< اَلْمَزَامِيرُ 7 >

شَجَوِيَّةٌ لِدَاوُدَ، غَنَّاهَا لِلرَّبِّ بِسَبَبِ كَلَامِ كُوشَ ٱلْبِنْيَامِينِيِّ يَارَبُّ إِلَهِي، عَلَيْكَ تَوَكَّلْتُ. خَلِّصْنِي مِنْ كُلِّ ٱلَّذِينَ يَطْرُدُونَنِي وَنَجِّنِي، ١ 1
दाऊद का शिग्गायोन नामक भजन जो बिन्यामीनी कूश की बातों के कारण यहोवा के सामने गाया हे मेरे परमेश्वर यहोवा, मैं तुझ में शरण लेता हूँ; सब पीछा करनेवालों से मुझे बचा और छुटकारा दे,
لِئَلَّا يَفْتَرِسَ كَأَسَدٍ نَفْسِي هَاشِمًا إِيَّاهَا وَلَا مُنْقِذَ. ٢ 2
ऐसा न हो कि वे मुझ को सिंह के समान फाड़कर टुकड़े-टुकड़े कर डालें; और कोई मेरा छुड़ानेवाला न हो।
يَارَبُّ إِلَهِي، إِنْ كُنْتُ قَدْ فَعَلْتُ هَذَا. إِنْ وُجِدَ ظُلْمٌ فِي يَدَيَّ. ٣ 3
हे मेरे परमेश्वर यहोवा, यदि मैंने यह किया हो, यदि मेरे हाथों से कुटिल काम हुआ हो,
إِنْ كَافَأْتُ مُسَالِمِي شَرًّا، وَسَلَبْتُ مُضَايِقِي بِلَا سَبَبٍ، ٤ 4
यदि मैंने अपने मेल रखनेवालों से भलाई के बदले बुराई की हो, या मैंने उसको जो अकारण मेरा बैरी था लूटा है
فَلْيُطَارِدْ عَدُوٌّ نَفْسِي وَلْيُدْرِكْهَا، وَلْيَدُسْ إِلَى ٱلْأَرْضِ حَيَاتِي، وَلْيَحُطَّ إِلَى ٱلتُّرَابِ مَجْدِي. سِلَاهْ. ٥ 5
तो शत्रु मेरे प्राण का पीछा करके मुझे आ पकड़े, और मेरे प्राण को भूमि पर रौंदे, और मुझे अपमानित करके मिट्टी में मिला दे। (सेला)
قُمْ يَارَبُّ بِغَضَبِكَ. ٱرْتَفِعْ عَلَى سَخَطِ مُضَايِقِيَّ وَٱنْتَبِهْ لِي. بِٱلْحَقِّ أَوْصَيْتَ. ٦ 6
हे यहोवा अपने क्रोध में उठ; क्रोध से भरे मेरे सतानेवाले के विरुद्ध तू खड़ा हो जा; मेरे लिये जाग! तूने न्याय की आज्ञा दे दी है।
وَمَجْمَعُ ٱلْقَبَائِلِ يُحِيطُ بِكَ، فَعُدْ فَوْقَهَا إِلَى ٱلْعُلَى. ٧ 7
देश-देश के लोग तेरे चारों ओर इकट्ठे हुए है; तू फिर से उनके ऊपर विराजमान हो।
ٱلرَّبُّ يَدِينُ ٱلشُّعُوبَ. ٱقْضِ لِي يَارَبُّ كَحَقِّي وَمِثْلَ كَمَالِي ٱلَّذِي فِيَّ. ٨ 8
यहोवा जाति-जाति का न्याय करता है; यहोवा मेरी धार्मिकता और खराई के अनुसार मेरा न्याय चुका दे।
لِيَنْتَهِ شَرُّ ٱلْأَشْرَارِ وَثَبِّتِ ٱلصِّدِّيقَ. فَإِنَّ فَاحِصَ ٱلْقُلُوبِ وَٱلْكُلَى ٱللهُ ٱلْبَارُّ. ٩ 9
भला हो कि दुष्टों की बुराई का अन्त हो जाए, परन्तु धर्मी को तू स्थिर कर; क्योंकि धर्मी परमेश्वर मन और मर्म का ज्ञाता है।
تُرْسِي عِنْدَ ٱللهِ مُخَلِّصِ مُسْتَقِيمِي ٱلْقُلُوبِ. ١٠ 10
१०मेरी ढाल परमेश्वर के हाथ में है, वह सीधे मनवालों को बचाता है।
ٱللهُ قَاضٍ عَادِلٌ، وَإِلَهٌ يَسْخَطُ فِي كُلِّ يَوْمٍ. ١١ 11
११परमेश्वर धर्मी और न्यायी है, वरन् ऐसा परमेश्वर है जो प्रतिदिन क्रोध करता है।
إِنْ لَمْ يَرْجِعْ يُحَدِّدْ سَيْفَهُ. مَدَّ قَوْسَهُ وَهَيَّأَهَا، ١٢ 12
१२यदि मनुष्य मन न फिराए तो वह अपनी तलवार पर सान चढ़ाएगा; और युद्ध के लिए अपना धनुष तैयार करेगा।
وَسَدَّدَ نَحوَهُ آلةَ ٱلْمَوْتِ. يَجْعَلُ سِهَامَهُ مُلْتَهِبَةً. ١٣ 13
१३और उस मनुष्य के लिये उसने मृत्यु के हथियार तैयार कर लिए हैं: वह अपने तीरों को अग्निबाण बनाता है।
هُوَذَا يَمْخَضُ بِٱلْإِثْمِ. حَمَلَ تَعَبًا وَوَلَدَ كَذِبًا. ١٤ 14
१४देख दुष्ट को अनर्थ काम की पीड़ाएँ हो रही हैं, उसको उत्पात का गर्भ है, और उससे झूठ का जन्म हुआ।
كَرَا جُبًّا. حَفَرَهُ، فَسَقَطَ فِي ٱلْهُوَّةِ ٱلَّتِي صَنَعَ. ١٥ 15
१५उसने गड्ढे खोदकर उसे गहरा किया, और जो खाई उसने बनाई थी उसमें वह आप ही गिरा।
يَرْجِعُ تَعَبُهُ عَلَى رَأْسِهِ، وَعَلَى هَامَتِهِ يَهْبِطُ ظُلْمُهُ. ١٦ 16
१६उसका उत्पात पलटकर उसी के सिर पर पड़ेगा; और उसका उपद्रव उसी के माथे पर पड़ेगा।
أَحْمَدُ ٱلرَّبَّ حَسَبَ بِرِّهِ، وَأُرَنِّمُ لِٱسْمِ ٱلرَّبِّ ٱلْعَلِيِّ. ١٧ 17
१७मैं यहोवा के धर्म के अनुसार उसका धन्यवाद करूँगा, और परमप्रधान यहोवा के नाम का भजन गाऊँगा।

< اَلْمَزَامِيرُ 7 >