ 9
जब ख़ुदा 'अदालत करने को उठा, ताकि ज़मीन के सब हलीमों को बचा ले। (सिलाह)
لِأَنَّ غَضَبَ ٱلْإِنْسَانِ يَحْمَدُكَ. بَقِيَّةُ ٱلْغَضَبِ تَتَمَنْطَقُ بِهَا. ١٠ 10
बेशक इंसान का ग़ज़ब तेरी सिताइश का ज़रिए' होगा, और तू ग़ज़ब के बक़िये से कमरबस्ता होगा।
اُنْذُرُوا وَأَوْفُوا لِلرَّبِّ إِلَهِكُمْ يَا جَمِيعَ ٱلَّذِينَ حَوْلَهُ. لِيُقَدِّمُوا هَدِيَّةً لِلْمَهُوبِ. ١١ 11
ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के लिए मन्नत मानो, और पूरी करो, और सब जो उसके गिर्द हैं वह उसी के लिए जिससे डरना वाजिब है, हदिए लाएँ।
يَقْطِفُ رُوحَ ٱلرُّؤَسَاءِ. هُوَ مَهُوبٌ لِمُلُوكِ ٱلْأَرْضِ. ١٢ 12
वह हाकिम की रूह को क़ब्ज़ करेगा; वह ज़मीन के बादशाहों के लिए बड़ा है।

< اَلْمَزَامِيرُ 76 >