< اَلْمَزَامِيرُ 145 >

تَسْبِيحَةٌ لِدَاوُدَ أَرْفَعُكَ يَا إِلَهِي ٱلْمَلِكَ، وَأُبَارِكُ ٱسْمَكَ إِلَى ٱلدَّهْرِ وَٱلْأَبَدِ. ١ 1
एक स्तवन गीत. दावीद की रचना. परमेश्वर, मेरे महाराजा, मैं आपका स्तवन करता हूं; मैं सदा-सर्वदा आपके नाम का गुणगान करूंगा.
فِي كُلِّ يَوْمٍ أُبَارِكُكَ، وَأُسَبِّحُ ٱسْمَكَ إِلَى ٱلدَّهْرِ وَٱلْأَبَدِ. ٢ 2
प्रतिदिन मैं आपकी वंदना करूंगा, मैं सदा-सर्वदा आपके नाम का गुणगान करूंगा.
عَظِيمٌ هُوَ ٱلرَّبُّ وَحَمِيدٌ جِدًّا، وَلَيْسَ لِعَظَمَتِهِ ٱسْتِقْصَاءٌ. ٣ 3
सर्वोच्च हैं याहवेह, स्तुति के सर्वाधिक योग्य; अगम है उनकी सर्वोच्चता.
دَوْرٌ إِلَى دَوْرٍ يُسَبِّحُ أَعْمَالَكَ، وَبِجَبَرُوتِكَ يُخْبِرُونَ. ٤ 4
आपके कार्य एक पीढ़ी से दूसरी को बताए जाएंगे; वे आपके महाकार्य की उद्घोषणा करेंगे.
بِجَلَالِ مَجْدِ حَمْدِكَ وَأُمُورِ عَجَائِبِكَ أَلْهَجُ. ٥ 5
आपकी प्रभुसत्ता के भव्य प्रताप पर तथा आपके अद्भुत कार्यों पर मैं मनन करता रहूंगा.
بِقُوَّةِ مَخَاوِفِكَ يَنْطِقُونَ، وَبِعَظَمَتِكَ أُحَدِّثُ. ٦ 6
मनुष्य आपके अद्भुत कार्यों की सामर्थ्य की घोषणा करेंगे, मैं आपके महान कार्यों की उद्घोषणा करूंगा.
ذِكْرَ كَثْرَةِ صَلَاحِكَ يُبْدُونَ، وَبِعَدْلِكَ يُرَنِّمُونَ. ٧ 7
लोग आपकी बड़ी भलाई की कीर्ति का वर्णन करेंगे तथा उच्च स्वर में आपकी धार्मिकता का गुणगान करेंगे.
اَلرَّبُّ حَنَّانٌ وَرَحِيمٌ، طَوِيلُ ٱلرُّوحِ وَكَثِيرُ ٱلرَّحْمَةِ. ٨ 8
याहवेह उदार एवं कृपालु हैं, वह शीघ्र क्रोधित नहीं होते और बड़ी है उनकी करुणा.
ٱلرَّبُّ صَالِحٌ لِلْكُلِّ، وَمَرَاحِمُهُ عَلَى كُلِّ أَعْمَالِهِ. ٩ 9
याहवेह सभी के प्रति भले हैं; तथा उनकी कृपा उनकी हर एक कृति पर स्थिर रहती है.
يَحْمَدُكَ يَارَبُّ كُلُّ أَعْمَالِكَ، وَيُبَارِكُكَ أَتْقِيَاؤُكَ. ١٠ 10
याहवेह, आपके द्वारा बनाए गए समस्त सृष्टि आपके प्रति आभार व्यक्त करेंगे, और आपके समस्त सात्विक आपका स्तवन करेंगे.
بِمَجْدِ مُلْكِكَ يَنْطِقُونَ، وَبِجَبَرُوتِكَ يَتَكَلَّمُونَ، ١١ 11
वे आपके साम्राज्य की महिमा का वर्णन तथा आपके सामर्थ्य की उद्घोषणा करेंगे.
لِيُعَرِّفُوا بَنِي آدَمَ قُدْرَتَكَ وَمَجْدَ جَلَالِ مُلْكِكَ. ١٢ 12
कि समस्त मनुष्यों को आपके महाकार्य ज्ञात हो जाएं और उन्हें आपके साम्राज्य के अप्रतिम वैभव का बोध हो जाए.
مُلْكُكَ مُلْكُ كُلِّ ٱلدُّهُورِ، وَسُلْطَانُكَ فِي كُلِّ دَوْرٍ فَدَوْرٍ. ١٣ 13
आपका साम्राज्य अनंत साम्राज्य है, तथा आपका प्रभुत्व पीढ़ी से पीढ़ी बना रहता है. याहवेह अपनी समस्त प्रतिज्ञाओं में निष्ठ हैं; उनके समस्त कार्यों में उनकी कृपा बनी रहती है.
اَلرَّبُّ عَاضِدٌ كُلَّ ٱلسَّاقِطِينَ، وَمُقَوِّمٌ كُلَّ ٱلْمُنْحَنِينَ. ١٤ 14
उन सभी को, जो गिरने पर होते हैं, याहवेह संभाल लेते हैं और जो झुके जा रहे हैं, उन्हें वह थाम कर सीधे खड़ा कर देते हैं.
أَعْيُنُ ٱلْكُلِّ إِيَّاكَ تَتَرَجَّى، وَأَنْتَ تُعْطِيهِمْ طَعَامَهُمْ فِي حِينِهِ. ١٥ 15
सभी की दृष्टि अपेक्षा में आपकी ओर लगी रहती है, और आप उपयुक्त अवसर पर उन्हें आहार प्रदान करते हैं.
تَفْتَحُ يَدَكَ فَتُشْبِعُ كُلَّ حَيٍّ رِضًى. ١٦ 16
आप अपना हाथ उदारतापूर्वक खोलते हैं; आप हर एक जीवित प्राणी की इच्छा को पूरी करते हैं.
ٱلرَّبُّ بَارٌّ فِي كُلِّ طُرُقِهِ، وَرَحِيمٌ فِي كُلِّ أَعْمَالِهِ. ١٧ 17
याहवेह अपनी समस्त नीतियों में सीधे हैं, उनकी सभी गतिविधियों में सच्चा हैं.
ٱلرَّبُّ قَرِيبٌ لِكُلِّ ٱلَّذِينَ يَدْعُونَهُ، ٱلَّذِينَ يَدْعُونَهُ بِٱلْحَقِّ. ١٨ 18
याहवेह उन सभी के निकट होते हैं, जो उन्हें पुकारते हैं, उनके निकट, जो सच्चाई में उन्हें पुकारते हैं.
يَعْمَلُ رِضَى خَائِفِيهِ، وَيَسْمَعُ تَضَرُّعَهُمْ، فَيُخَلِّصُهُمْ. ١٩ 19
वह अपने श्रद्धालुओं की अभिलाषा पूर्ण करते हैं; वह उनकी पुकार सुनकर उनकी रक्षा भी करते हैं.
يَحْفَظُ ٱلرَّبُّ كُلَّ مُحِبِّيهِ، وَيُهْلِكُ جَمِيعَ ٱلْأَشْرَارِ. ٢٠ 20
याहवेह उन सभी की रक्षा करते हैं, जिन्हें उनसे प्रेम है, किंतु वह दुष्टों को नष्ट कर देंगे.
بِتَسْبِيحِ ٱلرَّبِّ يَنْطِقُ فَمِي، وَلْيُبَارِكْ كُلُّ بَشَرٍ ٱسْمَهُ ٱلْقُدُّوسَ إِلَى ٱلدَّهْرِ وَٱلْأَبَدِ. ٢١ 21
मेरा मुख याहवेह का गुणगान करेगा. सभी सदा-सर्वदा उनके पवित्र नाम का स्तवन करते रहें.

< اَلْمَزَامِيرُ 145 >