< اَلْمَزَامِيرُ 72 >

لِسُلَيْمَانَ اَللَّهُمَّ، أَعْطِ أَحْكَامَكَ لِلْمَلِكِ، وَبِرَّكَ لِٱبْنِ ٱلْمَلِكِ. ١ 1
सुलैमान का गीत हे परमेश्वर, राजा को अपना नियम बता, राजपुत्र को अपनी धार्मिकता सिखला!
يَدِينُ شَعْبَكَ بِٱلْعَدْلِ، وَمَسَاكِينَكَ بِٱلْحَقِّ. ٢ 2
वह तेरी प्रजा का न्याय धार्मिकता से, और तेरे दीन लोगों का न्याय ठीक-ठीक चुकाएगा।
تَحْمِلُ ٱلْجِبَالُ سَلَامًا لِلشَّعْبِ، وَٱلْآكَامُ بِٱلْبِرِّ. ٣ 3
पहाड़ों और पहाड़ियों से प्रजा के लिये, धार्मिकता के द्वारा शान्ति मिला करेगी
يَقْضِي لِمَسَاكِينِ ٱلشَّعْبِ. يُخَلِّصُ بَنِي ٱلْبَائِسِينَ، وَيَسْحَقُ ٱلظَّالِمَ. ٤ 4
वह प्रजा के दीन लोगों का न्याय करेगा, और दरिद्र लोगों को बचाएगा; और अत्याचार करनेवालों को चूर करेगा।
يَخْشَوْنَكَ مَا دَامَتِ ٱلشَّمْسُ، وَقُدَّامَ ٱلْقَمَرِ إِلَى دَوْرٍ فَدَوْرٍ. ٥ 5
जब तक सूर्य और चन्द्रमा बने रहेंगे तब तक लोग पीढ़ी-पीढ़ी तेरा भय मानते रहेंगे।
يَنْزِلُ مِثْلَ ٱلْمَطَرِ عَلَى ٱلْجُزَازِ، وَمِثْلَ ٱلْغُيُوثِ ٱلذَّارِفَةِ عَلَى ٱلْأَرْضِ. ٦ 6
वह घास की खूँटी पर बरसने वाले मेंह, और भूमि सींचने वाली झड़ियों के समान होगा।
يُشْرِقُ فِي أَيَّامِهِ ٱلصِّدِّيقُ، وَكَثْرَةُ ٱلسَّلَامِ إِلَى أَنْ يَضْمَحِلَّ ٱلْقَمَرُ. ٧ 7
उसके दिनों में धर्मी फूले फलेंगे, और जब तक चन्द्रमा बना रहेगा, तब तक शान्ति बहुत रहेगी।
وَيَمْلِكُ مِنَ ٱلْبَحْرِ إِلَى ٱلْبَحْرِ، وَمِنَ ٱلنَّهْرِ إِلَى أَقَاصِي ٱلْأَرْضِ. ٨ 8
वह समुद्र से समुद्र तक और महानद से पृथ्वी की छोर तक प्रभुता करेगा।
أَمَامَهُ تَجْثُو أَهْلُ ٱلْبَرِّيَّةِ، وَأَعْدَاؤُهُ يَلْحَسُونَ ٱلتُّرَابَ. ٩ 9
उसके सामने जंगल के रहनेवाले घुटने टेकेंगे, और उसके शत्रु मिट्टी चाटेंगे।
مُلُوكُ تَرْشِيشَ وَٱلْجَزَائِرِ يُرْسِلُونَ تَقْدِمَةً. مُلُوكُ شَبَا وَسَبَإٍ يُقَدِّمُونَ هَدِيَّةً. ١٠ 10
१०तर्शीश और द्वीप-द्वीप के राजा भेंट ले आएँगे, शेबा और सबा दोनों के राजा उपहार पहुँचाएगे।
وَيَسْجُدُ لَهُ كُلُّ ٱلْمُلُوكِ. كُلُّ ٱلْأُمَمِ تَتَعَبَّدُ لَهُ. ١١ 11
११सब राजा उसको दण्डवत् करेंगे, जाति-जाति के लोग उसके अधीन हो जाएँगे।
لِأَنَّهُ يُنَجِّي ٱلْفَقِيرَ ٱلْمُسْتَغِيثَ، وَٱلْمِسْكِينَ إِذْ لَا مُعِينَ لَهُ. ١٢ 12
१२क्योंकि वह दुहाई देनेवाले दरिद्र का, और दुःखी और असहाय मनुष्य का उद्धार करेगा।
يُشْفِقُ عَلَى ٱلْمِسْكِينِ وَٱلْبَائِسِ، وَيُخَلِّصُ أَنْفُسَ ٱلْفُقَرَاءِ. ١٣ 13
१३वह कंगाल और दरिद्र पर तरस खाएगा, और दरिद्रों के प्राणों को बचाएगा।
مِنَ ٱلظُّلْمِ وَٱلْخَطْفِ يَفْدِي أَنْفُسَهُمْ، وَيُكْرَمُ دَمُهُمْ فِي عَيْنَيْهِ. ١٤ 14
१४वह उनके प्राणों को अत्याचार और उपद्रव से छुड़ा लेगा; और उनका लहू उसकी दृष्टि में अनमोल ठहरेगा।
وَيَعِيشُ وَيُعْطِيهِ مِنْ ذَهَبِ شَبَا. وَيُصَلِّي لِأَجْلِهِ دَائِمًا. ٱلْيَوْمَ كُلَّهُ يُبَارِكُهُ. ١٥ 15
१५वह तो जीवित रहेगा और शेबा के सोने में से उसको दिया जाएगा। लोग उसके लिये नित्य प्रार्थना करेंगे; और दिन भर उसको धन्य कहते रहेंगे।
تَكُونُ حُفْنَةُ بُرٍّ فِي ٱلْأَرْضِ فِي رُؤُوسِ ٱلْجِبَالِ. تَتَمَايَلُ مِثْلَ لُبْنَانَ ثَمَرَتُهَا، وَيُزْهِرُونَ مِنَ ٱلْمَدِينَةِ مِثْلَ عُشْبِ ٱلْأَرْضِ. ١٦ 16
१६देश में पहाड़ों की चोटियों पर बहुत सा अन्न होगा; जिसकी बालें लबानोन के देवदारों के समान झूमेंगी; और नगर के लोग घास के समान लहलहाएँगे।
يَكُونُ ٱسْمُهُ إِلَى ٱلدَّهْرِ. قُدَّامَ ٱلشَّمْسِ يَمْتَدُّ ٱسْمُهُ، وَيَتَبَارَكُونَ بِهِ. كُلُّ أُمَمِ ٱلْأَرْضِ يُطَوِّبُونَهُ. ١٧ 17
१७उसका नाम सदा सर्वदा बना रहेगा; जब तक सूर्य बना रहेगा, तब तक उसका नाम नित्य नया होता रहेगा, और लोग अपने को उसके कारण धन्य गिनेंगे, सारी जातियाँ उसको धन्य कहेंगी।
مُبَارَكٌ ٱلرَّبُّ ٱللهُ إِلَهُ إِسْرَائِيلَ، ٱلصَّانِعُ ٱلْعَجَائِبَ وَحْدَهُ. ١٨ 18
१८धन्य है यहोवा परमेश्वर, जो इस्राएल का परमेश्वर है; आश्चर्यकर्म केवल वही करता है।
وَمُبَارَكٌ ٱسْمُ مَجْدِهِ إِلَى ٱلدَّهْرِ، وَلْتَمْتَلِئِ ٱلْأَرْضُ كُلُّهَا مِنْ مَجْدِهِ. آمِينَ ثُمَّ آمِينَ. ١٩ 19
१९उसका महिमायुक्त नाम सर्वदा धन्य रहेगा; और सारी पृथ्वी उसकी महिमा से परिपूर्ण होगी। आमीन फिर आमीन।
تَمَّتْ صَلَوَاتُ دَاوُدَ بْنِ يَسَّى ٢٠ 20
२०यिशै के पुत्र दाऊद की प्रार्थना समाप्त हुई।

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