< اَلْمَزَامِيرُ 22 >

لِإِمَامِ ٱلْمُغَنِّينَ عَلَى «أَيِّلَةِ ٱلصُّبْحِ». مَزْمُورٌ لِدَاوُدَ إِلَهِي، إِلَهِي، لِمَاذَا تَرَكْتَنِي، بَعِيدًا عَنْ خَلَاصِي، عَنْ كَلَامِ زَفِيرِي؟ ١ 1
संगीत निर्देशक के लिये. “सबेरे की हिरणी” धुन पर आधारित. दावीद का एक स्तोत्र. मेरे परमेश्वर, मेरे परमेश्वर, क्यों आपने मेरा परित्याग कर दिया? मुझे मुक्त करने में इतना विलंब क्यों हो रहा है? क्यों मेरे कराहने का स्वर आप सुन नहीं पा रहे?
إِلَهِي، فِي ٱلنَّهَارِ أَدْعُو فَلَا تَسْتَجِيبُ، فِي ٱللَّيْلِ أَدْعُو فَلَا هُدُوَّ لِي. ٢ 2
मेरे परमेश्वर, मैं दिन में पुकारता हूं पर आप उत्तर नहीं देते, रात्रि में भी मुझे शांति प्राप्‍त नहीं हो पाती.
وَأَنْتَ ٱلْقُدُّوسُ ٱلْجَالِسُ بَيْنَ تَسْبِيحَاتِ إِسْرَائِيلَ. ٣ 3
जबकि पवित्र हैं आप; जो इस्राएल के स्तवन पर विराजमान हैं.
عَلَيْكَ ٱتَّكَلَ آبَاؤُنَا. ٱتَّكَلُوا فَنَجَّيْتَهُمْ. ٤ 4
हमारे पूर्वजों ने आप पर भरोसा किया; उन्होंने आप पर भरोसा किया और आपने उनका उद्धार किया.
إِلَيْكَ صَرَخُوا فَنَجَوْا. عَلَيْكَ ٱتَّكَلُوا فَلَمْ يَخْزَوْا. ٥ 5
उन्होंने आपको पुकारा और आपने उनका उद्धार किया; आप में उनके विश्वास ने उन्हें लज्जित होने न दिया.
أَمَّا أَنَا فَدُودَةٌ لَا إِنْسَانٌ. عَارٌ عِنْدَ ٱلْبَشَرِ وَمُحْتَقَرُ ٱلشَّعْبِ. ٦ 6
अब मैं मनुष्य नहीं, कीड़ा मात्र रह गया हूं, मनुष्यों के लिए लज्जित, जनसाधारण के लिए अपमानित.
كُلُّ ٱلَّذِينَ يَرَوْنَنِي يَسْتَهْزِئُونَ بِي. يَفْغَرُونَ ٱلشِّفَاهَ، وَيُنْغِضُونَ ٱلرَّأْسَ قَائِلِينَ: ٧ 7
वे सभी, जो मुझे देखते हैं, मेरा उपहास करते हैं; वे मेरा अपमान करते हुए सिर हिलाते हुए कहते हैं,
«ٱتَّكَلَ عَلَى ٱلرَّبِّ فَلْيُنَجِّهِ، لِيُنْقِذْهُ لِأَنَّهُ سُرَّ بِهِ». ٨ 8
“उसने याहवेह में भरोसा किया है, याहवेह ही उसे मुक्त कराएं. वही उसे बचाएं, क्योंकि वह याहवेह में ही मगन रहता है.”
لِأَنَّكَ أَنْتَ جَذَبْتَنِي مِنَ ٱلْبَطْنِ. جَعَلْتَنِي مُطْمَئِنًّا عَلَى ثَدْيَيْ أُمِّي. ٩ 9
आप ही हैं, जिन्होंने मुझे गर्भ से सुरक्षित निकाला; जब मैं अपनी माता की गोद में ही था, आपने मुझमें अपने प्रति विश्वास जगाया.
عَلَيْكَ أُلْقِيتُ مِنَ ٱلرَّحِمِ. مِنْ بَطْنِ أُمِّي أَنْتَ إِلَهِي. ١٠ 10
जन्म के समय से ही मुझे आपकी सुरक्षा में छोड़ दिया गया; आप उस क्षण से मेरे परमेश्वर हैं, जिस क्षण से मैं माता के गर्भ में आया.
لَا تَتَبَاعَدْ عَنِّي، لِأَنَّ ٱلضِّيقَ قَرِيبٌ، لِأَنَّهُ لَا مُعِينَ. ١١ 11
प्रभु, मुझसे दूर न रहें, क्योंकि संकट निकट दिखाई दे रहा है और मेरा सहायक कोई नहीं.
أَحَاطَتْ بِي ثِيرَانٌ كَثِيرَةٌ. أَقْوِيَاءُ بَاشَانَ ٱكْتَنَفَتْنِي. ١٢ 12
अनेक सांड़ मुझे घेरे हुए हैं; बाशान के सशक्त सांड़ों ने मुझे घेर रखा है.
فَغَرُوا عَلَيَّ أَفْوَاهَهُمْ كَأَسَدٍ مُفْتَرِسٍ مُزَمْجِرٍ. ١٣ 13
उन्होंने अपने मुंह ऐसे फाड़ रखे हैं जैसे गरजनेवाले हिंसक सिंह अपने शिकार को देख मुख फाड़ते हैं.
كَٱلْمَاءِ ٱنْسَكَبْتُ. ٱنْفَصَلَتْ كُلُّ عِظَامِي. صَارَ قَلْبِي كَٱلشَّمْعِ. قَدْ ذَابَ فِي وَسَطِ أَمْعَائِي. ١٤ 14
मुझे जल के समान उंडेल दिया गया है, मेरी हड्डियां जोड़ों से उखड़ गई हैं. मेरा हृदय मोम समान हो चुका है; वह भी मेरे भीतर ही भीतर पिघल चुका है.
يَبِسَتْ مِثْلَ شَقْفَةٍ قُوَّتِي، وَلَصِقَ لِسَانِي بِحَنَكِي، وَإِلَى تُرَابِ ٱلْمَوْتِ تَضَعُنِي. ١٥ 15
मेरा मुंह ठीकरे जैसा शुष्क हो चुका है, मेरी जीभ तालू से चिपक गई है; आपने मुझे मृत्यु की मिट्टी में छोड़ दिया है.
لِأَنَّهُ قَدْ أَحَاطَتْ بِي كِلَابٌ. جَمَاعَةٌ مِنَ ٱلْأَشْرَارِ ٱكْتَنَفَتْنِي. ثَقَبُوا يَدَيَّ وَرِجْلَيَّ. ١٦ 16
कुत्ते मुझे घेरकर खड़े हुए हैं, दुष्टों का समूह मेरे चारों ओर खड़ा हुआ है; उन्होंने मेरे हाथ और पांव छेद दिए हैं.
أُحْصِي كُلَّ عِظَامِي، وَهُمْ يَنْظُرُونَ وَيَتَفَرَّسُونَ فِيَّ. ١٧ 17
अब मैं अपनी एक-एक हड्डी गिन सकता हूं; लोग मुझे ताकते हुए मुझ पर कुदृष्टि डालते हैं.
يَقْسِمُونَ ثِيَابِي بَيْنَهُمْ، وَعَلَى لِبَاسِي يَقْتَرِعُونَ. ١٨ 18
उन्होंने मेरा बाहरी कपड़ा आपस में बांट लिया, और मेरे अंदर के वस्त्र के लिए पासा फेंका.
أَمَّا أَنْتَ يَارَبُّ، فَلَا تَبْعُدْ. يَا قُوَّتِي، أَسْرِعْ إِلَى نُصْرَتِي. ١٩ 19
किंतु, याहवेह, आप मुझसे दूर न रहें. आप मेरी शक्ति के स्रोत हैं; मेरी सहायता के लिए देर मत लगाइए.
أَنْقِذْ مِنَ ٱلسَّيْفِ نَفْسِي. مِنْ يَدِ ٱلْكَلْبِ وَحِيدَتِي. ٢٠ 20
तलवार के प्रहार से तथा कुत्तों के आक्रमण से, मेरे जीवन की रक्षा करें.
خَلِّصْنِي مِنْ فَمِ ٱلْأَسَدِ، وَمِنْ قُرُونِ بَقَرِ ٱلْوَحْشِ ٱسْتَجِبْ لِي. ٢١ 21
सिंहों के मुंह से तथा वन्य सांड़ों के सीगों से, मेरी रक्षा करें.
أُخْبِرْ بِٱسْمِكَ إِخْوَتِي. فِي وَسَطِ ٱلْجَمَاعَةِ أُسَبِّحُكَ. ٢٢ 22
तब मैं स्वजनों में आपकी महिमा का प्रचार करूंगा; सभा में मैं आपका स्तवन करूंगा.
يَا خَائِفِي ٱلرَّبِّ سَبِّحُوهُ! مَجِّدُوهُ يَا مَعْشَرَ ذُرِّيَّةِ يَعْقُوبَ، وَٱخْشَوْهُ يَا زَرْعَ إِسْرَائِيلَ جَمِيعًا! ٢٣ 23
याहवेह के श्रद्धालुओ, उनका स्तवन करो! याकोब के वंशजो, उनका सम्मान करो! समस्त इस्राएल वंशजो, उनकी वंदना करो!
لِأَنَّهُ لَمْ يَحْتَقِرْ وَلَمْ يُرْذِلْ مَسْكَنَةَ ٱلْمِسْكِينِ، وَلَمْ يَحْجُبْ وَجْهَهُ عَنْهُ، بَلْ عِنْدَ صُرَاخِهِ إِلَيْهِ ٱسْتَمَعَ. ٢٤ 24
क्योंकि याहवेह ने दुःखितों की शोचनीय, करुण स्थिति को न तो तुच्छ जाना और न ही उससे घृणा की. वह पीड़ितों की यातनाएं देखकर उनसे दूर न हुए, परंतु उन्होंने उनकी सहायता के लिए उनकी वाणी सुनी.
مِنْ قِبَلِكَ تَسْبِيحِي فِي ٱلْجَمَاعَةِ ٱلْعَظِيمَةِ. أُوفِي بِنُذُورِي قُدَّامَ خَائِفِيهِ. ٢٥ 25
महासभा में आपके गुणगान के लिए मेरे प्रेरणास्रोत आप ही हैं; आपके श्रद्धालुओं के सामने मैं अपने प्रण पूर्ण करूंगा.
يَأْكُلُ ٱلْوُدَعَاءُ وَيَشْبَعُونَ. يُسَبِّحُ ٱلرَّبَّ طَالِبُوهُ. تَحْيَا قُلُوبُكُمْ إِلَى ٱلْأَبَدِ. ٢٦ 26
नम्र पुरुष भोजन कर तृप्‍त हो जाएगा; जो याहवेह के खोजी हैं, वे उनका स्तवन करेंगे. सर्वदा सजीव रहे तुम्हारा हृदय!
تَذْكُرُ وَتَرْجِعُ إِلَى ٱلرَّبِّ كُلُّ أَقَاصِي ٱلْأَرْضِ. وَتَسْجُدُ قُدَّامَكَ كُلُّ قَبَائِلِ ٱلْأُمَمِ. ٢٧ 27
पृथ्वी की छोर तक सभी मनुष्य याहवेह को स्मरण कर उनकी ओर उन्मुख होंगे, राष्ट्रों के समस्त परिवार उनके सामने नतमस्तक होंगे.
لِأَنَّ لِلرَّبِّ ٱلْمُلْكَ، وَهُوَ ٱلْمُتَسَلِّطُ عَلَى ٱلْأُمَمِ. ٢٨ 28
क्योंकि राज्य याहवेह ही का है, समस्त राष्ट्रों के अधिपति वही हैं.
أَكَلَ وَسَجَدَ كُلُّ سَمِينِي ٱلْأَرْضِ. قُدَّامَهُ يَجْثُو كُلُّ مَنْ يَنْحَدِرُ إِلَى ٱلتُّرَابِ وَمَنْ لَمْ يُحْيِ نَفْسَهُ. ٢٩ 29
खा-पीकर पृथ्वी के समस्त हृष्ट-पुष्ट उनके सामने नतमस्तक हो उनकी वंदना करेंगे; सभी नश्वर मनुष्य उनके सामने घुटने टेक देंगे, जो अपने ही प्राण जीवित रख नहीं सकते.
ٱلذُّرِّيَّةُ تَتَعَبَّدُ لَهُ. يُخَبَّرُ عَنِ ٱلرَّبِّ ٱلْجِيلُ ٱلْآتِي. ٣٠ 30
यह संपूर्ण पीढ़ी उनकी सेवा करेगी; भावी पीढ़ी को प्रभु के विषय में बताया जाएगा.
يَأْتُونَ وَيُخْبِرُونَ بِبِرهِ شَعْبًا سَيُولَدُ بِأَنَّهُ قَدْ فَعَلَ. ٣١ 31
वे परमेश्वर की धार्मिकता तथा उनके द्वारा किए गए महाकार्य की घोषणा उस पीढ़ी के सामने करेंगे, जो अभी अजन्मी ही है.

< اَلْمَزَامِيرُ 22 >