< اَلْمَزَامِيرُ 20 >

لِإِمَامِ ٱلْمُغَنِّينَ. مَزْمُورٌ لِدَاوُدَ لِيَسْتَجِبْ لَكَ ٱلرَّبُّ فِي يَوْمِ ٱلضِّيقِ. لِيَرْفَعْكَ ٱسْمُ إِلَهِ يَعْقُوبَ. ١ 1
मुसीबत के दिन ख़ुदावन्द तेरी सुने। या'क़ूब के ख़ुदा का नाम तुझे बुलन्दी पर क़ाईम करे!
لِيُرْسِلْ لَكَ عَوْنًا مِنْ قُدْسِهِ، وَمِنْ صِهْيَوْنَ لِيَعْضُدْكَ. ٢ 2
वह मक़दिस से तेरे लिए मदद भेजे, और सिय्यून से तुझे क़ुव्वत बख़्शे!
لِيَذْكُرْ كُلَّ تَقْدِمَاتِكَ، وَيَسْتَسْمِنْ مُحْرَقَاتِكَ. سِلَاهْ. ٣ 3
वह तेरे सब हदियों को याद रख्खे, और तेरी सोख़्तनी क़ुर्बानी को क़ुबूल करे! (सिलाह)
لِيُعْطِكَ حَسَبَ قَلْبِكَ، وَيُتَمِّمْ كُلَّ رَأْيِكَ. ٤ 4
वह तेरे दिल की आरज़ू पूरी करे, और तेरी सब मश्वरत पूरी करे!
نَتَرَنَّمُ بِخَلَاصِكَ، وَبِٱسْمِ إِلَهِنَا نَرْفَعُ رَايَتَنَا. لِيُكَمِّلِ ٱلرَّبُّ كُلَّ سُؤْلِكَ. ٥ 5
हम तेरी नजात पर ख़ुशी मनाएंगे, और अपने ख़ुदा के नाम पर झंडे खड़े करेंगे। ख़ुदावन्द तेरी तमाम दरख़्वास्तें पूरी करे!
اَلْآنَ عَرَفْتُ أَنَّ ٱلرَّبَّ مُخَلِّصُ مَسِيحِهِ، يَسْتَجِيبُهُ مِنْ سَمَاءِ قُدْسِهِ، بِجَبَرُوتِ خَلَاصِ يَمِينِهِ. ٦ 6
अब मैं जान गया कि ख़ुदावन्द अपने मम्सूह को बचा लेता है; वह अपने दहने हाथ की नजात बख़्श ताक़त से अपने पाक आसमान पर से उसे जवाब देगा।
هَؤُلَاءِ بِٱلْمَرْكَبَاتِ وَهَؤُلَاءِ بِٱلْخَيْلِ، أَمَّا نَحْنُ فَٱسْمَ ٱلرَّبِّ إِلَهِنَا نَذْكُرُ. ٧ 7
किसी को रथों का और किसी को घोड़ों का भरोसा है, लेकिन हम तो ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा ही का नाम लेंगे।
هُمْ جَثَوْا وَسَقَطُوا، أَمَّا نَحْنُ فَقُمْنَا وَٱنْتَصَبْنَا. ٨ 8
वह तो झुके और गिर पड़े; लेकिन हम उठे और सीधे खड़े हैं।
يَا رَبُّ خَلِّصْ! لِيَسْتَجِبْ لَنَا ٱلْمَلِكُ فِي يَوْمِ دُعَائِنَا! ٩ 9
ऐ ख़ुदावन्द! बचा ले; जिस दिन हम पुकारें, तो बादशाह हमें जवाब दे।

< اَلْمَزَامِيرُ 20 >