< اَلْمَزَامِيرُ 53 >

لِإِمَامِ ٱلْمُغَنِّينَ عَلَى «ٱلْعُودِ». قَصِيدَةٌ لِدَاوُدَ قَالَ ٱلْجَاهِلُ فِي قَلْبِهِ: «لَيْسَ إِلَهٌ». فَسَدُوا وَرَجِسُوا رَجَاسَةً. لَيْسَ مَنْ يَعْمَلُ صَلَاحًا. ١ 1
प्रधान बजानेवाले के लिये महलत की राग पर दाऊद का मश्कील मूर्ख ने अपने मन में कहा, “कोई परमेश्वर है ही नहीं।” वे बिगड़ गए, उन्होंने कुटिलता के घिनौने काम किए हैं; कोई सुकर्मी नहीं।
ٱللهُ مِنَ ٱلسَّمَاءِ أَشْرَفَ عَلَى بَنِي ٱلْبَشَرِ لِيَنْظُرَ: هَلْ مِنْ فَاهِمٍ طَالِبِ ٱللهِ؟ ٢ 2
परमेश्वर ने स्वर्ग पर से मनुष्यों के ऊपर दृष्टि की ताकि देखे कि कोई बुद्धि से चलनेवाला या परमेश्वर को खोजनेवाला है कि नहीं।
كُلُّهُمْ قَدِ ٱرْتَدُّوا مَعًا، فَسَدُوا. لَيْسَ مَنْ يَعْمَلُ صَلَاحًا، لَيْسَ وَلَا وَاحِدٌ. ٣ 3
वे सब के सब हट गए; सब एक साथ बिगड़ गए; कोई सुकर्मी नहीं, एक भी नहीं।
أَلَمْ يَعْلَمْ فَاعِلُو ٱلْإِثْمِ، ٱلَّذِينَ يَأْكُلُونَ شَعْبِي كَمَا يَأْكُلُونَ ٱلْخُبْزَ، وَٱللهَ لَمْ يَدْعُوا؟ ٤ 4
क्या उन सब अनर्थकारियों को कुछ भी ज्ञान नहीं, जो मेरे लोगों को रोटी के समान खाते है पर परमेश्वर का नाम नहीं लेते है?
هُنَاكَ خَافُوا خَوْفًا، وَلَمْ يَكُنْ خَوْفٌ، لِأَنَّ ٱللهَ قَدْ بَدَّدَ عِظَامَ مُحَاصِرِكَ. أَخْزَيْتَهُمْ لِأَنَّ ٱللهَ قَدْ رَفَضَهُمْ. ٥ 5
वहाँ उन पर भय छा गया जहाँ भय का कोई कारण न था। क्योंकि यहोवा ने उनकी हड्डियों को, जो तेरे विरुद्ध छावनी डाले पड़े थे, तितर-बितर कर दिया; तूने तो उन्हें लज्जित कर दिया इसलिए कि परमेश्वर ने उनको त्याग दिया है।
لَيْتَ مِنْ صِهْيَوْنَ خَلَاصَ إِسْرَائِيلَ. عِنْدَ رَدِّ ٱللهِ سَبْيَ شَعْبِهِ، يَهْتِفُ يَعْقُوبُ، وَيَفْرَحُ إِسْرَائِيلُ. ٦ 6
भला होता कि इस्राएल का पूरा उद्धार सिय्योन से निकलता! जब परमेश्वर अपनी प्रजा को बन्धुवाई से लौटा ले आएगा। तब याकूब मगन और इस्राएल आनन्दित होगा।

< اَلْمَزَامِيرُ 53 >