< اَلْمَزَامِيرُ 140 >

لِإِمَامِ ٱلْمُغَنِّينَ. مَزْمُورٌ لِدَاوُدَ أَنْقِذْنِي يَارَبُّ مِنْ أَهْلِ ٱلشَّرِّ. مِنْ رَجُلِ ٱلظُّلْمِ ٱحْفَظْنِي. ١ 1
संगीत निर्देशक के लिये. दावीद का एक स्तोत्र. याहवेह, दुष्ट पुरुषों से मुझे उद्धार प्रदान कीजिए; हिंसक पुरुषों से मेरी रक्षा कीजिए,
ٱلَّذِينَ يَتَفَكَّرُونَ بِشُرُورٍ فِي قُلُوبِهِمْ. ٱلْيَوْمَ كُلَّهُ يَجْتَمِعُونَ لِلْقِتَالِ. ٢ 2
वे मन ही मन अनर्थ षड़्‍यंत्र रचते रहते हैं और सदैव युद्ध ही भड़काते रहते हैं.
سَنُّوا أَلْسِنَتَهُمْ كَحَيَّةٍ. حُمَةُ ٱلْأُفْعُوَانِ تَحْتَ شِفَاهِهِمْ. سِلَاهْ. ٣ 3
उन्होंने अपनी जीभ सर्प सी तीखी बना रखी है; उनके होंठों के नीचे नाग का विष भरा है.
ٱحْفَظْنِي يَارَبُّ مِنْ يَدَيِ ٱلشِّرِّيرِ. مِنْ رَجُلِ ٱلظُّلْمِ أَنْقِذْنِي. ٱلَّذِينَ تَفَكَّرُوا فِي تَعْثِيرِ خُطُوَاتِي. ٤ 4
याहवेह, दुष्टों से मेरी रक्षा कीजिए; मुझे उन हिंसक पुरुषों से सुरक्षा प्रदान कीजिए, जिन्होंने, मेरे पैरों को उखाड़ने के लिए युक्ति की है.
أَخْفَى لِي ٱلْمُسْتَكْبِرُونَ فَخًّا وَحِبَالًا. مَدُّوا شَبَكَةً بِجَانِبِ ٱلطَّرِيقِ. وَضَعُوا لِي أَشْرَاكًا. سِلَاهْ. ٥ 5
उन अहंकारियों ने मेरे पैरों के लिए एक फंदा बनाकर छिपा दिया है; तथा रस्सियों का एक जाल भी बिछा दिया है, मार्ग के किनारे उन्होंने मेरे ही लिए फंदे लगा रखे हैं.
قُلْتُ لِلرَّبِّ: «أَنْتَ إِلَهِي». أَصْغِ يَارَبُّ إِلَى صَوْتِ تَضَرُّعَاتِي. ٦ 6
मैं याहवेह से कहता हूं, “आप ही मेरे परमेश्वर हैं.” याहवेह, कृपा करके मेरी पुकार पर ध्यान दीजिए.
يَارَبُّ ٱلسَّيِّدُ، قُوَّةَ خَلَاصِي، ظَلَّلْتَ رَأْسِي فِي يَوْمِ ٱلْقِتَالِ. ٧ 7
याहवेह, मेरे प्रभु, आप ही मेरे उद्धार का बल हैं, युद्ध के समय आप ही मेरे सिर का आवरण बने.
لَا تُعْطِ يَارَبُّ شَهَوَاتِ ٱلشِّرِّيرِ. لَا تُنَجِّحْ مَقَاصِدَهُ. يَتَرَفَّعُونَ. سِلَاهْ. ٨ 8
दुष्टों की अभिलाषा पूर्ण न होने दें, याहवेह; उनकी बुरी युक्ति आगे बढ़ने न पाए अन्यथा वे गर्व में ऊंचे हो जाएंगे.
أَمَّا رُؤُوسُ ٱلْمُحِيطِينَ بِي فَشَقَاءُ شِفَاهِهِمْ يُغَطِّيهِمْ. ٩ 9
जिन्होंने इस समय मुझे घेरा हुआ है; उनके होंठों द्वारा उत्पन्‍न कार्य उन्हीं के सिर पर आ पड़े.
لِيَسْقُطْ عَلَيْهِمْ جَمْرٌ. لِيُسْقَطُوا فِي ٱلنَّارِ، وَفِي غَمَرَاتٍ فَلَا يَقُومُوا. ١٠ 10
उनके ऊपर जलते हुए कोयलों की वृष्टि हो; वे आग में फेंक दिए जाएं, वे दलदल के गड्ढे में डाल दिए जाएं, कि वे उससे बाहर ही न निकल सकें.
رَجُلُ لِسَانٍ لَا يَثْبُتُ فِي ٱلْأَرْضِ. رَجُلُ ٱلظُّلْمِ يَصِيدُهُ ٱلشَّرُّ إِلَى هَلَاكِهِ. ١١ 11
निंदक इस भूमि पर अपने पैर ही न जमा सकें; हिंसक पुरुष अति शीघ्र बुराई द्वारा पकड़े जाएं.
قَدْ عَلِمْتُ أَنَّ ٱلرَّبَّ يُجْرِي حُكْمًا لِلْمَسَاكِينِ وَحَقًّا لِلْبَائِسِينَ. ١٢ 12
मैं जानता हूं कि याहवेह दुखित का पक्ष अवश्य लेंगे तथा दीन को न्याय भी दिलाएंगे.
إِنَّمَا ٱلصِّدِّيقُونَ يَحْمَدُونَ ٱسْمَكَ. ٱلْمُسْتَقِيمُونَ يَجْلِسُونَ فِي حَضْرَتِكَ. ١٣ 13
निश्चयतः धर्मी आपके नाम का आभार मानेंगे, सीधे आपकी उपस्थिति में निवास करेंगे.

< اَلْمَزَامِيرُ 140 >